प्रश्न 1. 'कल गैरों की खातिर की' से लेखक का अभिप्राय क्या है?
(i) बीते दिनों में हमने दूसरों के लिए मेहनत की
(ii) बीते दिनों में हमने दूसरों की खातिर खुशामद की
(iii) बीते दिनों में हमने दूसरों की गुलामी की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) बीते दिनों में हमने दूसरों के लिए मेहनत की।
प्रश्न 2. यह गीत इनमें से किसको सम्बोधित है?
(i) देशवासियों को
(ii) बच्चों को
(iii) आलसियों को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) देशवासियों को
प्रश्न 3. इस गीत से इनमें से क्या संदेश मिलता है?
(i) जीवन में मेल-जोल जरूरी है
(ii) एकता और संगठन में शक्ति है
(iii) अपने साथ दूसरों का भी उद्धार करना चाहिए
(iv) नये कार्य करने को अग्रसर रहना चाहिए
उत्तर: (ii) एकता और संगठन में शक्ति है
प्रश्न 4. गीत का संदेश स्पष्ट कीजिए
(i) संघ के साथ काम करें
(ii) हमें प्रत्येक कार्य मिल-जुलकर करना चाहिए
(iii) हमेशा काम के लिए तैयार रहना चाहिए
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (ii) हमें प्रत्येक कार्य मिल-जुलकर करना चाहिए।
प्रश्न 5. लुधियानवी का तात्पर्य क्या है?
(i) लखनऊ का रहने वाला
(ii) अमृतसर का रहने वाला
(iii) लुधियाना का रहने वाला
(iv) आगरा का रहने वाला
उत्तर: (iii) लुधियाना का रहने वाला
प्रश्न 6. गीत का नाम व कवि का नाम लिखिए
(i) साथी हाथ बढ़ाना - हरिवंशराय बच्चन
(ii) साथी हाथ बढ़ाना - शमशेर बहादुर सिंह
(iii) साथी हाथ बढ़ाना - साहिर लुधियानवी
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (iii) साथी हाथ बढ़ाना-साहिर लुधियानवी
प्रश्न 7. गैर किसका प्रतीक है?
(i) वे जातियाँ जिन्होंने भारत पर शासन किया
(ii) अंग्रेजों के लिए
(iii) ज़मीदारों के लिए
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) वे जातियाँ जिन्होंने भारत पर शासन किया
प्रश्न 8. इस गीत में साथी किसको कहा गया है?
(i) युवकों को
(ii) बीमार व्यक्ति को
(iii) स्त्रियों को
(iv) श्रमिकों को
उत्तर: (iv) श्रमिकों को
प्रश्न 9. इंसान से इंसान मिलकर क्या कर सकता है?
इंसान से इंसान मिलकर अपने भाग्य को अपने वश में कर सकता है।
प्रश्न 10. गीत में सीने और बाँह को फौलादी क्यों कहा गया है?
क्योंकि हमारे इरादे मजबूत हैं। लगातार परिश्रम करते-करते हमारी भुजाएँ अत्यन्त मजबूत हो गई हैं और हम आगे भी परिश्रम के लिए तैयार हैं। इसीलिए कवि कहता है कि हमारे सीने फ़ौलादी हैं, बाहें फौलादी हैं।
प्रश्न 11. इस कविता के माध्यम से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
इस कविता से हमें मिल-जुलकर कार्य करने की प्ररेणा मिलती है। एक साथ मिलकर काम करने से हम कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि एकता और संगठन में ही शक्ति निहित होती है।
प्रश्न 12. क्या यह सच है-अपना दुःख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक, कैसे?
हम एक देश और समाज में रहने वाले हैं यदि हमारे देश पर कोई मुसीबत या संकट आता है तो उस संकट से हम बच नहीं सकते और यदि हमारा देश सम्पन्न है तो हम भी सम्पन्न और खुशहाल होंगे। यदि सभी नागरिक सुखी हैं तो समाज सुखी और देश भी सुखी होगा और यदि नागरिक दुःखी हैं तो समाज या देश कैसे सुखी रह सकता है। इस प्रकार हमारा दुःख और सुख एक है हम सबका वर्तमान और भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा है।
प्रश्न 13. 'सागर ने रास्ता छोड़ा, परबत ने शीश झुकाया' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
यदि हम मिल-जुलकर काम करते हैं तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं। संगठन में बड़ी शक्ति होती है। इससे बड़ी से बड़ी शक्ति को भी झुकने पर विवश कर सकते हैं। यदि मनुष्य मिल-जुलकर आगे बढ़ते हैं तो सागर को रास्ता देना पड़ता है और पर्वत उनके कदमों में शीश झुका देते हैं।
प्रश्न 14. 'कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना' के माध्यम से कवि क्या कहना चाह रहा है?
कल हम अंग्रेजों के गुलाम थे अर्थात् दास थे। भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय हमने जितनी भी मेहनत की, उसका हमें लाभ नहीं मिला। उसका लाभ पराए लोगों ने उठाया पर आज हम स्वतंत्र हो गए हैं। आज हम जो भी कार्य करेंगे, जितनी मेहनत करेंगे, उसका लाभ हमें अवश्य होगा। अतएव कवि इन पंक्तियों के द्वारा यह बताना चाहता है कि हम आज अपने देश की खातिर खूब मेहनत करें जिससे हमारा देश और समाज उन्नति करे और खुशहाल हो।
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1. 'साथी हाथ बढ़ाना' पाठ का मुख्य संदेश क्या है? |
2. इस पाठ में कौन-से प्रमुख पात्र हैं और उनकी भूमिका क्या है? |
3. 'साथी हाथ बढ़ाना' पाठ से हमें क्या नैतिक शिक्षा मिलती है? |
4. पाठ में दी गई उदाहरणों का क्या महत्व है? |
5. इस पाठ का प्रभाव बच्चों पर कैसे पड़ता है? |