Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  Hindi Class 8  >  Important Questions: तलाश

Important Questions: तलाश | Hindi Class 8 PDF Download

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: भारत के ‘अतीत की झाँकी’ अंश से क्या समझते हैं?
उत्तर: ‘अतीत की झाँकी’ अर्थात् भारतीय संस्कृति  अत्यन्त प्राचीन है। यह हर परिस्थितियों में भी मजबूत बनी रही। यही भारत की नींव का आधार है।

प्रश्न 2: नेहरूजी ने सिन्धु घाटी-सभ्यता को आश्चर्यजनक क्यों कहा है?
उत्तर:
नेहरू जी ने सिन्धु घाटी-सभ्यता को आश्चर्यजनक इसलिए कहा क्योंकि यह सभ्यता और संस्कृति  पाँच-छः हजार वर्ष या उससे भी अधिक समय तक परिवर्तनशील रहकर निरन्तर कायम रही।

प्रश्न 3: सिन्धु नदी की विशेषता लिखिए।
उत्तर:
सिन्धु हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदी है। इसे ‘इंडस’ भी कहा जाता है। इसी के आधार पर भारत का नाम इंडिया या हिन्दुस्तान पड़ा।

प्रश्न 4: प्राचीन सभ्यता में विदेशों में भारतीय संस्कृति  के प्रभाव के दो कारण बताइए।
उत्तर: 
नेहरूजी कहते हैं कि मोहनजोदड़ो एक प्राचीन और विकसित सभ्यता थी। इसके स्थायी रूप से टिके रहने का और प्राचीन सभ्यता में विदेशों में भारतीय संस्कृति  के प्रभाव के दो कारण मुख्य हैं-पहला प्राचीन सभ्यता का ठेठ भारतीयपन और दूसरा मज़बूत सांस्कृतिक आधार।

प्रश्न 5: सार्वजनिक काम राजा की मर्जी के मोहताज नहीं होते उसे खुद हमेशा इनके लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे कौन-कौन से सार्वजनिक कार्य हैं जिन्हें आप बिना किसी हिचकिचाहट के करने को तैयार हो जाते हैं?
उत्तर:
फ्रांस, मिस्र, ग्रीस, चीन, अरब, मध्य एशिया और भू-मध्य सागर के लोगों से भारत का बराबर निकट संपर्क रहा है। भारत ने उन्हें प्रभावित किया। यह उसकी मजबूत सांस्कृतिक आधार के कारण था।
सार्वजनिक कार्य निम्न हैं:
(1) किसी के विवाह में जाना या जन्म दिन की पार्टी में जाना।
(2) तीज, त्यौहार पर एक-दूसरे के घर जाना।
(3) अपने देश में ही भ्रमण पर जाना।
(4) बीमार व्यक्ति को देखने जाना आदि।

प्रश्न 6: नेहरू जी की भारत के लिए क्या दृष्टि थी और क्यों?
उत्तर:
नेहरू जी भारत को एक आलोचक की दृष्टि से देखते थे। वे एक ऐसे आलोचक थे जो वर्तमान को देखते थे, पर अतीत के बहुत-से अवशेषों को नापसंद करते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे जिससे वे अतीत के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों को जान सकें, उनका अवलोकन कर सकें।

प्रश्न 7: विशाल पर्व कुंभ-स्नान के विषय में नेहरू जी क्या सोचते थे?
उत्तर:
विशाल कुंभ-स्नान पर्व को देखकर नेहरू जी को हैरानी होती थी कि इतने वर्षों से लगातार इस गंगा स्नान का महत्व बना हुआ है। भारत की असंख्य पीढ़ियों का इस नदी के साथ घनिष्ठ संबंध रहा हैं। सैंकड़ों, हजारों लोग इस पर्व में कुंभ-स्नान करते हैं और हजारों वर्षों से उनके पूर्वज गंगा स्नान के लिए भारत के कोने-कोने से आते रहे हैं। आज वर्तमान में भी यह आस्था ज्यों-की-त्यों बनी हुई है।

प्रश्न 8: लेखक कहाँ खड़ा था?
उत्तर:
लेखक भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंधु घाटी में मोहनजोदड़ो के एक टीले पर खड़ा था, जिसके चारों तरफ प्राचीन नगर के घर और गलियाँ बिखरी पड़ी थीं।

