लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. नेहरू जी भारत को किस दृष्टि से देखते थे और क्यों?
उत्तर नेहरू जी भारत को एक आलोचक की दृष्टि से देखते थे। वे एक ऐसे आलोचक थे जो वर्तमान को देखते थे पर अतीत के बहुत-से अवशेषों को नापसंद करते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे जिससे वे अतीत के पसंद एवं नापसंद दोनों पक्षों का अवलोकन कर सकें ।
प्रश्न 2. भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए नेहरू जी ने किन-किन माध्यमों का सहारा लिया?
उत्तर भारत के अतीत के बारे में जानने के लिए नेहरू जी ने भारत को आलोचक की दृष्टि से देखा। देश के विभिन्न भागों की यात्राएँ शुरू कीं। उन्होंने महत्वपूर्ण स्मारकों तथा भवनों को देखा। इसके अलावा विभिन्न विदेशी यात्रियों के भारत-यात्रा के वर्णनों को भी उन्होंने पढ़ा।
प्रश्न 3. नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को आश्चर्यजनक क्यों कहा है?
उत्तर नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को आश्चर्यजनक इसलिए कहा है क्योंकि यह सभ्यता एवं संस्कृति पाँच-छद्द हज़्ज़ार या उससे भी अधिक समय तक परिवर्तनशील रहकर विकासमान रही और यह निरंतर कायम रही।
प्रश्न 4. सिंधु घाटी सभ्यता किस स्थान से संबंधित है?
उत्तर सिंधु घाटी सभ्यता भारत के पश्चिमोतर दिशा में सिंधु घाटी में मोहन-जोदड़ो नामक स्थान से संभादित है। यह सभ्यता यहाँ चारों ओर बिखरी थी, जिसका समय चार-पाँच हज़्ज़ार वर्ष पहले का बताया जाता है।
प्रश्न 5. भारतीय सभ्यता के संपर्क में कौन-कौन आए? इससे क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर भारतीय सभ्यता के संपर्क में फारस, मिस्र, ग्रीस, चीन, अरब, मध्य एशिया और भूमध्य सागर के लोग आए। यदपि भारत और अन्य देश एक-दूसरे से प्रभावित हुए, पर भारत का सांस्कृतिक आधार मज़बूत था इसलिए, वह हिल न सका।
प्रश्न 6. नेहरू जी विदेशी यात्रियों के दवारा लिखे गए साहित्य को क्यों पढऩा चाहते थे?
उत्तर नेहरू जी विदेशी यात्रियों दवारा लिखे गए साहित्य को इसलिए पढऩा चाहते थे] क्योंकि विदेशी यात्रियों ने संभवत: कुछ अच्छा लिखा हो। इससे भारत की विशेषताओं का सूक्ष्म अध्ययन संभव हो जाता।
प्रश्न 7. हिमालय के हृदय से कौन-कौन-सी नदियाँ निकलती हैं?सिंधु नदी की विशेषता पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर हिमालय पर्वत के हृदय से गंगा, यमुना, ब्रम्हपुत्र तथा सिंधु जैसी अनेक नदियाँ निकलती हैं। सिंधु हिमालय से निकलनेवाली प्रमुख नदी है। इसे इंडस भी कहा जाता है। इसी के आधार पर भारत का नाम ‘इंडिया’ या ‘हिंदुस्तान’ पड़ा।
प्रश्न 8. नेहरू जी पहाड़ों तथा कश्मीर की ओर क्यों आकर्षित हुए?
उत्तर नेहरू जी के पूर्वज कश्मीर के निवासी थे। उनके पूर्वजों का तथा उनका अधिकांश समय कश्मीर की खूबसूरत वादियों में बीता। इसके अलावा हिमालय तथा कश्मीर का प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेता था।
प्रश्न 9. नेहरू जी स्मारकों, गु.फाओं तथा इमारतों की ओर क्यों आकर्षित होते थे?
