Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - ध्वनि, हिंदी, कक्षा - 8

व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - ध्वनि, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

1.

अभी न होगा मेरा अंत
 अभी-अभी ही तो आया है
 मेरे वन में मृदुल वसंत-
 अभी न होगा मेरा अंत।
 हरे-हरे ये पात,
 डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
 मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
 फेरूँगा निद्रित कलियों पर
 जगा एक प्रत्यूष मनोहर।

शब्दार्थ :-

अंत—समाप्ति। वन—जंगल (यहाँ जीवन रूपी वन)। मृदुल—कोमल, नाजुक। पातपत्तियां कोमल—सुकुमार, मुलायम। गात—शरीर। कर—हाथ। निद्रित—नींद में डूबी हुई, सोई हुई। प्रत्यूष—प्रभात, सवेरा। मनोहर—मन को हरनेवाला, सुंदर। 

प्रसंग— प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक  'वसंत, भाग-3, में संकलित 'ध्वनि' नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हैं।
 इन पंक्तियों   के माध्यम से  कवि  जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण उजागर किया  है। वह स्वयं अच्छे कार्य करते हुए उपवन की कलियों अर्थात देश के युवाओं को सुंदर भोर का संदेश देना चाहता है।

व्याख्या— कवि अपने उत्कर्ष काल का वर्णन करते हुए कह रहा है कि अभी उसके कवि-जीवन का अंत नहीं होगा। क्युकि अभी तो उसके जीवन रूपी वन में सुकुमार वसंत का आगमन हुआ है। यह तो उसके कवि-जीवन का उत्कर्ष काल है। अभी उसका अंत होनेवाला नहीं।

वसंत के आने से उसके जीवन रूपी वन  में चारों ओर पेड़ पोदो पर हरे - हरे पत्ते  आ गए हैं; उनकी डालियों पर कोमल कलियाँ आ गई हैं; सभी पेड़ पोदे ही नए नए कोमल पत्तों से ढक गए है | इससे लगता है कि उसका शरीर कोमल हो गया है | कवि के जीवन में भी उत्साह का संचार हो गया है। वह अच्छे कार्यों के माध्यम से यश का प्रसार करना चाहता है। वह अपने स्वप्निल हाथों को निद्रा से अलसाई कलियों पर फेरना  चाहता है तथा उन्हें सुंदर प्रभात का संदेश देना चाहता है। अर्थात निराशा एवं आलस्य में डूबे नवयुवकों को अपनी कविता के माध्यम से पे्ररित कर उन्हें उत्साह से भर देना चाहता है, जिससे वे सजग होकर रचनात्मक कार्यों की ओर प्रेरित हों।

विशेष—

  • कवि जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण तथा रचनात्मक प्रवृति का संकेत मिलता है।
  • 'अभी-अभी' ,'हरे-हरे'  में पुनरुकित  प्रकाश अलंकार है।
  • कलियाँ कोमल में अनुप्रास अलंकार है।
  • काव्यांश में तत्सम शब्दावली की बहुलता है।

प्रश्न : (क)    कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
 उत्तर:
 कवि का नाम— सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
कविता का नाम— ध्वन्रि

प्रश्न : (ख)  'अभी न होगा मेरा अंत'—कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर: कवि का अंत अभी इसलिए नहीं होगा, क्योंकि उसके जीवन में अभी-अभी वसंत का आगमन हुआ है,  जिससे  उसका जीवन खुशियों से भर गया है। वह उत्साह से भरा हुआ है।

प्रश्न :(ग)  वसंत आने से पेड़ों में क्या परिवर्तन हो जाता है?
उत्तर:  वसंत आने से पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते आ जाते हैं। नई-नई डालियाँ निकल आती हैं, जिन पर कोमल कलियाँ आ जाती हैं। नए पक्रह्में तथा कलियों से वृक्ष लद जाते  है

प्रश्न :(घ)  कवि कलियों को किसका संदेश देना चाहता है और किस तरह?
उत्तर:  कवि कलियों को मनोहर प्रभात का संदेश देना चाहता है। वह इन क्लीओ पर अपना स्वप्निल हाथ फेरकर बताना चाहता है की प्रभात होने वाला के  

प्रश्न : (ङ)  'वन' और 'निद्रित कलियाँ'' यहाँ किसके प्रतीक हैं?
उत्तर: 'वन' कवि के जीवन:पी वन का तथा 'निद्रित कलियाँ आलस्य में डूबे हुए नवयुवकों के  प्रतीक के 

प्रश्न : (च)  काव्यांश में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:  काव्यांश में निहित संदेश यह है कि युवाओं को आलस्य की भावना त्यागकर उत्साहित होकर रचनात्मक कार्यों में जुट जाना चाहिए।

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FAQs on व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 1) - ध्वनि, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. ध्वनि क्या होती है?
उत्तर: ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा होती है जो किसी वस्तु द्वारा उत्पन्न होती है और हमारे कानों के माध्यम से हमारे द्वारा सुनी जाती है। ध्वनि एक तरह की तरंगों का प्रसार होता है जो माध्यम द्वारा फैलते हैं।
2. ध्वनि के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: ध्वनि दो प्रकार की होती है - स्थिर ध्वनि और गतिशील ध्वनि। स्थिर ध्वनि वह होती है जो किसी वस्तु या व्यक्ति द्वारा उत्पन्न होती है और यह ध्वनि स्थिर रूप से रहती है। गतिशील ध्वनि वह होती है जो आवेग, ध्वनि प्रतिध्वनि और तरंगों के प्रसार के कारण होती है।
3. हिंदी में ध्वनि के क्या प्रकार होते हैं?
उत्तर: हिंदी में ध्वनि के दो प्रकार होते हैं - स्वर और व्यंजन। स्वर ध्वनि वह होती है जो केवल आवेगों द्वारा उत्पन्न होती है और इसके लिए होंठों का उपयोग किया जाता है। व्यंजन ध्वनि वह होती है जो जीभ और दांतों के माध्यम से उत्पन्न होती है और किसी स्वर के साथ मिलकर शब्दों को रचती है।
4. ध्वनि के लिए माध्यम क्या होता है?
उत्तर: ध्वनि के लिए माध्यम वस्तु होती है जिसके माध्यम से ध्वनि की तरंगें फैलती हैं। हवा सबसे सामान्य माध्यम होती है जो हमारे आस-पास होती है और जिसके माध्यम से हम ध्वनि सुन सकते हैं। इसके अलावा, पानी, खाद्य और धातु भी ध्वनि के लिए माध्यम की भूमिका निभाते हैं।
5. ध्वनि किस प्रकार फैलती है?
उत्तर: ध्वनि एक तरह की तरंगें होती हैं जो माध्यम द्वारा फैलती हैं। जब कोई वस्तु या व्यक्ति बोलता है या ध्वनि उत्पन्न करता है, तो उसके आवेग ध्वनि की तरंगों में परिवर्तित हो जाते हैं और इन तरंगों का प्रसार हवा द्वारा होता है। हमारे कान इन तरंगों को स्थायी रूप से सुन लेते हैं और हमें ध्वनि सुनाई देती है।
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