I. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध के बाद लोगों की दशा कैसी थी?
उत्तर - प्रथम विश्व युद्ध के बाद समाज के हर वर्ग को अत्यंत मुश्किल भरा जीवन जीना पड़ रहा था। मज़दूर वर्ग, किसान, मध्यम वर्ग सभी त्रस्त थे। उनका हर प्रकार से शोषण किया जा रहा था। ऐसे में गरीबी बढ़ती जा रही थी।
प्रश्न 2. ब्रिटिश राज्य में जनता भय में जी रही थी। उन्हें किसका भय था?
उत्तर - ब्रिटिश राज्य में जनता अनेक प्रकार के भय में जी रही थी। सरकार ने चारों ओर दमघोंटू वातावरण बना रखा था। इनके अलावा जनता में सेना, पुलिस,ख़ुफ़िया, अफसरों, ज़मींदारों, साहूकारों, बेकारी तथा भुखमरी का भय व्याप्त था।
प्रश्न 3. गाँधी जी के दवारा प्रोत्साहित करने पर जनता पर क्या असर हुआ?
उत्तर - गाँधी जी के दवारा ‘डरो मत’ कहकर प्रोत्साहित किए जाने पर लोगों के दिलों से ब्रिटिश सरकार का भय जाता रहा। उन्हें डरकर या छिपकर काम करने की ज़रूरत नहीं रही। उनमें मनोवैज्ञानिक परिवर्तन दिखाई देने लगा।
प्रश्न 4. गाँधी जी ने कांग्रेस संगठन में प्रवेश करते ही क्या-क्या परिवर्तन किए?
उत्तर - गाँधी जी ने कांग्रेस संगठन में प्रवेश करते ही उसके संविधान में बदलाव ला दिया। उसे लोकतांत्रिक बनाया तथा किसानों और मज़दूरों को कांग्रेस आने के लिए उत्साहित किया। इससे संगठन मज़बूत हुआ।
प्रश्न 5. सक्रियता का दोहरा अह्वान क्या-क्या था?
उत्तर - सक्रियता के दोहरे अह्वान में पहला था—विदेशी शासन को चुनौती देकर मुकाबला करना। दूसरा थाद्ब्र अल्पसंख्यकों की समस्याओं को हल करना और दलित जातियों के साथ छुआछूत के अभिशाप को दूर करना।
प्रश्न 6. गाँधी जी की नीतियों का कांग्रेस के पुराने नेताओं पर क्या असर हुआ?
उत्तर - कांग्रेस के पुराने नेता, जो अलग और निष्क्रिय परंपरा में पले थे, इन नए तौर-तरीकों को नहीं अपना सके। आम जनता में आए इस बदलाव से उन्हें परेशानी हो रही थी, पर उन्होंने बाद में सब स्वीकार कर लिया।
प्रश्न 7. भारतीय संस्कृति के बारे में गाँधी जी के विचार क्या थे?
उत्तर - भारतीय संस्कृति के बारे में गाँधी जी सोचते थे कि भारतीय संस्कृति न हिंदू है न इस्लाम, न पूरी तरह से कुछ और है। यह सबका मिला-जुला रूप है। आधुनिक विचारधाराओं से प्रभावित होकर उन्होंने कभी अपनी जड़ों को नहीं छोड़ा।
प्रश्न 8. यूरोप और भारत के अल्पसंख्यकों में उस समय क्या अंतर था?
उत्तर - यूरोप में अल्पसंख्यकों को जातीय या राष्ट्रीय आधार पर मान्यता दी जाती थी, जबकि भारत में अल्पसंख्यक धार्मिक होते थे। धर्म इन जातीय विभिन्नताओं से ऊपर है तथा धार्मिक दीवारें स्थायी नहीं होती।
प्रश्न 9. राजनीतिक मामलों में धर्म की स्थिति क्या थी?
