Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  Hindi Class 8  >  पाठ का सारांश - कामचोर, हिंदी, कक्षा - 8

पाठ का सारांश - कामचोर, हिंदी, कक्षा - 8 | Hindi Class 8 PDF Download

पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ हास्य-व्यंग्य से भरपूर है, जिसमें अमीर घर के उन बच्चों की शरारतों का वर्णन है, जिन्हें बचपन में काम करने की आदत नहीं डाली गई है। इससे वे आलसी और निकम्मे हो गए हैं। उनकी आदतों को देखकर उनके माता-पिता जब उन्हें काम करने के लिए आदेश देते हैं तो वे सब इतना ऊधम मचाते हैं कि उन्हें दुबारा किसी काम को हाथ न लगाने की चेतावनी देनी पड़ती है। इससे वे फिर पहले जैसे ही निकम्मे और आलसी हो जाते हैं।

बिगड़े बच्चों की शरारतों से परेशान होकर घर के बड़े फैसला करते हैं कि घर के नौकरों को निकाल दिया जाए ताकि ये बच्चे कुछ तो काम करें। ये अपना भी काम नहीं करते, कामचोर कहीं के। सारा दिन ऊधम मचाना एवं शरारत करना ही इनका काम रह गया है। इतना सुनने के बाद बच्चों को भी ध्यान आया कि उन्हें कुछ काम करना चाहिए। सबसे पहले उन्हें स्वयं पानी पीने का ख्याल आया, पानी पीने के लिए सुराहियों, मटकों के पास ही घमासान शुरू हो गया। पानी के बर्तन इधर-उधर लुढक़कर गिरे। सब बच्चे पानी से गीले हो गए।

अम्मा को उन बच्चों की आदतों के बारे में पता था कि वे कोई काम ढंग से नहीं करेंगे पिता जी ने फरमान जारी किया- "जो काम नहीं करेगा उसे रात का खाना नहीं मिलेगा। बच्चों दवारा काम के बारे में पूछने पर उन्होंने .फर्शी दरी साफ करने, पौधों में पानी डालने, आँगन का कूड़ा सा.फ करने का काम बताया और बच्चों को तनख्वाह का प्रलोभन भी दिया। बच्चे तनख्वाह की लालच पाते ही काम पर टूट पड़े।
बच्चों ने .फर्शी दरी उठा कर और झटकना शुरू कर दिया। दो-चार बच्चे लकडिय़ाँ लेकर दरी पीटने लगे। इससे सारा घर धूल से भर गया। .खाँसते-खाँसते बुरा हाल हो रहा था। सब बच्चे बाहर निकाले गए। अब उन्होंने आँगन में झाड़ू लगाने का फैसला किया। तनख्वाह के लालच में बच्चे काम में जुटे थे। एक झाड़ू उनके बीच में टूट-टूटकर बँटने लगी। अचानक उन्हें ध्यान आया कि पानी छिडक़ देने से धूल कम हो जाएगी, उन्होंने तुरंत दरी पर पानी झिडक़ा। पानी और धूल के मिलने से दरी कीचड़ में सन चुकी थी। अब सभी को आँगन से निकाला गया।

अब बच्चों को पौधों में पानी देने का ध्यान आया। वे घर की सारी बाल्टियाँ, लोटे, तसले, भगोने तथा पतीलियाँ उठाकर नल की ओर भागे। नल पर इतनी भगदड़ मची कि जल्दी भरने के चक्कर में नल के नीचे बर्तनों की ठूसम-ठास थी। इस धक्का-मुक्की और मारपीट करने से बच्चे कीचड़ में लथपथ हो गए। पड़ोस के नौकरों से चार आने प्रति बच्चे के हिसाब से उनको नहलवाया गया। शाम को मुर्गियों को दड़बे में लाने के लिए सभी बच्चों ने बाँस, छड़ी उठा ली। मुर्गियाँ बाड़े में आने की बजाये इधर-उधर भागने लगी

