काव्यांशों पर आधारित अति लघूत्तरीय एवं लघूत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
1.
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाजे़-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
आँधी चली धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1061]
प्रश्न (क) मेघों के आने से पेड़ क्या करने लगे और आँधी पर बादलों के आने का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तरः पेड़, मेघ रूपी मेहमान के सौंदर्य को देखने का प्रयास कर रहे हैं तथा बादलों के आने से आँधी चली और धूल, घाघरा उठाकर भागने लगी है।
प्रश्न (ख) ‘मेघ आए’ रचना में हवा क्या करती हुई वर्णित हुई है और उसका वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तरः हवा नाचती-गाती आगे-आगे जा रही है और उसके प्रभाव से गली-गली में दरवाजे-खिड़की खुल गए हैं
प्रश्न (ग) मेघ कैसे-कैसे आ रहे हैं और कविता में मेघों को किसके समान माना गया है ?
उत्तरः मेघ पूरी तरह से बन-ठन के, सज-सँवर कर आकाश में आ रहे हैं तथा मेघों को शहरी पाहुन के समान माना गया है।
अथवा
आगे-आगे ............................................................................सँवर के।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1016]
प्रश्न (क) पेड़ों के झुकने और गरदन उचकाने का क्या कारण है ?
उत्तरः हवा और वर्षा के कारण पेड़ झुक रहे हैं। मेहमान को देखने की उत्सुकता के कारण गरदन उचका रहे हैं।
प्रश्न (ख) धूल घाघरा उठाए क्यों भागी ?
उत्तरः धूल दामाद (मेहमान) के आने की सूचना घर में देना चाहती है। वास्तव में मेघों को दामाद के रूप में कवि ने प्रस्तुत किया है।
प्रश्न (ग) किसने, किसे देखकर घूँघट सरकाया ?
उत्तरः नदी रूपी बहू ने मेघ रूपी दामाद (मेहमान) को देखने के लिए लज्जा से घूँघट सरकाया।
अथवा
आगे-आगे ...............................................................................सँवर के।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1056]
प्रश्न (क) धूल किसका प्रतीक है ? और वह कैसे दौड़ी ?
उत्तरः धूल स्वागत करने वाली किशोरी कन्या का प्रतीक है। वह उत्साह के कारण अपना घाघरा उठाकर दौड़ पड़ी।
प्रश्न (ख) प्रस्तुत पद्यांश का मुख्य विषय क्या है ?
उत्तरः वर्षा से पहले धूल-आँधी चलने और नदी के उमड़ने का वर्णन है। हवा के कारण पेड़ झुक गए हैं।
प्रश्न (ग) मेघ किस प्रकार आए ?
उत्तरः मेघ बन-ठन के सज-सँवर कर आए। हवा, धूल, घटा आदि इसकी सजावट के साज-बाज हैं।
2.
बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’-
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1054]
प्रश्न (क) बूढ़े पीपल ने ही सबसे पहले जुहार क्यों की ?
उत्तरः बूढ़ा पीपल घर के बड़े बुजुर्ग का प्रतीक है। मेहमान (विशेषकर दामाद) के आने पर घर के बड़े ही सबसे पहले उसका स्वागत करते हैं।
प्रश्न (ख) ‘हरसाया ताल लाया पानी परात भर के’ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तरः तालाब में लहरें उठ रही हैं। उसका जल भी चमक उठा है। मानो मेहमान के पैर धोने हेतु पानी परात में भरकर लाया गया है। वैसे ही वर्षा के आगमन पर छोटे-छोटे तालाबों की स्थिति मनमोहक हो रही है।
प्रश्न (ग) ‘बरस बाद सुधि लीन्ही’ का अर्थ बताइए।
उत्तरः पूरे एक साल के बाद हमें याद किया, एक उपालंभ।
अथवा
बूढ़े पीपल ..................................................................................सँवर के।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1067]
प्रश्न (क) तालाब ने अपनी प्रसन्नाता कैसे व्यक्त की ?
उत्तरः तालाब मेघ मेहमान के आने से इतना प्रसन्ना हुआ कि मेघ रूपी पाहुन के पैर धुलाने के लिए परात में पानी भरकर ले आया।
प्रश्न (ख) मेघ इतने बन-ठन कर क्यों और कैसे आए ?
उत्तरः मेघ बन-ठनकर इसलिए आए हैं क्योंकि एक तो शहर से आए हैं जहाँ लोग बन-ठनकर रहते हैं। दूसरे गाँववालों पर अपनी धाक जमाने के लिए वे अपने साथ हवा, धूल आँधी, बिजली व पानी लाए हैं।
प्रश्न (ग) लता ने क्या शिकायत की ?
उत्तरः लता ने शिकायत की कि पाहुन ने एक साल बाद उसकी सुध ली है।
3.
क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी,
‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’,
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
मेघ आए बड़े बन-ठन के संँवर के।
(C.B.S.E. 2013 Term II, Set C 1022 GK)
प्रश्न (क) काव्यांश में बिजली का चमकना किस रूप में चित्रित हुआ है?
उत्तरः मानो मेघ रूपी मेहमान को नर-नारी अटारियों पर चढ़कर देख रहे हों। क्षितिज रूपी अटारी पर बिजली चमक रही है।
प्रश्न (ख) काव्यांश में किससे कौन क्षमा-याचना करता हुआ व्यंजित हुआ है तथा क्यों?
उत्तरः लोगों को भ्रम था कि वर्षा होगी या नहीं, पर वर्षा हो गई (दामाद आ गया।) इसलिए धरती मेघ रूपी दामाद से क्षमा याचना कर रही है।
प्रश्न (ग) ”अश्रु ढरके“ शब्दों का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः मेघ के अर्थ में वर्षा हो उठी तथा मेहमान के अर्थ में प्रेमाश्रु फुट पड़े (दोनों ओर से।)
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1. मेघ आने का मतलब क्या है? |
2. मेघ आने के लिए कौनसे कारक जिम्मेदार होते हैं? |
3. मेघ आने से क्या फायदे हो सकते हैं? |
4. मेघ आने के बाद क्या होता है? |
5. मेघों का आगमन बदलते मौसम के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? |
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