Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  प्रश्न अभ्यास, युगों का दौर, हिंदी, कक्षा 8

प्रश्न अभ्यास, युगों का दौर, हिंदी, कक्षा 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

I . लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मौर्य साम्राज्य के अवसान के बाद भारत किन स्थितियों से गुज़रता रहा?
उत्तर -  मौर्य साम्राज्य के अवसान के बाद शुंग वंश प्रभुत्व में आया। उसका शासन अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र पर था। दक्षिण में बड़े - बड़े राज्य उभर रहे थे।  उत्तर में काबुल से पंजाब तक भारतीय यूनानी फैल गए थे।
  
प्रश्न  2. मेनांडर कौन था? वह किस रूप में प्रसिद्ध हुआ?

उत्तर -  मेनांडर भारतीय-यूनानियों का प्रमुख था] जिसके नेतृत्व में युद्ध लड़ा गया, पर भारतीय-यूनानी हार गए। भारतीय चेतना और वातावरण से प्रभावित होकर मेनांडर बुध बन गया। वह राजा मिलिंद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। बुध आख्यानों में उसे संत कहा गया है।

प्रश्न 3. कुषाण काल में बुध​ धर्म किस प्रकार प्रभावित हुआ?
उत्तर -  
 कुषाण काल तक आते-आते बुध धर्म दो संप्रदायों में बँट गया—हीनयान और महायान। इन दोनों के बीच मतभेद उठने लगे। बड़ी-बड़ी सभाओं में इन पर विवाद आयोजित किया जाने लगा।

प्रश्न  4. नागार्जुन कौन थे? उन्होंने बौद्ध​ धर्म के लिए क्या किया?
उत्तर -  नागार्जुन ईसा की पहली शताब्दी के विशिष्ट व्यक्ति थे, जिनका व्यक्तित्व महान था। वे बौद्ध शास्त्रों और भारतीय दर्शन दोनों के ही बहुत बड़े विद्वान् थे | उन्हीं के कारण भारत में हीनयान की विजय हुई।

प्रश्न 5. ‘भारत का नेपोलियन’ किसे कहा जाता है और क्यों?
उत्तर - गुप्त साम्राज्य के वंशज समुद्रगुप्त को ‘भारत का नेपोलियन’ कहा जाता है। समुद्रगुप्त का काल अत्यंत सुसंस्कृत, शक्तिशाली और समृद्ध था। इस काल में साहित्य और कला के क्षेत्र में भारत ने बहुत उन्नति की।

प्रश्न 6. दक्षिण में मौर्य साम्राज्य के सिमट जाने पर भी वह किस तरह फलता-फूलता रहा?
उत्तर -  मौर्य साम्राज्य के सिमट जाने पर भी दक्षिण भारत बारीक दस्तकारी और समुद्री व्यापार का केंद्र बना रहा। यहाँ दूर-दूर के देशों से ह्र;द्मद्बद्मद्भद्ध जहाज़ पर माल पहुँचाया करते थे। ;हाँ यूनानी बस्तियाँ और रोम के सिक्के पाए गए।

प्रश्न  7. उत्तर भारत, दक्षिण भारत जैसा विकसित क्यों नहीं हो पाया?
उत्तर  उत्तर भारत पर पचिमोत्तरर दिशा से हमले होते रहे। इन हमलों के कारण बहुत-से लोग राजगीर, शिल्पी, कारीगर आदि दक्षिण भारत में जाकर बस गए। उत्तर भारत हमलावरों की नीतियों, संस्कृति तथा परंपरा से अधिक प्रभावित होते रहे।

प्रश्न 8. विदेशी यहाँ लंबे समय तक शासन करने में सफल क्यों रहे?
उत्तर -  विदेशी हमलावरों ने जब भी भारत पर हमला किया, वे यहाँ आकर अपनी संस्कृति तथा परंपराओं तक ही सिमट कर न रह सके। उन्होंने जल्दी ही अपने आपको इस देश और इसकी सांस्कृतिक परंपरा में ढाल लिया, इसलिए वे लंबे समय तक शासक बने रहे।

