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Short Question Answers - यमराज की दिशा - Class 9 PDF Download

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ”आज जिधर भी पैर करके सोओ“ से कवि देवताले की सोच में किस परिवर्तन का पता चलता है
उत्तरः हर दिशा एक समान है।
पहले केवल दक्षिण दिशा, यमराज की दिशा थी अब हर दिशा यमराज की दिशा है।
व्याख्यात्मक हल:
पहले के समय में दक्षिण दिशा यमराज की दिशा कहलाती थी, इसलिए उस दिशा में पैर करके सोने को मना किया जाता था, किन्तु वर्तमान समय में हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है। आज जीवन विरोधी ताकतें चारों तरफ फैलती जा रही हैं। भयरूपी दक्षिण दिशा सर्वव्यापक हो गई है। चारों तरफ हिंसा, छेड़-छाड़, लूटपाट, विध्वंस बढ़ गया है।

प्रश्न 2. ”यमराज की दिशा“ कविता के आधार पर लिखिए कि कवि के अनुसार ईश्वर से प्राप्त सलाहों का उनकी माँ क्या उपयोग किया करती थीं?
उत्तरः जीवन जीने के तरीके सीखना, दुःख सहन के उपाय जानना।
व्याख्यात्मक हल:
कवि की माँ ईश्वर से प्राप्त सलाहों का उपयोग दुःख सहने के उपाय जानने के लिए और जीवन जीने के तरीके सीखने के लिए किया करती थी।

प्रश्न 3. माँ के समझाने का क्या प्रभाव कवि पर पड़ा ?

[C.B.S.E. 2014 Term II, VE7X3IC]

अथवा
कवि देवताले को माता के किस निर्देश से लाभ हुआ ? 
उत्तरः माँ ने दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोने के बारे में कवि समझाया था। इस निर्देश से यह लाभ हुआ कि दक्षिण दिशा पहचानने में कवि को कभी मुश्किल नहीं हुई और वह भली प्रकार उस दिशा को पहचानने लगा। 

प्रश्न 4. कवि के अनुमान से दुःख सहने के लिए माँ के द्वारा किसका सहारा लिया जाता था ? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।

[C.B.S.E. 2014 Term II, 1Y6T3YO]

उत्तरः दुःख सहने के लिए माँ के द्वारा ईश्वर के नाम का तथा ईश्वर से प्राप्त सलाहों का सहारा लिया जाता था। 

प्रश्न 5. कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था ? उन्हें दक्षिण के पार जाकर क्या खोजना था ?

[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]

अथवा

क्या दक्षिण दिशा लाँघना सम्भव है ? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर लिखिए।

अथवा

कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था ? 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1062]

उत्तरः कवि दक्षिण दिशा में दूर-दूर तक गया परन्तु भयभीत रहा। वहाँ उसने यमराज का घर ढूँढ़ने की भारी कोशिश की थी परन्तु असफलता ही मिली क्योंकि यह दिशा अन्तहीन होती है। उसके छोर तक पहुँचना सम्भव नहीं है। दूसरे रूप में विरोधी ताकतें सर्वव्यापक हैं। अतः दक्षिण दिशा को लाँघ लेना सम्भव नहीं है। 

प्रश्न 6. कवि को उनकी माँ किस बात के लिए सचेत करती है और क्यों ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1055]

उत्तरः कवि को उनकी माँ सचेत करती है कि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से यमराज क्रुद्ध हो जाते हैं तथा मनुष्य की मृत्यु हो सकती है। 

प्रश्न 7. कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक क्यों हो जाता है, ?

