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Short Question Answers - दोहे | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 

(प्रत्येक 1 अंक)

प्रश्न 1. प्रेम की डोर किससे बँधी है?
उत्तरः
प्रेम की डोर विश्वास से बँधी है।

प्रश्न 2. एक को साधने का क्या अर्थ है? रहीम के दोहे के अनुसार लिखिये। 
उत्तरः एक को साधने का अर्थ है किसी एक पर विश्वास करके कार्य करना अर्थात् ईश्वर को मूल मानकर उनकी साधना करना।

प्रश्न 3. अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तरः
अवध नरेश श्री राम पर संकट आने पर यानि वनवास के दौरान वे कुछ समय के लिए चित्रकूट आ गए थे।

प्रश्न 4. नट किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तरः नट कुण्डली मारने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है। वह कुण्डली में सिमट जाता है और छलाँग मारकर रस्सी के ऊपर चढ़ जाता है।

प्रश्न 5. सागर की बड़ाई क्यों नहीं होती?
उत्तर:
उसके जल से किसी की प्यास न बुझने के कारण सागर की बड़ाई नहीं होती।

प्रश्न 6. रहीम के अनुसार हिरन अपना सर्वस्व कैसे न्यौछावर कर देता है?
उत्तरः 
रहीम के अनुसार हिरन नाद पर प्रसन्न होकर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देता है।

प्रश्न 7. लाख कोशिश करने के बाद भी बिगड़ी बात नहीं बनती क्यों?
उत्तरः जिस प्रकार एक बार दूध के खराब होने पर उससे मक्खन नहीं बनाया जा सकता। उसी प्रकार लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात नहीं बनाई जा सकती।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. रहीम ने प्रेम के सम्बन्ध में किसका उदाहरण दिया है? प्रेम और धागे में क्या समानता है?
उत्तरः इसके संबंध में रहीम ने धागे का उदाहरण दिया है। प्रेम धागे के समान कोमल और अखण्ड होता है। जिस प्रकार धागा यदि एक बार टूट गया तो फिर जुड़ नहीं पाता और यदि जोड़ भी दिया जाये तो उसमें गाँठ पड़ जाती है वैसा ही प्रेम संबंध है। इसलिए प्रेम रूपी धागा कभी तोड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 2. ‘रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय’ कवि रहीम ने क्यों कहा है?
उत्तरः रहीम के अनुसार मनुष्य को अपने मन की व्यथा अपने मन में ही छिपाकर रखनी चाहिए। उसे किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 3. अपना दुःख दूसरों के सामने प्रकट क्यों नहीं करना चाहिए?
अथवा
हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है? 

उत्तरः अपना दुःख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए क्योंकि असंवेदनशील लोग प्रत्यक्षतः तो सहानुभूति प्रकट करते हैं परन्तु पीठ पीछे उपहास करते हैं। इस प्रकार दुःख कम होने की अपेक्षा बढ़ जाता है।

प्रश्न 4. एक के साधने से सब कैसे सध जाता है?
उत्तरः (i) एक काम को साधने से सब काम वैसे ही सँवर जाते हैं जैसे जड़ में पानी देने से फूल, पत्ती, पूर्ण पेड़ का विकास होता है।
(ii) एक ही परमात्मा के साधने से अन्य सारे काम स्वयं ही सध जाते हैं।
(iii) वही तो सबका मूल है।
(iv) जड़ (मूल) सींचने से फल-फूल स्वयं ही (वृक्ष) लहलहा उठते हैं। उसी प्रकार परमात्मा को साधने से सभी काम सध जाते हैं और पूरे हो जाते हैं।

प्रश्न 5. रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तरः रहीम ने सागर के जल को व्यर्थ इसलिए कहा है, क्योंकि यह पीने के काम नहीं आता। सागर में अथाह जल होने पर भी लोग प्यासे मरते हैं। इसकी तुलना में पंक-जल गंदा होते हुए भी इसलिए धन्य है, क्योंकि इसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। इस प्रकार यह जल उपयोगी है जबकि सागर के जल का कोई उपयोग नहीं है।

