प्रश्न 1: भारतीय जनता ने 1942 ई० में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कैसा आंदोलन किया था?
उत्तर: 1942 ई० में नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता ने हिंसात्मक और शांतिपूर्ण दोनों ही ढंग से आंदोलन किया था। एक ओर प्रार्थना और प्रस्ताव पारित करने का प्रयास था तो दूसरी ओर तोड़-फोड़ और हिंसक कार्य भी किए गए थे।
प्रश्न 2: 1942 ई० के भारत छोड़ो आंदोलन की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर: 1942 ई० के महान जन-आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसमें युवा पीढ़ी ने विशेषकर विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भारत का हर नागरिक अंग्रेज़ी शासन के प्रति अपना रोष प्रकट करना चाहता था। अब भारतीय जनता अंग्रेज़ी शासन को सहन नहीं करना चाहती थी। इसलिए इस आंदोलन में कहीं शांतिपूर्ण रोष प्रकट किया गया और कहीं हिंसात्मक गतिविधियाँ भी की गईं। अन्य बड़ी विशेषता यह रही कि अंग्रेज़ी प्रशासन के हाथ-पाँव ढीले पड़ गए थे।
प्रश्न 3: अगस्त, 1942 ई० में भारत में हुई उथल-पुथल के क्या कारण थे?
उत्तर: अगस्त, 1942 ई० में हुई उथल-पुथल की घटना कोई एकाएक हुई घटना नहीं थी। भारतवासियों पर ब्रिटिश सरकार के अत्याचार एवं अन्याय लंबे समय से होते चले आ रहे थे। भारतीय जनता के सब्र और सहनशीलता का बाँध अब टूट चुका था। देश की जनता जागरूक हो चुकी थी। वह अब यह सहन नहीं कर सकती थी कि विदेशी उन पर लगातार अत्याचार करें अथवा उनके साथ अमानवीय व्यवहार करें। अब भारत की जनता इन अत्याचारों से मुक्त होना चाहती थी। इसीलिए यह उथल-पुथल व्यापक स्तर पर हुई जिससे सारा देश प्रभावित हुआ।
प्रश्न 4: 1942 ई० के आंदोलन के कारण किन-किन क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन समाप्त हो गया था?
उत्तर: 1942 ई० के आंदोलन में भारतीय जनता पूरे जोश के साथ मैदान में उतरी थी। भारत के अनेक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ब्रिटिश सरकार का शासन समाप्त हो गया था। इस प्रकार का प्रभाव बिहार और बंगाल के मिदनापुर ज़िले, संयुक्त प्रांत के दक्षिण-पूर्वी जिलों में था। इन स्थानों पर फिर से अपना शासन स्थापित करने में ब्रिटिश सरकार को हफ्तों लग गए थे।
प्रश्न 5: भारतवर्ष में कब-कब और कैसा-कैसा अकाल पड़ा था?
उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् भारत के बंगाल, पूर्वी और दक्षिणी भागों में भयंकर अकाल पड़ा था। यह 170 वर्षों में सबसे बड़ा अकाल था। इसकी तुलना 1766 ई० से 1770 ई० के वर्षों के बीच बंगाल और बिहार में पड़े भयंकर अकाल से की जा सकती है। अकाल के बाद महामारी फैली, विशेषकर हैज़ा और मलेरिया से पीड़ित हज़ारों लोग इसके शिकार हुए। यह लोगों पर प्रकृति का दोहरा प्रकोप था।
प्रश्न 6: 1942 ई० के आंदोलन में मारे गए लोगों की संख्या कितनी बताई गई थी।
उत्तर: 1942 ई० के आंदोलन में मारे गए लोगों की संख्या ब्रिटिश सरकार ने 1028 और घायलों की संख्या 3200 बताई थी। इसके विपरीत, जनता के अनुमान के अनुसार पच्चीस हज़ार लोग मारे गए थे। जबकि वास्तविक अनुमान दस हज़ार लोगों के मरने का था।
प्रश्न 7: अकाल के समय कलकत्ता की दशा क्या थी?
उत्तर: अकाल के समय सबसे खराब दशा कलकत्ता की थी। वहाँ सड़कों पर लाशें बिछी पड़ी थीं। किंतु इस शहर के उच्च वर्ग के दस हज़ार लोगों के सामाजिक जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया था। वे सभी नाच-गाने और भोग-विलास में व्यस्त थे। . उन्हें बाहरी दुनिया से कुछ लेना-देना नहीं था, न ही उन्हें किसी बात का गम था। वे और उनका जीवन उमंग और उल्लास से भरा था। कुछ ने तो इस अकाल से खूब लाभ भी उठाया था।
प्रश्न 8: लेखक ने भारत को अंतर्विरोधों का देश क्यों कहा है? यहाँ कौन-से अंतर्विरोध हैं?
उत्तर: लेखक ने भारत को अंतर्विरोधों का देश इसलिए कहा है क्योंकि इसमें अनेक असमानताएँ एवं विभिन्नताएँ दिखाई देती हैं। यहाँ पर कुछ लोग बहुत अमीर हैं तो कुछ बहुत गरीब हैं। यहाँ आधुनिकता के साथ मध्ययुगीनता भी देखी जा सकती है। यहाँ प्राचीन परंपराओं के दर्शन भी होते हैं और उनका विरोध भी किया जाता है। यहाँ शासक मुट्ठी भर अंग्रेज़ हैं और शासित करोड़ों भारतीय हैं। अकाल में भूख से अनेक लोग मरते हैं तो कुछ आनंदमय जीवन व्यतीत करते हैं।
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