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शब्द - संपदा - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

शब्द और अर्थ का अत्यंत घनिष्ठ संबंध है। एक तरह से शब्द का बोध उसके अर्थ से ही होता है। अर्थ की प्रतीति भी शब्द के माध्यम से होती है, अत: अर्थ भी एक तरह का शब्द ही है।

अर्थ के आधार पर शब्दों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जाता हैत्न

  1. पर्यायवाची या समानार्थक शब्द 
  2. विलोम या विपरीतार्थक शब्द 
  3. अनेकार्थी शब्द
  4. समरूपी भिन्नार्थक शब्द
  5. एकार्थी या एकार्थक शब्द
  6. अनेक शब्दों (वाक्यांश) के लिए एक शब्द

 

1- पर्यायवाची या समानार्थक शब्द

पर्यायवाची शब्दों को समानार्थक शब्द भी कहा जाता है। अर्थ की दृष्टि से समानता रखनेवाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। इनका अर्थ आपस में मिलता-जुलता है, किंतु ये एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग नहीं किए जा सकते।
यहाँ कुछ शब्द और उनके पर्यायवाची शब्द दिए जा रहे हैं :
     
     शब्द        पर्यायवाची शब्द
     
    अंधकार  —   तम, अँधेरा, तिमिर, कालिमा।
    आकाश   —  व्योद्ग, गगन, नभ, अंबर, अनंत, शून्य।
    आग   —  पावक, अग्नि, कृशानु, दहन, ज्वाला, हुताशन।
    अमृत   —  सुधा, सोम, अमिय, पीयूष।
    घोड़ा   —  बाजी, अश्व, तुरंग, हय, घोटक।
    अतिथि   —  अभ्यागत, पाहुन, आगंतुक, मेहमान।
    अन्न   —  अनाज, शस्य, धान्य, खाद्यान्न।
    जंगल   —  विपिन, कानन, अरण्य, वन।
    असुर   —  निशाचर, दनुज, दानव, राक्षस, तमीचर, दैत्य।
    आँख   —  नेत्र, नयन, लोचन, दृग, चक्षु।
    इच्छा   —  आकांक्षा, मनोकामना, चाह, अभिलाषा, मनोरथ।
    ईश्वर   —  प्रभु, जगदीश, परमेश्वर, जगन्नाथ, भगवान।
    उपवन   —  बाग, बगीचा, उद्यान, वाटिका, कुसुमाकर।
    कमल   —  जलज, पंकज, नीरज, अंबुज, वारिज, कंज।
    कपड़ा   —  अंष्र, पट, दुकूल, चीर, वसन।
    गोपाल   —  कृष्ण, मोहन, मुरारी, मुरलीधर, माधव, गिरिधर।
    कोयल   —  अलि, पिक, कोकिला, वसंतदूत्र
    गंगा   —  सुरसरि, देवसरि, भागीरथी, जाह्नवी
    गणेश   —  गजानन, एकदंत, विनायक, लंबोदर
    चंद्रमा   —  विधु, शशि, राकापति, चंद्र, निशाकर, चाँद, मयंक
    तलवार   —  असि, खड्ग, कृपाल, करवाल
    पेड़   —  तरु, द्रुम, विटप, वृक्ष
    तालाब   —  सरोवर, सर, जलाशय, ताल, तड़ाग
    तन   —  शरीर, काया, देह, कलेवर, तनु
    नौकर   —  सेवक, दास, भृत्य, अनुचर, परिचाकर, चाकर
    दुष्ट   —  खल, नीच, दुर्जन, पामर
    दिन   —  वार, दिवस, दिवा, वासर।
    देवता   —  देव, अजर, अमर, निर्जर, सुर।
    धरती   —  पृथ्वी, भू, भूमि, धरा, वसुधा, वसुंधरा।
    बादल   —  मेघ, जलधर, घन, वारिद, नीरद, अंबुद
    जननी   —  अंबा, माता, माँ,  अम्मा, माई
    नदी   —  सरिता, शैलजा, तटिनी, तरंगिनी, निर्झरणी
    औरत   —  वामा, नारी, स्त्री, वनिता, भामिनी
    नौका   —  नाव, तरी, बेड़ा, डोंगी
    पत्ता   —  पात, पर्ण, दल
    पत्थर   —  पाषाण, प्रस्तर, पाहन, उपल
    यात्री   —  राही, बटोही, पथिक, मुसाफ़िर, राहगीर
    पहाड़   —  गिरि, नग, पर्वत, भूधर, शैल, अचल
    हवा   —  पवन, समीर, मारुत, वायु, अनिल, बयार
    पक्षी   —  खग, विहग, अंडज, द्विजए, नभचर, खेचर
    पुत्री   —  सुता, तनया, दुहिता, कन्या, आत्मजा, बेटी
    बाल   —  केश, अलक, कुंतल, कच
    बिजली   —  चपला, तडि़त, दामिनी, विद्युत, सौदामिनी
    बेटा   —  सुत, पूत, तनय, आत्मज
    मछली   —  मत्स्य, मीन, मकर, झख, सपफरी |
    मनुष्य   —  मानव, नर, मनुज, इनसान, आदमी
    साथी   —  मित्र, दोस्त, सहचर, सखा, मीत्र
    रास्ता   —  पथ, मार्ग, मग, राह, बाट
    राजा   —  नृप, नरेश, भूपति, महीपति, नरेश, नरेंद्र, प्रजापालक
    रात   —  रात्रि, रजनी, राका, यामा, यामिनी, निशा
    घर   —  गेह, निकेतन, आलय, निवास्र
    लक्ष्मी   —  रमा, कमला, पद्मा, चंचला, विष्णुप्रिया।
    शत्रु   —  रिपु, अराति, बैरी, दुश्मन, अरि
    संसार   —  जग, जगत्, दुनिया, भव
    शेर   —  सिंह, वनराज, पंचानन, मृगराज, मृगपत्रि
    सूर्य   —  रवि, दिनकर, दिवाकर, आदित्य, भानु, भास्कर
    सुगंध   —  महक, सुवास, सौरभ, खुशबू, सुरभि
    हाथी   —  कुंजर, हस्ती, गज, मतंग।

