Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)  >  पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्, रुचिरा, संस्कृत, कक्षा - 8

पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्, रुचिरा, संस्कृत, कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) PDF Download

पाठ का परिचय (Introduction of the Lesson)
प्रस्तुत पाठ “डिजिटलइण्डिया” के मूल भाव को लेकर लिखा गया निबन्धात्मक पाठ है। इसमें वैज्ञानिक प्रगति के उन आयामों को छुआ गया है, जिनमें हम एक “क्लिक” द्वारा बहुत कुछ कर सकते हैं। आज इन्टरनेट ने हमारे जीवन को कितना सरल बना दिया है। हम भौगोलिक दृष्टि से एक दूसरे के अत्यन्त निकट आ गए हैं। इसके द्वारा जीवन के प्रत्येक क्रियाकलाप सुविधाजनक हो गए हैं। ऐसे ही भावों को यहाँ सरल संस्कृत में व्यक्त किया गया है।

पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ
(क) अद्य संपूर्णविश्वे “डिजिटलइण्डिया” इत्यस्य चर्चा श्रूयते। अस्य पदस्य कः भावः इति मनसि जिज्ञासा उत्पद्यते। कालपरिवर्तनेन सइ मानवस्य आवश्यकताऽपि परिवर्तते। प्राचीनकाले ज्ञानस्य आदान-प्रदानं मौखिकम् आसीत्, विद्या च श्रुतिपरम्परया गृह्यते स्म। अनन्तरं तालपत्रोपरि भोजपत्रोपरि च लेखनकार्यम् आरब्धम्। परवर्तिनि काले कर्गदस्य लेखन्याः च आविष्कारेण सर्वेषामेव मनोगतानां भावानां कर्गदोपरि लेखनं प्रारब्धम्। टंकणयंत्रस्य आविष्कारेण तु लिखित सामग्री टंकिता सती बहुकालाय सुरक्षिता अतिष्ठत्।

शब्दार्थ:
भावार्थ:
इत्यस्य
इसकी
श्रूयते
सुनी जाती है
पदस्य
शब्द का
मनसि
मन में
जिज्ञासा
जानने की इच्छा
उत्पद्यते
उत्पन्न (पैदा) होती है
कालपरिवर्तनेन
समय के बदलने से
परिवर्तते
बदलती है
आदान-प्रदानम्
लेना-देना
मौखिकम्
मौखिक
टंकिता सती
छपी हुई
बहुकालाय
बहुत समय के लिए
श्रुतिपरम्परया
सुनने की परंपरा से
गृह्यते स्म
ग्रहण की जाती थी
अनन्तरम्
बाद में
लेखनकार्यम्
लिखने का काम
आरब्धम्
प्रारम्भ हुआ
परवर्तिनि
बाद के
कर्गदस्य
कागज़ का (के)
लेखन्या:
कलम को (के)
मनोगतानाम्
मन में स्थित
कर्गदोपरि
कागज़ के ऊपर
प्रारब्धम्
प्रारम्भ हुआ
टंकणयन्त्रस्य
टाइप की मशीन
अतिष्ठत्
होती (रहती) थी


सरलार्थ : आज सारे संसार में ‘डिजिटल इण्डिया’ की चर्चा सुनी जाती है। इस शब्द का क्या भाव है, यह (ऐसी) मन में जिज्ञासा पैदा होती है। समय के बदलने के साथ मनुष्य की आवश्यकता भी बदलती है। प्राचीन काल में ज्ञान का लेना-देना मौखिक (मुँह से बोलकर) था और विद्या श्रुति परम्परा (सुनने की परंपरा) से ग्रहण की जाती थी। बाद में ताड़ के पत्ते के ऊपर और भोज के पत्ते के ऊपर लेखन-कार्य प्रारम्भ हुआ। बाद के समय में कागज़ और कलम के आविष्कार (प्रचलन) से सभी के ही मन में स्थित भावों का कागज़ के ऊपर लिखना प्रारम्भ हुआ। टाइप की मशीन (Typewriter) के आविष्कार (शुरुआत) से तो लिखी हुई सामग्री (Matter) टाइप की हुई होने से बहुत समय के लिए सुरक्षित रही।

