प्रश्न 1: 'पुडुकोट्टई' किस राज्य में है?
उत्तर: 'पुडुकोट्टई' तमिलनाडु राज्य में है।
प्रश्न 2: 'पुडुकोट्टई' की लगभग कितनी महिलाओं ने साइकिल चलाना सीख लिया है?
उत्तर: अगर दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है।
प्रश्न 3: साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?
उत्तर: साइकिल बिना ईंधन के और बिना शोरगुल के चलती है। यह पर्यावरण को दूषित भी नहीं करती है। रास्ता कैसा भी हो यह चलने के लिए तैयार रहती है। इन्हीं कारणों से साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है।
प्रश्न 4: साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी‘ का अनुभव क्यों होता होगा?
उत्तर: साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी‘ का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि वह कहीं भी जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं थी।
प्रश्न 5: प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?
उत्तर: प्रारंभ में लोगों ने साइकिल चलाने वाली महिलाओं पर फब्तियाँ कसीं। लोगों ने उनके उत्साह को तोड़ने का बहुत प्रयास किया। लेड़ीज साइकिल पर्याप्त संख्या में उपलब्ध न होने के कारण महिलाओं को जेंटस साइकिलें खरीदनी पड़ती थी।
प्रश्न 6: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पुडुकोट्टई की महिलाओं ने किस प्रकार लोगों को हक्का - बक्का कर दिया?
उत्तर: 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हैंडल पड़ झाड़ियाँ लगाए, घंटियाँ बजाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफ़ान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहनेवालों को हक्का - बक्का कर दिया।
प्रश्न 7: क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
“…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकडे हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है.."
उत्तर: लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि मनुष्य एक स्वच्छंद प्राणी है और वह अधिक समय तक बंधनों में नहीं रह सकता है। जब परंपरागत और रूढ़िग्रस्त मान्यताएँ सीमाओं को लाँघने लगती हैं तो समाज में इसके विरूद्ध क्रांति अवश्य जन्म लेती है। जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। समय के साथ-साथ विचारधाराओं में भी परिवर्तन होता रहता है और ये परिवर्तन हमारे प्रगति के लिए आवश्यक भी है।
प्रश्न 8: 'जहाँ पहिया है' के लेखक कौन हैं?
उत्तर : 'जहाँ पहिया है' के लेखक पी. साईनाथ जी हैं।
प्रश्न 9: “…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है..”
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों‘ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?
उत्तर: लेखक जंजीरों द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं की ओर इशारा कर रहा है।
प्रश्न 10: अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर : 'साइकिल ने महिलाओं को बनाया स्वतंत्र' भी इस पाठ का उपयुक्त नाम हो सकता है क्योंकि साइकिल ने पुडुकोट्टई की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है।
प्रश्न 11: 'पुडुकोट्टई' स्थान का वर्णन पाठ में क्यों किया गया है?
उत्तर: 'पुडुकोट्टई' स्थान का वर्णन पाठ में इसलिए किया गया है क्योंकि यहाँ की महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है।
प्रश्न 12: साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं। पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि साइकिल चलाने से वह स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह कई घरेलू कार्य इसकी मदद से कम समय में कर लेती हैं। वह कहीं जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती।
प्रश्न 13: आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है‘ क्यों रखा होगा?
उत्तर: लेखक द्वारा दिया गया शीर्षक बिलकुल उपयुक्त है। पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और पुडुकोट्टई की महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साईकिल को चुना है।
प्रश्न 14: शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
उत्तर: शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया। इसका प्रमुख कारण उनका स्वार्थ था। वे इस गाँव के एकमात्र लेड़ीज साइकिल डीलर थे। इस आंदोलन के कारण उनके यहाँ साइकिल की बिक्री में काफी वृद्धि हुई।
प्रश्न 15: ‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
उत्तर: इस आंदोलन ने महिलाओं को बहुत आत्मविश्वास प्रदान किया है। इससे उनके आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की कुछ महिलाएँ अलग - बगल के गाँवों में कृषि संबंधी अथवा अन्य उत्पाद बेच आती हैं। साईकिल की वजह से बसों के इंतज़ार में व्यय होने वाला उनका समय बच जाता है। महिलाओं को कार्य पर जाने के लिए बस का इंतज़ार नहीं करना पड़ता। उन्हें घर से निकलने के लिए अपने पति, भाई, पिता या बेटों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। वह बहुत सारे घऱेलू कार्य स्वंय कर पाती हैं। कार्य हो जाने पर, घर जल्दी पहुँचने से उन्हें आराम का समय भी मिल जाता है।
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1. पहिया क्या है? |
2. पहिये के प्रकार क्या होते हैं? |
3. पहिया किस प्रकार से काम करता है? |
4. पहिया के उपयोग क्या हैं? |
5. पहिया के अलावा, और कौन-कौन से घुमावदार युक्ति हैं? |
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