 

२- विलोम या विपरीतार्थक शब्द

किसी शब्द का विपरीत या उल्टे अर्थ का ज्ञान करानेवाले शब्द को विलोम या  विपरीतार्थक शब्द कहते हैं; जैसे—अनुकूल - प्रतिकूल, आगमन - प्रस्थान।

कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:

शब्द  विलोम शब्द  विलोम शब्द  विलोम
अपना पराया  आदर निरादर अनाथ   सनाथ 
आदि  अंत, अनादि   अंधकार   प्रकाश       आरंभ   अंत
अपमान  सम्मान आवरण  अनावरण   अनुज     अग्रज
उत्कृष्ट निकृष्ट  अमृत   विष  उत्पत्ति  समाप्ति
आंतरिक   बाह्य उददंड   विनम्र आदान   प्रदान
अनुरक्ति   विरक्ति आशा   निराशा       आस्तिक   नास्तिक
आयात निर्यात   उपयोगी  अनुपयोगी   आकर्षण   विकर्षण
उदार      अनुदार   उर्वर  ऊसर  अपकार अनिवार्य
उत्तीर्ण   अनुत्तीर्ण कटु   मधुर  सजीव  निर्जीव
कायर वीर उपस्थित   अनुपस्थित   ऊँच  नीच
उत्तम  अधम  क्रय विक्रय    
गहरा   उथला     कपूत सपूत   चल   अचल
कोमल   कठोर जंगम   स्थावर      चंचल  स्थिर
देव   दानव   जड़   चेतन   दीर्घ  ह्रस्व
जीवित   मृत निर्मल   मलिन  दुर्गुण सद्गुण
न्याय  अन्याय निर्माण  विनाश   न्यून     अधिक
निश्चित   अनिश्चित पंडित  मूर्ख   नैतिक  अनैतिक
प्राचीन नवीन नूतन पुरातन   प्रमुख     गौण
पाप   पुण्य  बलवान     बलहीन   प्रत्यक्ष   अप्रत्यक्ष/परोक्ष
बुद्धिमान  मूर्ख  पक्ष  विपक्ष भोला  चालाक
प्रशंसा निंदा  मान अपमान  भारी हल्का
मौखिक लिखित मंगल  अमंगल महान क्षुद्र
याचक दाता मित्र शत्रु  रक्षक भक्षक
महँगा  सस्ता  रात दिन  यशस्वी कलंकित
लौकिक अलौकिक   राग    विराग वादी   प्रतिवादी
रुग्ण  स्वस्थ विधि  निषेध लाभ हानि
विशाल लघु   लुप्त व्यक्त वरदान   अभिशाप
वैध   अवैध  विजय  पराजय विधवा  सधवा
वृद्धि  ह्रास विरह  मिलन सुमति कुमति
विष  अमृत स्वाभाविक अस्वाभाविक  शकुन अपषकुन
सज्जन दुर्जन सुखद दुखद स्वच्छ     मलिन
सुख  दुख  सबल निर्बल स्वर्ग  नरक
संक्षेप विस्तार स्तुति  निंदा स्वस्थ   अस्वस्थ
सार्थक     निरर्थक दुर्गंध   सुगंध   स्वतंत्र  परतंत्र
 सुरूप  कुरूप स्वाधीन  पराधीन   सदाचार   दुराचार
 समीप दूर सरल  कठिन   सेवक     स्वामी
 सृष्टि प्रलय संयोग   वियोग  सरस नीरस

