Class 5 Exam  >  Class 5 Notes  >  Hindi Class 5  >  कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी

कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी | Hindi Class 5 PDF Download

राजेश जोशी द्वारा रचित इस कविता में रतन नाम के एक अपंग बच्चे की दशा और उसकी माँ की बेबसी का वर्णन किया गया है। रतन देखने में अन्य बच्चों की तरह ही था परन्तु बोल नहीं सकता था। वह रोज बच्चों के साथ खेलने आया करता था। बच्चों के लिए वह अजूबा था क्योंकि वे उसे अपनों से अलग पाते थे। वे उससे घबराते भी थे क्योंकि न तो वे उसके इशारों को समझ पाते थे न ही उसकी घबराहट को। उसकी आँखों में हमेशा भय समाया रहता था। जब तक वह खेलता उसकी माँ उसके आस-पास बैठी रहती। उसकी नजर हमेशा रतन पर होती। शायद वह उसकी सुरक्षा को लेकर परेशान रहती थी। कवि उन दिनों बच्चा था। अतः रतन की माँ की बेबसी को समझ पाने में बिल्कुल असमर्थ था। परन्तु अब वह बड़ा हो गया है और बचपन की बातें उसे अच्छी तरह याद आ रही हैं। उसे रतन की माँ का वह बेबस चेहरा भी याद आ रहा है।

कवि कहता है कि रतन से भी ज्यादा परेशान और चिंतित उसकी माँ रहती थी।

काव्यांशों की व्याख्या
1. न जाने किस अदृश्य पड़ोस से
निकल कर आता था वह
खेलने हमारे साथ-
रतन, जो बोल नहीं सकता था
खेलता था हमारे साथ
एक टूटे खिलौने की तरह
देखने में हम बच्चों की ही तरह
था वह भी एक बच्चा।
लेकिन हम बच्चों के लिए अजूबा था
क्योंकि हमसे भिन्न था।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘रिमझिम भाग-5′ में संकलित कविता ‘एक माँ की बेबसी’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों के रचयिता हैं-राजेश जोशी।।
अर्थ- रतन नाम का एक बच्चा है जो बोल नहीं पाता है। वह रोज हम बच्चों के साथ खेलने आता है। वह हमारे साथ खेलते समय एक टूटे खिलौने की तरह लगता है। देखने में रतन बिल्कुल हमारे जैसा एक बच्चा है लेकिन हमसे अलग है। क्योंकि वह बोलने में असमर्थ है। शायद इसीलिए हमारे लिए वह अजूबा है।।
शब्दार्थ: अदृश्य- जो दिखाई न दे। अजूबा- विचित्र। भिन्न- अलग। 


2. थोड़ा घबराते भी थे हम उससे
क्योंकि समझ नहीं पाते थे।
उसकी घबराहटों को,
न इशारों में कही उसकी बातों को,
न उसकी भयभीत आँखों में
हर समय दिखती
उसके अंदर की छटपटाहटों को।

प्रसंग- पूर्ववत्  इन पंक्तियों में कवि ने एक गूंगे बालक की बेबसी को दिखाया है।
अर्थ- रतन नाम का एक बच्चा है जो बोलने में असमर्थ है। वह हम बच्चों के साथ रोज खेलने आया करता है। हम उससे थोड़ा घबराते थे, क्योंकि न तो हम उसकी घबराहटों को समझ पाते थे न ही उसके इशारों को। वह इशारों में बहुत-सारी बातें कह जाता लेकिन हम उन्हें बिल्कुल नहीं समझ पाते। उसकी आँखों में हमेशा एक भय समाया रहता था। हम उसे भी नहीं समझ पाते थे।
शब्दार्थ: इशारों- संकेतों। भयभीत- डरा हुआ। छटपटाहटों- बेचैनी।

3. जितनी देर वह रहता
पास बैठी उसकी माँ
निहारती रहती उसका खेलना।
अब जैसे-जैसे
कुछ बेहतर समझने लगा हूँ
उनकी भाषा जो बोल नहीं पाते हैं।
याद आती
रतन से अधिक
उसकी माँ की आँखों में
झलकती उसकी बेबसी।

