Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  संज्ञा के विकार - लिंग, वचन, कारक (भाग - 2) - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8

संज्ञा के विकार - लिंग, वचन, कारक (भाग - 2) - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

3. कारक

कारक—‘कारक’ शब्द का शद्मब्दिक अर्थ है—‘क्रिया को करनेवाला’ अर्थात क्रिया को पूरी करने में अपनी भूमिका निभानेवाला। यह भूमिका ‘संज्ञा’ और ‘सर्वनाम’ द्वारा निभाई जाती है। इस तरह हम कह सकते हैं—संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से यह जाना जा, कि क्रिया का उससे क्या संबंध है, उसे कारक कहते हैं।

कारक के भेद—कारक के आठ भेद हैं—१- कर्ता  २- कर्म  ३- करण  ४- संप्रदान  ५- अपादान  ६- संबंध  ७- अधिकरण  ८- संबोधन।

1.    कर्ता कारक—क्रिया जिसके द्वारा संपन्न होती है, उसे कर्ता कारक कहते है । कर्ता के बिना क्रिया संभव नहीं होती। वाक्य में कर्ता और क्रिया का घनिष्ट संबंध होता है; जैसे—    के
            (क)    वैभव विद्यालय जाता है।    (ख)    सुमन ने खाना पकाया।
         क्रिया के साथ ‘कौन’ या ‘किसने’ लगाकर प्रश्न करने पर मिलनेवाला उत्तर कर्ता होता है।
    
 2.    कर्म कारक
—क्रिया का प्रभाव जिस पर पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं; जैसे—
            (क)    प्रज्ञा पत्र पढ़ती है।    (ख)    सौम्या और कविता विद्यालय जाती हैड्ड।
            (ग)    सैनिक ने दुश्मन को मार गिराया।    (घ)  सेठ ने कपड़े बँटवाए।
        क्रिया के साथ ‘क्या’ तथा ‘किसे’ लगाकर प्रश्न करने पर मिलने वाला उत्तर कर्म होता है।
        कभी-कभी वाक्य में दो-दो कर्म होते हैं। इनमें से एक कर्म मुख्य होता है  और दूसरा गौण ; जैसे—
            विप्लव ने प्रत्यूष को पत्र लिखा।
    
 3.    करण कारक
—जिस साधन द्वारा क्रिया संपन्न होती है, उसे करण कारक कहते हैं; जैसे—
            (क)    वर्षा कलम से कहानी लिखती है।    (ख)    सत्यम ब्रुश से रंग भरता है।
             (ग)   वृद्ध लाठी से चलता है।    (घ)  बच्चा बोतल से दूध् पीता है।
        क्रिया के साथ ‘किससे’ या ‘किसके द्वारा’ लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होता है, उसे करण कारक कहते हैं।
    
 4.    संप्रदान कारक—
कर्ता (संज्ञा या सर्वनाम) द्वारा जिसके लिए क्रिया की जाती है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं; जैसे—
            (क)    दादा जी बच्चों के लिए खिलौने लाते हैं।    (ख)    माँ भिखारी को भीख देती है।
             (ग)   मंजूषा गरीब को कपड़े देती है।    (घ)  मामा भानजे के लिए उपहार लाए।
  
  5.    अपादान कारक—
जिस पद से अलग होने का भाव प्रकट होता है या कर्ता अपनी क्रिया के द्वारा जिससे अलग होता है, उसे अपादान कारक कहते हैं; जैसे—
            (क)    सैनिक घोड़े से गिर पड़ा।    (ख)    फल पेड़ से गिर गया।
             (ग)   छात्र विद्यालय से घर आते हैं।    (घ)    सुमन फ्रिज से शीतल पेय लाई।
    
 6.    संबंध कारक—
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से संज्ञा, सर्वनाम शब्दों का संबंध वाक्य के अन्य संज्ञा, सर्वनाम शब्दों से होता है, उसे संबंध कारक कहते हैं; जैसे—
            (क)    यह मोबाइल फोन पुलकित का है।    (ख)    यह सुंदर भवन किसी राजा का लगता है।
             (ग)   क्या तुम्हारी किताब फट गई है?    (घ) मुझे भारत का मानचित्र चाहिए।
  
  7.    अधिकरण कारक—
जिस स्थान पर क्रिया संपन्न होती है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इससे क्रिया के स्थान, काल आदि के बारे में पता चलता है; जैसे—
            (क)    कक्षा में छात्र चुपचाप पढ़ रहे हैं।    (ख)    कला अध्यापक ने श्यामपट्ट पर सुंदर चित्र बनवाया।
             (ग)   हमें दूसरों पर भी विश्वास करना चाहिए।    (घ) कुएँ में मेढक था।
    
 8.    संबोधन कारक
—किसी को बुलाने, सचेत करने, ध्यानाकर्षित करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, 

उन्हें संबोधन कारक कहते हैं। इन शब्दों के बाद प्राय: विस्मयादिबोधक चिह्न (!) लगाते हैं; जैसे—
            (क)    अरे वैभव! यह तुमने क्या किया?    (ख)    हे भगवान! इस गरीब की मदद करना।
             (ग)   भाइयो एवं बहिनो! मेरी बातें ध्यानपूर्वक सुनिए।    (घ) बच्चो! यहाँ आना।
 