 

 

३.    अनेकार्थी शब्द​

कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो प्रयोग के अनुसार अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग अर्थ देते हैं, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं; जैसे - ‘अमृत’ शब्द के ‘अन्न’, ‘दूध’, ‘जल’, ‘स्वर्ण’, ‘पारा’ आदि अर्थ हैं।
कुछ अनेकार्थी शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थ निम्नलिखित हैंत्न
        शब्द                             अर्थ
        अंबर   —  आकाश, वस्त्र, एक सुगंधित पदार्थ।
        अनंत   —  आकाश, ईश्वर, शेषनाग, अंतहीन।
        अर्थ   —  उद्देश्य, मतलब, धन, कारण।
        अर्क   —  रस, सूर्य, रविवार, पंडित, आक का पौधा।
        अरुण   —  सूर्य का सारथी, लाल।
        अंक   —  गोद, चिह्न, संख्या।
        उत्तर   —  ज्ज्द्मवाब, एक दिशा का नाम।
        अब्ज   —  कपूर, शंख, चंद्रमा, कमल।
        अपेक्षा   —  तुलना, आवश्यकता, आशा।
        अवधि   —  निश्चित समय, सीमा।
        अलि   —  बिच्छू, कोयल, भौंरा।
        आराम   —  चैन, बगीचा।
        कर   —  टैक्स, किरण, सूँड़, हाथ।
        कल   —  आगामी दिन, बीता हुआ कल, मशीन।
        कर्ण   —  कान, कुंती का पुत्र।
        कनक   —  सोना, धतूरा, गेहूँ।
        काल   —  मृत्यु, समय।
        कुल   —  योग, परिवार।
        घट   —  घड़ा, शरीर, कम, हृदय।
        घन   —  बादल, हथौड़ा, विस्तार, घना
        दल   —  पत्ता, सेना, समूह।
        द्विज   —  ब्राह्मण, चंद्रमा, पक्षी, दाँत।
        गुरु   —  भारी, बड़ा, शिक्षक।
        घर   —  मकान, कार्यालय, कुल।
        जीवन   — जल, जिंदगी, वायु।
        तनु   —  पतला, कोमल, तन।
        नभ   —  आकाश, शून्य, मेघ।
        नग   —  पर्वत, नगीना।
        नव   —  नया, नौ (एक संख्या)।
        नायक   —  सेना का नायक, नेता, पथ प्रदर्शक,  नाटक का मुख्य पात्र।
        पक्ष   —  पंख, पंद्रह दिन का समय, तरफ।
        पट   —  परदा, वस्त्र, कपाट, चित्रपट।
        पत्र   —  पत्ता, चिट्ठी, पन्ना।
        पय   —  दूध, अन्न, पानी।
        पशु   —  मूर्ख, चौपाया।
        पुरंदर   —  इंद्र, विष्णु, चोर।
        पद   —  पैर, उपाधि, स्थान।
        प्राण   —  वायु, जीवन, श्वास, बल।
        रस   —  आनंद, प्रेम, ह्म्क्रश, सार।
        मत   —  राय, संप्रदाय, नकारात्मक भाव।
        रंग   —  वर्ण, प्रेम, अभिनय-नृत्य।
        राशि   —  समूह, राशियाँ (कर्क, मेष आदि)।
        मुद्रा   —  मुहर, मुखाकृति, अँगूठी, सिक्का।
        लक्ष्य   —  निशाना, उद्देश्य।
        वर   —  वरदान, पति, दूल्हा, श्रेष्ठ।
        सारंग   —  बादल, साँप, मोर, मृग, वृक्ष।
        रक्त   —  लाल रंग, लहू, कमल, ताँबा।
        सूत   —  धागा, सारथी।
        हार   —  पराजय, माला।
        स्नेह   —  प्र्रेम, कोमलता, तेल, चिकनाहट।

