1.
'बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूडिय़ों से' और बदलू स्वयं कहता है - ''जो सुंदरता काँच की चूडिय़ों में होती है, लाख में कहाँ संभव है?" ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।
पाठ से लिए गए कुछ व्यंग्य-वाक्य
(क) शहर की बात और है, लला। वहाँ तो सभी कुछ होता है।
अर्थ: यहाँ शहरी संस्कृति पर व्यंग्य किया है। पाश्चात्य संस्कृति के नाम पर शहरी लोग हर अच्छी-बुरी बातें, आदतें तथा रिवाज अपनाते जा रहे हैं, पर गाँवों में वैसा उन्मुक्त वातावरण नहीं है। भले ही गाँवों को पिछड़ा कहा जाए।
(ख) लाख की चूड़ियाँ पहनें तो मोच न आ जाए।
अर्थ: इस पंक्ति में काँच की चूड़ियाँ पहननेवाली महिलाओं पर व्यंग्य किया गया है। यदि वे काँच की चूड़ियों की जगह लाख की चूड़ियाँ पहनेंगी तो उनकी कलाइयों में मोच आ जाएगी।
(ग) शहरी ठहरे न!
अर्थ: इस वाक्य में शहरी लोगों वेफ कम खाने पर व्यंग्य किया गया है। वही आदमी असली शहरी होता है जो कम खाता है।
2.
'बदलू' कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है -
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे—लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्याद्रि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे—चरित्र, स्वभाव, वजन , आकार आदि द्वारा जानी जानेवाली संज्ञा
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे—सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन , परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञा - बदलू, जनार्दन, नीम, आम, रज्जो।
जातिवाचक संज्ञा - गाँव, बच्चे, मकान, शहर, वृक्ष, अनाज, नववधू, मरद, गाय, सड़क, चित्र, लड़की, स्कूल, जमींदार, घरवाली।
भाववाचक संज्ञा, जैसे - महत्व , जिद , पढ़ाई, स्वभाव, व्यथा, शांति, व्यक्तित्व, मोच।
3.
गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू 'वक्त' (समय) को 'बखत', 'उम्र' (वय/आयु) को 'उमर' कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए, जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर :
मूल शब्द | बदला हुआ रूप |
मर्द | मरद |
अंजलि | अंजुली |
भैया | भइया |
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