प्रश्न 9.  सामाजिक ढाँचे और भारतीय दर्शन के बीच दिलचस्प बात क्या है?
उत्तर -  सामाजिक ढाँचे और भारतीय दर्शन के बीच दिलचस्प बात यह है कि भारतीय सामाजिक ढाँचा सामुदायिक था, जिसमें रीति-रिवाज़ों का कड़ाई से पालन करना पड़ता था, जबकि भारतीय दर्शन  अत्यधिक व्यक्तिवादी है। उसकी सारी ख्नचता व्यक्ति के विकास को लेकर है

प्रश्न 10. भारत में किन-किन क्षेत्रों में समन्वय की भावना दिखाई पड़ती है?
उत्तर -  भारत में बाहर से आनेवाले विभिन्न तत्वों के बीच ही समन्वय किया गया। यहाँ व्यक्ति के बाहरी और भीतरी जीवन तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच भी समन्वय का प्रयास किया गया।

प्रश्न 11. भारतीय रंगमंच का मूल उद्गम कहाँ मिलता है? उनकी शैली क्या थी?
उत्तर -  भारतीय रंगमंच का मूल उद्गम ऋग्वेद की ऋचाओं और संवादों में मिलता है। रामायण' और महाभारत' में भी नाटकों का उल्लेख मिलता है। इनकी शैली नाटकीय है।

प्रश्न 12.यूरोप को प्राचीन भारतीय नाटकों की जानकारी कब हुई?
उत्तर -  यूरोप को प्राचीन भारतीय नाटकों की जानकारी 1789 में हुई जब कालिदास दवारा रचित नाटक शकुंतला' का विलियम जोंस कृत अनुवाद प्रकाशित हुआ। इस अनुवाद के आधार पर जर्मन, फ्रेंच, डेनिश और इटालियन में भी इसका अनुवाद किया गया।

प्रश्न 13. भवभूति कौन थे?
उत्तर -  भवभूति संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध नाटककार थे। वे सातवीं शताब्दी में नाट्य क्षेत्र के चमकते सितारे थे। कालिदास के बाद इनका ही स्थान है। भारत में भवभूति बहुत लोकप्रिय रहे हैं।

प्रश्न  14. संस्कृत भाषा अद्भुत रूप से समृद्ध भाषा है ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर -  संस्कृत भाषा अत्यंत विकसित तथा अनेक तरह से अलंकृत है। इस भाषा ने प्रसार होने, संपन्न होने तथा अलंकृत होने पर भी अपना मूल स्वरूप नहीं छोड़ा। यह अनेक आधुनिक भारतीय भाषाओं की जननी भी है।

प्रश्न 15. सर विलियम जोस ने संस्कृत के बारे में क्या कहा था—अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर -   सर विलियम जोस ने 1784 में संस्कृत की प्रशंसा करते हुए कहा है—लसंस्कृत भाषा चाहे कितनी ही पुरानी हो, पर इसकी बनावट अद्भुत है। यह यूनानी भाषा से अधिक पूर्ण तथा लातीनी के मुकाबले उत्कृष्ट है। इसके अलावा यह दोनों भाषाओं से अधिक परिष्कृत है। देखने में इन तीनों भाषाओं में इतनी समानता है कि लगता है कि इनका स्रोत एक है।

प्रश्न 16. भारतीय उपनिवेशों का काल कब से कब तक माना जाता है?
उत्तर -  भारतीय उपनिवेशों का काल ईसा की पहली या दूसरी शताब्दी से शुरू होकर पंद्रहवीं शताब्दी के अंत तक माना जाता है अर्थात यह समय लगभग तेरह सौ साल या इससे कुछ अधिक का है।