C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1061]

उत्तरः ईश्वर सर्वव्यापक है पर फिर भी दिखाई नहीं देता। उसे अपने भावों-विचारों से समझा जा सकता है। कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक होता है। ऐसा करने से मन को दृढ़ता प्राप्त होती है, दिशा निर्देश मिलता है और हम मानसिक सहारा प्राप्त करते हैं। मानव का मन चंचल है उस पर नियंत्रण पाने का रास्ता मिलता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि मनुष्य को प्रत्येक कार्य स्वयं करना होता है, पर मन की शक्ति कोई सहारा तो अवश्य पाना चाहती है। वह सहारा ही ईश्वर है जिससे दिशा देने के लिए ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है।

प्रश्न 8. ‘यमराज की दिशा’ में वर्णित कवि की माताजी की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1072)]

उत्तरः कवि की माँ का ईश्वर पर बहुत विश्वास था। वह ईश्वर से सम्बन्धित बातें इतने विश्वास से कहती थीं मानो ईश्वर से उनकी मुलाकात हुई हो। उनका यही विश्वास दुःखों को सहन करने की ताकत भी देता था। 

प्रश्न 9. क्या बचपन में माँ के द्वारा दी गई सलाह और वर्तमान परिस्थितियों में सामंजस्य (तालमेल) दिखाई देता है ? ‘यमराज की दिशा’ कविता के आलोक में उत्तर दीजिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1016]

उत्तरः बचपन में माँ के द्वारा दी गई सलाह और वर्तमान परिस्थितियों में सामंजस्य (तालमेल) दिखाई नहीं देता। माँ की सलाह के अनुसार दक्षिण दिशा में यमराज का घर है किन्तु वर्तमान परिस्थितियाँ भिन्न हैं। अब हर दिशा यमराज की-सी लगने लगी है। अब चारों ओर हिंसा, शोषण, अत्याचार, खून, चोरी आदि दिखाई देते हैं। अतः हर दिशा अब यमराज की दिशा हो गई है। 

प्रश्न 10. ‘यमराज की दिशा’ कविता में कवि यमराज के सभी दिशाओं में ”आलीशान महल“ होने तथा उनमें उनके ”दहकती आँखों से विराजने“ की बात क्यों कहते हैं ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1017] 

उत्तरः आज सभी ओर अराजकता, हिंसा, अत्याचार आदि कुप्रवृत्तियों का बोलबाला है ऐसे सभी लोग सम्पन्न तथा यम जैसे भयानक हैं। अतः उनकी स्थिति आलीशान महलों में दहकती आँखों से विराजमान होने जैसी है। 

प्रश्न 11. ‘‘यमराज की दिशा’’ कविता में जिस प्रकार कवि की माँ ने कवि को सलाह दीऋ क्या आपको वह बात आज के युग में उपयुक्त प्रतीत होती है ? समझाइए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1018]

उत्तरः माँ की कवि को सलाह थी कि दक्षिण दिशा में पैर करके न सोना क्योंकि वह यमराज की दिशा है किन्तु यह उचित नहीं है क्योंकि दक्षिण दिशा को जब लाँघ ही नहीं सकते तो हमें सत्य कैसे पता चल सकता है? जिस स्थान पर किसी ने यमराज जैसे व्यक्ति को देखा ही नहीं तो यह मात्र हमारी अपनी बनाई हुई भ्रान्ति है, सच्चाई नहीं। 

प्रश्न 12. क्या ‘‘यमराज की दिशा’’ कविता प्रतीकार्थ कविता है ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1019]

उत्तरः ‘यमराज की दिशा’ कविता प्रतीकार्थ है। यमराज की दिशा का अर्थ हैμमृत्यु की दिशा। वास्तव में कवि कहना चाहता है कि वह दिशा जिसमें डाकू, हिंसा, लूट-पाट, आतंकी और शोषण करने वाले रहते हों तथा वह दिशा जहाँ जीवन संहारक तत्व हों वही मृत्यु की दिशा है। यमराज को मृत्यु का देवता माना गया है। फिर ऐसे यम तो सर्वत्र व्याप्त हैं। 

प्रश्न 13. ‘यमराज की दिशा’ कविता में निहित कवि की दृष्टि में दक्षिण दिशा और मौत का क्या सम्बन्ध हो सकता है ?

