लघु - उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मोहनजोदड़ो क्यों प्रसिद्ध है? इससे क्या लाभ हुआ?
उत्तर - मोहनजोदड़ो वह प्रसिद्ध स्थान है जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। मोहनजोदड़ो में की गई खुदाई से प्राप्त वस्तुओं से प्राचीन इतिहास समझने में बहुत मदद मिली है।
प्रश्न 2.सिंधु घाटी सभ्यता का प्रसार कहाँ-कहाँ तक था?
उत्तर - सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मोहनजोदड़ो के अलावा दूर-दूर स्थानों तक मिले हैं। यह सभ्यता पश्चिम में काठियावाड़ और पंजाब के अंबाला जिले के अलावा गंगा की घाटी तक फैली थी।
प्रश्न 3. सिंधु घाटी सभ्यता में व्यापार की क्या स्थिति थी?
उत्तर - सिंधु घाटी सभ्यता ने फारस, मेसोपोटामिया और मिध की सभ्यताओं से व्यापार किया। इन नगर सभ्यतयों में व्यापारी वर्ग धनाढ्य था। उसकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। सडक़ों के किनारे दुकानों की पंक्तियाँ थीं जहाँ संभवत: छोटी-छोटी दुकानें थीं।
प्रश्न 4. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से हमें क्या ज्ञात होता है?
उत्तर - मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से उस काल की परंपरा, लोगों के रहन-सहन का ढंग, उस समाज में प्रचलित रीति- रिवाज़ तथा लोगों दवारा की गई दस्तकारी के अलावा उस समय के कपड़ों के फैशन का पता चलता है।
प्रश्न 5. सिंधु घाटी सभ्यता पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि इस सभ्यता में तकनीकी उन्नति भी हुई थी।
उत्तर - सिंधु घाटी सभ्यता पाठ से पता चलता है कि उस समय के हमाम और नालियों के तंत्र विकसित थे। ये तंत्र आज भी उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सिंधु घाटी सभ्यता में तकनीकी उन्नति भी हुई थी।
प्रश्न 6. आर्य कौन थे? वे भारत कब आए?
उत्तर - आर्यों की पहचान तथा उनके मूल स्थान के बारे में कुछ निश्चित पता नहीं है। व्यावहारिक रूप से उन्हें भारत की ही संतान माना गया है। आर्य भारत में सिंधु घाटी युग के एक हज्ज्द्मार वर्ष बाद आए होंगे।
प्रश्न 7. सिंध के सूबे के बारे में पाठ से क्या पता चलता है?
उत्तर - इस पाठ से सिंध सूबे के बारे में यह पता चलता है कि यह सूबा पुराने समय में बहुत ही समृठ्ठ9/ और उपजाऊ था लेकिन मध्ययुग के बाद उसका ज़्यादातर भाग रेगिस्तान होकर रह गया।
प्रश्न 8. सिंधु घाटी की सभ्यता के पतन के बाद खेती का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर - सिंधु घाटी की सभ्यता के बाद आनेवाली सभ्यता में कृषि की बहुतायत थी। कुछ नगर और थोड़ा-बहुत शहरी जीवन भी था। आनेवाले नवागंतुक आर्यों ने कृषि को ही अपने व्यवसाय के रूप में अपनाया और कृषि का विकास होता गया।
प्रश्न 9. भारतीय जातियों और बुनियादी भारतीय संस्कृति का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर - बाहर से आनेवाले आर्यों और द्रविड़ जाति के लोगों के बीच सांस्कृतिक समन्वय और मेलजोल हुआ। ये द्रविड़ संभवत: सिंधु घाटी सभ्यता के प्रतिनिधि थे। इसी मेलजोल और समन्वय से भारतीय जातियों और बुनियादी भारतीय संस्कृति का विकास हुआ।
प्रश्न 10. वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वानों की क्या राय है?
उत्तर - वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वान एकमत नहीं है। भारतीय विद्वान वैदिक युग का काल बहुत पहले का मानते हैं जबकि यूरोपीय विद्वान इसका समय बहुत बाद का मानते हैं।
प्रश्न 11. भारतीय संस्कृति में वेद महक्रवपूर्ण क्यों माने जाते हैं?