कारकों के संबंध में कुछ स्मरणीय तथ्य

    (i)    प्राय: निर्जीव कर्म के साथ ‘को’ विभक्ति - चिह्न नहीं लगाया जाता; जैसे—
        सपना पत्र पढ़ती है। शाश्वत मिठाई खाता है।
        यहाँ  'पत्र'  तथा -मिठाई’ निर्जीव कर्म हैं, इसलिए ‘को’ विभक्ति - चिह्न प्रयुक्त नहीं हुआ है।
    (ii)    ‘करण’ और ‘अपादान’ दोनों ही कारकों का विभक्ति-चिह्न ‘से’ है, पर इनमें अंतर है। करण कारक का विभक्ति - चिह्न ‘से’ साधन या द्वारा का सूचक है; जैसे—
        कलाकार ने ब्रुश से सुंदर चित्र बनाया।
        अपादान कारक का चिह्न ‘से’ अलगाव का सूचक है; जैसे—
        अध्यापक पुस्तकालय से वापस आ गए है ।
    (iii)    ‘कर्म’ और ‘संप्रदान’ दोनों ही कारकों का विभक्ति - चिह्न ‘को’ है, पर दोनों में अंतर है। कर्म कारक में 'को' का प्रयोग सजीवों के साथ होता है; जैसे—
            (क)    धोबी ने गधे को खूब पीटा।    (ख)    अध्यापक छात्रों को पढ़ाता है।
        संप्रदान कारक में जब किसी को कुछ दिया जाता है तब ‘को’ का प्रयोग होता है; जैसे—
            (क)    उदित ने भिखारी को भीख दी।    
        (ख)    प्रधानाचार्य ने गरीब छात्रों को नि:शुल्क पुस्तकें प्रदान की ।


कारक - तालिका

कारक पहचानकारक-चिह्न  (परसर्ग)प्रयोग-उदाहरण
कर्ता क्रिया को करनेवाला  ने या कुछ नहीं  राणा प्रताप ने आजीवन हार नहीं मानी।  
             अनुपम बाज़ार चला गया।
 कर्म जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़ेको या कुछ नहींमाँ बच्चे को कहानी सुनाती है।
                रमा पुस्तक पढ़ती है।
करणजिससे क्रिया संपन्न होसे, द्वारा के द्वारा  योद्धा तलवार से लड़ता है।
                उसने नाव द्वारा नदी पार की।
संप्रदानजिसके लिए क्रिया की को, के लिए जाती है  पिता जी बच्चों के लिए किताबें लाते हैं।
        दुकानदार ग्राहक को सामान देता है।
अपादान जिससे पृथक होने या               
 अलग होने का पता चले  
 से (अलग के अर्थ मे) बजार से अच्छे फल और सब्जियाँ लाना।
संबंध जिससे संबंध का पता चले   का, के, की; रा, रे, री     
 ना, ने, नी
 राम ने विज्ञान की पुस्तक कहीं खो दी।     
     माता जी दिन-रात तुम्हारी राह देखती हैं।
अधिकरणजहाँ पर क्रिया हो     में, पर पुस्तकालय में शांतिपूर्वक पढऩा चाहिए।
                पेड़ पर बैठे पक्षी कितने सुंदर लग रहे हैं।
संबोधनजिसे बुलाया जाए हे, अरे  हे प्रभो! मेरा कार्य सिद्ध करना। 
                अरे विनीत! तुमने तो हारा मैच जिता दिया।

 

The document संज्ञा के विकार - लिंग, वचन, कारक (भाग - 2) - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes is a part of the Class 8 Course कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
17 videos|193 docs|129 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on संज्ञा के विकार - लिंग, वचन, कारक (भाग - 2) - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. संज्ञा के विकार क्या होते हैं?
उत्तर: संज्ञा के विकार लिंग, वचन और कारक होते हैं।
2. संज्ञा के विकार क्यों महत्वपूर्ण होते हैं?
उत्तर: संज्ञा के विकार हमें संज्ञाओं के रूप, संख्या और कार्य के संबंध में जानकारी देते हैं। इससे हम वाक्यों को सुनिश्चित रूप से शब्दों के साथ मिलान कर सकते हैं और समझ सकते हैं।
3. संज्ञा के विकार कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: संज्ञा के विकार तीन प्रकार के होते हैं - लिंग, वचन और कारक।
4. संज्ञा के विकार के द्वारा किस तत्व को दर्शाया जाता है?
उत्तर: संज्ञा के विकार के द्वारा हम व्यक्ति के लिंग, संख्या, और कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हैं।
5. संज्ञा के विकार का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: उदाहरण के रूप में, अगर हम 'बालक' शब्द के लिंग को बदलते हैं, तो उसका विकार होगा - 'बालिका'। इसी तरह, अगर हम इसके वचन को बदलते हैं, तो विकार होगा - 'बालकों' या 'बालिकाओं'। और अगर हम इसके कारक को बदलते हैं, तो विकार होगा - 'बालक से' या 'बालिका के साथ'।
17 videos|193 docs|129 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Important questions

,

हिंदी

,

वचन

,

Extra Questions

,

pdf

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

Viva Questions

,

Summary

,

Exam

,

Objective type Questions

,

वचन

,

MCQs

,

संज्ञा के विकार - लिंग

,

shortcuts and tricks

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

Sample Paper

,

video lectures

,

study material

,

Previous Year Questions with Solutions

,

कारक (भाग - 2) - व्याकरण

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

ppt

,

हिंदी

,

mock tests for examination

,

कारक (भाग - 2) - व्याकरण

,

Free

,

हिंदी

,

Semester Notes

,

कारक (भाग - 2) - व्याकरण

,

संज्ञा के विकार - लिंग

,

practice quizzes

,

past year papers

,

संज्ञा के विकार - लिंग

,

वचन

;