Table of contents | |
बहुविकल्पीय प्रश्न | |
रिक्त स्थान पूर्ण करें | |
सही या गलत | |
लघु उत्तरीय प्रश्न | |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
प्रश्न 1. लेखक बस से कहाँ जाना चाहते थे ?
(क) कानपुर
(ख) जबलपुर
(ग) नागपुर
(घ) पानीपत
उत्तर: जबलपुर
प्रश्न 2. लेखक बस की यात्रा अपने कितने मित्रों के साथ कर रहे थे ?
(क) 3
(ख) 2
(ग) 4
(घ) 1
उत्तर: 5
प्रश्न 3. उस बस में कंपनी के ______सवार थे l
(क) पहरेदार
(ख) हवलदार
(ग) हिस्सेदार
(घ) सज़ादार
उत्तर: हिस्सेदार
प्रश्न 4. बस को देखकर लेखक के मन में क्या भाव उमड़ा ?
(क) हिंसा
(ख) दया
(ग) श्रद्धा
(घ) क्रोध
उत्तर: श्रद्धा
प्रश्न 5. बस की स्थिति कैसी थी ?
(क) ठीक ठाक
(ख) बहुत खराब
(ग) बहुत अच्छी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: बहुत खराब
प्रश्न 1. बस से लेखक और उनकी मित्रों को पन्ना से ………….. जाना था l
उत्तर: सतना
प्रश्न 2. बस …………… अवस्था में लग रही थी l
उत्तर: वृद्धा
प्रश्न 3. लेखक को लगा कि पूरी बस ही …………. है l
उत्तर: इंजन
प्रश्न 4. लेखक बस कंपनी के हिस्सेदार को ……………… से देख रहा था l
उत्तर: श्रद्धाभाव
प्रश्न 5. हरे भरे पेड़ ……….. लग रहे थे
उत्तर: दुश्मन
प्रश्न 1. इस पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई है l
उत्तर: सही
प्रश्न 2. सभी ने शाम 5 बजे बस में जाने का तय किया l
उत्तर: गलत
प्रश्न 3. बस की हालत बहुत खराब थी l
उत्तर: सही
प्रश्न 4. पुलिया पर पहुंचकर बस का टायर फट गया था l
उत्तर: सही
प्रश्न 5. पेट्रोल की टंकी में छेद नहीं था l
उत्तर: गलत
प्रश्न 1. 'काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे उनसे बचना था' वाक्य में 'बच' शब्द का दो भिन्न अर्थों में प्रयोग हुआ है। दोनों के अर्थ बताइए।
उत्तर: 'बच' शब्द के दो भिन्न अर्थ है - शेष रहना, सावधान रहना
प्रश्न 2. इंजन स्टार्ट होने पर क्या हुआ?
उत्तर: इंजन स्टार्ट होने पर लेखक को लगा कि जैसे सारी बस ही इंजन है और वह इंजन के अंदर बैठा है।
प्रश्न 3. आगे - पीछे से किसी गाड़ी को आता देख बस एकदम किनारे क्यों खड़ी हो जाती थी?
उत्तर: बस पुरानी और खटारा थी, उसकी हेडलाइटों की रोशनी भी कम थी। इसलिए वह आगे - पीछे से किसी गाड़ी को आता देख बस एकदम किनारे खड़ी हो जाती थी।
प्रश्न 4. लेखक की चिंता क्यों जाती रही?
उत्तर: बस में जब पहली बार खराबी आई तो लेखक को चिंता हुई, पर जब खटारा बस में एक के बाद एक समस्या उत्पन्न होती गई तो अंत में लेखक ने समय से पन्ना पहुँचने की उम्मीद छोड़ दी और परिस्थिति से समझौता कर लिया। इसलिए लेखक की चिंता जाती रही।
प्रश्न 5. “गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।” लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
उत्तर: बस की हालत बहुत खराब थी। बस की वर्तमान स्थिति देखते हुए इस प्रकार का आश्चर्य व्यक्त करना स्वाभाविक था। देखने से लग नहीं रहा था कि बस चलती भी होगी परन्तु जब लेखक ने बस के हिस्सेदार से पूछा तो उसने कहा चलेगी ही नहीं, अपने आप चलेगी।
प्रश्न 1. पांच मित्रों ने शाम 4:00 बजे की बस से जाने का तय क्यों किया?
