Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)  >  वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8

वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) PDF Download

वर्णविचार
अपने मन के भावों को दूसरों तक पहुँचाने के लिए हम भाषा का प्रयोग करते हैं। यह प्रयोग दो प्रकार से होता है।
1. मौखिक अर्थात् बोलकर
2. लिखित अर्थात लिखकर।

भाषा शब्द भाष् धातु से बना है। भाष् धातु का अर्थ है ‘बोलना’।
बोलते समय जो ध्वनियाँ मुख से निकलती हैं उनको लिखित रूप देने के लिए हम वर्णों अर्थात् अक्षरों का प्रयोग करते हैं। सरल भाषा में वर्ण ध्वनि का लिखित रूप है। वह छोटी-से-छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते उसे वर्ण कहते हैं।

संस्कृत भाषा में प्रयोग में आने वाले वर्ण दो प्रकार के हैं-
1. स्वर
2. व्यञ्जन
 
स्वर 
स्वर वे वर्ण हैं जिनका उच्चारण स्वतन्त्र रूप से किया जा सकता है अर्थात् जिनके उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती। ये स्वर हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ऋृ, लृ, ए, ऐ, ओ, औ-ये संख्या में 13 (तेरह) होते हैं।
स्वर के भेद-स्वर दो प्रकार के होते हैं-
1.  वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) स्वर -अ, इ, उ ऋ, लृ-ये पाँच मूल स्वर कहलाते हैं। (क्योंकि अन्य स्वर या तो इनके दीर्घ रूप हैं या इन में किसी दो की संधि से बने हैं।)
2.  दीर्घ स्वर -आ, ई, उ, ऋृ, ए, ऐ, ओ, औ को संधिस्वर भी कहते हैं। ये दो स्वरों के जोड़ से बनते हैं। यथा- ए - अ + इ ; ऐ - अ + ए ; ओ - अ + उ ; औ - अ + ओ। दीर्घ स्वरों की संख्या 8 (आठ) है।

व्यञ्जन
व्यजन वे वर्ण हैं जिनका उच्चारण किसी अन्य वर्ण की सहायता के बिना सम्भव नहीं होता है यथा-क्, ख्, ग् इत्यादि। इन वर्णों का उच्चारण करने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है। जब हम ‘क’ का उच्चारण करते हैं। तो ‘क’ के साथ ‘अ’ की ध्वनि भी मुख से निकलती है। कारण-‘क’ में ‘अ’ जुड़ा है, क्योंकि इसमें हलन्त ( ् ) नहीं है, किंतु हलन्त युक्त ‘म’ अर्थात ‘म्’ में ‘अ’ शामिल नहीं है। स्मरण रहे कि यदि किसी व्यञ्जन में ‘अ’ न जुड़ा हो तो नीचे हलन्त वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)  (चिन्ह्) लगाया जाता है यथा क्, ख्, ग्। व्यञ्जन के नीचे हलन्त चिन्ह ( ् ) न लगा हो तो समझ लें कि उसमें ‘अ’ जुड़ा है। जैसे -
मम् शब्द के ‘म’ में ‘अ’ जुड़ा है, क्योंकि इसमें हलन्त ( ् ) नहीं है, किंतु हलन्त युक्त ‘म’ अर्थात् ‘म’ में ‘अ’ शामिल नहीं है। कारण-‘क्’ में ‘अ’ जोड़ने पर ‘क’ बनता है।
संस्कृत भाषा में कुल 33 व्यञ्जन हैं। जिनमें 25 स्पर्श, 4 अन्तस्थ तथा 4 उष्म वर्ण हैं। स्पर्श वर्णों को 5 वर्गों में बाँटा गया है। यथा-
                 क्, ख्, ग्, घ्, घ     -    क वर्ग
                 च्, छ्, ज्, झ्, ञ    -    च वर्ग
स्पर्श-         ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्      -    ट वर्ग
                 त्, थ्, द्, ध्, न्     -    त वर्ग
                 प्, फ़्, ब्, भ्, म्     -    प वर्ग
अन्तस्थ-    य्, र्, ल्, व्          -
उष्म-         श्, ष्, स्, ह्

स्वर तथा व्यञ्जन के अतिरिक्त संस्कृत में दो और ध्वनियोें का प्रयोग होता है जिन्हें हम अयोगवाह कहते है। ये दो ध्वनियाँ हैं-
1. अनुस्वारः-यथा-संस्कारः, संस्कृतम्, संस्कृतिः इत्यादि।
2. विसर्गः-यथा-रामः, ट्टषिः, साधु:, मालाः इत्यादि।

अनुस्वार नासिक ध्वनि है जिसके उच्चारण में ध्वनि नाक से निकलती है। इसके विपरीत विसर्ग का उच्चारण ‘ह्’ की भाँति होता है। ध्यान रहे कि अयोगवाह का प्रयोग केवल स्वर के साथ किया जाता है।