प्रश्न 9: नेहरू जी नदियों के बारे में क्या कहते हैं?
उत्तर: 
पर्वतों से निकलकर भारत के समतल मैदानों में बहने वाली नदियों ने नेहरू जी को अपनी ओर बहुत आकर्षित किया था सिंधु इंडस नदी, जिसके आधार पर हमारे देश का नाम इंडिया या हिन्दुस्तान पड़ा। पुरानी कहानियों में जीवित ब्रह्मपुत्र, शांत व रमणीय धारा के रूप में बहने वाली और यमुना जिसके चारों ओर नृत्य, उत्सव और नाटक से संबंधित अनेक पौराणिक कथाएँ एकत्र हैं। गंगा जिसकी गाथा भारत की सभ्यता और संस्कृति  की कहानी है।

प्रश्न 10: भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए नेहरू जी ने किन-किन माध्यमों का सहारा लिया?
उत्तर: 
भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए नेहरू जी ने भारत को आलोचक की दृष्टि से देखा। उन्होंने पुराने स्मारकों और भग्नावशेषों को, पुरानी मूर्तियों और भित्ति चित्रों को देखा-अजंता, एलोरा, एलिफेंटा की गुफाओं को देखा। आगरा, दिल्ली की खूबसूरत इमारतों को देखा और विदेशी यात्रियों के भारत-यात्रा के वर्णनों को भी पढ़ा।

प्रश्न 11: नेहरू जी का भारत के इतिहास का एक आलोचक की दृष्टि से निरीक्षण करना कितना उचित था?
उत्तर:
हाँ, नेहरू जी का एक आलोचक की दृष्टि से भारत के इतिहास का निरीक्षण करना पूर्णतया उचित था, क्योंकि वे अपनी विद्वता के कारण इस बात को समझते थे कि जीवन में सकारात्मक व नकारात्मक सोच साथ-साथ चलती है। इसी आधार पर वे भारत के इतिहास के सही और गलत पहलुओं पर विचार कर सके।

प्रश्न 12: कौन-सी अवधारणा और अधिक विकसित होती चली गई?
उत्तर:
राष्ट्रीयता की अवधारणा और अधिक विकसित होती चली गई। विदेशों में भारतीय अनिवार्य रूप से एक राष्ट्रीय समुदाय बनाकर विभिन्न कारणों से एकजुट रहते हैं, भले ही उनमें वैचारिक भिन्नता हो। एक हिन्दुस्तानी ईसाई कहीं  भी जाए, उसे हिन्दुस्तानी ही माना जाता है। इसी प्रकार किसी हिन्दुस्तानी मुसलमान को किसी अन्य इस्लामिक देश में भारतीय ही समझा जाता है।

प्रश्न 13: भारतीय सभ्यता के संपर्क में कौन-कौन से देशों के लोग आए? इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
भारतीय सभ्यता के संपर्क में फारस, चीन, मिस्र, ग्रीक, अरब, मध्य एशिया और भू-मध्य सागर के लोग आए। यद्यपि भारत और अन्य देश एक-दूसरे से प्रभावित हुए, परंतु भारत का सांस्कृतिक आधार बहुत मज़बूत था कि वह हिला तक नहीं। उस पर अन्य देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

प्रश्न 14: भारत की विविधता अद्भुत है, लेकिन कैसे?
उत्तर: 
भारत में चारों तरफ विविधता के दर्शन होते हैं। इसे कोई भी देख सकता है। इस विविधता का संबंध शारीरिक रूप से भी है और मानसिक आदतों व विशेषताओं से भी है। उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के पठान और सुदूर दक्षिण के निवासी तमिल में बहुत कम समानता देखने को मिलती है, वह उनके भीतर के सूत्र एक समान हो सकते हैं। सभी भाषाओं के लोगों की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ हैं पर सब पर भारतीयता की गहरी छाप है।

प्रश्न 15: भारत के सीमांत क्षेत्रों के बारे में नेहरू जी ने क्या कहा?
उत्तर:
भारत के सीमांत क्षेत्र अपने-अपने पड़ोसी देशों से भी गहरा संबंध रखते थे जैसे:अफगानिस्तान, भारत से हजारों वर्ष तक जुड़ा रहा। पुराने तुर्क और दूसरी जातियाँ, जो अफगानिस्तान और मध्य-एशिया में बसी थीं, इस्लाम के आने से पहले बौद्ध थीं और उससे भी पहले वैदिक काल में हिन्दू  थीं। अतः इनका रहन-सहन व रीति-रिवाज भी परस्पर मिलते-जुलते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: गंगा-यमुना नदियों की प्राचीनता एवं महानता नेहरूजी ने किस प्रकार व्यक्त की है?
उत्तर:
गंगा-यमुना नदियाँ हिमालय से निकलती हैं फिर पहाड़ों और जंगल युक्त मैदानों से रमणीय धारा के रूप में बहती हैं। गंगा नदी ने तो शुरुआत से ही भारत के दिल पर राज किया है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। इन नदियों के आसपास इतिहास बिखरा पड़ा है। इसके चारों ओर नृत्य, उत्सव और नाटक से सम्बन्धित न जाने कितनी पौराणिक कथाएँ एकत्र पड़ी हुईं हैं।

