1. स्रोत के आधार पर
पुर्तगाली, अरबी, फारसी, अंग्रेज़ी आदि आगत (विदेशी) भाषा के शब्दों के अतिरिक्त अन्य शब्द जो हिन्दी भाषा में प्रचलित हैं। उन्हें स्रोत के आधार पर निम्न प्रकार से बाँटा गया है-
(अ) तत्सम, तद्भव और अर्द्धतत्सम शब्द-
तद्भव शब्द ‘तद्भव’ शब्द ‘तत् + भव’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है— उससे उत्पन्न या विकसित।’ अर्थात् वे शब्द जो संस्कृत से उत्पन्न या विकसित हुए हैं, तद्भव शब्द कहलाते हैं; जैसे-मोर, चार, बच्चा, फूल इत्यादि।
अर्द्धतत्सम शब्द अर्द्धतत्सम शब्द उन संस्कृत शब्दों को कहते हैं, जो प्राकृत भाषा बोलने वालों के उच्चारण से बिगड़ते-बिगड़ते कुछ और ही रूप के हो गए हैं; जैसे-बच्छ, अग्याँ, मुँह, बंस इत्यादि। इन तीनों प्रकार के शब्दों (तत्सम, तद्भव और अर्द्धतत्सम) के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार से दिए गए हैं। इन उदाहरणों से तीनों शब्दों के भेद स्पष्ट हो जाएँगे
विभिन्न परीक्षाओं में तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखने के लिए आते हैं। अतः छात्रों की सुविधा हेतु तद्भव और तत्सम शब्दों की सूची यहाँ प्रयुक्त है।
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