(ख) वैज्ञानिकप्रविधेः प्रगतियात्रा पुनरपि अग्रे गता। अद्य सर्वाणि कार्याणि संगणकनामकेन यंत्रेण साधितानि भवन्ति। समाचार-पत्राणि पुस्तकानि च कम्प्यूटरमाध्यमेन पठ्यन्ते लिख्यन्ते च। कर्गदोद्योगे वृक्षाणाम् उपयोगेन वृक्षाः कर्त्यन्ते स्म, परम् संगणकस्य अधिकाधिक-प्रयोगेण वृक्षाणां कर्तने न्यूनता भविष्यति इति विश्वासः। अनेन पर्यावरणसुरक्षायाः दिशि महान् उपकारो भविष्यति।

शब्दार्थ:
भावार्थ:  
वैज्ञानिकप्रविधेः
वैज्ञानिक तकनीक में
प्रगतियात्रा
उन्नति की यात्रा
पुनरपि (पुनः+अपि)
फिर भी
गतागई
साधितानि
सिद्ध (सफल)
कम्प्यूटरमाध्यमेन
कम्प्यूटर के माध्यम से
पठ्यन्तेपढ़े जाते हैं
कर्गदोद्योगे
कागज़ के उद्योग (कारोबार) में
कर्त्यन्ते स्म
काटे जाते थे
कर्तने
कटाई में
न्यूनता
कमी
दिशि
दिशा में


सरलार्थ : वैज्ञानिक (विज्ञान सम्बन्धी) तकनीक की उन्नति की यात्रा आगे गई। आज सारे काम कम्प्यूटर नामक यन्त्र से सिद्ध होते हैं। समाचार-पत्र (अखबार) और पुस्तकें कम्प्यूटर के माध्यम से पढ़ी और लिखी जाती हैं। कागज़ के उद्योग (कारोबार) में वृक्षों के उपयोग के कारण वृक्ष काटे जाते थे, परन्तु कम्प्यूटर के अधिक से अधिक प्रयोग से वृक्षों की कटाई में कमी होगी (आएगी), ऐसा विश्वास है। इससे पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में महान उपकार होगा।

(ग) अधुना आपणे वस्तुक्रयार्थम् रूप्यकाणाम् अनिवार्यता नास्ति। “डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड” इत्यादि सर्वत्र रूप्यकाणां स्थानं गृहीतवन्तौ। वित्तकोशस्य ( बैंक्स्य) चापि सर्वाणि कार्याणि संगणकयंत्रेण सम्पाद्यन्ते। बहुविधाः अनुप्रयोगाः (APP) मुद्राहीनाय विनिमयाय (Cashless Transaction) सहायकाः सन्ति।

शब्दार्थ 
भावार्थ:  
अधुना
अब (इस समय)
आपणे
बाजार में
वस्तुक्रयार्थम्
वस्तुओं की खरीद में (के लिए)
अनिवार्यता
अनिवार्यता (ज़रूरत)
सर्वत्र
सब जगह
गृहीतवन्तौ ले लिया है
संगणकयन्त्रेणकम्प्यूटर से
सम्पाद्यन्ते
सम्पन्न किए जाते हैं
बहुविधाः
बहुत प्रकार के
अनुप्रयोगाः
प्रयोग
मुद्राहीनाय
पैसों/रुपयों से रहित
विनिमयायलेन-देन के लिए
सहायकाः
सहायक
सन्ति हैं

 
सरलार्थ : अब बाज़ार में वस्तुओं (चीज़ों) को खरीदने के लिए रुपयों की अनिवार्यता (आवश्यकता) नहीं है। ‘डेबिट कार्ड’, ‘क्रेडिट कार्ड’ आदि ने सब जगह रुपयों की जगह ले ली है। और बैंक के भी सारे काम कम्प्यूटर से होते हैं। बहुत प्रकार के अनुप्रयोग (APP) रुपये-पैसों के बिना व्यापार (Cashless Transaction) के लिए सहायक हैं।

(घ) कुत्रापि यात्रा करणीया भवेत् रेलयानयात्रापत्रस्य, वायुयानयात्रापत्रस्य अनिवार्यता अद्य नास्ति। सर्वाणि पत्राणि अस्माकं चलदूरभाषयन्त्रे ‘ई-मेल’ इति स्थाने सुरक्षितानि भवन्ति यानि सन्दर्य वयं सौकर्येण यात्रायाः आनन्दं गृह्णीमः। चिकित्सालयेऽपि उपचारार्थं रूप्यकाणाम् आवश्यकताद्य नानुभूयते। सर्वत्र कार्डमाध्यमेन, ई-बैंकमाध्यमेन शुल्कम् प्रदातुं शक्यते।