इस बीच किसी को ख्याल आया कि चलो भेड़ों को दाना खिला दिया जाए। दिनभर की भूखी भेड़ें दाने का सूप देखते ही बेकाबू होकर तख्तों पर चढ़ गईं और पलंगों को फाँदती, बरतन लुढक़ाती साथ-साथ बढऩे लगीं। तख्त पर बानो दीदी के दुपट्टे पर मैगनी का छिडक़ाव करती वे दौड़ रही थीं। इस बीच भेड़ें सूप के दाने को भूलकर तरकारीवाली की टोकरी पर टूट पड़ी। वह जो मटर की फलियाँ तौलकर रसोइए को दे रही थी। उसने अपना बचाव करना चाहा पर सब बेकार। उसकी सारी तरकारी भेड़ों के पेट में पहुँच चुकी थी।

बच्चों को रात का खाना न मिलने की धमकी दी जा चुकी थी इसलिए अब उन्होंने भैसों का दूध दुहने का विचार बनाया। भैंस के चार थनों पर आठ-आठ हाथ। भैंस बाल्टी को लात मारकर दूर जा खड़ी हुई। उन्होंने उसके पैर बाँधकर दूध दुहने का विचार बनाया। झूले की रस्सी उतारकर भैंस के पिछले दो पैर चाचा की चारपाई से बाँध दिए। अगले दो पैर बाँधना चाह रहे थे कि भैंस चौकन्नी होकर चारपाई सहित भागी। भैंस के भागने से चारपाई पानी के ड्रम में टकराई। पानी छलकने से चारपाई पर सो रहे चाचा को अब असली बात समझ आई। वे बच्चों को यूँ छोड़ देनेवालों को बुरा-भला कहने लगे। अचानक बच्चों को भैंस का बच्चा खोलने का ध्यान आया। बच्चे को देखते ही भैंस रुक गई। भैंस का बच्चा तत्काल जुट गया। इधर बच्चे भी अपने-अपने बर्तन लेकर लपके। कुछ दूध जमीन पर कुछ कपड़ों पर तथा दो-चार धारें बर्तन में गिरी । बाकी उसका बच्चा पी गया।

सारे घर में तूफान-सा उठ खड़ा हुआ। सारे घर में मुर्गियाँ, भेड़ें, टूटे तसले, बाल्टियाँ, लोटे, कटोरे और बच्चे थे। बच्चे, मुर्गियों और भेड़ों को बाहर भेजा गया। तरकारीवाली को उसका नुकसान पूरा किया गया। घर की ऐसी हालत देखकर अम्मा ने मायके जाने की धमकी दी। वह देखकर अब्बा ने पुन: किसी चीज को हाथ न लगाने का .फरमान जारी कर दिया। बच्चों ने भी सोच लिया कि अब वे हिलकर पानी भी नहीं पिएँगे।

शब्दार्थ—

पृष्ठ;  वाद-विवाद—तर्क-वितर्क, बहस। कामचोर—काम से जी चुरानेवाले। ऊधम—शैतानी। दबैल—दबनेवाले। मटका - घड़ा। हरगिज्ज—किसी हालत में। शाही .फरमान—राजपत्र पर लिखा हुआ राजसी आदेश। 
पृष्ठ ;  दुहाई देना—दीनतापूर्वक याचना करना। मिशाल—उदाहरण। तनख्वाह—वेतन, पारिश्रमिक। याचना—प्रार्थना। तुल जाना—जुट जाना। .फर्शी—.फर्श पर बिछाई जानेवाली। धुआँधार—ताबड़तोड़। अट गया—सन गया। उम्मीदवार—प्रतिभागी। बुजुर्ग—बड़े-बूढ़े लोग।

पृष्ठ ; ठूसम-ठास—दबा-दबाकर रखना। दमदार—मज्जबूत। कुमुक—सेना। धींगामुस्ती—धक्का-मुक्की। लथपथ—तरबतर या गीला होना। आना—छद्द पैसे से कुछ अधिक, पुराने समय में प्रयुक्त पैसों की इकाई। कायल होना—मान जाना, स्वीकार कर लेना। हाँकना—भगाना। दड़बा—मुर्गियों को रात में रखने की जगह। ऊट-पटाँग—अव्यवस्थित, इधर-उधर। कामदानी के दुपट्टे—हाथ की कढ़ाई युक्त दुपट्टे। लुथड़े हुए—सने हुए। छापे मारता—निशान बनाता हुआ। 