प्रश्न 17. उपनिवेशों के इतिहास में भारत और चीन का प्रभाव कहाँ-कहाँ पड़ा?
उत्तर -  उपनिवेशों के इतिहास में भारत का प्रभाव टापुओं और मलय प्रायदीप पर अधिक था। यहाँ भारतीय धर्म और कला का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। चीन का प्रभाव महादीप  के देशों - बर्मा , स्याम, और हिंद-चीन पर पड़ा

प्रश्न 18. इंडोनेशिया, जावा, बाली आदि ने भारतीय सभ्यता को किस प्रकार बनाए रखा है?
उत्तर -  इंडोनेशिया का प्राचीन साहित्य भारतीय पुराकथाओं और गाथाओं से भरा है। जावा और बाली के मशहूर नृत्य भारत से लिए गए हैं। बाली के छोटे-से टापू पर हिंदू धर्म अब भी प्रचलित है।

प्रश्न 19. प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला का प्रभाव दक्षिण-पूर्वी एशिया में किस तरह दिखाई देता है?
उत्तर - दक्षिण-पूर्वी एशिया में प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला का प्रभाव अंगकोर तथा बोरोबुदुर की इमारतों और अद्भुत मंदिरों पर दिखाई देता है। जावा में बुध की जीवन-कथा पत्थरों में उत्कीर्ण है। अनेक स्थानों पर विष्णु, राम और कृष्ण की कथाएँ भी अंकित हैं।

प्रश्न 20. ‘विदेशों पर भारतीय कला का प्रभाव’ के आधार पर भारतीय संगीत की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर -  ‘विदेशों पर भारतीय कला का प्रभाव’ से ज्ञात होता है कि भारतीय और यूरोपीय संगीत में भिन्नता है। भारतीय संगीत बहुत विकसित था। इसने चीन और सुदूर पूर्व के अलावा एशियाई संगीत को बहुत दूर तक प्रभावित किया।

प्रश्न  21. प्राचीन भारतीय व्यापार की क्या स्थिति थी?
उत्तर -   प्राचीन भारतीय व्यापार दूर-दूर तक फैला हुआ था। अपने सामानों की गुणववत्ता के कारण बहुत-से विदेशी बाज़ारों पर इसका नियंत्रण था। यह व्यापार पूर्वी समुद्री देशों से भूमध्य सागर तक फैला था

प्रश्न 22. ईसवी सन की आरंभिक शताब्दियों में भारतीयों का रसायनशास्त्र संबंधी ज्ञान कैसा था?
उत्तर -   ईसवी सन की आरंभिक शताब्दियों में भारत का रसायनशास्त्र संबंधी ज्ञान बहुत अच्छा था। भारतीय लोहे और .फौलाद की प्रशंसा अन्य देशों में की जाती थी। युद्ध का सामान बनाने के लिए यह उत्तर होता था। धातुओं से आसव और भस्म भी बनाए जाते थे।

प्रश्न  23. प्राचीन भारतीय गणित में प्रयुक्त अंक किस तरह बेजोड़ थे?
उत्तर -  आधुनिक अंकगणित और बीजगणित की नींव भारत में पड़ी। काफी समय तक इसकी प्रगति बाधित रही, पर शून्यांक मिलने पर अंकों का महत्व व्यवहार में बढ़ गया। ये अंक-चिन्ह दूसरे देशों में प्रयुक्त किये जानने वाले तमाम चिन्हो से भिन्न एवं बेजोड़ थे।

प्रश्न  24. ईसवी के पहले हज़ार वर्षों में विपरीत परिस्थितियों में भारत किस प्रकार विकास करता रहा?
उत्तर - ईसवी के पहले हज़ार वर्षों में बाहरी हमलों के बीच भी भारत अपना विकास करता रहा। उसने चीन, यूनानी जगत, मध्य एशिया से अपना संपर्क बढ़ाया। भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता रहा। गुप्तकाल में भारत की खूब उन्नति हुई। 

