वाक्य लिखने में प्रयुक्त वर्णों के क्रम को वर्तनी या अक्षरी कहा जाता है।
1. हिंदी भाषा में विभक्ति चिन्ह सर्वनामों के अलावा शेष सभी शब्दों से अलग लिखे जाते हैं।
जैसे:
2. यदि सर्वनाम के साथ विभक्ति चिन्ह हो तो उसे सर्वनाम में मिलाकर लिखा जाना चाहिए।
जैसे: हमने, उसने, मुझसे, आपको, तुमसे, हमको, उसको, किससे, किसको, किसने, किसलिए आदि।
3. सर्वनाम के साथ दो विभक्ति चिन्ह होने पर पहला विभक्त चिन्ह सर्वनाम में मिलाकर लिखा जाएगा और दूसरा अलग लिखा जाएगा।
जैसे: आपके लिए, उसके लिए, इनमे से, आप में से, हम में से, आदि।
4. संयुक्त क्रियाओं के सभी अंगभूत क्रियाओ को अलग अलग लिखना चाहिए।
जैसे: पड़ा करता हैं, खा सकते हो आदि।
5. पूर्व कालिक प्रत्यय कर को क्रिया से मिलाकर लिखा जाता हैं।
जैसे: सोकर, उठकर, अपनाकर, खाकर, पीकर आदि।
6. द्वंद्व समास में पदों के बीच योजन चिन्ह (-) लगाया जाना चाहिए।
जैसे: माता-पिता, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, रात-दिन आदि।
7. तक और साथ जैसे अव्ययों को पृथक लिखा जाना चाहिए
जैसे: मेरे साथ, हमारे साथ, उसके साथ, अब तक, कब तक, यहाँ तक आदि।
8. जैसा और सा जैसे सामरूप्य शब्दों के पहले योजक चिन्ह (-) का प्रयोग करना चाहिए।
जैसे: चाकू-सा, तीखा-सा, प्यारा-सा, कन्हैया-सा, आप-सा आदि।
9. जब वर्णमाला के किसी भी पाँच अक्षर के बाद उसी वर्णमाला के प्रथम चार वर्णों में से कोई भी वर्ण हो तो पंचम वर्ण के स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग होता हैं।
जैसे: गंगा, चंचल, ठंड, कंकर, नन्दन, आदि।
10. जब नासिक्य व्यजंन वर्ण का पांचवा वर्ण उसी वर्ण के प्रथम चार वर्णों के अलावा अन्य किसी वर्ण के पहले आता हैं तो उसके साथ उस पंचम वर्ण का आधा रूप ही लिखा जाना चाहिए।
जैसे: सम्राट, सम्मान पूण्य, अन्य, सन्मार्ग, रम्य, जन्म, गन्ना, आदि।
11. अंग्रेजी से हिंदी में आए जिन शब्दों में आ एवं ओ के बीच की ध्वनि आँ की ध्वनि का प्रयोग होता हैं उनके ऊपर आधी चंद बिंदु लगानी चाहिए।
जैसे: कॉलेज, हॉस्पिटल, डॉक्टर, कॉपी, बॉलीवुड, बॉल, हॉलीबुड, हॉलर आदि।
12. संस्कृत भाषा के कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनके आगे विसर्ग (:) लगता हैं यदि हिंदी में उन शब्दों को तत्सम रूप में लिखे जाए तो उनमें विसर्ग लगाना चाहिए।
जैसे: दुःख, फलतः, प्रायः, अतः, मूलतः, आदि।
13. विसर्ग के पश्चात यदि श, ष, या, स आदि अक्षर आए तो या तो विसर्ग को यथावत लिखा जाता हैं उसके स्थान पर अगला वर्ण अपना रूप ग्रहण कर लेता हैं।
जैसे:
14. विराम चिन्हों का प्रयोग न होने पर भी अशुद्ध हो जाती हैं और अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं।
जैसे:
इन वाक्यो में विराम चिन्ह की वजह से सभी वाक्यों का अर्थ बिल्कुल ही बदल गया हैं।
15. अक्षर रचना की जानकारी का अभाव देवनागरी लिपि में सयुक्त व्यजंनों में दो व्यंजन मिलाकर लिखे जाते हैं परंतु इनके लिखने पर गलती हो जाती हैं।
जैसे:
1. संज्ञा संबंधी वाक्य शुद्धि
2. लिंग संबंधी अशुद्धियाँ
3. वचन संबंधी अशुद्धियाँ
4. कारक संबंधी अशुद्धियाँ
5. सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ
6. विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ
7. क्रिया संबंधी अशुद्धियाँ
8. अव्यय संबंधी अशुद्धियाँ
9. पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ
10. अधिकपदत्व संबंधी अशुद्धियाँ
11. शब्द ज्ञान संबंधी अशुद्धियाँ
12. समास सम्बन्धी अशुद्धियां
दो या दो से अधिक पदों का समास करने पर प्रत्ययों का उचित प्रयोग न करने से जो शब्द बनता हैं उसमें कभी-कभी अशुद्धि रह जाती हैं।
13. संधि संबंधी अशुद्धियां
14. विशेष्य-विशेषण सम्बन्धी अशुद्धियां
15. उपसर्ग-प्रत्यय संबंधी अशुद्धियाँ
16. वर्तनी से संबंधी अशुद्धियां एवं उनमें वाक्य शुद्धि
उच्चारण दोष अथवा शब्द रचना और संधि के नियमों की जानकारी की अपर्याप्त के कारण सामान्यतः वर्तनी अशुद्धि हो जाती हैं।
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1. वाक्य शुद्धि क्या है ? |
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3. वाक्य शुद्धि के उदाहरण क्या हैं ? |
4. BPSC परीक्षा में वाक्य शुद्धि से संबंधित प्रश्न कैसे आते हैं ? |
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