लघु उत्तरीय
प्रश्न (1) : 'अभी न होगा मेरा अंत' पंक्ति में कवि का कौन-सा मनोभाव प्रकट हुआ है?
उत्तर : 'अभी न होगा मेरा अंत' पंक्ति में कवि का आत्म-विश्वास तथा जीवन के प्रति द्वारा आशावादी होने का भाव प्रकट हुआ है।
प्रश्न (2) : 'ध्वनि' का शाब्दिक अर्थ बताते हुए लिखिए कि कवि ने इस कविता का शीर्षक 'ध्वनि' क्यों रखा होगा?
उत्तर : 'ध्वनि' शब्द का शाब्दिक अर्थ है—आवाज। कविता में कवि के अंत:करण या अंतर्मन की आवाज प्रकट हुई है, इसलिए उसने कविता का शीर्षक 'ध्वनि' रखा है।
प्रश्न (3) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में किस आधार पर कवि अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है?
उत्तर : कवि में आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ है। वह जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण अपनाता है। अपने जीवन में मृदुल वसंत आने की बात कहकर वह खुद में नवयौवन के संचार होने की बात कहता है इसी आधार पर वह अपने जीवन का अंत मानने को तैयार नहीं है।
प्रश्न (4) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता की उन पंक्तियों का उल्लेख कीजिए, जिनमें कवि ने युवाओं को प्रोत्साहित किया है?
उत्तर : युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों का प्रयोग किया है -
पुष्प-पुष्प तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूँगा मैं,
प्रश्न (5) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में कवि पुष्पों को अनंत का द्वार क्यों दिखाना चाहता है?
उत्तर : कवि पुष्पों को अनंत का द्वार इसलिए दिखाना चाहता है तांकि पुष्प अपनी नींद में डूबे रहने की इच्छा एवं आलस्य छोड़कर अनंत समय तक अपनी खुशबू से संसार को महकाते रहें।
प्रश्न (6) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता को पढ़कर आपको क्या सीख मिलती है?
उत्तर : इस कविता को पढ़कर हमें यह सीख मिलती है कि हम भी अपना आलस्य त्यागकर रचनात्मक कार्यों में जुट जाये हमेशा अच्छे कार्य करते रहें, जिससे इन अच्छे कार्यों की खुशबू से जीवन महक उठे।
प्रश्न (7) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए
उत्तर : कविता हमें संदेश देती है कि जिस प्रकार वसंत ऋतु में चारों ओर फूल खिलकर अपना सौंदर्य बिखेरते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं, उसी प्रकार हमें भी अपने तरुणाई के दिनों में अच्छे कार्य करते हुए समाज तथा राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान देना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न (1) : ‘ध्वनि’ शीर्षक कविता में कवि अपने जीवनरूपी वन को महकाने के लिए क्या-क्या करना चाहता है?
उत्तर : कवि अपने जीवनरूपी वन को महकाने के लिए कुछ रचनात्मक कार्य करना चाहता है। वह नींद से बोझिल कलियों पर अपना हाथ फेरते हुए मनोहर प्रभात आने का सन्देश देना चाहता है। वह अपने ओजपूर्ण कविताओं से आलस्य में डूबे युवाओं का प्रमाद दूर भगाना चाहता है। वह उनमें नवजीवन का संचार करशह्यक्त द्वद्दह्यड्ड उत्साह से भरना चाहता है। ऐसा करते हुए उसका अपना भी जीवनरूपी वन महक उठेगा।
प्रश्न (2) : 'ध्वनि' शीर्षक कविता में जीवन के प्रति कवि की आशावादिता किस प्रकार व्यक्त हुई है?
उत्तर : 'ध्वनि' शीर्षक कविता में कवि का कहना है कि अभी-अभी तो उसके जीवन में वसंत का आगमन हुआ है अर्थात उसमें नवयौवन का संचार हुआ है। अभी तो यौवन के साथ-साथ सारा जीवन भी पड़ा है। इस जीवन में मुझे अनेक ऐसे गीतों, कविताओं की रचना करनी है, जिनसे युवा उत्साह से भर जाएँ। उसे समाज तथा देश के लिए अनेक काम भी करनी है।
प्रश्न (3) : 'ध्वनि' शीर्षक कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : 'ध्वनि' शीर्षक कविता मानव को जीवन के प्रति प्रेरणा देती है। इससे विपरीत एवं निराशाजनक परिस्थितियों में भी जीवन से हार न मानने का संदेश तथा जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण प्रकट हुआ है। कवि अपने जीवन तथा संसार में नवजीवन का संचार करने को कृत-संकल्प दिखाई देता है। उसका मानना है कि अभी तो उसके जीवन में वसंत आया है। अभी उसे बहुत कुछ करना है। उसे युवा वर्ग को रचनात्मक कार्य करने हेतु उत्साहित करना है।
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1. ध्वनि क्या है? |
2. ध्वनि की प्रकृति क्या है? |
3. ध्वनि की गति किसे कहा जाता है? |
4. ध्वनि की आवृत्ति क्या है? |
5. ध्वनि के बाह्य और आंतरिक लक्षणों में क्या अंतर है? |
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