प्रश्न 2: नेहरूजी के व्यक्तित्व से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: 
नेहरू जी को भारत की सभ्यता और संस्कृति  से गहरा लगाव था। वह इसके महत्त्व को सब के सामने लाना चाहते थे। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भी उनकी तरह अपनी सभ्यता एवं संस्कृति  पर गर्व करना चाहिए और इसे नष्ट होने से बचाने के लिए हर सम्भव प्रयत्न करना चाहिए।

प्रश्न 3: नेहरूजी भारत की किस प्रकार की तस्वीर को सहेजकर रखना चाहते थे?
उत्तर:
नेहरूजी भारत की वह तस्वीर सहेजकर रखना चाहते थे जिसमें हरे-भरे मैदान, उसके आस-पास बसे गाँव, कस्बों और शहर, ठंडे प्रदेश, बर्फ से ढँकी हिमालय की चोटियाँ, पहाड़ी भागों में बहती नदियाँ, देश का दक्षिणी भाग तथा कश्मीर आदि के सुन्दर दृश्य हों, साथ ही नवजात फूलों से भरी पहाड़ी घाटी और उनके बीच से बहता झरना। इससे जो सुन्दर तस्वीर बनती है उसे नेहरूजी संजोए रखते थे।

प्रश्न 4: ‘भारत माता की जय’ इस नारे में किसकी जय की बात कही जाती है? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर:
‘भारत माता की जय’ का अर्थ है जनता जर्नादन की जय कही गई है, क्योंकि हर भारतवासी भारत माता का हिस्सा है जो इस विशाल धरती पर चारों ओर फैले हैं। भारत में एक प्रकार की दृढ़ता और अन्तः शक्ति है जिसे यहाँ की जनता ने कुछ अंशों में अब भी बचाए रखा है। भारत माता हमारी धरती है। भारत के पहाड़, नदियाँ, जंगल और खेत हमारे लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं। इनकी सुरक्षा हमारा दायित्व भी है।

प्रश्न 5: आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था?
उत्तर:
भारत तकनीक की दौड़ में पिछड़ गया और यूरोप जो तमाम बातों में एक जमाने से पिछड़ा हुआ था, तकनीकी प्रगति के मामले में आगे निकल गया। इस तकनीकी विकास के पीछे विज्ञान की चेतना थी और हौसलामंद जीवन शक्ति और मानसिकता थी। नई तकनीक ने पश्चिमी यूरोप के देशों को सैनिक बल दिया। हालांकि भारत में मानसिक सजगता और तकनीकी कौशल की कमी नहीं थी। किन्तु जीवन की लालसा बढ़ने से मेहनत में कमी आ गई। मानसिक जड़ता और शारीरिक थकावट से भारत का ट्ठास होने लगा।

प्रश्न 6: भारतीयों की दशा कैसी थी? उस दशा में भी उनकी क्या विशेषता थी? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: 
उस समय भारत में चारों ओर घोर गरीबी व्याप्त थी। भारत के लोग गरीबी व विपत्तियों का जीवन जीने को विवश थे। ग्रामीण तथा निम्न-मध्यमवर्गीय लोगों की दशा बहुत खराब थी। समाज में भ्रष्टाचार, अभाव और असुरक्षा की स्थिति बनी हुई थी। लोग अंग्रेजों के भय एवं दबाव में जी रहे थे। मध्यमवर्ग आधुनिकता को अपनाने लगा था। इस प्रकार अभावग्रस्त व विपत्तियों से भरा जीवन जीते हुए भी भारतीय लोग स्वभाव से बहुत ही नम्र थे तथा भलमनसाहत उनकी विशेषता थी, जो उन्हें उनके पूर्वजों से सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्राप्त हुई। जिसे भारतीयों का बड़े-से-बड़ा दुःख या दुर्भाग्य भी नहीं मिटा सका, जो आज के युग में भी व्याप्त है।