शब्दार्थ 
भावार्थ:  
कुत्रापि
कहीं भी
करणीया भवेत्करनी हो
अनिवार्यता
ज़रूरत
पत्राणि
टिकटें
सुरक्षितानि
सुरक्षित
यानि
जिनको
सन्दर्य
दिखाकर
सौकर्येण
अनिवार्यता
गृह्णीमः
लेते हैं
उपचारार्थम्
इलाज के लिए
रूप्यकाणाम्
रुपयों की
नानुभूयते
नहीं अनुभव होती है
सर्वत्र
सब जगह
कार्डमाध्यमेन्
कार्ड के द्वारा
शुल्कम्
फीस
प्रदातुम्
देने में
शक्यते
समर्थ हो जाता है


सरलार्थ : कहीं भी यात्रा करनी हो, आज रेल टिकट की, हवाई जहाज़ के टिकट की ज़रूरत अनिवार्य रूप से नहीं है। सभी टिकट हमारे मोबाइल में ‘ई-मेल’ के रूप में सुरक्षित होते हैं, जिनको दिखाकर हम आराम से यात्रा का आनन्द लेते हैं। अस्पताल में भी इलाज के लिए रुपयों की ज़रूरत आज अनुभव नहीं होती है। सब जगह कार्ड के द्वारा, ई-बैंक के द्वारा शुल्क (फीस) को दिया जा सकता है।

(ङ) तड्दिनं नातिदूरम् यदा वयम् हस्ते एकमात्रं चलदूरभाषयन्त्रमादाय सर्वाणि कार्याणि साधयितुं समर्थाः भविष्यामः। वस्त्रपुटके रूप्यकाणाम् आवश्यकता न भविष्यति। ‘पासबुक’ चैबुक’ इत्यनयोः आवश्यकता न भविष्यति। पठनार्थं पुस्तकानां समाचारपत्राणाम् अनिवार्यता समाप्तप्राया भविष्यति। लेखनार्थम् अभ्यासपुस्तिकायाः कर्गदस्य वा, नूतनज्ञानान्वेषणार्थम् शब्दकोशस्यवाऽपि आवश्यकतापि न भविष्यति। अपरिचित-मार्गस्य ज्ञानार्थम् मार्गदर्शकस्य मानचित्रस्य आवश्यकतायाः अनुभूतिः अपि न भविष्यति। एतत् सर्वं एकेनैव यन्त्रेण कर्तुम्, शक्यते। शाकादिक्रयार्थम्, फलक्रयार्थम्, विश्रामगृहेषु कक्षं सुनिश्चितं कर्तुम् चिकित्सालये शुल्क प्रदातुम्, विद्यालये महाविद्यालये चापि शुल्क प्रदातुम् , कि बहुना दानमपि दातुम् चलदूरभाषयन्त्रमेव अलम्। डिजीभारतम् इति अस्यां दिशि वयं भारतीयाः द्रुतगत्या अग्रेसरामः।

शब्दार्थ 
भावार्थ:  
तदिनम्
वह दिन
साधायितुम्
सिद्ध (सफल) करने के लिए
समर्थाः
समर्थ होंगे
वस्त्रपुटके
जेब में
अनयोः
इन (दोनों) की
पठनार्थम्
पढ़ने के लिए
समाप्तप्राया
लगभग समाप्त
लेखनार्थम्लिखने के लिए
अभ्यासपुस्तिकायाः
कॉपी की
कर्गदस्य
कागज़ की
नूतनज्ञान-अन्वेषणार्थम्
नए ज्ञान की खोज के लिए
शब्दकोषस्य
शब्दकोष की
वा
अथवा
ज्ञानार्थम्
ज्ञान के लिए
मार्गदर्शकस्य
मार्गदर्शक (गाइड) की 
आवश्यकतायाः
ज़रूरत की
अनुभूतिः
अनुभूति (अनुभव)
एकेन एव
एक से ही
शक्यते
सकता है
कक्षम्कमरे को
सुनिश्चितम्
निश्चित (आरक्षित) (Reservation)
प्रदातुम्
देने के लिए
दिशि
दिशा में
द्रुतगत्यादिशा में
द्रुतगत्या
तेज गति से
अग्रेसरामःआगे बढ़ रहे हैं