उत्तर नेहरू जी अजंता, एलोरा, एलीफस्ंटा की गुफाओं, प्राचीन स्मारकों, आगरा एवं दिल्ली में बनी इमारतों की ओर इसलिए आकर्षित होते थे] क्योंकि इनमें लगा एक-एक पत्थर भारत के अतीत की कहानी कहता प्रतीत होता है।
प्रश्न10. ‘भारत के अतीत की झाँकी’ अंश से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
उत्तर भारत के अतीत की झाँकी* अंश से हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि भारतीय संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। यह विपरीत परिस्थितियों में भी मज़बूत बनी रही। इसका महक्रव भविष्य में भी बना रहेगा। यही भारत की नींव का आधार है।
प्रश्न 11.शक्ति के पतन और नाश का देश पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर शक्ति के पतन और नाश का प्रभाव यह हुआ कि भारत तकनीक की दौड़ में पिछडऩे लगा तथा मानसिक सजगता और तकनीकी कौशल में कमी आती गई।
प्रश्न 12. भारत के तकनीकी कौशल में पिछडऩे से यूरोप की स्थिति कैसी हो गई?
उत्तर भारत के तकनीकी कौशल में पिछडऩे से यूरोप, जो एक ज़माने से पिछड़ा हुआ था, तकनीकी दृष्टि में
भारत से काफी आगे निकल गया। नई तकनीक से उनका सैन्यबल बढ़ गया। इससे पूरब पर अधिकार करना आसान हो गया।
प्रश्न 13. तकनीकी विकास में पिछड़ जाने की गुत्थी सुलझाना नेहरू जी को मुश्किल क्यों लग रहा था?
उत्तर तकनीकी विकास में पिछड़ जाने की गुत्थी सुलझाना नेहरू जी को इसलिए मुश्किल लग रहा था] क्योंकि पुराने समय में भारत में मानसिक सजगता और तकनीकी कौशल की कोई कमी न थी। इसमें उतरोतर गिरावट बाद की सदियों में हुई है।
प्रश्न 14. मानसिक सजगता में गिरावट ने संकीर्ण रूढ़िढि़वादिता को किस प्रकार बढ़ावा दियाï?
उत्तर भारतीयों की मानसिक सजगता में गिरावट के कारण साहसिक कार्यों की लालसा में कमी आती गई। ऐसे में भारतीयों के महासागरों को पार करने पर रोक लगाने वाली धारणा का प्रसार हुआ। इस पर संकीर्ण रूढि़वादिता को बढ़ावा मिला।
प्रश्न 15. भारत में शक्तियों का ह्रास होने पर भी नेहरू जी की राय क्या थी?
उत्तर भारत में शक्तियों का ह्रास होने पर भी नेहरू जी की राय यह थी कि भारत में भले ही पुराना ढाँचा न बचा हो पर उसकी अंतर्वस्तु में बदलाव आता रहा। इससे निरंतरता बनी रही और भारत का अस्तित्व बचा रह सका।
प्रश्न 16. पाठ के आधार पर भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर 'भारत की शक्ति और सीमा' नामक इस पाठांश से भारतीय संस्कृति के बारे में पता चलता है कि भारतीय संस्कृति अत्यंत पुरानी है। उसमें समय-समय पर कुछ बदलाव अवश्य हुए हैं, पर उसका स्वरूप नष्ट नहीं हुआ। यह पुराने विचारों के साथ-साथ नए विचार आत्मसात करने में सक्षम है।
प्रश्न 17. नेहरू जी ने भारत की खोज के लिए जिन साधनों का प्रयोग किया था, उनसे वे कितना संतुष्ट हुए?
उत्तर नेहरू जी ने भारत की खोज के लिए भारतीय एवं विदेशी यात्रियों ठ्ठ9शारा भारत पर लिखी गई पुस्तकों, प्राचीन स्मारकों, विभिन्न भागों की यात्राएँ तथा प्राचीन सांस्कृतिक उपलब्धियों को आधार बनाया, पर वे इससे पूर्णतया सहमत न हुए। हाँ, उनमें भारत की समझ ज़रूर पैदा हो गई।
प्रश्न 18. उस समय भारत में जनजीवन की क्या स्थिति थी?