पृष्ठ ;  मोरी—पतली नाली। सूझना—दिमाग में आना। लगे हाथ—तत्काल, इसी समय। सूप—छाजन, अनाज साफ करने का पात्र। लश्टम-पश्टम—जल्दी-जल्दी। मैगनी—गोली के आकार का मल। बमबार—बम गिरानेवाले।

पृष्ठ ;  लापरवाह—असावधान। बेधुली—बिना धुली, गंदी। काबू—नियंत्रण। पाटियाँ—पलंग या चारपाई की लबाई में लगी लकडिय़ाँ।

पृष्ठ ;  व्याकुल—बेचैन। बे्रक लगाना—रोक लेना। मातम—दुख।

पाठ में प्रयुक्त मुहावरे

ऊधम मचाना—शोर-शराबा कराना। शाही फरमान जारी होना—मानने को विवश करनेवाला आदेश जारी होना। बेदम होना—परेशान होना। उल्टे-सीधे हाथ मारना—बेढंगे काम करने का प्रयास करना। सिर पीट लेना—अफसोस प्रकट करना। टूट पडऩा—अचानक झपट पडऩा। पीठ दिखा जाना—रणक्षेत्र से भाग जाना। कायल होना—स्वीकार कर लेना। बेनकेल का ऊँट होना—अनियंत्रित होकर इधर-उधर भागना। राजी होना—तैयार होना। भेड़-चाल होना—बिना सोचे-समझे अनुसरण करना। सीना तानकर उठना—मुकाबले के लिए उतरना। चढ़ बैठना—दबाव में लाने की कोशिश करना। पेट की कड़ाही में झोंकना—जल्दी-जल्दी खा लेना। प्रलय मचना—हाहाकार मचना। तीर निशाने पर बैठना—अनुमान सही होना। बागी होना—बगावत कर देना। आँसू पोंछना—हज्र्जाना देकर नुकसान पूरा करना। कोर्ट मार्शल करना—सज़ा सुनाना।

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FAQs on पाठ का सारांश - कामचोर, हिंदी, कक्षा - 8 - Hindi Class 8

1. कामचोर का अर्थ क्या है?
उत्तर: कामचोर शब्द का अर्थ होता है वह व्यक्ति जो अपने कार्यों को ठीक से नहीं करता है, धीमा या आलसी होता है।
2. कामचोरों को मोटिवेट करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर: कामचोरों को मोटिवेट करने के लिए कुछ उपाय हैं जैसे कि उन्हें अपने काम में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना, छोटे-छोटे लक्ष्य तय करना जो वे पूरा कर सकते हों, उन्हें नियमित फीडबैक देना और अधिक समय नहीं लेने के लिए उन्हें चुनौतियों से भरपूर काम देना।
3. कामचोरों के बारे में सोशल मीडिया पर क्या कहा जाता है?
उत्तर: सोशल मीडिया पर कामचोरों को बहुत अधिक मीम बनाए जाते हैं, इससे उनकी बुरी तरह से उपहास उड़ाया जाता है और उन्हें घृणा की नजर से देखा जाता है। इससे उन्हें अधिक निराशा होती है जो उनके काम पर और अधिक बुरा असर डालती है।
4. कामचोर कैसे बनते हैं?
उत्तर: कामचोर बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि भ्रमित लक्ष्य, अभिशाप, मनोविज्ञानी विकृतियां या संगठन में बुरी नीतियों और कार्यों की वजह से।
5. कामचोरों को निष्कासित करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर: कामचोरों को निष्कासित करने के लिए उनसे नियमित फीडबैक देना, उन्हें महत्वपूर्ण काम देना, और उनकी कार्यशैली को समझने के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग देना शामिल होता है। उनसे निजी तौर पर बातचीत की जानी चाहिए और उन्हें अपनी समस्याओं या सुझावों के बारे में बताने की अनुमति देनी चाहिए।
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