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1057]

उत्तरः दक्षिण दिशा का प्रतीकार्थ हो सकता है दक्षिणपंथी विचारधारा। उनके अनुसार यह विचारधारा सामान्य मनुष्य के लिए शत्रु है और यही विचारधारा मनुष्य को विनाश की ओर ले जाती है। इसमें शोषण का भाव निहित है जो मृत्यु के समान ही कष्ट कारक है। 

प्रश्न 14. ‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ ‘यमराज की दिशा’ कविता के आधार पर इसका तात्पर्य समझाइए।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1057]

उत्तरः सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं इसका तात्पर्य हैμशोषणकर्ताओं की स्थापित व्यवस्था। जीवन के सभी क्षेत्रों में शोषणकर्ताओं ने अपना जाल फैला दिया है। आम आदमी शोषण से बच नहीं सकता। अतः सर्वत्र यमराज जैसे लोग ठाठ-बाट से विराजमान दिखाई देते हैं। 

प्रश्न 15. ‘यमराज की दिशा’ कविता का उद्देश्य लिखिए। 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1070]

उत्तरः ‘यमराज की दिशा’ का उद्देश्य यह बताना है कि आज मानव का जीवन कहीं भी सुरक्षित नहीं है जबकि पहले केवल दक्षिण दिशा को ही अशुभ माना जाता था। हिंसा, आतंक, स्वार्थ, मतलब परस्ती ने जीवन को असुरक्षित कर दिया है। 

प्रश्न 16. कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई ? 

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1054]

उत्तरः बचपन में कवि की माँ ने समझाया कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि यह मृत्यु की दिशा है। इसी दिशा में मृत्यु के देवता यमराज का निवास होता है। अतः कवि माँ की शिक्षा को कभी नहीं भूला और दक्षिण दिशा की पहचान जीवन भर ठीक रही।

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FAQs on Short Question Answers - यमराज की दिशा - Class 9

1. यमराज की दिशा क्या है?
उत्तर: यमराज की दिशा एक कथा है जो भारतीय पौराणिक कथाओं में प्रस्तुत की जाती है। यह कथा यमराज और उनकी दिशा के बारे में है, जिनका अर्थ होता है मृत्यु और मृतकों के प्रमाण का धारक होना।
2. यमराज कौन हैं और उनकी कहानी क्या है?
उत्तर: यमराज हिन्दू धर्म के अनुसार कृष्ण और शिव के द्वारा चुने गए चार लोकपालों (दिक्पालों) में से एक हैं। उनकी कहानी में यमराज पृथ्वी पर लोगों की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा को अमरत्व के लिए ले जाते हैं।
3. यमराज की दिशा के बारे में कौन-कौन सी कथाएं प्रस्तुत करती हैं?
उत्तर: यमराज की दिशा के बारे में कई कथाएं प्रस्तुत करती हैं। कुछ प्रमुख कथाएं हैं: यमराज और सवाल-जवाब, मरणोत्तर जीवन की कथा, और यमराज का धर्मराज के रूप में विशेष सम्मान का अधिकार।
4. यमराज की दिशा पर कितनी प्रमुख कथाएं हैं?
उत्तर: यमराज की दिशा पर कुछ प्रमुख कथाएं हैं, लेकिन इनकी संख्या निश्चित नहीं है। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं हैं: यमराज और सवाल-जवाब, मरणोत्तर जीवन की कथा, और यमराज का धर्मराज के रूप में विशेष सम्मान का अधिकार।
5. यमराज की दिशा की कथा क्या सिखाती है?
उत्तर: यमराज की दिशा की कथा मरण के बाद जीवन के आगामन को बताती है और यह सिखाती है कि मृत्यु एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। यह अधिकांश लोगों को धर्मराज के रूप में यमराज का सम्मान करने की भी शिक्षा देती है।
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