प्रश्न  25. हूणों के आक्रमण का प्राचीन भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर - उत्तर-पश्चिम दिशा से होनवाले हूणों के आक्रमण से भारत राजनद्धतिक एवं सैन्य दोनों दृष्टियों से कमज़ोर हो गया। उनके यहाँ बसने से लोगों में अंदरूनी परिवर्तन हुआ। उनके बर्बरतापूर्ण व्यवहार भारतीय आदर्शों से भिन्न थे।

प्रश्न 26.भारत की उस विशेषता का उल्लेख कीजिए, जिसके कारण वह अपनी शक्ति एवं विकास पुन: पा सका।
उत्तर - भारत का हर क्षेत्र में भले ही ह्रास हो रहा था, परंतु उसमे जीवन-शक्ति, अद्भुत दृढ़ता, लचीलापन और अपने को प्रत्यक परिस्तिथि में ढालने जैसी आधारभूत क्षमताएं बची हुई थीं। फलस्वरूप, वह नए संपर्कों एवं विचारधाराओं का लाभ उठाकर शक्तिशाली बना तथा विकास करता रहा।

II.  प्रश्न  दीर्घ उत्तरीय

प्रश्न 1. तक्षशिला विश्वविद्यालय ने मूर्तिकला और चित्रकला के विकास में अपना परोक्ष योगदान किस तरह दिया?
उत्तर -   तक्षशिला विश्वविद्यालय आधुनिक पेशावर के निकट था। यहाँ बहुत-से राष्ट्रों से आनेवाले आपस मैं मिलते थे। यहाँ भारतीयों की मुलाकात सीदियनों, युइचियो, ईंरानियों, वाख्त्री-यूनानियों, तुर्कों और चीनियों से होती थी। इनकी संस्कृतियाँ एक-दूसरे को प्रभावित करती थीं। इनके आपसी प्रभावों के फलस्वरूप मूर्तिकला और चित्रकला की एक सशक्त शैली ने जन्म लिया।

प्रश्न  2. ब्राह्मणवाद या हिंदूवाद का उदय किस तरह हुआ?
उत्तर -
विदेशी तत्व तथा विदेशी हमलावरों के रस्मो-रिवाज़ अज़ीब थे। इनकी संस्कृति से भारतीय संस्कृति प्रभावित हो रही थी। इससे भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक आदर्शों के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा था। इनके विरुद्ध लोगों की जो प्रतिक्रिया थी, उसे ब्राह्मणवाद' या हिंदूवाद' कहा गया। इसमें धर्म और दर्शन, इतिहास और परंपरा, रीति-रिवाज़ सभी कुछ शामिल था।

प्रश्न 3. हर्ष कौन था? भारतीय इतिहास में उसे क्यों याद किया जाता है?
उत्तर - हर्ष सातवीं शताब्दी का वह शक्तिशाली राजा था, जिसने भारत से हूणों का साम्राज्य समाप्त किया। उसने उत्तर - भारत से लेकर मध्य भारत तक एक बहुत शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। हर्ष ने हिंदू और बुध दोनों धर्मों को बढ़ावा दिया। उसने अपने दरबार में कवियों और नाटककारों को एकत्र किया तथा अपनी राजधानी उज्जयिनी को सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया। वह बहुत दानी था। उसके राज्य में प्रजा सुखी थी। 

प्रश्न  4.अंग्रेज़ी शासन के बारे में फैले भ्रम तथा वास्तविकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - अंग्रेज़ी शासन के बारे में यह भ्रम फैला है कि उसने पहली बार भारत में शांति और व्यवस्था कायम की थी, परंतु यह पूर्णतया भ्रामक है। वास्तविकता तो यह है कि अंग्रेज़ी शाशनकाल में देश अवनति की पराकाष्ठ पर था। इसी कारण यहाँ अंग्रेज़ी 'शाशन कायम हो सका। देश की आथक व्यवस्था पूरी तरह टूट गई थी।