सरलार्थ : वह दिन बहुत दूर नहीं है जब हम हाथ में केवल एक मोबाइल फ़ोन लेकर सारे काम करने में समर्थ होंगे। जेब में रुपयों की ज़रूरत नहीं होगी। ‘पास बुक और चेक बुक’ इन दोनों की भी ज़रूरत नहीं होगी। पढ़ने के लिए पुस्तकों और अखबारों की अनिवार्यता (निश्चितता) लगभग समाप्त हो जाएगी। लिखने के लिए अभ्यास पुस्तिका (कॉपी) अथवा कागज़ की, नए ज्ञान की खोज के लिए शब्दकोष की भी आवश्यकता नहीं होगी। अपरिचित मार्ग के ज्ञान के लिए मार्गदर्शक (Guide) की, मानचित्र (नक्शे) की आवश्यकता की अनुभूति भी नहीं होगी। यह सब एक ही यंत्र (मशीन) से किया जा सकता है। सब्जियों आदि की खरीददारी के लिए, फलों की खरीददारी के लिए, गेस्ट हाउस (होटल) में कमरे की बुकिंग के लिए, अस्पताल में फीस देने के लिए, विद्यालय और महाविद्यालय में भी फीस देने के लिए, बहुत कहने से क्या दान भी देने के लिए मोबाइल फ़ोन की मशीन ही काफी है।
डिजीटल भारत (डिजीटल इण्डिया) इस दिशा में हम भारतीय तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

The document पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्, रुचिरा, संस्कृत, कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) is a part of the Class 8 Course संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8).
All you need of Class 8 at this link: Class 8
14 videos|80 docs|27 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्, रुचिरा, संस्कृत, कक्षा - 8 - संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

1. डिजीभारतम् क्या है?
उत्तर: डिजीभारतम् एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से जोड़ना है। यह सरकारी योजना भारत में डिजिटल भुगतान, डिजिटल शिक्षा, ई-गवर्नेंस और इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।
2. रुचिरा क्या है?
उत्तर: रुचिरा भारतीय मसालों का एक मिश्रण है जो खाने को स्वादिष्ट और मजेदार बनाने के लिए उपयोग होता है। इसमें धनिया, जीरा, हल्दी, मिर्च, अदरक, लौंग, पिप्पली, अमचूर, इलायची, ताजा पत्तियाँ आदि शामिल होती हैं। रुचिरा भारतीय पक्षियों के व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण सामग्री है।
3. संस्कृत क्या है?
उत्तर: संस्कृत एक भारतीय भाषा है जो प्राचीन भारतीय साहित्य, वैदिक पठन, वैदिक धर्म और वैदिक ज्ञान का माध्यम है। यह भाषा भारतीय सभ्यता, विचारधारा और सामाजिक संरचना की मूल आधारभूत भाषा मानी जाती है। संस्कृत में महाकाव्य, काव्य, नाटक, ग्रन्थ, विज्ञान और गणित के अनेक महत्वपूर्ण लेख हैं।
4. कक्षा - 8 के छात्रों के लिए क्‍या खास है?
उत्तर: कक्षा - 8 विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्तर है जहां उन्हें अधिक मानविकी और विज्ञानिक ज्ञान का परिचय मिलता है। इस स्तर पर, विद्यार्थी गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, भूगोल, इतिहास, साहित्य आदि विषयों में अधिक गहराई से पढ़ाई करते हैं। कक्षा - 8 छात्रों को उच्चतर माध्यमिक और उच्चतर स्तर के अध्ययन के लिए तैयार किया जाता है।
5. क्या हैं कुछ डिजीभारतम् के लाभ?
उत्तर: डिजीभारतम् के कई लाभ हैं। इसके माध्यम से लोग ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं, ई-गवर्नेंस की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और अपने शिक्षा का संगठन कर सकते हैं। डिजीभारतम् भारत को एक डिजिटल देश बनाने का प्रयास है जो लोगों को तकनीकी उन्नति के लाभ से जोड़े हुए हैं।
14 videos|80 docs|27 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

,

Free

,

ppt

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

,

पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्

,

pdf

,

Viva Questions

,

संस्कृत

,

Exam

,

पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

,

पाठ-शब्दार्थ एवं सरलार्थ - डिजीभारतम्

,

रुचिरा

,

Semester Notes

,

Extra Questions

,

संस्कृत

,

past year papers

,

video lectures

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Summary

,

रुचिरा

,

practice quizzes

,

MCQs

,

study material

,

Objective type Questions

,

रुचिरा

,

mock tests for examination

,

संस्कृत

,

Sample Paper

;