उत्तर - वेदों की रचना ईसा पूर्व 1500 के आस-पास की गई। वास्तव में वेद हमारे पास मनुष्य के दिमाग की प्राचीनतम उपलब्ध रचना है। मैक्समूलर तो इनको ‘आर्य मानव के दवारा कहा गया पहला शब्द’ कहते है।
प्रश्न 12. वेद क्या है? भारत में प्रथम वेद किसे माना जाता है?
उत्तर - वेद हिंदुओं के प्रकाशित धर्म-ग्रंथ हैं। वेदों से हमें यह ज्ञात होता है कि विचारों की प्रारंभिक अवस्था में मानव-मस्तिष्क ने स्वयं को कैसे व्यक्त किया था। ऋग्वेद को भारत का प्रथम वेद माना जाता है।
प्रश्न 13. वेद शब्द की उत्तर - बताते हुए इसका अर्थ स्पष्ट कीजिए्र
उत्तर - ‘वेद’ शब्द की उत्तर - विद् धातु से हुई है, जिसका अर्थ है—जानना। वेद का सीधा-साधा अर्थ है—अपने समय के ज्ञान का संग्रह। वेदों में न मूर्ति-पूजा है और न देव-मंदिर।
प्रश्न 14. प्रथम वेद अर्थात ऋग्वेद की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - भारत में प्रथम वेद के रूप में जाना जानेवाला ऋग्वेद शायद मानव जाति की पहली पुस्तक है। इसमें मानव-मन के आरंभिक उद्गार मिलते हैं। ऋग्वेद में प्रकृति के सौंदर्य और रहस्य के प्रति हर्षोन्माद तथा साहसिक कार्यों का रिकार्ड मिलता है।
प्रश्न 15. परलोक परायणता के बारे में नेहरू जी क्या विचार रखते थे?
उत्तर - नेहरू जी का मानना था कि हर देश के निर्धन और अभागे लोग ‘परलोक-परायण’ होते हैं। वे एक सीमा तक परलोक में विश्वास करने लगते हैं। यह बात गुलाम देशों में भी देखी जा सकती है।
प्रश्न 16. वैदिक युग में आत्मा और पुनर्जन्म के प्रति आर्यों का दृष्टिकोण क्या था?
उत्तर - वैदिक युग में आर्यों का जीवन उमंग से भरा हुआ था। उन्होंने आत्मा पर बहुत कम ध्यान दिया। मृत्यु के बाद वे किसी प्रकार के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते थे। पुनर्जन्म में उनकी मान्यता न थी।
प्रश्न 17. भारतीय संस्कृति की निरंतरता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर - भारतीय संस्कृति अपने शुरुआती समय से ही निरंतर विकास की ओर बढ़ती रही। समय के साथ-साथ अनेक परिवर्तन हुए, 1द्मस्द्भ यह आज भी बनी हुई है।
प्रश्न 18.सभ्यता और सांस्कृतिक विकास का सिलसिला किस प्रकार अद्भुत है?
उत्तर - सभ्यता और संस्कृति का विकास करते हुए इतिहास के लंबे काल में भारत अलग-थलग नहीं पड़ा। उसका संबंध ईरानियों, यूनानियों, चीनी तथा मध्य एशियाई लोगों से बना रहा। इस प्रकार सभ्यता और सांस्कृतिक विकास का यह सिलसिला अद्भुत है।
प्रश्न 19. उपनिषदों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर - उपनिषद मनुष्य को भारतीय आर्यों के चिंतन केे बारे में गहराई से ज्ञान कराते हैं। ये ईसा पूर्व 800 के आस-पास के तत्कालीन सामाजिक गतिविधियों की जानकारी देते हैं।
प्रश्न 20. उपनिषदों में सत्य और आत्म-बोध को किस तरह महत्व दिया गया है?