प्रश्न  5. भारत में विदेशी तक्रव किस प्रकार आत्मसात होते गए?
उत्तर - भारतीय ढाँचा सामुदायिक था। यहाँ सामाजिक नियमों का कड़ाई से पालन करना पड़ता था। इसके बावजूद यहाँ समुदाय को लेकर लचीलापन था। सामाजिक नियमों को रीति-रिवाज्जों से बदला जा सकता था। नए या विदेशी तक्रव अपने रीति-रिवाज्जों, विश्वासों और जीवन-व्यवहार को बनाए रखकर समाज के अंग बने रहे। इसी लचीलेपन के कारण यहाँ विदेशी तत्व आत्मसात होते गए।

प्रश्न 6. अश्वघोष कौन थे? उनका नाम क्यों प्रसिठ्ठ9/ है?
उत्तर - अश्वघोष संस्कृत भाषा के प्राचीनतम नाटककार स्नद्मह्य। इनका काल ईसा की पहली शताब्दी के आस-पास माना जाता है। अश्वघोष धर्मपरायण बुध थे। उनकी रचना ‘बुध चरित’ बहुत प्रसिद्ध रही। ‘बुध चरित' भारत, चीन और तिब्बत में बहुत लोकप्रिय रहा।

प्रश्न 7.कालिदास कौन थे? भारतीय नाटक में उनकी प्रसिद्धि का क्या कारण है?
उत्तर -  कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे बड़े कवि और नाटककार हैं। उनके बारे में माना जाता है कि शह्य चंद्रगुप्त (द्वितीय) विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। उनकी रचनाओं में जीवन के प्रति प्रेम और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति आवेग मिलता है। ‘अभिज्ञान- शाकुंतलम्’, ‘मेघदूत, ‘विक्रमोर्वशीयम्’ आदि उनकी प्रसिद्धि कृतियाँ हैं।

प्रश्न 8. लोकमंच, नाटकों से किस प्रकार भिन्न थे?
उत्तर -  नाटक अधिकतर समाज के संपन्न वर्ग तक ही सीमित रहे। इसके अलावा उनकी भाषा शिक्षित समुदाय की भाषा संस्कृत थी तथा इनका प्रचलन पूरे भारत में था। रंगमंच की कथाएँ पुराकथाओं और महाकाव्यों से ली गई होती थीं। ये क्षेत्रीय बोलियों में रची जाती थी, इस कारण ये किसी क्षेत्र-विशेष तक ही सीमित रहती थी

प्रश्न 9. भारतीय उपनिवेश दक्षिण-पूर्वी एशिया तक फैला था—यह किन प्रमाणों से पता चलता है?
उत्तर -   भारतीय उपनिवेश दक्षिण-पूर्वी एशिया तक फैले हुए थे। इसके अनेक प्रमाण हैं। इनमें भारतीय पुस्तकें, अरबी यात्रियों के यात्रा-वृक्रतांत, चीन से प्राप्त ऐतिहासिक विवरण, बहुत-से पुराने ताम्रलेख एवं शिलालेख, जावा-बाली का साहित्य, भारतीय महाकाव्य एवं पुराकथाओं, अंगकोर और बोरोबुदुर में इमारतों के विशाल खंडहर प्रमुख हैं।

