1. सिक्के का मूल्य
2. सोने का अंडा
3. बंदर और डॉल्फिन
4. प्यासा कौआ
5.पैसा और परिवार
1. सिक्के का मूल्य
"सिक्के का मूल्य"
भारत के पिता रूप में सम्मानित महात्मा गांधी एक बहुत ही खास व्यक्ति थे, एक बार गांधी एक संगठन के लिए विभिन्न शहरों से गरीबों की मदद के लिए धन इकट्ठा करने की अभियान पर थे।
वह कई स्थानों पर गया अंत में उड़ीसा पहुंचा। उन्होंने उड़ीसा में एक सभा का आयोजन किया, गांधी जनता को एक भाषण दिया, जिसमें उसने संगठन के लिए धन देने का अनुरोध किया।
भाषण की आंत में, पीछे की ओर एक बूढ़ी महिला खड़ी हो गई। उन्होंने स्वयंसेवकों से अनुरोध किया कि उन्हें गांधी तक पहुंचने की अनुमति दें, हालांकि स्वयंसेवकों ने उसे रोक दिया।लेकिन उसने हार नहीं मानी, उनके साथ लड़ी और गांधी के पास पहुंची। वह गांधी के पैर छुए, फिर उसने एक सिक्का निकाला और गांधी के चरणों में रख दिया, गांधी ने बहुत सावधानी से सिक्का लिया।
फिर संगठन के कोषाध्यक्ष ने गांधी से सिक्का मंगा, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। कोषाध्यक्षने कहा ‘मैं हजारों रुपए की चेक रखता हूं, फिर भी आप मुझ पर भरोसा नहीं करोगे!’
गांधी ने कहा, ‘यह सिक्का उन हजारों की तुलना में बहुत अधिक है, उसके पास ठीक कपड़े भी नहीं थे, फिर भी उसने सब कुछ दिया जो उसके पास था, इसलिए गांधी ने सिक्के को बहुत कीमती माना।
नैतिक शिक्षा : जब हमारे पास बहुत कम होता है,तब किसी की मदद करना बहुत मूल्यवान होता है।
2. सोने का अंडा
"सोने का अंडा"
एक बार की बात है, एक आदमी और उसकी पत्नी के पास एक हंस था, जिसने हर दिन एक सुनहरा अंडे देती थी, हालांकि वह भाग्यशाली थे।
उन्होंने जल्द ही यह सोचना शुरू कर दिया, कि वह पर्याप्त तेजी से समृद्ध नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कल्पना की यदि हंस प्रतिदिन सुनहरा अंडा देने में सक्षम है।तो उसकी पेट में बहुत सारा सुनहरा अंडा होना चाहिए। उसने सोचा कि अगर वह एक ही बार में सभी सुनहरा अंडा ले सकती है, तो वह बहुत अमीर बन जाएगा।
इसलिए, उस आदमी और उसकी पत्नी ने हंस को मारने का फैसला किया। सोने का अंडा देने वाली हंस की पेट काटने की बाद यह देखकर हैरान रह गए, इसकी पेट भी अन्य हंस की तरह खाली थी।
नैतिक शिक्षा : कुछ बड़ा फैसला लेने से पहले एक दो बार जरूर सोचना चाहिए।
3. बंदर और डॉल्फिन
"बंदर और डॉल्फिन "
बहुत पहले की बात है, कुछ नाबिक अपने नौकायन जहाज में समुद्र की ओर निकल पड़े। उनमें से एक लंबी जाता के लिए अपने पालतू बंदर को साथ लाया।
जब उन्होंने समुद्र में बहुत दूर थे, अचानक एक तूफान ने उसकी जहाज को पलट दिया। हर कोई समुद्र में गिर गया, और बंदर को यकीन था कि वह डूब जाएगा।फिर अचानक एक डॉल्फिन दिखाई दे और वह उस बंदर को पीठ में उठाया, वह जल्द ही द्वीप पर पहुंच गए, और बंदर डॉल्फिन के पीठ से नीचे उतरे।
डॉल्फिन ने बंदर से पूछा, ‘क्या आप इस जगह को जानते हैं?’ फिर बंदर ने जवाब दिया, ‘हां मैं जानता हूं, वास्तव में इस द्वीप का राजा मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।’
डॉल्फिन जानता था, इस द्वीप पर कोई भी नहीं रहता है। फिर डॉल्फिन ने कहा ‘ठीक है, ठीक है, आप इस द्वीपका राजा हो सकते हैं!’ बंदर ने पूछा, ‘मैं राजा कैसे हो सकता हूं?’जैसे ही डॉल्फिन समुद्र में तैरने लगा उसने उत्तर दिया, ‘यह आसान है, जैसे कि आप इस द्वीप पर एकमात्र प्राणी है, तो आप स्वभाविक रूप में राजा ही है।’