उत्तर: पांच मित्रों ने शाम 4:00 बजे की बस से जाने का तय क्योंकि इसी कंपनी की बस सतना के लिए 1 घंटे भर बाद मिलती है। अगर वह उस बस से जाएंगे तो जबलपुर की ट्रेन हमें मिल जाएगी। और वह सुबह ही अपने घर पहुंच जाएंगे। सुबह-सुबह फिर अपने काम पर भी हाजिर होना था। इसी वजह से यही रास्ता अपनाना जरूरी था। इसीलिए पांच मित्रों ने शाम 4:00 बजे की बस से जाने का तय किया।
प्रश्न 2. लोगों को ऐसा क्यों लगता था कि बस को इस अवस्था में कष्ट होगा?
उत्तर: लोगों को ऐसा लगता था कि बस अब वृद्धावस्था में पहुंच गई है। जब बस को देखा जाता था तो उनके मन में श्रद्धा उमड़ पड़ती थी। बस बहुत वयोवृद्ध हो चुकी थी। ऐसा लगता था मानो सदियों के अनुभव वह लेकर चल रही है। इस वजह से लोग उसे बस से सफर नहीं करना चाहते थे। लोगों को लगता था कि बस अब वृद्धावस्था में आ गई है तो बस को कष्ट पहुंचाना ठीक नहीं।
प्रश्न 3. जब बस रास्ते पर से चल रही थी तो रास्ते के किनारे जो पेड़ पौधे और जिले थी उनको देखकर लेखक के मन में क्या विचार आ रहे थे?
उत्तर: जब बस रास्ते पर से चल रही थी तो आसपास के प्रकृति में जो दृश्य थे वह बहुत लुभावने लग रहे थे। रास्ते के दोनों तरफ हरे-भरे पेड़ थे उन पेड़ों पर पंछी बैठे हुए थे। लेकिन लेखक हर एक पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था। क्योंकि उसे ऐसा डर लग रहा था कि जो भी पेड़ रास्ते में आ जाएगा उस बस टकरा जाएगी। जब पेड़ निकल जाता तो झील दिख जाती। तो मानो लेखक को ऐसा लगता कि बस इसमें गोता लगा जाएगी।
प्रश्न 4. अगर इस बस का प्राणांत हो गया तो इस बियाबान में हमें इसकी अंत्येष्टि करनी पड़ेगी। ऐसा लेखक को क्यों लगा?
उत्तर: बस रास्ते में अचानक से रुक गई। ड्राइवर ने बहुत कोशिश की लेकिन वह बस नहीं चली। ऐसा लग रहा था जैसे बस ने सविनय अवज्ञा में आंदोलन शुरू किया हो। कंपनी के हिस्सेदार तो थे वह कह रहे थे कि बस तो अच्छी है लेकिन यह तो इत्तेफाक की बात है। वहां पर शेर चांदनी थी ऐसा लग रहा था मानो बस बड़ी दयनीय लग रही है। जिस तरह वृद्ध की अवस्था होती है इस तरह उसे बस की अवस्था दिख रही थी। सभी को ग्लानि हो रही थी कि इस बस में बैठकर अपना बोझ इस पर लाद कर हम यहां तक आए हैं। इस वजह से लेखक को लगा अगर इस बस का प्राणांत हो गया तो इस बियाबान में हमें इसकी अंत्येष्टि करनी पड़ेगी।
प्रश्न 5. बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा के भाव क्यों उमड़ पड़े?
उत्तर: बस बहुत वयोवृद्ध हो चुकी थी। उसे पर कई अनुभवों के निशान थे। बस से सफर करना मतलब खतरा मोड़ लेना इसका अर्थ ऐसा ही था। इस वजह से लोग इस बस से सफर नहीं करना चाहते थे। उन्हें लगता था कि यह बस बहुत सालों से सब लोगों की सेवा कर रही है अब उसे बस को आराम देना चाहिए अब इसके वृद्धावस्था शुरू हो गई है इस अवस्था में उसे कष्ट होगा। यह अब बस तो पूजा के योग्य है इस पर किस तरह से सवार हुआ जाए। लेखक के मन में थी बस को देखकर इसी वजह से श्रद्धा के भाव उमड़ पड़े।
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1. How long does the bus journey in the article "बस की यात्रा Class 8" take? |
2. What are some important things to remember before embarking on a bus trip? |
3. Is it safe to travel by bus? |
4. How can one book a bus ticket for a journey? |
5. What are some common amenities provided on buses for passengers' comfort? |
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