1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? |
सार
'वह चिड़िया जो' कविता 'श्री केदार नाथ जी' के द्वारा लिखा गया है। इस कविता में कवि ने नीले पंखो वाली छोटी चिड़िया के बारे में बताया है। नीली चिड़िया के रूप में 'केदार नाथ' ने अपने स्वभाव को व्यक्त किया है। उन्होंने बताया है कि छोटी चिड़िया को अन्न से बहुत प्यार है। वह रूचि से दूध-भरे ज्वार के दानों को खाती है। वह बहुत संतोषी है। छोटी चिड़िया वन में घूमकर अपने कंठों से मीठे स्वर में गाना गाती है। उसे एकांत में रहना पसंद है। वह उफनती नदी से पानी की बूंदो को चोंच में भर कर ले आती है। छोटी सी चिड़िया साहसी है और उसे स्वयं पर गर्व है। उसे नदी से बहुत प्यार है।
वह चिड़िया जो ... अन्न से बहुत प्यार है।
व्याख्या: इस काव्यांश में कवि ने नीले पंखों वाली छोटी सी चिड़िया के बारे में बताया है। वह चिड़िया चोंच मारकर दूध भरे ज्वार के दानों को चाव से खाती है। उसे अन्न से बहुत प्यार है और वह संतोषी है।
वह चिड़िया जो ... विजन से बहुत प्यार है।
व्याख्या: इस काव्यांश में कवि ने बताया है चिड़िया अपने मुक्त कंठों से मधुर स्वर मे गाती है। उसके सारे गीत अपने वन को समर्पित है जहाँ वह रहती है। उसे एकांत में रहना अच्छा लगता है। इस काव्यांश में कवि ने अकेले में ख़ुशी से रहने का सन्देश दिया है।
वह चिड़िया जो ... नदी से बहुत प्यार है।
व्याखया: इस पंक्ति मे चिड़िया ने अपने साहस का वर्णन करते हुए बताया है कि वह छोटी जरूर है, परन्तु साहसी है। वह जल से भरी नदी के बीच से भी पानी की बूंदो को चोंच में भर कर ले आती है। यह साहसिक काम करने पर उसे स्वयं पर गर्व है। चिड़िया को नदी से बहुत प्यार है। इस काव्यांश में कवि ने बताया है कि कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए और उसका डट कर मुकाबला करना चाहिए।
कठिन शब्दों के अर्थ
• जुंडी - ज्वार की बालियाँ
• रूचि से - चाव से
• कंठ - गला
• बूढ़े वन-बाबा - पुराना-घना वन
• रस उँड़ेलकर - मीठी आवाज
• विजन - एकांत
• चढ़ी नदी - जल से भरी
• दिल टटोलकर - बीच से
• जल का मोती - पानी की बूँदें
• गरबीली - गर्व करने वाली
45 videos|89 docs|10 tests
|
Use Code STAYHOME200 and get INR 200 additional OFF
|
Use Coupon Code |
45 videos|89 docs|10 tests
|