 

 ४.    समरूपी भिन्नार्थक शब्द

जब कभी दो शब्दों के उच्चारण में समानता होती है, परंतु उनके अर्थ में पर्याप्त भिन्नता होती है,परंतु उन्हें समरूपी भिन्नार्थक शब्द कहते हैं; जैसे—पवन - पावन | यहाँ उच्चारण में समानता है किंतु इनके अर्थ क्रमशः ‘हवा’ और ‘पवित्रा’ हैं, जिनमें पर्याप्त भिन्नता है।
कुछ समरूपी भिन्नार्थक शब्द तथा उनके प्रयोग निम्नलिखित हैं :

शब्द अर्थ  वाक्य-प्रयोग
 1.    अनिल हवा  शीतल अनिल से थकान दूर हो गई।
अनल आग  अचानक अनल की लपटें चारों ओर पैफलने लगीं।
2.    अचल  पर्वत   इस अचल की चोटियाँ गगनचुंबी है।
अचला  पृथ्वी   अचला हम सभी का पालन-पोषण करती है।
 3.    अंश हिस्सा     ताकतवर लोग गरीबों का अंश हड़प जाते हैं।
अंस कंधा   रामू के अंस में सूजन है।
 4.    अशक्त  बलहीन  लंबी बीमारी ने उसे अशक्त बना दिया है।
आसक्त मोहित  ऐसे सौंदर्य पर कौन आसक्त न होगा भला।
5.    अचार   खट्टी खाद्य वस्तु  यह अचार बहुत ही स्वादिष्ट है।
आचार व्यवहार हमें सोच-समझकर आचार  करना चाहिए।
 6.    अवधी     एक भाषा  जायसी ने 'पद्मावत' अवधी में लिखा है।
अवधि     समय-सीमा  यह काम निश्चित अवधि में पूरा नहीं हो सकेगा।
7.    अलि  भौंरा   फूल पर अलि मँड़रा रहा है।
आली  सखी  हे आली! यहाँ मौसम कितना सुहावना है।
 8.    अन्न अनाज इस साल अन्न की पैदावार कम हुई है।
अन्य दूसरा इस समस्या का कोई अन्य हल खोजना चाहिए।
9.    अवलंब सहारा  गरीबों का अवलंब सिर्फ ईश्वर होता है।
अविलंब शीघ्र ट्रेन पकडऩे के लिए अविलंब चले जाओ।
 10.    अपेक्षा तुलना में  प्याज की अपेक्षा टमाटर महँगा हो गया है।
उपेक्षा  निरादर गरीबों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
11.    आदि   आरंभ आदि काल में मानव गुफाओं में रहता था।
आदी   अभ्यस्त वह नशीले पदार्थों का आदी हो गया है।
12.    असमान जो बराबर न हो  इन दोनों कमीजों का मूल्य असमान है।
आसमान आकाश   अब तो आसमान से तारे ओझल हो गए हैं।
 13.    ओर  दिशा  हिमालय भारत के उत्तर की ओर है।
और  तथा राम और श्याम दोनों ही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो गए हैं।
 14.    उपयुक्त  उचित यह काम तुम्हारे लिए उपयुक्त नहीं है।
उपर्युक्त ऊपर कहा गया उपर्युक्त वाक्य में कोई गलती नहीं है।
 15.    कृपण   कंजूस     यह सेठ बहुत ही कृपण है।
कृपाण  छोटी तलवार   यह कृपाण अत्यंत तीक्ष्ण धारवाली है।
16.    कुल परिवार यह काम करके तुमने अपने कुल का नाम डुबो दिया।
 कूल  किनारा नदी के कूल पर अनेक पक्षी दिख रहे हैं।
17.    कपट  छल    कभी भी किसी के साथ कपट नहीं करना चाहिए।
कपाट   दरवाजा बाहर जाते समय कपाट बंद करते जाना।
 18.    कल आनेवाला दिन कल मंगलवार को बाजार चले जाना।
काल मौत  काल किसी का इंतजा र नहीं करता।
 19.    कांति  चमक   इस लड़के के चेहरे पर कांति आने लगी है।
क्रांति  परिवर्तन  हरित-क्रांति से फसल उत्पादन बढ़ गया है।
 20.    कढ़ाई बेल - बूटे बनाना सुमन साड़ी पर कढ़ाई कर रही थी।
कड़ाही एक बर्तन  लोहे की कड़ाही में बनी सब्जी  स्वादिष्ट होती है।
21.    ग्रह सूर्य, चंद्रमा आदि  सौरमंडल में नौ ग्रह हैं।
गृह  घर  आज तो स्कूल से बहुत गृहकार्य मिला है।