उत्तर - राजनीतिक मामलों में धर्म का स्थान सांप्रदायिकता ले चुकी थी। संकीर्ण विचारधारा रखनेवाले समुदाय ने इसका प्रयोग अपनी राजनीतिक शक्ति और समुदाय को बढ़ावा देने में किया।
प्रश्न 10. कांग्रेस एकता बनाए रखने में विफल क्यों हुई?
उत्तर - कांग्रेस कभी भी सांप्रदायिक तत्वों को राजनीति में नहीं लाना चाहती थी। वह जानती थी सांप्रदायिक तत्व इस उठ्ठ9ठ्ठेश्य में बाधक होंगे, इसके अलावा मुस्लिम लीग ने कांग्रेस का सहयोग नहीं 4िया और वह एकता बनाने में विफल रही।
II. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रथम विश्व-युद्ध की समाप्ति के बाद लोगों की आशा निराशा में क्यों बदल गई?
उत्तर - सरकार ने प्रथम विश्व-युद्ध की समाप्ति के बाद भारतीय जनता को अनेक वायदे पूरे करने का आश्वासन दिया था। लोगों को आशा बँधी थी की अब उनकी जिंदगी में राहत और प्रगति के दिन आएँगे। उनकी जिंदगी भी खुशहाल बनेगी पर युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी कानून लागू कर दिया तथा पंजाब में मार्शल लॉ लगा दिया। इससे लोगों की आशा-निराशा में बदल गई।
प्रश्न 2. गाँधी जी दवारा अंग्रेजो शासन की बुनियाद पर किए गए प्रहार का क्या परिणाम निकला?
उत्तर - गाँधी जी ने अंग्रेजो शासन की बुनियाद पर चोट की। इससे प्रभावित होकर लोगों ने अंग्रेजो दवारा दी गई उपाधियाँ छोडऩी शुरू कर दी। इन उपाधियों की अब समाज में इज़्ज़त न थी। वे पतन के प्रतीक बन गए। वायसराय के दरबार और रजवाड़ों की शान-शौकत बेहद अभद्र और शर्मनाक लगने लगी। धनी लोगों ने भी साधारण रहन-सहन अपनाना शुरू कर दिया।
प्रश्न 3. गाँधी जी के सपनों का भारत कैसा था?
उत्तर - गाँधी जी ,ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते थे, जिसमें गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस करे कि यह देश उसका है, इसके निर्माण में उसका भी योगदान है। ऐसा भारत जिसमें ऊँच-नीच भेद नहीं होगा, जिसमें सब जातियाँ समभाव से रहेंगी। छुआछूत, नशीली दवाइयां तथा मदिरा के लिए जगह नहीं होगी और स्त्रियों-पुरुषों के अधिकार समान होंगे।
प्रश्न 4. गाँधी जी की कार्य प्रणाली क्या थी?
उत्तर - गाँधी जी की कार्य प्रणाली में हिंसात्मकता या उग्रता की भावना को स्थान न था। यह पूर्णतया अहिंसात्मक थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपना हथियार बनाया। अपने उदेश्ये की पूर्ति के लिए उन्होंने असहयोग तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन का सहारा लिया। उन्होंने ग्रामीणों में व्याप्त निष्क्रिय परंपरा को दूर किया। उन्हें कर्म का संदेश देकर प्रोत्साहित करके अपने साथ कर लिया।
प्रश्न 5. अंग्रेजो की नीति ने सांप्रदायिकता को किस तरह बढ़ावा दिया, उसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर - अंग्रेजो ने कांग्रेस की नीति ‘एकता और लोकतंत्र’ का समर्थन नहीं किया। वे एकता या लोकतंत्र की बलि चाहते थे जो कांग्रेस को स्वीकार्य न था। स्वतंत्रता-प्राप्ति के अंतिम दौर में उन्होंने ऐसी चाल चली कि मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना मुसलमानों को अलग राष्ट्र मांगने लगे। इससे सांप्रदायिकता को बल मिला। इसके परिणामस्वरूप भारत दो राष्ट्रों में विभाजित हो गया।
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