उत्तर उस समय भारत में चारों ओर घोर गरीबी व्याप्त थी। ग्रामीणों तथा निम्न-मध्यवर्गीय लोगों की दशा बहुत खराब थी। अंग्रेज़ों के भय एवं दबाव में लोगों को जीना पड़ रहा था। मध्य वर्ग आधुनिकता को अपनाने की ओर कदम बढ़ा चुका था।
प्रश्न 19. बुधिजीवियों के सामने भारतीयों का जो रूप आया वह किस प्रकार अलग था?
उत्तर बुधिजीवियों के सामने भारतीयों का जो रूप आया, उसके अनुसार वे भारत के अस्तित्व को भूल गए थे या उसे बहुत कम महत्व देते थे।
प्रश्न 20. नेहरू जी ने ग्रामीण जनता और मध्य वर्ग में क्या अंतर महसूस किया?
उत्तर नेहरू जी को ग्रामीण जनता सदा से ही आकर्षित करती रही। यह ग्रामीण जनता भारत से पूर्णतया जुड़ी प्रतीत होती थी । वे अभावों में जीते हुए भी भारत की शान थे। इसके विपरीत मध्य वर्ग में लगाव कम उत्तेजना अधिक थी।
प्रश्न 21. मूल्यों और निष्कर्षों में संदेह उत्पन्न होने पर नेहरू जी ने क्या किया?
उत्तर मूल्यों और निष्कर्षों में संदेह उत्पन्न होने पर नेहरू जी ने भारत के वास्तविक रूप की तलाश शुरू कर दी। इससे उनमें समझ और दवदवं उत्पन्न हुआ, पर उनके लिए यह सच्ची यात्रा थी।
प्रश्न 22. नेहरू जी को ग्रामीण जनता से निराशा क्यों नहीं हुई?
उत्तर नेहरू जी ने ग्रामीण जनता की विशाल संख्या होने के बाद भी उनके बारे में अनिश्चित समुदाय के रूप में नहीं बल्कि व्यक्तियों के रूप में सोचा। इसके लिए उन्होंने इनसे अधिक उम्मीद भी नहीं लगा रखी थी, इसलिए ग्रामीण जनता से उन्हें निराशा नहीं हुई।
प्रश्न 23. नेहरू जी अपने श्रोताओं के समक्ष किसकी चर्चा किया करते थे?
उत्तर नेहरू जी अपने ग्रामीण श्रोताओं के समक्ष अपने देश हिंदुस्तान की चर्चा किया करते थे । इसके अलावा वे उस भारत की चर्चा करते जिसका नाम ‘भरत’ के नाम पर पड़ा था।
प्रश्न 24. नेहरू जी ग्रामीण किसानों को भारत के बारे में क्या बताया करते थे?
उत्तर नेहरू जी ग्रामीण किसानों को भारत के बारे में बताते थे कि जिस भारत की आज़ादी के लिए वे संघर्षरत हैं, उसका हर हिस्सा एक-दूसरे से अलग होकर भी भारत* है। पूरब से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण तक फैले भारत का स्वरूप हर जगह एक जैसा है।
प्रश्न 25. अंग्रेज़ी शासन में भारत के किसानों की प्रमुख समस्याएँ कौन-कौन-सी थीं?
उत्तर अंग्रेज़ी शासन में भारतीय किसानों की प्रमुख समस्याएँ गरीबी, कर्ज, निहित स्वार्थ, जमींदारी, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार आदि थे। यह समस्या समूचे भारत के किसानों की थी।
प्रश्न 26. नेहरू जी ने किसानों को संबोधित करते हुए कौन-सा संदेश देना चाहा है?
उत्तर नेहरू जी ने किसानों को संबोधित करते हुए विश्वबंधुत्व का संदेश देना चाहा है। वे किसानों से कहते कि वे भारत को अखंड मानकर उसके बारे में सोचें। उन्हें इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि वे विराट विश्व के हिस्से हैं।
प्रश्न 27. सभाओं में नेहरू जी का स्वागत किस प्रकार होता था?
उत्तर नेहरू जी जब किसी सभा में पहुँचते थे तब लोगों की भीड़ ‘भारत माता की जय!’, ‘भारत माता की जय!’ कहकर उत्साहपूर्वक उनका स्वागत करती थी।
प्रश्न 28. भारत की विविधता में एकता के दर्शन किस तरह होते हैं?