22.    घट  घड़ा इस घट का पानी शीतल है।
 घटा   घने बादल  आसमान में घटा घिरते ही बूँदाबाँदी शुरू हो गई।
23.    चपल  चंचल देखो सुमन, हमारी बेटी कितनी चपल है।
 चपला  बिजली आसमान में चपला चमककर डराने लगी।
24.    चिर   पुराना  यह महल चिरकालीन है।
 चीर  वस्त्र  चीर बढ़ाकर श्री कृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की।
25.    चरण  पैर   भक्त ने प्रभु के चरण पकड़कर याचना की।
चारण भाट   चारण प्रात:काल से गुणगान कर रहे हैं।
 26.    तन  शरीर  आजकल -फैशन में तन का वस्त्र कम होता जा रहा है।
तान  धुन मुरली की तान सुन ग्वाल-बाल कृष्ण के पास भागे चले आते थे।
27.    तरंग  लहरे नदी में ऊँची-ऊँची तरंगें उठ रही थीं।
तुरंग घोड़ा   यह तुरंग अच्छी जाति का है।
28.    तरणि  सूर्य   तरणि के दर्शन करते ही ओस की बूँदे गायब हो गई।
तरणी नाव तरणी के बिना नदी पार करना संभव नहीं है।
तरुणी युवती   "तरुणी, तुमने तो मेरा मन वश में कर लिया है," शांतनु ने गंगा से कहा।
29.    थल   जमीन थलमार्ग, जलमार्ग की अपेक्षा बहुत लंबा है।
थाल बड़ी थाली यह थाल फलों से भरा है।
 30.    दिन दिवस  कई दिन से मेरी उससे मुलाकात नहीं हुई।
दीन  गरीब दीन-दुखियों पर दया करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं।
 31.    धरा  पृथ्वी इस पावन धरा की रज में लोटकर हम बड़े हुए हैं।
धारा   तेज बहाव   सुमन, उधर धारा में जाने की कोशिश न करो।
32.    नीर पानी  यहाँ नदी का नीर कितना साफ है।
नीड़  घोंसला   पक्षी नीड़ से उड़कर दूर चला गया।
 33.    पवन   हवा   बगीचे में सुगंधित पवन मदहोश कर रही थी।
पावन पवित्र अब हम दोनों को विवाह के पावन बंधन में बँध जाना चाहिए।
 34.    प्रसाद कृपा  मंदिर में पूजा करने पर ईश्वर के प्रसाद की प्राप्ति होती है।
प्रासाद राजमहल सिद्धार्थ प्रासाद छोड़कर ज्ञान की खोज में निकल पड़े।
 35.    परुष  कठोर   परुष वचन मन को छलनी कर देता है।
पुरुष  मनुष्य   स्त्री और पुरुष जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिया  हैं।
36.    परिणाम फल लड़ाई-झगड़े का परिणाम अच्छा नहीं होता।
परिमाण   मात्रा   सूखे के कारण कम परिमाण में फसल पैदा हुई।
37.    प्रमाण सबूत   बिना प्रमाण किसी पर दोषारोपण मत करो।
प्रणाम  नमस्ते अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
38.    भवन  महल  यह भवन कितना शानदार है!
भुवन  संसार   यह भुवन दुख से परिपूर्ण है।
39.    पानी  जल     पानी की एक-एक बूँद बहुत ही कीमती है।
पाणि   हाथ पाणि - ग्रहण की रस्म अभी नहीं हुई है।
 40.    बदन शरीर   बीमारी के कारण उसका बदन सूखने लगा है।
वदन मुख  उसके वदन की सुंदरता देखते ही बनती है।
 41.    वसन   वस्त्र  गर्मी के मौसम में सूती वसन ही ठीक रहता है।
व्यसन  बुरी आदत  हमें व्यसन से बचना चाहिए।
42.    सर  तालाब   यह सर बहुत ही पुराना है।
शर बाण शिकारी ने तरकश से शर निकाल लिया।
43.    सुत   पुत्र  उसने अपने सुत को झूठ न बोलने की सीख दी।
सूत धागा इस कपड़े का सूत मज्जबूत है।
 44.    सुर  स्वर, आवाज  सुमन, तुम्हारा सुर कितना मीठा है!
सूर   अंधा सूर अपनी अंतरात्मा से सब कुछ महसूस कर लेता है।