प्रश्न 10. प्राचीन भारत में जहाज़ बनाने का उद्योग बहुत विकसित था—सप्रमाण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - प्राचीन भारत में जहाज़ बनाने का उद्योग बहुत विकसित तथा उन्नति पर था। इसका प्रमाण  उस समय बनाए गए कुछ जहाज़ों के क्रमिक वर्णन से मिलता है। इसके अलावा, अनेक दक्षिण भारतीय बंदरगाहों का उल्लेख मिलता है। दूसरी ओर, तीसरी शताब्दी के दक्षिण भारतीय सिक्कों पर दोहरे पालवाले जहाज़ों के चित्र तथा अजंता के भीतित चित्र इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 11. अंगकोरवाट के विशाल मंदिर की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर -  अंगकोरवाट के विशाल मंदिर के चारों ओर खंडहरों का विस्तृत क्षेत्र है। उसमें कृत्रिम झील, पोखर और नहरें हैं। इनके ऊपर पुल हैं। एक बड़े फाटक पर पत्थर में एक विरधकार सिर खुदा है। यह एक आकर्षक मुस्कराता हुआ रहस्यमयी कंबोडियाई देवतुल्य चेहरा है। इसकी मुस्कान अद्भुत रूप से मोहक और विचलित करनेवाली है।

प्रश्न 12. अजंता की गुफाओं की सुंदरता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-  अजंता की गुफाएँ हमें वास्तविक दुनिया में ले जाती हैं। इनके भीतितचित्रों को बुध भिक्षुओं ने बनाया था। इन भीतितचित्रों पर सुंदर स्त्रियाँ, राजकुमारियाँ, गायिकाएँ, नर्तकियाँ बैठी और खड़ी, शृंगार करती हुईं या सभा में जाती हुईं चित्रित हैं। इन चित्रों में जीवन के गतिशील नाटक को अत्यंत मोहक ढंग से दर्शाया गया है।

प्रश्न  13.प्राचीन भारत में कपड़ा उद्योग की क्या स्थिति थी?
उत्तर -  प्राचीन भारत में कपड़ा उद्योग बहुत विकसित था। भारतीय कपड़ा दूर-दूर के देशों में भेजा जाता था। रेशमी कपड़ा भी यहाँ बनता था, पर उत्तर किस्म का नहीं। यहाँ कपड़ा रँगने की कला ने खूब विकास किया था। यहाँ पक्के रंग तैयार करने का विशेष तरीका खोजा गया था। इनमें ‘इंडिगो’ नाम का एक नील का रंग होता था।

प्रश्न 14. भास्कर द्वितीय​ का गणित के क्षेत्र में योगदान स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -  भास्कर द्वितीय का जन्म 1114 ई. में हुआ था। उन्होंने खगोलशास्त्र, बीजगणित और अंकगणित पर तीन ग्रंथों की रचना की। अंकगणित पर लिखी उनकी पुस्तक ट्टलीलावती' सरल एवं स्पष्ट शैली में है। यह छोटी उम्रवालों के लिए बहुत उपयोगी है। कुछ संस्कृत विद्लायों में आज भी पठन पठान हेतु इसकी शैली का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 15. भारतीय गणित का ज्ञान फैलाने में बगदाद किस तरह सहायक सिठ्ठ9/ हुआ?
उत्तर -  आठवीं शताब्दी में कुछ भारतीय विद्वान गणित और खगोलशास्त्र की पुस्तक के साथ बगदाद गए। इनसे अरबी जगत में गणित और खगोल का ज्ञान प्रभावित हुआ। वहाँ भारतीय अंक प्रचलित हुए। उस समय बगदाद शिक्षा का केंद्र था, जहाँ यूनानी और यहूदी विद्वान एकत्र होकर अपने साथ यूनानी दर्शन, विज्ञान ले गए। अरबी अनुवादों के स्रद्मद्भ.द्म गणित व्यापक क्षेत्र में फैल गया।

प्रश्न 16. वे कौन-से कारण थे जिनसे भारत ह्रास की ओर बढऩे लगा?
उत्तर -  भारत के ह्रास की ओर बढऩे का प्रमुख कारण था—बार-बार विदेशी आक्रमणों का होना। देश के पचिमोत्तरर सीमा से होनेवाले इन आक्रमणों से भारत की राजनीतिक और आथक स्थिति कमज़ोर होती चली गई। वे सभी क्षेत्रों में अपना अस्तित्व खोते गए। इसके अलावा समाज की कटर जातिवादिता ने भी समाज में ऊँच-नीच की भावना फैलाई।