प्रश्न 6. ‘जहाँ काम आवै सुई, कहा करे तरवारि’-पंक्ति का आशय पठित दोहे के आधार पर कीजिए।
उत्तरः हर वस्तु का अपना महत्व होता है, सभी उपयोगी सिद्ध होते हैं। बड़े को देखकर छोटे को अनदेखा नहीं करना चाहिए। सुई की आवश्यकता पड़ने पर तलवार काम नहीं आती। जीवन में छोटी से छोटी वस्तु का अपना महत्व होता है।

प्रश्न 7. विपत्ति के समय अपनी ही सम्पत्ति क्यों काम आती है? 
उत्तरः दूसरे की सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है। हो सकता है जरूरत के समय पर वह व्यक्ति ना नुकर करे। इसलिए विपत्ति के समय अपनी सम्पत्ति ही काम आती है।

प्रश्न 8. जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता है?
उत्तरः 
जलहीन यानी पानी बिना कमल की रक्षा सूर्य भी नहीं कर सकता, यद्यपि सूर्य ही कमल को खिलाता है। वह कमल खिलेगा जो पानी के मध्य स्थित है। अर्थात् दूसरा भी हमारी मदद तभी कर पाता है जब हमारे पास कुछ होता है। साधनहीन की कोई मदद नहीं करता।

प्रश्न 9. ‘मोती, मानुष, चून’ के सन्दर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः ‘मोती’ के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक (कान्ति) है। इसी चमक से वह कीमती बनता है। ‘मानुष’ के सन्दर्भ में ‘पानी’ इज्जत, मान-सम्मान का प्रतीक बनकर आता है। इसी से मनुष्य का समाज में स्थान निश्चित होता है। ‘चून’ के सन्दर्भ में पानी ही उसे गूँदने के काम आता है और तभी इससे खाना पकना संभव होता है।

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FAQs on Short Question Answers - दोहे - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. दोहे Class 9 क्या हैं?
उत्तर: दोहे Class 9 एक पाठ्यक्रम है जो कक्षा 9 के छात्रों के लिए हिंदी विषय में पाठ्य पुस्तक के रूप में प्रदान किया जाता है। इस पाठ्यक्रम में विभिन्न दोहे और उनके व्याख्यान, अर्थ और मूल्यांकन के बारे में सीखने का प्रयास किया जाता है।
2. दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम में कौन-कौन से दोहे हैं?
उत्तर: दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम में कई मशहूर और महत्वपूर्ण दोहे हैं। कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं: 1. दोहा - "मनुष्यता के लिए बड़ी महत्ता, नहीं जाती, नहीं बराबरी, नहीं कोई अलगाव होता।" 2. दोहा - "दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय।।" 3. दोहा - "कबीरा जन गुन सखा है, बिरह न सखा जाय। जो तन पाया तन खोई, ज्यों ज्यों करत उदय।।" 4. दोहा - "दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय।।" 5. दोहा - "संसार के निर्माता कोई और नहीं अपना भला बनाओ। जब तक जीवन है, तब तक यह जीना जारी रखो।"
3. दोहे Class 9 में कौन-कौन से विषय शामिल हैं?
उत्तर: दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम में कई विषय शामिल हैं। कुछ मुख्य विषय इस प्रकार हैं: 1. जीवन की रहस्यमय यात्रा 2. मनुष्यता 3. ईश्वर प्रेम 4. संसार की सुख-दुख दशा 5. नीति के विचार
4. दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम में उपयोगी हैं?
उत्तर: दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम में स्थिति के विविध पहलुओं के माध्यम से छात्रों को अनुभव प्रदान करने का प्रयास किया गया है। इस पाठ्यक्रम में विभिन्न दोहे के माध्यम से छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सोचने की क्षमता मिलती है, जैसे कि मानवीयता, ईश्वर प्रेम, नीति आदि। इससे छात्रों का मानवीय विकास सहज तरीके से होता है और वे अपने आप को समझने में सक्षम होते हैं।
5. दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम का विद्यार्थियों के अध्ययन में क्या महत्व है?
उत्तर: दोहे Class 9 के पाठ्यक्रम का विद्यार्थियों के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी अपनी भाषा के रूप में हिंदी का अध्ययन करते हैं और दोहों के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करने का कौशल विकसित करते हैं। दोहों के माध्यम से विद्यार्थी समाज के विभिन्न मुद्दों को समझते हैं और अपने जीवन में उनके अनुपालन के लिए प्रेरित किए जाते हैं।
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