उत्तर - उपनिषदों में सत्य की खोज का उत्साह दिखाई देता है। सत्य की इस खोज में वैज्ञानिक पद्धति का सत्य मौजूद है। वे हठवाद को महक्रव नहीं देते। वे अनिवार्य रूप से आत्म-बोध पर बल देते हैं। उपनिषदों में आत्मा तथा परमात्मा को एक बताया गया है।
प्रश्न 21. उपनिषदों में तत्कालीन समाज में फैले लोकोक्रह्म्र ज्ञान पर क्या दृष्टिकोण अपनाया गया है?
उत्तर - उपनिषदों में तत्कालीन समाज में फैले लोकोक्रह्म्र ज्ञान तथा जादू-टोने में ली जानेवाली दिलचस्पी को निरुत्साहित किया गया। लोगों दवाराबिना सोचे-समझे किए गए पूजा-पाठ तथा सच्चे ज्ञान के बिना किए जानेवाले कर्म-कांडों को व्यर्थ बताया गया है।
प्रश्न 22.उपनिषदों में आत्मपीडऩ और आत्मत्याग को आवश्यक क्यों बताया गया है?
उत्तर - उपनिषदों में ज़ोर देकर कहा गया कि प्रगति करने के लिए तन-मन को स्वस्थ तथा स्वच्छ होने के साथ-साथ अनुशासित होना आवश्यक है। किसी भी तरह की उपलब्धि या ज्ञानार्जन के लिए आत्मपीडऩ तथा आत्मत्याग ज़रूरी है।
प्रश्न 23. गाँधी जी के जनांदोलनों के पीछे कौन-सी मनोविरति काम कर रही थी?
उत्तर - गाँधी जी ने आज़ादी की प्राप्ति के समय जो जनांदोलन चलाया था, उसके पीछे मनोविरति यह थी कि समाज में ऊँच-नीच, जाति-पाँति, छुआछूत आदि की भावना न हो। समाज जातिबंधन से मुक्त हो। लोगों में आत्मपीडऩ तथा आत्मत्याग की भावना हो।
प्रश्न 24. आर्यों की जीवन-पद्धति दूसरों से किस प्रकार अलग थी?
उत्तर - आर्य व्यक्तिवाद में विश्वास करनेवाले थे। वे समाज को खंडित करानेवाले झगड़ों से स्वयं को बचाते रहे। वे किसी भी प्रकार का जीवन बिताने के लिए स्वतंत्र थे। उनकी ये उपलब्धियाँ विचित्र थीं।
प्रश्न 25. भौतिकवाद क्या है?
उत्तर - भौतिकवाद का अर्थ है—उन वास्तविकताओं पर ही विश्वास करना, जो हमें प्रत्यक्ष रूप में दिखाई पड़तद्ध हैड्ड। काल्पनिक एवं अप्रत्यक्ष वस्तुओं पर विश्वास न करना ही भौतिकवाद है।
प्रश्न 26. भौतिकवाद पर साहित्य की रचना कब हुई? इसका हवाला कहाँ मिलता है?
उत्तर - भौतिकवाद पर साहित्य की रचना आरंभिक उपनिषदों के ठीक बाद हुई। इनका हवाला सिर्फ़ इनकी आलोचनाओं में मिलता है या फिर भौतिकवादी सिद्धांतो के खंडन के प्रयास में।
प्रश्न 27. भारत में भौतिकवादी दर्शन की क्या स्थिति थी?
उत्तर - भारत में भौतिकवादी दर्शन का प्रभाव सदियों तक रहा है। भारतीय जनता को इस दर्शन ने गहराई से प्रभावित किया है। कौटिल्य की प्रसिद्ध रचना 'अर्थशास्त्र' में भी इस सिद्धांतो का उल्लेख मिलता है।
प्रश्न 28. प्राचीन भारत के दो महाकाव्य कौन-से हैं? भारतीय जीवन पर इनका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर - रामायण और महाभारत प्राचीन भारत के दो महाकाव्य हैं। इन महाकाव्यों ने भारत की जनता पर गहरा प्रभाव डाला। भारतीय जीवन पर आज भी इनका जीवंत प्रभाव दिखाई देता है। ये दोनों महाकाव्य भारतीय जीवन के अंग बन गए हैं।
प्रश्न 29. महाकाव्यों में उपलब्ध सामग्री की क्या विशेषता है?