उत्तर भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला एक विशाल देश है। यह देश अनेक राज्यों तथा भागों में बँटा हुआ है। यहाँ विभिन्न भागों में रहनेवालों के खानपान, रहन-सहन, बोलचाल की भाषा, पहनावा के अलावा मानसिक एवं शारीरिक विविधता है, पर सभी भारतवासी एक हैं जो एक-दूसरे से जुड़े हैं।
प्रश्न 29. तक्षशिला की प्रसिद्ध का कारण पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर तक्षशिला एक महान विश्वविदयलया तथा भारतीय संस्कृति का केंद्र था, जो दो हज़ार वर्ष पहले प्रसिद्ध के चरम-शिखर पर था। यहाँ भारत भर के ही नहीं, बल्कि एशिया के विद्यार्थी भी ज्ञानार्जन हेतु आते थे
प्रश्न 30. बाहरी जातियों के लोग भारत में आकर किस तरह भारतीय होकर रह गए?
उत्तर बाहरी जातियों के जो लोग भारत आकर बस गए, उनकी कई पीढिय़ाँ बीतने के बाद यहूदी, पारसी और मुसलमान जैसे बनकर रह गए। जिन भारतीयों ने इन जातियों के धर्म को अपनाया वे धर्म-परिवर्तन करके भी भारतीय बने रहे। अब हिंदुस्तानी ईसाई कहीं भी जाए उसे हिंदुस्तानी ही कहा जाएगा।
प्रश्न 31. राष्ट्रवाद की अवधारणा विकसित होने से भारतीयों पर क्या असर हुआ?
उत्तर राष्ट्रवाद की अवधारणा विकसित होने का असर यह हुआ कि भीतरी मतभेद होने के बाद भी विदेशों में भारतीय अनिवार्य रूप से एक राष्ट्रीय समुदाय बनाकर रहते हैं। उन्हें हिंदुस्तानी कहकर ही संबोधित किया जाता है।
प्रश्न 32. अपनी मातृभूमि की तस्वीर के बारे में नेहरू जी की क्या राय थी?
उत्तर अपनी मातृभूमि की तस्वीर के बारे में नेहरू जी की राय यह थी कि सभी के मन में अपनी-अपनी मातृभूमि की अलग-अलग तस्वीर होती है और कोई भी दो आदमी बिलकुल एक समान नहीं सोच सकते।
प्रश्न 33. भारत के सीमांत क्षेत्रों में भारतीयता और एकता के दर्शन कैसे होते हैं?
उत्तर भारत की सीमा पर बसनेवाले प्रदेश अपने पड़ोसी देशों के साथ अत्यंत गहराई से जुड़े हैं। अफगानिस्तान में बसनेवाले पुराने तुर्क और दूसरी जातियाँ, इस्लाम के आने से पहले बोध्ये थीं। ये जातियाँ उससे भी पहलेे वैदिक काल में हिंदू थीं, जो प्राचीन भारतीय संस्कृति के केंद्र हुआ करते थे।
प्रश्न 34. नेहरू जी को भारत की तलाश के समय जिस सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का दर्शन हुआ, उसकी क्या विशेषता थी?
उत्तर नेहरू जी को भारत की तलाश के समय जो सांस्कृतिक पृष्ठभूमि देखने को मिली उसका जनता के जीवन पर गहरा प्रभाव था। इसमें लोक-प्रचलित दर्शन, परंपरा, इतिहास, मिथक और पुराकथाओं का मेल था। अशिक्षित और निरक्षर किसान भी इसके भागीदार थे।
प्रश्न 35. नेहरू जी ने अपने मन तथा किसानों के मन में चित्रित भारतीय संस्कृति की तस्वीर में क्या भिन्नता महसूस की?
उत्तर नेहरू जी के मन में भारतीय संस्कृति की जो तस्वीर बनी थी उसमें लिखित इतिहास, सुनिश्चित तथ्य तथा प्राकृतिक सौंदर्य था। इसके अलावा किसानों के मन में जो तस्वीर थी उसमें इतिहास कम तथा उसका स्रोत पुराकथाएँ, परंपरा और महाकाव्य के नायक-नायिकाएँ थीं।
प्रश्न 36. नेहरू जी को अनपढ़ ग्रामीणों में क्या संभावना नज़र आई?
