सार
समय के साथ, हेलेन की अभिव्यक्ति की इच्छा बढ़ने लगी। कुछ इशारे जिनसे वे संवाद करती थी उसके लिए काम पर्याप्त लगने लगे। वह अपने आपको मजबूर समझने लगी और दुखी रहने लगी। उसके माता-पिता घबराए और शोक में थे। टस्कम्बिया, जहाँ वह रहती थी वहाँ अंधों या बहरों का कोई विद्यालय नहीं था। उसकी माँ ने डिकेन्स द्वारा रचित 'अमेरिकन नोट्स' में लॉरा ब्रिजमैन के बारे में पढ़ा जो अंधी और बहरी थी फिर भी उसे डॉ हॉ ने शिक्षा प्रदान की थी। डॉ हॉ की मृत्यु बहुत पहले हो चुकी थी और शायद उनके पढ़ाने का तरीका भी उन्हीं के साथ समाप्त हो चूका था।
हेलेन के पिता ने एक मशहूर नेत्र-शल्य चिकित्सक डॉ चिशोल्म के बारे में सुना जो बाल्टीमोर में रहते थे। उन्होंने कई चिकित्सकीय मामलों में सफलता हासिल की थी। वे उसे बाल्टीमोर ले गए। हेलेन ने रेलगाड़ी के सफ़र का आनंद लिया। उसने पुरे यात्रा में खालीपन महसूस नहीं किया क्योंकि उसकी उँगलियों और दिमाग को व्यस्त रखने के लिए कई चीज़ें मौजूद थीं।
वे डॉ चिशोल्म से मिले परन्तु उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। डॉ ने उन्हें डॉ एलेक्जेंडर ग्राहम बेल से मिलने को कहा। वे वाशिंगटन गए जहाँ उन्होंने डॉ बेल से मुलाकात की। बेल ने सहानभूतिपूर्वक हेलेन की जाँच की। डॉ ने हेलेन के पिता को बोस्टन के पर्किंस इंस्टीट्यूट के निदेशक मिस्टर एनग्नोस को पत्र लिखने की सलाह दी। उन्होंने निदेशक को पत्र लिखा और कुछ हफ्तों के भीतर उन्हें सकारात्मक जवाब मिला कि उन्होंने योग्य शिक्षक ढूँढ लिया है। यह 1886 की ग्रीष्म ऋतू की घटना थी परन्तु हेलेन की शिक्षिका, मिस ऐन सलीवन आगामी मार्च तक ही आ पाईं जो हेलेन को अंधकार से प्रकाश की और ले गईं।
शब्दार्थ
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