संयुक्त-वर्ण
संस्कृत भाषा में कई संयुक्त वर्ण भी हैं। जब एक स्वररहित वर्ण दूसरे वर्ण से जुड़ जाता है तो इस मेल से संयुक्त वर्ण बन जाता है। यथा-
द् + य - द्य    -    विद्यालयः, विद्यार्थी, नद्यः इत्यादि
प् + र - प्र       -      प्रातः, प्रमाणम्, प्रणामः इत्यादि
ज् + ञ - ज्ञ    -    ज्ञानी, ज्ञाता, विज्ञानम् इत्यादि
त् + र - त्र     -    त्रहि, विचित्रम्, त्रस्यति इत्यादि
श् + र - श्र     -    परिश्रमः विश्रामः, श्रान्तिः इत्यादि
श् + ट्ट -  श्रृ    -    श्रृगम्,  श्रृंगार:,  श्रृंखला इत्यादि
ह् + य - ह्य   -      ह्य:, बाह्य
ह् + न - ह्न   -    चिह्नम्, मध्याह्नम्

वर्णसंयोग: वर्णों के संयोग से शब्द बनते हैं। यथा-
प् + र् + क् + ऋ + त् + इ +: - प्रकृतिः
प् + अ + र् + व् + त् + अ +: - पर्वतः
क् + ष् + अ + त् + र् + इ + य् + अ +: - क्षत्रियः इत्यादि।

वर्णविन्यास: किसी भी शब्द में आए वर्णों को क्रमपूर्वक पृथक-पृथक करना वर्णविन्यास अथवा  वर्णविच्छेद कहलाता है। यथा-
आश्रमः - आ + श् + र् + अ + म् + अ +:
श्रृङ्खला - श् + ऋ + घ् + ख् + अ + ल् + आ
विज्ञानम् - व् + इ + ज् + ञ + आ + न् + अ + म् इत्यादि।

स्मरणीयम्    
(i)    र् + म् + अ - र्म-  यथा-निर्मलम्    
(ii)    म् + र् + अ - म्र -  यथा म्रियते 
(iii)    र् + उ - रु-   यथा गुरुः    
(iv)    र् + ऊ - रू-  यथा गुरू (द्विवचन)
(v)    ष् + ट् + र् + अ - ष्ट्र -यथा राष्ट्रम    
(vi)    द + ऋ - दृ-  यथा दृश्यम्, दृष्टिः
(vii)    द् + र् + अ - द्र- यथा दरिद्रः द्रष्टा

The document वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8) is a part of the Class 8 Course संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8).
All you need of Class 8 at this link: Class 8
14 videos|80 docs|27 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् , कक्षा - 8 - संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

1. वर्णविचार का क्या मतलब है?
उत्तर: वर्णविचार एक व्याकरणिक अवधारणा है जो भाषा में ध्वनि, अक्षर और वर्ण के विभाजन को समझने के लिए उपयोगी होती है। इससे हम भाषा की ढंग, वर्णमाला और वर्णों के बीच के नियमों को समझ सकते हैं।
2. कक्षा 8 में वर्णविचार कब पढ़ाया जाता है?
उत्तर: कक्षा 8 में वर्णविचार को माध्यमिक विद्यालय स्तर पर पढ़ाया जाता है। वर्णविचार कक्षा 8 के हिन्दी पाठ में विस्तार से समझाया जाता है ताकि छात्र भाषा के वर्णों को सही ढंग से पढ़ सकें।
3. वर्णविचार क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: वर्णविचार भाषा के वर्णों को समझने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह हमें भाषा की स्वर और व्यंजन ध्वनियों को समझने में मदद करता है और हमें उच्चारण में सुधार करने में सहायता प्रदान करता है। वर्णविचार के माध्यम से हम शब्दों की सही लिंग, वचन और कारक की पहचान कर सकते हैं।
4. हमें वर्णविचार सीखने के लिए कौन-कौन से साधन उपयोगी हो सकते हैं?
उत्तर: वर्णविचार सीखने के लिए हम अपनी आवाज को अच्छी तरह से संभालना चाहिए और आवाज के विभिन्न ध्वनियों को समझने का प्रयास करना चाहिए। हम वर्णों की अभ्यास पुस्तकों का उपयोग कर सकते हैं और वर्णमाला चार्ट देखकर वर्णों को याद कर सकते हैं। संगणक और मोबाइल ऐप्स भी वर्णविचार के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
5. वर्णविचार क्या व्याकरण का हिस्सा है?
उत्तर: हां, वर्णविचार व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। व्याकरण भाषा के नियमों, ढंगों और विचारधारा को समझने के लिए होता है, और वर्णविचार इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है जो हमें भाषा के वर्णों को समझने और उच्चारण में सुधार करने में मदद करता है।
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम्

,

Exam

,

वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम्

,

shortcuts and tricks

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

,

वर्णविचार - अनुप्रयुक्त-व्याकरणम्

,

ppt

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

MCQs

,

study material

,

Free

,

practice quizzes

,

pdf

,

video lectures

,

Extra Questions

,

past year papers

,

Summary

,

mock tests for examination

,

Sample Paper

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

,

Important questions

,

Semester Notes

,

कक्षा - 8 | संस्कृत कक्षा 8 (Sanskrit Class 8)

;