उत्तर नेहरू जी को अनपढ़ ग्रामीणों में यह संभावना नज़र आई कि इन ग्रामीणों में साहस और उत्साह की कमी नहीं है। इनको साथ लेकर सब कुछ किया जा सकता है। यदि इनको भी अवसर मिले तो इनकी स्थिति भी अच्छी हो सकती है।
II. दीर्घ उत्तर प्रश्न
प्रश्न 1. भारत के प्रति नेहरू जी के मन में क्या-क्या विचार उठते थे?
उत्तर भारत को देखकर नेहरू जी आश्चर्यचकित हो जाते थे। वे सोचते थे कि आखिर भारत है क्या? अतीत की कौन-कौन-सी विशेषताएँ इसमे छिपी हैं। इसकी प्राचीन शक्तियाँ किस प्रकार खो गईं। आज यह जनसंख्या का विशाल बसेरा है, पर उसके पास ऐसा क्या है जो इसे जानदार बनाता है। आधुनिक विश्व से यह अपना तालमेल किस प्रकार बैठता है, आदि विचार उनके मन में आते थे।
प्रश्न 2. गंगा-यमुना नदियों की प्राचीनता एवं महानता नेहरू जी ने किस प्रकार व्यक्त की है?
उत्तर गंगा-यमुना नदियाँ हिमालय के हृदय से निकलती हैं तथा पहाड़ों और हरे जंगलयुक्त मैदानों के बीच शांत एवं रमणीय धारा के रूप में बहती हैं। गंगा नदी ने इतिहास की शुरुआत से ही भारत के हृदय पर राज किया है और लाखों की तादाद में लोगों को अपने तटों की ओर आकर्षित किया है। गंगा सारी नदियों में सर्वाधिक महान है। यमुना के चारों ओर नृत्य, उत्सव और नाटक से संबंधित अनेक पौराणिक कथाएँ एकत्र हैं।
प्रश्न 3. भारतीय संस्कृति को महात्मा बोध अशोक तथा अकबर ने किस प्रकार समृद्ध किया है? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर भारतीय संस्कृति को देखने पर पता चलता है कि महात्मा बोध ने बनारस के निकट सारनाथ नामक स्थान पर जो पहला उपदेश दिया था, वे शब्द आज भी प्रतिध्वनित होते हैं। सम्राट अशोक सम्राट* होकर भी किसी अन्य राजा या सम्राट से महान था। अकबर फतेहपुर सीकरी में बैठकर विभिन्न धर्मों के विद्वानों से वाद-विवाद करके मनुष्य की शाश्वत समस्या का हल तलाश करते हुए भारतीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं।
प्रश्न 4. नेहरू जी के व्यक्तित्व से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है, पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर नेहरू जी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता तथा भारत के अतीत से गहरा लगाव रखते थे इसलिए अपनी संस्कृति की महानता तथा महत्व सभी के सामने लाना चाहते थे। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें भी अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। इसे नष्ट होने तथा दूषित होने से बचाए रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न 5. भारत में शक्तियों के पतन ने लोगों के दृष्टिकोण, साहित्य तथा निर्माण कला पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर भारत में शक्तियों के पतन ने लोगों की रचनात्मक पर्विति को कम करके अनुकरणात्मक पर्विति को बढ़ावा दिया। जो लोग प्रकृति और ब्रमांड के रहस्य जानने की लालसा रखते थे उनकी रुचि साहित्य की ओर उन्मुख हो गई। सरल, सजीव,समृद्ध, प्रभावी भाषा की जगह अलंकृत तथा जटिल साहित्यिक शैली का प्रयोग होने लगा। भव्य कला और मूर्ति-निर्माण के स्थान पर जटिल पच्चीकारीवाली कारीगरी की जाने लगी।
प्रश्न 6. नेहरू जी स्थिति के सर्वेक्षण को पूर्णत: सही क्यों नहीं मानते थे?
