1. अपने मित्र के जन्म दिवस पर उसे बधाई देते हुए एक पत्र लिखिए।
73, सेक्टर-2, द्वारका
तिथि: 28 अगस्त 20xx
नई दिल्ली।
प्रिय हिमांशु,
जन्मदिन मुबारक हो! तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। पढ़कर मालूम हुआ कि तुम अपने जन्मदिन के उत्सव पर मुझे आमंत्रित करना चाहते हो। मैं इस शुभ अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि तुम जियो हजारों साल। प्रिय मित्र! मैं इस उत्सव में सम्मिलित नहीं हो पाऊँगा। क्योंकि पिताजी घर पर नहीं हैं अतः मैं कहीं जा नहीं सकता। इस पत्र के साथ मैं एक छोटा-सा उपहार भेज रहा हूँ। आशा है तुम इसे अवश्य स्वीकार करोगे। मेरी बधाई एक बार फिर स्वीकार करो। अपने माताजी और पिताजी को मेरी तरफ से प्रणाम कहना। हार्दिक शुभकामनाओं सहित !
तुम्हारा मित्र,
दीपक
2. अपने छोटे भाई को प्रातः भ्रमण के लाभ बताते हुए एक पत्र लिखिए।
108, ब्लॉक-एफ, विकास पुरी,
3 जनवरी, 20xx
नई दिल्ली
प्रिय अनुज,
शुभाशीर्वाद आज तुम्हारा मित्र रोहित यहाँ आया था। उससे पता चला कि आजकल तुम बहुत आलस करने लगे हो। तुम सुबह बहुत देर से उठते हो। यह ठीक बात नहीं है। इससे तुम्हारे स्वास्थ्य एवं पढ़ाई दोनों पर असर पड़ सकता है। विद्यार्थी जीवन ही पूरी जिंदगी की आधारशिला होती है। शरीर का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि स्वस्थ रहने पर ही तुम कुछ कर सकोगे। जो विद्यार्थी इस अवस्था में प्रतिदिन व्यायाम करने और प्रातः-भ्रमण करने की आदत डाल लेते हैं, वे जीवनभर नीरोग रहते हैं। प्रातः भ्रमण के तो लाभ-ही-लाभ हैं। इससे शरीर को स्वच्छ वायु मिलती है जिससे दिन भर ताजगी बनी रहती है। प्रातः काल की शीतल, मंद, सुगंधित वायु का सेवन शरीर में रक्त-संचार बढ़ाता है। इसके विपरीत जो प्रातः भ्रमण नहीं करते वे आलसी हो जाते हैं। उन्हें कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। अतः प्रातः जल्दी उठकर भ्रमण का अभ्यास डालो। फिर तुम स्वयं उसके फायदे का अनुभव करोगे। आशा है, तुम मेरी सलाह मानोगे और प्रातः घूमने जाया करोगे। शेष मिलने पर।
तुम्हारा शुभाकांक्षी,
रमन
3. पोस्टमास्टर को एक पत्र लिखिए जिसमें डाकिए के विरुद्ध शिकायत की गई हो।
सेवा में,
तिथि- 5 मई, 20xx
मुख्य डाकपाल महोदय,
गोलडाकखाना, रामनगर
विषय- डाकिए के विरुद्ध शिकायती पत्र
मान्यवर,
निवेदन यह है कि मैं रामनगर का निवासी आपके द्वारा इस क्षेत्र में नियुक्त डाकिए के विरुद्ध आपका ध्यान आकर्षित करवाना चाहता हूँ। वह न तो नियमित रूप से डाक लाता है और न ही ठीक समय पर बाँटता है। वह आते-जाते व्यक्ति को सारे मोहल्ले की डाक पकड़ाकर चला जाता है। इसके कारण कई बार आवश्यक पत्र भी समय पर नहीं मिल पाते हैं। मुझे कल ऐसा पत्र मिला, जिसे एक सप्ताह पहले मिल जाना चाहिए था। मेरे एक मित्र का मनीऑर्डर डाकिए के पास आ चुका है, परंतु वह दो दिन से आया नहीं है। यह उसके आलस का प्रमाण है। उसे मैंने कई बार समझाया पर उसके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। अतः आपसे प्रार्थना है कि इस डाकिए को बदलकर किसी अच्छे डाकिए को नियुक्त करने की कृपा करें। आपकी अतिकृपा होगी।
भवदीय,
सुरेश गर्ग
पता-ए-7 कृष्णा नगर, दिल्ली
4. प्रधानाध्यापक के पास अनुपस्थिति की सूचना देने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
सेवा में,
3 दिसंबर 20xx
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
आदर्श विद्या मंदिर, अंबाला
महोदय,
सेवा में विनम्र निवेदन है कि मैं कल अपने पिताजी के साथ मुंबई जा रहा हूँ। इसके कारण आगामी दस दिनों तक मैं अपनी कक्षा में उपस्थित नहीं हो सकूँगा। अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि दिनांक 04-12-20xx से 14-12-20xx तक मेरे अनुपस्थिति-दंड को माफ करें। इसके लिए मैं श्रीमान् का सदा आभारी रहूँगा।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
सुरेश सिंह कक्षा
आठवीं, क्रमांक-3
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