प्रश्न 1. कविता "ध्वनि" के कवि कौन हैं?
कविता "ध्वनि" के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" हैं।
प्रश्न 2. वसंत के आगमन से प्रकृति में क्या परिवर्तन आ जाते है? ध्वनि पाठ के आधार पर बताए।
वसंत के आने से प्रकृति में अनेक सुन्दर परिवर्तन आ जाते है। पेड़-पौधों के नए पत्ते हो जाते है। डालियाँ फूलों से लद जाती है। कोयल कूकने लगती है।
प्रश्न 3. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए।
इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं । अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसलिए इसे ऋतुराज कहा गया है।
प्रश्न 4. मेरे वन में मृदुल वसंत कहकर कवि ने किस ओर संकेत किया है? ध्वनि पाठ के आधार पर बताए।
कवि ने मेरे वन में मृदुल वसंत कहकर वन रूपी जीवन में वसंत अर्थात युवावस्था के आगमन की ओर संकेत किया है। कवि का संदेश युवापीढ़ी को है।
प्रश्न 5. कवि को ऐसा विश्वास क्यों है कि उसका अंत अभी नहीं होगा?
कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि उसके मन में नया जोश व उमंग है। वह आशावादी है। अभी उसे कई कार्य करने हैं। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहता है और उन्हें उनके लक्ष्य की ओर प्रेरित करना चाहता है। वह अपने रचनात्मक कार्यों की खुशबू चारों ओर बिखेरना चाहता है।
प्रश्न 6. ध्वनि कविता के कवि का नाम लिखिए।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ध्वनि कविता के कवि है।
प्रश्न 7. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है?
कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों का प्रतीक है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित कर उनमें नए उत्कर्ष के स्व्प्न जगाना चाहता है। उनके आलस्य को दूर भगा कर उनमें उत्साह का संचार करना चाहता है।
प्रश्न 8. ध्वनि कविता के अनुसार 'नवजीवन का अमृत' से क्या अर्थ है?
'नवजीवन का अमृत' से अर्थ है कि कवि ने अपने उत्साह के माध्यम से फूलों, पत्तियों व कलियों में नवजीवन की कल्पना की है अर्थात् वह फूलों की उनींदी आँखों से आलस्य हटाकर उन्हें चुस्त व जागरूक करना चाहता है अर्थात् अपने-आपको प्रत्येक कार्य हेतु सक्रिय बनाना चाहता है।
प्रश्न 9. "ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। " - इस कथन की पुष्टि आप किन-किन बातों से कर सकते हैं ? लिखिए।
यह कथन सत्य है कि ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रीष्म ऋतु में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ती है। इसलिए गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडी चीजें खाते और पीते हैं, जैसे कि लस्सी , निम्बू पानी आदि। सभी लोग गर्मी में सूती के कपडे पहनना पसंद करते हैं। वहीं लोग शीत ऋतु में ठंड से बचने के लिए ऊनी कपडे पहनते है। साथ ही ठण्ड से राहत पाने के लिए गर्म खाद्य पदार्थ खाते और पीते हैं। मौसम का प्रभाव हमारे क्रियाकलापों पर भी पड़ता है।
प्रश्न 10. ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में किस आधार पर कवि अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है?
कवि में आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ है। वह जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण रखता है। अपने जीवन में मृदुल वसंत आने की बात कहकर वह खुद में नवयौवन के संचार की बात कहता है। इसी आधार पर वह अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है।
प्रश्न 11. फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन-कौन-सा प्रयास करता है?
फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि अभी - अभी उसके जीवन में वसंत की बहार आई है। इसलिए वह अपने कोमल हाथों को इन कलियों पर फेर कर उनमें एक नई सुबह को जागृत कर देगा। वह उनके आलस्य को दूर भगा कर और उनमें उत्साह का संचार कर देना चाहता है। अर्थात कवि युवकों के मन में निराशा की भावना को दूर कर उनको अमरता का द्धार दिखाना चाहता है।
प्रश्न 12. ‘ध्वनि’ का शाब्दिक अर्थ बताते हुए लिखिए कि कवि ने इस कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ क्यों रखा होगा?
‘ध्वनि’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है-आवाज़। इस कविता में कवि के अंतःकरण या अंतर्मन की आवाज़ प्रकट हुई है, इसलिए उसने कविता का शीर्षक ‘ध्वनि’ रखा है।
प्रश्न 13. क्या कविता का शीर्षक ध्वनि सार्थक है?
कविता का शीर्षक 'ध्वनि' पूर्णतया सार्थक है क्योंकि यह ध्वनि कवि के अंतर्मन की अनुगूंज है जो अनंत में व्याप्त हो रही है। कवि को वसंत के आगमन पर पत्ते-पत्ते में; कण-कण में प्रकृति की सुंदरता, आभा और सुषमा दिखाई पड़ती है। वह इसे जीवंत रूप में देखना चाहता है और अपने कोमल स्पर्श से कलियों व फूलों के आलस्य व निंद्रा को मिटाकर अनंत काल तक खिलने हेतु प्रेरित करता है। वैसे ही कवि को भी यह आभास होता है कि वह भी अपने जीवन में वसंत की भाँति अपने कार्य करे, जिनकी कीर्ति व यश संपूर्ण संसार में फैल जाए। वह अभी अपने जीवन का अंत नहीं चाहता, वह तो सप्राण उस अनंत अर्थात् ईश्वर से मिलना चाहता है।
प्रश्न 14. कवि पुष्पों को किस रूप में देखता है और इनमें क्या परिवर्तन चाहता है?
कवि को पुष्प आलसी तथा नींद से बोझिल दिखाए पड़ रहे हैं। अपने स्पर्श से पुष्पों की नींद भरी आँखों से आलस्य छीन लेना चाहता है, यानी कवि उनका आलस्य दूर कर उन्हें चुस्त और जागरूक बनाना चाहता है।
प्रश्न 15. कवि की चाहत क्या है?
कवि की चाहत है कि वह पुष्प के जीवन के आलस्य, निराशा व प्रमाद को दूर करना चाहता है। वह अपने अनंत से सप्राण भेंट करना चाहता है। वह अपने जीवन की आभा, सुषमा व कर्तव्य भावना को यशस्वी बनाकर चारों ओर फैलाना चाहता है।
1. ध्वनि क्या होती है? |
2. ध्वनि की उत्पत्ति कैसे होती है? |
3. ध्वनि के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से होते हैं? |
4. ध्वनि के लिए आवाज क्यों जरूरी होती है? |
5. ध्वनि की गति कैसे निर्धारित होती है? |
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