उत्तर नेहरू जी का मानना था कि मानसिक सजगता और तकनीकी कौशल में गिरावट के कारण जड़ता और गतिहीनता का लंबा दौर रहा होता तो अतीत से उसका नाता न रह पाता। इस तरह से एक युग का अंत होता और उसी के ध्वंस हुए अवशेषों पर नई चीज़ का निर्माण होता, परन्तु यह क्रम भंग नहीं हुआ और भारत में निरंतरता बनी रही।
प्रश्न 7. नेहरू जी जब भारत की तलाश कर रहे थे, उस समय मध्य वर्ग में विद्रोह की भावना क्यों पनप रही थी?
उत्तर नेहरू जी ने भारत की तलाश करते हुए देखा कि मध्य वर्ग खुद को बंदी तथा जकड़ा हुआ महसूस कर रहा था। वह खुद तरक्की एवं विकास पाने के लिए प्रयासरत था। वह अंग्रेज़ी शासन में ऐसा करने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहा था, इसलिए मध्य वर्ग में विद्रोह की भावना पनप रही थी।
प्रश्न 8. नेहरू जी ग्रामीण जनता के साथ जुड़ाव क्यों महसूस कर रहे थे?
उत्तर नेहरू जी ने महसूस किया कि ग्रामीण जनता में मध्य वर्ग से अलग एक दृढ़ता तथा अंत:शक्ति थी। उन्होंने प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को कुछ अंशों में अब भी बचाकर रखा हुआ था। वे दो सौ वषाह्यह् से गुलामी का अत्याचारपूर्ण जीवन जी रहे थे, इस कारण बहुत कुछ अर्थात अपने सुख-दुख के बारे में सोचना भी वे भूल गए थे। इसके बाद भी उन्होंने शाश्वत मूल्यों को बचाकर रखा था।
प्रश्न 9. भारत की एकरूपता व्यक्त करने के लिए नेहरू जी ने किसानों को किस तरह समझाया?
उत्तर भारत की एकरूपता व्यक्त करने के लिए नेहरू जी ने किसानों को समझाते हुए कहा कि समूचे भारत के किसानों की दशा एक-सी है। वे सभी लगभग एक-सी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सभी अंग्रेज़ी सरकार के अत्याचार से पीडि़त हैं। यह सब उन्होंने सुदूर उत्तर पश्चिम में खैबर पास से कन्याकुमारी तक की यात्रा के अनुभव को आधार बनाकर कहा। उन्होंने किसानों से कहा कि हम सभी को मिलकर देश को आजाद कराना है।
प्रश्न 10. नेहरू जी ने कैसे जाना कि सभा में आए किसानों को भारत का ज्ञान था?
उत्तर नेहरू जी ने देखा कि सभा में आए ग्रामीण किसानों का प्राचीन महाकाव्यों, पुराकथाओं और दंतकथाओं की पूरी जानकारी थी। साहित्य के माध्यम से शह्य भारत की अवधारणा से परिचित हो चुके थे। उनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जो भारत के चारों कोनों में बने चारों धामों अर्थात धार्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके थे।
प्रश्न 11. नेहरू जी ने ‘भारतमाता की जय!’ का क्या अर्थ बताया तथा इसके माध्यम से उन्होंने क्या संदेश दिया?
उत्तर नेहरू जी ने सभा में उपस्थित किसानों को बताया कि भारतमाता किसी स्थान, क्षेत्र, प्रांत विशेष की मिट्ïटी न होकर समूचे भारत की मिट्ïटी, इसके पहाड़, नदियाँ, जंगल, चारों ओर फैले हरे-भरे खेत, भारत की जनता तथा सभा में उपस्थित सभी लोग हैं। वे सभी अखंड भारत के अंग हैं। ‘भारतमाता की जय!’ के माध्यम से नेहरू जी ने बताया कि सभी भारतीय अखंड भारत के अंश हैं तथा वे स्वयं ही भारतमाता हैं। इस प्रकार उन्होंने एकता का संदेश दिया।
प्रश्न 12. नेहरू जी भारत की किस प्रकार की तस्वीर को सहेजकर रखना चाहते थे?