उत्तर - महाकाव्यों में उपलब्ध सामग्री की विशेषता यह है कि इसमें शिक्षित तथा अनपढ़ सभी के लिए कुछ-न-कुछ उपलब्ध है। इनमें वह रहस्य छिपा है, जो जाति-पाँति में विभाजित ऊँच-नीच समाज को भी एकजुट रखता है।
प्रश्न 30. भारतीय जनता ने अतीत के विषय में अपने दृष्टिकोण किस आधार पर बनाए?
उत्तर - भारतीय जनता में ऐतिहासिक बोध का अभाव था। उसने अतीत के विषय में अपने दृष्टिकोण का निर्माण परंपरागत वृक्रतांतों, पौराणिक गाथाओं और कहानियों के आधार पर कर लिया। यह उन्हें विरासत में मिली थी।
प्रश्न 31. महाभारत महाकाव्य के रूप में क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर - महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसकी गणना विश्व की श्रेष्ठतम रचनाओं में की जाती है। यह प्राचीन भारत की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का विश्वकोष है, जिसकी मदद से उस काल के बारे में बहुत कुछ जाना-समझा जा सकता है।
प्रश्न 32. महाभारत में जिस युद्ध का वर्णन है, उसे कब और क्यों लड़ा गया होगा?
उत्तर - महाभारत में जिस विराट युद्ध का वर्णन है उसके बारे में अनुमान लगाया जाता है कि वह ईसा पूर्व चौदहवीं-पंद्रहवीं शताब्दी में लड़ा गया होगा। यह भारत पर एकाधिकार करने के लिए लड़ा गया होगा।
प्रश्न 33. किस अवधारणा से पता चलता है कि अ.फगानिस्तान का कुछ भाग भारत का अंग हुआ करता था?
उत्तर - अफगानिस्तान का जो बड़ा भाग भारत में शामिल था, उसे उस समय गांधार कहा जाता था। इसी कारण मुख्य शासक की पत्नी का नाम गांधारी अर्थात गांधार की कन्या पड़ा। महाभारत महाकाव्य में गांधारी नामक स्त्री का वर्णन भी है।
प्रश्न 34.‘भगवद्गीता’ क्या है? इसके रचनाकाल के बारे में क्या अनुमान लगाया जाता है?
उत्तर - भगवद्गीता महाभारत का अंश है। इसमें श्री कृष्ण दवाराअर्जुन को रण क्षेत्र में दिए गए उपदेशों का संकलन है। यह 700 श्लोकों का काव्य रूप है। इसकी रचना बोधकाल से पहले अर्थात करीब ढाई-तीन हज्जार वर्ष पूर्व होने का अनुमान लगाया जाता है।
प्रश्न 35.गीता में कर्म के महत्व को किस प्रकार प्रतिपादित किया गया है?
उत्तर - गीता में मानव-जीवन के कर्तव्यों के निर्वाह के लिए कर्म का आह्वान किया गया है। इसमें अकर्मण्यता की निंदा की गई है। कर्म को समय के उच्चतम आदर्शों को ध्यान में रखकर करना चाहिए
प्रश्न 36. गीता सभी वर्गों और संप्रदायों के लोगों के लिए क्यों मान्य है?
उत्तर - गीता में निहित संदेश किसी वर्ग या संप्रदाय के लिए नहीं है। ये संदेश किसी प्रकार की सांप्रदायिकता नहीं फैलातें। इसकी दृष्टि सार्वभौमिक है। इसी सार्वभौमिकता के कारण यह सभी वर्गों एवं संप्रदायों के लिए मान्य है।
प्रश्न 37.प्राचीन भारत में ग्राम सभाओं की क्या स्थिति थी? उनकी आय का साधन क्या था?