प्रसंग- पूर्ववत्  इन पंक्तियों में कवि ने एक गूंगे बच्चे और उसकी माँ की बेबसी का चित्रण किया है।
अर्थ- रतन नाम का एक बच्चा है जो बोलने में असमर्थ है। वह रोज़ाना हम बच्चों के साथ खेलने आया करता है। वह जब तक हमारे साथ खेलता है, उसकी माँ उसके पास बैठी रहती है। उसकी नज़र हमेशा खेलते हुए रतन पर होती थी। कवि कहता है कि तब वह छोटा बच्चा था और बहुत कुछ समझ नहीं पाता था। अब बड़ा हो गया है और समझदार भी। अब उसे रतन की भाषा समझ में आने लगी है। यह भी याद आने लगा है कि कैसे उसकी माँ बेबस आँखों से अपने गुंगे बच्चे को निहारती थी। कवि कहता है कि रतन से भी ज्यादा बेबस तो उसकी माँ थी। बड़ा होकर कवि एक गूंगे बच्चे की माँ की पीड़ा को महसूस करने लगा है।
शब्दार्थ: निहारती रहती- देखती रहती। बेहतर- और अच्छा। झलकती- दिखती। बेबसी- लाचारी।

The document कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी | Hindi Class 5 is a part of the Class 5 Course Hindi Class 5.
All you need of Class 5 at this link: Class 5
21 videos|127 docs|18 tests

Top Courses for Class 5

FAQs on कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी - Hindi Class 5

1. एक माँ की बेबसी कविता का सारांश क्या है?
उत्तर: एक माँ की बेबसी कविता एक गहरी और भावनात्मक कविता है जो माँ की संघर्षों और मानसिक संताप को दर्शाती है। इस कविता में माँ की कठिनाइयों का वर्णन किया गया है और उसकी बेबसी को दर्शाया गया है।
2. इस कविता में कौन सा विषय दिया गया है?
उत्तर: इस कविता में एक माँ की बेबसी का विषय दिया गया है। यह कविता माँ के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे कि उनका संघर्ष, उनकी मानसिक स्थिति और उनकी बेबसी।
3. इस कविता में कौन-कौन सी भावनाएं व्यक्त की गई हैं?
उत्तर: इस कविता में विभिन्न भावनाएं व्यक्त की गई हैं, जैसे कि दुःख, पीड़ा, बेबसी, उदासीनता और उम्मीद। यह कविता माँ के भावनात्मक संघर्षों को प्रकट करती है और उनकी स्थिति को दर्शाती है।
4. इस कविता में कौन-कौन से मानसिक संताप दिखाए गए हैं?
उत्तर: इस कविता में कई प्रकार के मानसिक संताप दिखाए गए हैं। माँ की बेबसी, उदासीनता, उम्मीद की कमी, और पीड़ा के भाव इस कविता में व्यक्त होते हैं। यह कविता एक माँ के अंतरंग संघर्ष को दर्शाती है।
5. इस कविता का संदेश क्या है?
उत्तर: इस कविता का संदेश है कि माँ के जीवन में उनके संघर्ष और बेबसी को समझना महत्वपूर्ण है। इस कविता के माध्यम से हमें माँ के प्रति समझदारी और सहानुभूति बढ़ाने की आवश्यकता को बताया जाता है।
21 videos|127 docs|18 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 5 exam

Top Courses for Class 5

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी | Hindi Class 5

,

Summary

,

Extra Questions

,

Objective type Questions

,

Free

,

Semester Notes

,

MCQs

,

Previous Year Questions with Solutions

,

practice quizzes

,

Important questions

,

Viva Questions

,

Sample Paper

,

Exam

,

study material

,

कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी | Hindi Class 5

,

कविता का सारांश: एक माँ की बेबसी | Hindi Class 5

,

video lectures

,

shortcuts and tricks

,

pdf

,

past year papers

,

mock tests for examination

,

ppt

;