 

 

५.  एकार्थी या एकार्थक शब्द​

जो शब्द हर स्थिति में एक-सा अर्थ देते हैं, उन्हें एकार्थी शब्द कहते हैं। उन्हें  एकार्थक शब्द भी कहते हैं। जैसे - अश्व - घोड़ा, नियति - भाग्य।

कुछ एकार्थी शब्दों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:
 

 शब्द  

 अर्थ  

 शब्द 

 अर्थ 

 शब्द

   अर्थ

 मयूर  

 मोर  

 लेखनी  

 कलम  

 अंजन  

 काजल

 चित्र  

 तद्यवीर  

 बच्चा  

 शिशु  

 आखेट  

 शिकार

 पुस्तक  

 किताब  

 मयंक  

 चंद्रमा  

 निपुण  कुशल

 

 साक्षर  

 पढ़ा-लिखा  

 प्रतीक्षा  

 इंतजार 

 निरक्षर  

 अनपढ़

 पुनीत  

 पवित्र  

 युद्ध  

 लड़ाई  

 कपोल  

 गाल

 कोकिल  

 कोयल  

 ऋण  

 कर्ज  

 काग  

 कौआ

 भुजंग  

 सर्प  

 कपोत  

 कबूतर  

 निधन  

 मृत्यु

 पिक  

 कोयल  

 सत्य  

 सच  

 बटोही  

 राहगीर

 सप्तम  

 सातवाँ  

 आगमन

आना  

 विक्रय  

 बेचना

 वारि  

 पानी  

 क्रय  

 खरीदना  

 आराधना  

 पूजा

 स्वयं  

 खुद  

 अनुनय  

 प्रार्थना  

 अहंकार  

 घमंड

 डर  

 भय  

 प्रगति  

 उन्नति  

 निकट  

 समीप

 

६. अनेक शब्दों (वाक्यांश) के लिए एक शब्द​

लेखन को प्रभावपूर्ण बनाने तथा लेखन में संक्षिप्तता लाने के लिए अनेक शब्द या वाक्यांश लिखने की जगह एक शब्द का प्रयोग किया जाता है; जैसे - समाचार - पत्र, पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार भेजनेवाला संवाददाता।