उत्तर - प्राचीन भारत में ग्राम सभाएँ स्वतंत्र थीं। वे स्वशासित होती थी । इन्हें समूहों में बाँट दिया जाता था। लगान इनकी आमदनी का मुख्य साधन था। यह उपज के छठे हिस्से तक होता था।
प्रश्न 38. जातकों के वर्णन में दस्तकार तथा पेशेवर लोगों के विकास का क्या स्वरूप दिखाई पड़ता है?
उत्तर - जातकों के वर्णन से दस्तकार तथा पेशेवर लोगों के बारे में यह पता चलता है कि इन लोगों की अलग बस्तियाँ और गाँव होते थे। इनके गाँव शहरों के पास होते थे इससे उनका सामान बिक जाता था तथा उनकी ज़रूरत की वस्तुएँ भी उन्हें मिल जाती थीं।
प्रश्न 39.पेशेवरों का अलग गाँव बसने पर समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर - पेशेवरों का अलग गाँव बसने से वे सहकारिता के सिद्धांत पर काम करते थे। इस प्रकार अलग और संगठित होकर रहने से जाति-प्रथा का विकास हुआ जो बाद में विस्तृत होता गया।
प्रश्न 40. पाणिनि कौन थे? उन्होंने कौन-सी पुस्तक लिखी?
उत्तर - पाणिनि संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध वैयाकरण थे। उन्होंने छठी या सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में व्याकरण की प्रसिद्ध पुस्तक ‘अष्टाध्यायी’ की रचना की जिसे आज भी संस्कृत व्याकरण का आधिकारिक प्रमाण माना जाता है।
प्रश्न 41. महाकाव्यों के युग में शिक्षा की क्या व्यवस्था थी?
उत्तर - महाकाव्यों के युग में कस्बों के निकट वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें अनेक विषयों का शिक्षण तथा सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थीयों को शहरी जीवन के आकर्षण से बचाकर नियमित ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की सीख दी जाती थी।
प्रश्न 42. चरक कौन थे? चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान क्या था?
उत्तर - चरक कनिष्क के दरबार में राजवैद्य; थे। उन्होंने औषधि विज्ञान पर ईसवी सन की शुरुआत में पुस्तकें लिखीं। इनमें अनेक बीमारियों और उनकी पहचान तथा इलाज का वर्णन है।
प्रश्न 43. महात्मा बौद्ध कौन थे? उनके विषय में अजीब संयोग क्या है?
उत्तर - महात्मा बौद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। वे क्षत्रिय थे। उनकी मृत्यु ईसा पूर्व 544 में हुई। इस दिन वैशाख पूर्णिमा की तिथि थी। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और उनका निर्वाण भी इसी तिथि को हुआ था।
प्रश्न 44. भारतीय इतिहास में लोगों की चेतावनियाँ कभी-कभी अप्रभावी होती रही हैं—पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - जाति-व्यवस्था, पूजा-पाठ, आडंबर, कर्मकांड आदि समाज में ऊँच-नीच जैसी बुराई फैलाते हैं। समय-समय पर लोग इसके विरुद्ध आवाज़ भी उठाते रहे हैं। इसी प्रकार पुरोहित-प्रपंच और वर्ण-व्यवस्था की कठोरता के विरुद्ध लोगों ने आम जनता को सावधान किया, पर वर्ण-व्यवस्था धीरे-धीरे विकसित होती गई और भारतीय जीवन के हर पहलू को कड़ाई से जकड़ लिया।
प्रश्न 45. बौद्ध और महावीर समकालीन थे, पर उनके विचारों में भिन्नता थी—स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - महात्मा बौद्ध और महावीर स्वामी दोनों समकालीन थे। दोनों क्षत्रिय थे। बौद्ध ने जाति-व्यवस्था को संघ-व्यवस्था में कोई महक्रव नहीं दिया, इसलिए यह धर्म भारत के बाहर अधिक फला-फूला। इसके विपरीत, जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी जाति-व्यवस्था के प्रति उदार दृष्टिकोण रखते थे। वे समाज के अनुरूप ढलते गए। यह धर्म हिंदू धर्म की शाखा के रूप में विकसित होता गया।
प्रश्न 46. बौद्ध धर्म और जैन धर्म की समानताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों ही वैदिक धर्म से अलग हुए। वे वेदों को प्रामाणिक नहीं मानते। वे आदि के बारे में या तो चुप हैं या उसका दृष्टिकोण यथार्थवादी और बौद्धवादी है। दोनों ही धर्म ब्रह्मचारी भिक्षुओं और पुरोहितों के संघ बनाते हैं।
प्रश्न 47. बौद्ध का ज्ञान ब्रह्मज्ञानियों को नया एवं मौलिक क्यों लगा?