प्रश्न  17. ह्रास​ की ओर बढ़ते भारत की सामाजिक दशा कैसी हो गई थी?  
उत्तर - ह्रास की ओर बढ़ते भारत का समाज टूटने लगा। वह अपनी अखंडता न बनाए रख सका। समाज में क्षेत्रीयता, सामंतवाद तथा गिरोहबंदी की भावना प्रबल होने लगी। अर्थव्यवस्था कमज़ोर पड़ चुकी थी। समाज में जातिवादिता का ज़हर फैल गया था। ऊँची जातिवाले नीची जाति के लोगों को अपने अधीन दबाकर रखना चाहते थे। वे नीची जाति के लोगों को शिक्षा तथा विकास से वंचित रखकर उनका शोषण करते थे।

प्रश्न  18. प्राचीन काल में उत्तर भारत के लोग दक्षिण भारत में क्यों बसने लगे थे?
उत्तर - प्राचीन काल में उत्तर भारत देश की पचिमोत्तरर दिशा से होनेवाले आक्रमणों से टूट रहा था। इन आक्रमणों से दक्षिण भारत अप्रभावी था। इसी कारण उत्तर भारतीय दक्षिण भारत में बसने लगे। दक्षिण भारत में इन लोगों को रचनात्मक कार्य का मौका मिला, जो उन्हें अन्यत्र नहीं मिल सकता था।

The document प्रश्न अभ्यास, युगों का दौर, हिंदी, कक्षा 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes is a part of the Class 8 Course कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
17 videos|193 docs|129 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on प्रश्न अभ्यास, युगों का दौर, हिंदी, कक्षा 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. युगों का अर्थ क्या है?
उत्तर: युगों का अर्थ होता है वह कालावधि जिसमें कुछ विशिष्ट घटनाएं घटती हैं और वे इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इसे इतिहास की विभिन्न अवधियों में बाँटा गया है।
2. युगों के नाम क्या हैं?
उत्तर: युगों के नाम कुछ इस प्रकार हैं: अधिकृत, प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक युग आदि।
3. हिंदुस्तान के ऐतिहासिक युग कौन-कौन से हैं?
उत्तर: हिंदुस्तान के ऐतिहासिक युग कुछ इस प्रकार हैं: प्राचीन युग, मध्यकालीन युग, वर्तमान युग आदि।
4. क्या हम सभी युगों के बारे में अवगत होना आवश्यक है?
उत्तर: हां, हमें सभी युगों के बारे में अवगत होना आवश्यक है क्योंकि वे हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे हमें हमारे देश और संस्कृति के विकास का गहरा ज्ञान होता है।
5. वर्तमान युग कब से शुरू हुआ?
उत्तर: वर्तमान युग का शुरुआत कुछ 500 से 600 साल पूर्व से हुई थी। इस युग का आधुनिकतम और तेजी से विकसित होने वाला समय हमारे जीवन के साथ-साथ तकनीकी विकास और वैज्ञानिक उन्नति का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है।
17 videos|193 docs|129 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

युगों का दौर

,

कक्षा 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

हिंदी

,

Extra Questions

,

ppt

,

Exam

,

mock tests for examination

,

pdf

,

Sample Paper

,

Free

,

past year papers

,

प्रश्न अभ्यास

,

युगों का दौर

,

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

practice quizzes

,

प्रश्न अभ्यास

,

study material

,

युगों का दौर

,

हिंदी

,

कक्षा 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

video lectures

,

Summary

,

Objective type Questions

,

Viva Questions

,

Semester Notes

,

प्रश्न अभ्यास

,

कक्षा 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

MCQs

,

हिंदी

,

Previous Year Questions with Solutions

;