प्रश्न 7: भारतीय संस्कृति  की विशेषताएँ लिखिए तथा नेहरू जी के व्यक्तित्व से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? पाठ के आधार पर अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संस्कृति  अत्यंत प्राचीन संस्कृति  है। समय-समय पर होने वाले बदलाव भी इसका स्वरूप नष्ट नहीं कर सके। यह विपरीत परिस्थियितों में भी मजबूत बनी रही तथा इसका महत्त्व भविष्य में भी बना रहेगा। यह पुराने विचारों के साथ-साथ नए विचारों का आत्मसात करने में भी सक्षम है। भारतीय संस्कृति  ही भारत की न°व का आधार भी है। क्योंकि इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी विविधता में एकता है। नेहरू जी भारतीय संस्कृति  तथा भारतीय सभ्यता के साथ-साथ भारत के अतीत से भी गहरा लगाव रखते थे। नेहरू जी अपनी संस्कृति  की महानता तथा इसके महत्त्व को सभी के सामने लाना चाहते थे। वे चाहते थे कि सभी मनुष्य भारतीय संस्कृति  के महत्त्व को समझें व जानें। अतः नेहरू जी के व्यक्तित्व से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें भी अपनी संस्कृति तथा सभ्यता पर गर्व करना चाहिए व इसकी महानता को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें भारतीय संस्कृति  व सभ्यता को नष्ट होने व दूषित होने से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रश्न 8: अनपढ़ और ग्रामीण लोगों को देख नेहरू जी हैरान क्यों रह गए और नेहरू जी को उन लोगों में क्या संभावनाएँ नजर आईं? लिखिए।
उत्तर:
देहाती और अनपढ़ लोगों को देखकर नेहरू जी इसलिए हैरान रह गए, क्योंकि ग्रामीणों के अनपढ़ होते हुए भी इन लोगों को लोक प्रचलित अनुवादों और टीकाओं के माध्यम से भारत के प्राचीन महाकाव्य ‘रामायण’ तथा ‘महाभारत’ जैसे ग्रंथों व अन्य ग्रन्थों का भी ज्ञान था। इन ग्रंथों की कथाओं तथा घटनाओं का नैतिक अर्थ भी इन ग्रामीणों को भली-भाँति ज्ञात था। उन लोगों को इन ग्रंथों के सैंकड़ों पद याद थे, जिनका प्रयोग वे रोजमर्रा की बातचीत के बीच उदाहरण के रूप में करते थे या नैतिक उपदेश वाली कहानियों में करते थे। नेहरू जी को ग्रामीणों में यह संभावना नजर आई कि इन ग्रामीणों में उत्साह और साहस की कमी नहीं है। इनको साथ लेकर कुछ भी किया जा सकता है। यदि इन लोगों को अवसर मिलें, तो इनकी स्थिति भी अच्छी हो सकती है।

प्रश्न 9: नेहरू जी को कैसे पता चला कि सभा में आए किसानों को भारत व अपने धर्म का ज्ञान था तथा उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का क्या अर्थ बताया?
उत्तर: 
नेहरू जी ने देखा कि सभा में आए किसानों को भारत का ज्ञान था, क्योंकि उन ग्रामीणों को प्राचीन महाकाव्यों, पुराकथाओं और दंतकथाओं की पूरी जानकारी थी। वे ग्रामीण साहित्य के माध्यम से भारत की अवधारणा से परिचित हो चुके थे तथा इन ग्रामीणों में कुछ लोग ऐसे भी थे, जो भारत के चारों कोनों में स्थित चारों धामों (अर्थात् धार्मिक स्थलों) की यात्रा कर चुके थे। नेहरू जी ने सभा में आए ग्रामीण किसानों को ‘भारत माता की जय’ का अर्थ बताया कि भारत माता किसी स्थान, क्षेत्र या प्रांत विशेष की मिट्टी न होकर, संपूर्ण भारत की मिट्टी, इसके पहाड़, नदियाँ, जंगल, चारों ओर फैले हरे-भरे खेत और भारत की जनता है।

प्रश्न 10: नेहरू जी ने एकता का संदेश किस माध्यम से दिया? तथा भारत की एकरूपता के बारे में किसानों को किस प्रकार समझाया?
उत्तर:
नेहरू जी ने एकता का संदेश ‘भारत माता की जय’ के माध्यम से दिया। उन्होंने बताया कि सभी भारतीय अखंड भारत का अंग हैं। वे स्वयं ही भारत माता हैं। इस प्रकार उन्होंने एकता का संदेश दिया। भारत की एकरूपता बताने के लिए नेहरू जी ने किसानों को समझाते हुए कहा कि संपूर्ण भारत के किसानों की स्थिति एक समान है। सभी किसान एक जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सभी अंग्रेजी शासन द्वारा सताए गए व पीड़ित हैं। उन्होंने किसानों से कहा कि हम सभी को मिलकर संघर्ष करके अपने देश को स्वतंत्र कराना है। नेहरू जी ने किसानों को यही समझाने की कोशिश की कि वे भारत को अखंड मानकर उसके बारे में सोचे।

मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1: देश के निर्माण में युवकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। उनमें विशेष गुणों का विकास होना चाहिए। क्या उनमें ये गुण दिखाई देते हैं? आप क्या समझते ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक देश की उन्नति उसके नवयुवकों के मज़बूत कंधों पर ही होती है। क्योंकि उनमें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शक्ति अधिक होती है। वे प्रत्येक उत्तरदायित्व को सँभालने के योग्य होते हैं। युवकों में साहस होता है, शारीरिक बल होता है, कार्यक्षमता होती है। इन्हीं  शक्तियों से देश की व्यवस्था तथा शासन अच्छी प्रकार से संचालित होते हैं। अतः देश की उन्नति के लिए प्रत्येक युवक का कर्तव्य है कि वह स्वयं कलाकार या दस्तकार बने और दूसरों को भी इस ओर प्रेरित करें। खेत, फैक्ट्री, कारखाने, मिल आदि हर क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि के लिए युवकों को निष्ठापूर्वक आगे आकर अपने ज्ञान का परिचय देना चाहिए। युवकों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करके एक देशभक्त, प्रबुद्ध तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनकर अपनी मातृभूमि को उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाने के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।

The document Important Questions: तलाश | Hindi Class 8 is a part of the Class 8 Course Hindi Class 8.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
51 videos|311 docs|59 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on Important Questions: तलाश - Hindi Class 8

1. तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न: तलाश क्या होती है?
उत्तर: तलाश एक कक्षा 8 के विज्ञान पाठ्यक्रम में एक महत्वपूर्ण विषय है। इसमें छात्रों को विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके विभिन्न सामग्रियों या पदार्थों की खोज करने का तरीका सिखाया जाता है। यह उन्हें विज्ञान में अधिक रुचि और ज्ञान को विकसित करने में मदद करता है।
2. तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न: तलाश क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें छात्रों को विज्ञान के मूल सिद्धांतों को समझने और उन्हें अपनी रुचि के अनुसार छोटे परियोजनाओं को सम्पादित करने का अवसर मिलता है। यह उन्हें विज्ञान में अधिक प्रभावी बनाता है और उनकी विज्ञानिक सोच को विकसित करता है।
3. तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न: तलाश कैसे की जाती है?
उत्तर: तलाश कक्षा 8 में छात्रों को विभिन्न पदार्थों या सामग्रियों की खोज करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करना सिखाया जाता है। यह कई चरणों में होता है, जैसे कि विचार या विमर्श करना, प्रयोग करना, अवलोकन करना, डेटा एकत्र करना और उपयोग करना। यह छात्रों को स्वतंत्रता और समस्या समाधान कौशल प्रदान करता है।
4. तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न: तलाश के लाभ क्या हैं?
उत्तर: तलाश कक्षा 8 के लिए कई लाभ हैं। यह छात्रों को विज्ञान में अधिक रुचि और ज्ञान को विकसित करने में मदद करता है। यह उन्हें स्वतंत्रता और समस्या समाधान कौशल प्रदान करता है। तलाश करने के दौरान छात्रों को अनुभव और प्रयोगशाला कौशल भी प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, यह छात्रों को अधिकारिक विज्ञान समीक्षा में भी तैयार करता है।
5. तलाश कक्षा 8 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न: तलाश कैसे सीखी जा सकती है?
उत्तर: तलाश कक्षा 8 में सीखी जा सकती है जब छात्रों को विभिन्न पदार्थों या सामग्रियों की खोज करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करना सिखाया जाता है। शिक्षक छात्रों को प्रयोगशाला में अभ्यास करने के अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, छात्रों को विभिन्न विज्ञान प्रदर्शनी और परियोजनाएं करना भी सिखाया जा सकता है जिससे उनकी तलाश कौशल सुधारती है।
51 videos|311 docs|59 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Previous Year Questions with Solutions

,

shortcuts and tricks

,

Semester Notes

,

mock tests for examination

,

study material

,

ppt

,

Free

,

practice quizzes

,

Important questions

,

Exam

,

past year papers

,

pdf

,

Objective type Questions

,

Summary

,

Important Questions: तलाश | Hindi Class 8

,

Extra Questions

,

Sample Paper

,

video lectures

,

Important Questions: तलाश | Hindi Class 8

,

Viva Questions

,

MCQs

,

Important Questions: तलाश | Hindi Class 8

;