उत्तर - बौद्ध का ज्ञान किसी जाति या संप्रदाय-विशेष के लोगों के लिए नहीं वरन, समूची मानवता के लिए था। इसमें न तो वर्ण-व्यवस्था पर चोट की गई थी और न किसी धर्म की निंदा, इसलिए उनका यह ज्ञान ब्रह्मज्ञानियों को नया एवं मौलिक लगा।
प्रश्न 48. बौद्ध -कथा से मनुष्य को क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर - बौद्ध-कथा से मनुष्य को शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को संघर्ष से नहीं भागना चाहिए, बल्कि शांत-दृष्टि से उनका मुकाबला करते हुए जीवन में विकास और प्रगति के बड़े अवसरों को देखना चाहिए।
प्रश्न 49. चंद्रगुप्त दवारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें कहाँ से मिलती है?
उत्तर - चंद्रगुप्त मौर्य दवारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें दो साधनों से मिलती है
(i) सेल्यूकस के राजदूत मेगस्थनीज के विवरण से।
(ii) कौटिल्य दवारा लिखित ‘अर्थशास्त्र’ से।
प्रश्न 50. अर्थशास्त्र में राजा के राज्याभिषेक के संबंध में क्या कहा गया है?
उत्तर - अर्थशास्त्र में कहा गया है कि राजा को राज्याभिषेक के समय शपथ लेनी पड़ती थी कि वह अपनी प्रजा की सेवा करेगा। उसका सुख प्रजा के सुख में है। राजा वही कार्य करेगा, जिसमें प्रजा की भलाई हो। अनीति करनेवाले राजा को हटाकर दूसरे को राजा बनाया जा सकता है।
प्रश्न 51. अशोक कौन था? उसने कख्नलग-विजय करने का मन क्यों बनाया?
उत्तर - अशोक वह महान शासक था, जिसने 273 ई. पू. में मौर्य साम्राज्य की बागडोर सँभालद्ध। इस साम्राज्य में भारत का बहुत बड़ा हिस्सा शामिल था। अशोक संपूर्ण भारत को एक शासन-व्यवस्था के अधीन लाना चाहता था, इसलिए उसने कलिंग -विजय का मन बनाया।
प्रश्न 52. अशोक दवारा किए गए कार्यों तथा विचारों की जानकारी हमें किस तरह मिलती है?
उत्तर - अशोक के कार्यों तथा विचारों की जानकारी उसके फरमानों के माध्यम से मिलती है जो उसने जारी किए। ये फरमान पत्थर और धातु पर खोदे गए जो पूरे भारत में फैले हैं तथा आज भी सुरक्षित हैं।
प्रश्न 53. अशोक बहुत बड़ा निर्माता था—यह तुम कैसे कह सकते हो?
उत्तर - अशोक दवारा कराए गए निर्माण-कार्यों से पता चलता है कि वह बहुत बड़ा निर्माता था। उसने बड़ी इमारतें बनाने के लिए विदेशी कारीगरों को बुला रखा था। अशोक की मूर्तिकला और अन्य अवशेषों में भारतीय कला-परंपरा दृष्टिगोचर होती है।
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1. सिंधु घाटी सभ्यता क्या है? |
2. सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कैसे थे? |
3. सिंधु घाटी सभ्यता के खनिज संसाधन कौनसे थे? |
4. सिंधु घाटी सभ्यता के शहर कैसे थे? |
5. सिंधु घाटी सभ्यता क्यों समाप्त हो गई? |
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