उत्तर नेहरू जी भारत की वह सुंदर तस्वीर सहेजकर रखना चाहते थे, जिसमें दूर-दूर तक फैले हरे-भरे मैदान, उनके आस-पास बसे गाँव, कस्बे तथा शहर, मैदानी तथा पहाड़ी भागों में बहती नदियाँ, ठंडे प्रदेश, बर्फ से ढँकी चोटियों वाला हिमालय, देश का दक्षिणी भाग तथा कश्मीर आदि के सुंदर दृश्य हों। इस तस्वीर में वर्षा ऋतु की हरियाली, नवजात फूलों से लदी घाटियाँ तथा उनमें कल-कल खल-खल करते हुए बहते झरने हों।
प्रश्न 13. भारत में सतही विविधता किस प्रकार दिखाई पड़ती है?
उत्तर भारत में सतही विविधता इस प्रकार की है जिसे कोई भी सरसरी दृष्टि से देख सकता है। यह विविधता शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूपों में दिखाई पड़ती है। यहाँ उत्तर -पश्चिम के पठान तथा दक्षिणवासी तमिल में बहुत विविधता है। उनके चेहरे और शरीर की बनावट, खान-पान, पहनावा, भाषा आदि में एक-दूसरे से पर्याप्त विविधता है। इसके अलावा वहाँ की जलवायु में भी विविधता है।
प्रश्न 14. ‘भारत की विविधता और एकता’ अंश के आधार पर भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ लिखिए्र
उत्तर भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है विविधता में एकता। यहाँ बंगाली, मराठी, पंजाबी, गुजराती, तमिल, असमी, कन्नड, मलयालम, कश्मीरी सैकड़ों वर्षों से अपनी-अपनी पहचान बनाए हुए हैं। फिर भी इनके गुण-दोष में अधिक अंतर नहीं है। उनकी राष्ट्रीय विरासत एक है। देश के प्रति उनकी नैतिकता तथा मानसिकता में अधिक अंतर नहीं है। वे सभी अलग-अलग होकर भी भारतीय हैं।
प्रश्न 15. देहाती और अनपढ़ लोगों में नेहरू जी ने ऐसा क्या देखा कि वे हैरान रह गए?
उत्तर देहाती और अनपढ़ लोगों को लोक-प्रचलित अनुवादों और टीकाओं के माध्यम से ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ जैसे ग्रंथों का ज्ञान था। इनकी कथाओं और घटनाओं का नैतिक अर्थ भी उन्हें पता था। उनको सैकड़ों ऐसे पद याद थे, जिनका प्रयोग वे बातचीत के बीच उदाहरण के लिए किया करते थे। उन्हें नैतिक उपदेश देनेवाली अनेक कहानियाँ याद थीं। वे नैतिक उपदेश भी देते थे।
प्रश्न 16. ग्रामीण स्त्री-पुरुषों को देख नेहरू जी के विस्मय-विमुग्ध होने का क्या कारण था?
उत्तर नेहरू जी ने देखा कि ग्रामीण पुरुष संवेदनशील चेहरे, बलिष्ठ शरीर वाले हैं, और महिलाओं में लावण्य, नम्रता, गरिमा तथा संतुलन के साथ-साथ अवसाद भरा है। इनकी सुंदरता देखकर वे विस्मय-विमुग्ध हो जाते थे] क्योंकि अनेक भयानक कष्टों के बाद भी, जिसे उन्होंने युगों तक भोगा है, आखिर यह सौंदर्य कैसे टिका और बना रह सका। इसके अलावा द्वनको देखकर भीतित-चित्रों की याद आ जाती थी।
प्रश्न 17. पाठ के आधार पर अभावों मेड्ड जीते भारतीयों की दशा का चित्रण तथा उनकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर पाठ से पता चलता है कि तत्कालीन भारतीय अभावों में जीने को विवश थे। चारों ओर गरीबी और बहुत-सी विपत्तियां थीं, जिन्हें हर चेहरे पर सा.फ-सा.फ देखा जा सकता था। उनकी ज़दगी विकृत होकर भयंकर रूप धारण कर चुकी थी। समाज में भ्रष्टाचार और असुरक्षा की स्थिति बन गई थी। उन भारतीयों की विशेषता यह थी कि उनके स्वभाव में नम्रता और भलमनसाहत विदमान थी तथा उनकी सांस्कृतिक विरासत अत्यंत सुदृढ़ थी।
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