कुछ महत्वपूर्ण वाक्यांशों के लिए एक शब्द निम्नलिखित हैं:
        वाक्यांश                          एक शब्द
जिसका आदि या आरंभ न हो   —  अनादि
जो कभी न मरे   —  अमर
जो कभी बूढ़ा न हो   —  अजर    
जिसका कोई शत्रु न हो   —  अजातशत्रु
जिसका अंत न हो   —  अनंत    
जिसकी उपमा न हो   —  अनुपम
जिसके समान दूसरा न हो   —  अद्वितीय
जो सहा न जा सके   —  असह्य
जिसे क्षमा न किया जा सके   —  अक्षम्य
जिसे देखा न जा सके   —  अदृश्य,                 अगोचर
दोपहर के पहले का समय   —  पूर्वाइन
दोपहर के बाद का समय   —  अपराइन
ऊपर लिखा हुआ   —  उपरिलिखित
जो ऊपर कहा गया हो   —  उपर्युक्त
जो बिना वेतन के काम करे   —  अवैतनिक
जो बहुत कम जानता हो   —  अल्पज्ञ
मन की बात जाननेवाला   —  अंतर्यामी
जिसकी तुलना न की जा सके   —  अतुलनीय
जिसे शाप दिया गया हो   —  अभिशप्त
जो हर जगह व्याप्त हो   —  सर्वव्यापी
जो जीवन भर के लिए हो   —  आजीवन
किए हुए उपकार को माननेवाला   —  कृतज्ञ
किए गए उपकार को न माननेवाला   —  कृतघ्न
जानने की इच्छा रखनेवाला   —  जिज्ञासु
जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो   —  जितेंद्रिय
जल में रहनेवाला   —  जलचर
चार भुजाएँ रखनेवाला   —  चतुर्भुज
जो इतिहास लिखता हो   —  इतिहासकार
धर्म को जाननेवाला   —  धर्मज्ञ
आकाश में विचरण करनेवाला   —  नभचर
जो किसी का पक्ष न ले   —  निष्पक्ष
जिसने अपराध किया हो   —  अपराधी
जिसने कोई अपराध न किया हो   —  निरपराध
जो सप्ताह में एक बार हो   —  साप्ताहिक
प्रतिदिन होनेवाला   —  दैनिक
माह में एक बार होनेवाला   —  मासिक
साल में एक बार होनेवाला   —  वार्षिक
शत्रु का वध करने वाला   —  शत्रुघन
गणित जाननेवाला   —  गणितज्ञ
जहाँ जाना कठिन हो   —  दुर्गम
जहाँ पहुँचना आसान हो   —  सुगम
आँखों के सामने होनेवाला   —  प्रत्यक्ष
जो सदा सत्य बोलता हो   —  सत्यवादी
जिसके माता-पिता मर गए हों   —  अनाथ
पृथ्वी के चारों ओर की हवा   —  वातावरण
सभी को समान दृष्टि से देखनेवाला   —  समदर्शी
व्याकरण का ज्ञान रखनेवाला   —  वैयाकरण
जिसके प्रति तनिक भी संदेह न हो   —  नि:संदेह
जो पढ़ा जा सके   —  पठनीय
ईश्वर को माननेवाला   —  आस्तिक
ईश्वर को न माननेवाला   —  नास्तिक
खूब परिश्रम करनेवाला   —  परिश्रमी
सब कुछ जाननेवाला   —  सर्वज्ञ
जिस स्त्री का पति मर चुका हो   —  विधवा
जिस पुरुष की पत्नी मर गई हो   —  विधुर
जो कपटपूर्ण व्यवहार करता हो   —  कपटी
हाथ से लिखी गई पुस्तक   —  पांडुलिपि
जिसे पहले न पढ़ा गया हो   —  अपठित
ग्राम में रहनेवाला   —  ग्रामीण
अवसर के अनुसार बदल जानेवाला   —  अवसरवादी
जिसका विनाश न किया जा सके   —  अविनाशी
स्वयं सेवा करनेवाला   —  स्वयंसेवक
जिसके पास कुछ न हो   —  अकिंचन
बहुत अधिक बोलनेवाला   —  वाचाल
रात में घूमनेवाला   —  निशाचर 

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FAQs on शब्द - संपदा - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. संपदा क्या है और इसका व्याकरण क्या होता है?
उत्तर: संपदा एक संज्ञा होती है जो किसी व्यक्ति या संगठन की धन एवं संपत्ति का वर्णन करती है। इसका व्याकरण संपदा की वर्णमाला, क्रियाएँ एवं संज्ञाएं होती हैं।
2. संपत्ति के प्रकार क्या होते हैं?
उत्तर: संपत्ति कई प्रकार की होती है जैसे कि धनिक संपत्ति, सामाजिक संपत्ति, बौद्धिक संपत्ति, शैक्षिक संपत्ति आदि।
3. संपत्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: संपत्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमारी आर्थिक ताकत बढ़ती है जो हमें अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद करती है। संपत्ति हमें स्वतंत्रता, स्वावलंबन और सम्मान देती है।
4. संपत्ति के लिए क्या समय समय पर सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: संपत्ति के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। हमें संपत्ति का निर्माण किसी विशेष उद्देश्य के लिए नहीं करना चाहिए बल्कि उसे लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए अपना समय तथा धन निवेश करना चाहिए।
5. संपत्ति को संरक्षित रखने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर: संपत्ति को संरक्षित रखने के लिए हमें अपने खर्चों का नियंत्रण रखना चाहिए और अपनी डिब्ट कम करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें अपनी संपत्ति को बीमा करवाना चाहिए जिससे कि हमें अनुदेश्यजन हानि होने पर भी आर्थिक सहायता मिल सके।
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