नैतिक शिक्षा : झूठ बोलने और घमंड करने वाले कभी भी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
4. प्यासा कौआ
"प्यासा कौआ"
बार गर्मी का मौसम चल रहा था, एक प्यासा कौआ पानी की तलाश कर रहा था। काफी समय तक उसे पानी नहीं मिला था, वह बहुत कमजोर महसूस कर रही थी।अचानक उसने एक पानी का जग देखा, वह नीचे आकर देखने लगा उसमें पानी है क्या नहीं, कौआ जग के अंदर कुछ पानी देख सकता था।
कौआ उसकी सिर जग की अंदर धकेलने की कोशिश की, अफसोस की बात उसने देखा की जग की गठन बहुत संकीर्ण थी। फिर उसने पानी को बाहर निकालने के लिए जग को नीचे धकेलने की कोशिश की।लेकिन जग बहुत भारी था उसने नहीं कर पाया, कौआ ने थोड़ी देर सोचा। फिर वह चारों ओर देखने लगी, उसने कुछ कंकड़ दिखा। अचानक उसकी दिमाग में एक विचार आया।
वह एक-एक करके कंकड़ उस जग में गिराना शुरू किया, जैसे-जैसे अधिक से अधिक कंकड़ उसमें डाला, पानी का स्तर बढ़ता गया।
जल्द ही यह कौआ पीने के लिए पानी पर्याप्त था, उसकी जोजोना काम कर गई थी। फिर कौआ उसकी प्यास बुझाई और वहां से उड़ गई।
नैतिक शिक्षा : यदि आप पर्याप्त प्रयास करते हैं, तो आपको जल्द ही अपनी समस्या का समाधान मिल सकता है।
5.पैसा और परिवार
"पैसा और परिवार"
एक बार एक गांव में राम अपनी परिवार के साथ रहते थे, राम बहुत मेहनत करते थे, वह परिवार में एक मात्र कमाने वाला थे। उसकी तीन बच्चे, दो बेटा और एक बेटी।वह प्रतिदिन 16 घंटे से अधिक काम करता है, बच्चे उसे नहीं देख सकते, वह सुबह उठने से पहले काम पर निकल जाता, और आधी रात को बच्चे सो जाने के बाद घर पहुंचता।
ऐसे ही चलते चलते कुछ साल बीत गए, अब राम के पास बहुत सारा पैसा है, उन्होंने एक नया घर लिया, हालांकि हमेशा की तरह, राम ने अधिक से अधिक काम करना जारी रखा।
एक दिन उसकी पत्नी ने उससे पूछा, ‘तुम पैसे के लिए क्यों भाग रहे हो? हमारे पास अभी जो है, हम उससे खुश रह सकते हैं’
राम ने जवाब दिया, ‘हम आप सभी को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध कराना चाहता हूं, कि आप हमेशा खुश रहे।’ दो साल बीत गए और राम बड़ी मुश्किल से परिवार के साथ समय बिताया।
अब राम का परिवार शहर के सबसे धनी परिवारों में से एक है, उनके पास सभी सुविधाएं है। फिर भी राम के बच्चों ने अपने पिता से मिलने के लिए बहुत कोशिश करती थी।राम का परिवार छुट्टी बिताने के लिए उसके समुद्र तट के घर गया, उसकी बेटी ने पूछा, ‘पिताजी क्या आप एक दिन घर पर हमारे साथ यही रहोगे।’
राम ने उत्तर दिया, ‘ हां प्रिय कल मैं दोपहर का भजन तुम्हारे साथ करूंगा, और अगले कुछ दिनों तक तुम्हारे साथ रहूंगा, मैं काम से थक गया हूं।’ पूरा परिवार बहुत खुश हो गया।
दुर्भाग्य से, अगले दिन राम के परिवार में कोई भी जीवित नहीं था, क्योंकि वह सुनामी में वह गए थे। जब उसने समुद्र तट पर पहुंचे, तो उसने हर जगह समुद्र और पानी देखा।
अपनी परिवार के लिए चिल्लाया, वह उन्हें फिर कभी नहीं पा सकता है, उन्हें देख भी नहीं सकता है। उसे अपनी पत्नी की बात याद आई, ‘तुम पैसे के लिए क्यों भाग रहे हो’ वह रोने लगा।
नैतिक शिक्षा : पैसा सब कुछ नहीं खरीद सकता है।
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