2.
पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं,
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूँगा मैं,
द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
शब्दार्थ :-
पुष्प-पुष्प—प्रत्येक फूल। तंद्रालस —नींद की खुमारी या नींद से उत्पन्न आलस्य। लालसा—इच्छा। नव—नया। अमृत—सुधा। सहर्ष—खुशीपूर्वक। द्वार—दरवाज्जा। अनंत—जिसका कोई अंत न हो।
प्रसंग— प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक 'वसंत, भाग-3, में संकलित 'ध्वनि' नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हैं।
इन पंक्तियों में कवि पुष्पों यानि नवयुवको के अंदर के आलस्य को दूर करके उन्हें अपने जीवन रूपी अमृत से सींचना चाहता है ताकि वे अनंतकाल तक खिलकर अपना सौंदर्य बिखेरते रहें।
व्याख्या— कवि रातभर सोए और अलसाये , रहनेवाले प्रत्येक पुष्प नवयुवक नींदभरी आँखों से आलस्य को दूर करना चाहता है अर्थात कवि उनका आलस्य दूरकर उन्हें और जागरूक बनाना चाहता है। कवि उन पुष्पों को हरा-भरा बनाए रखने के लिए उन्हें अपने नवजीवन के अमृत से सींचना चाहता है। कवि अपने जीवन में भी आशा एवं उत्साह का संचार करके रचनात्मक कार्य करना चाहता है। अभी उसे जीवन में बहुत-से काम करने हैं। वह प्रत्येक पुष्प अर्थात हर नवयुवक से उसका आलस्य छीन लेना चाहता है। उसे उत्साहित करना चाहता है। कवि का अंतर्मन चाहता है कि जिस प्रकार से फूल खिलकर अनंतकाल तक अपनी महक एवं सौंदर्य विखेरते हैं उसी प्रकार देश का प्रत्येक युवक भी अपने रचनात्मक कार्यों के सौंदर्य को वसंत के सौंदर्य की भांति चारो और अनंतकाल बिखेरता रहे। जीवन में आशा एवं उत्साह से भरपूर कवि इन फूलों को अपने जीवन का द्वार दिखा देना चाहता है, ताकि फूलों के समान उसका जीवन भी महक उठे। कवि के जीवन में अभी वसंत का आगमन हुआ है और उसका अभी अंत नहीं होगा।
विशेष—
प्रश्न : (क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर: कवि का नाम— सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
कविता का नाम— ध्वनि
प्रश्न : (ख) प्रात: कालीन पुष्प कैसे दिखाई पड़ रहे हैं? कवि पुष्पों के साथ क्या करना चाहता है?
उत्तर: प्रात: कालीन पुष्प अलसाए तथा नींद से बोझिल दिखाई पड़ रहे हैं। कवि इन पुष्पों की उनींदी आँखों से दूर आलस्य करना चाहता है।
प्रश्न : (ग) पुष्पों को अनंत तक खिले रहने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर: पुष्पों को अनंत तक खिले रहने के लिए कवि उन्हें अपने जीवन रूपी अमृत से सींचना चाहता है।
प्रश्न : (घ) यहाँ पुष्प किसके प्रतीक हैं? कवि उन्हें किस रूप में देखना चाहता है?
उत्तर: यहाँ पुष्प नवयुवको के प्रतीक हैं | कवि उन्हें आलस्यरहित, उत्साह से भरपूर तथा रचनात्मक कार्य करते हुए देखना चाहता है।
प्रश्न : (ङ) कवि पुष्पों को अनंत का द्वार दिखाना चाहता है, क्यों?
उत्तर: कवि पुष्पों को अनंत का द्वार इसलिए दिखाना चाहता है, जिससे खिले तथा महकते फूलों से प्रेरित होकर वह भी अपना जीवन महका सके।
प्रश्न : (च) 'तंद्रालस लालसा खींच लूँगा' के संदर्भ में कवि के रचनात्मक कार्य का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: 'तंद्रालस लालसा खींच लूँगा' के संदर्भ में कवि द्वारा किया जानेवाला कार्य है—नवयुवकों का आलस्य दूर भगाकर द्वद्दह्यड्ड नवीन कार्यों के लिए पे्ररित करना, ताकि वे भी अपने कार्यों की महक बिखेर सकें ।
17 videos|193 docs|129 tests
|
1. ध्वनि क्या है? |
2. हिंदी भाषा में ध्वनि के कितने प्रकार होते हैं? |
3. कक्षा 8 में हिंदी व्याकरण में ध्वनि किस भाग में आती है? |
4. हिंदी व्याकरण में संयुक्त व्यंजन क्या होते हैं? |
5. हिंदी व्यकरण में मात्रा क्या होती है? |
17 videos|193 docs|129 tests
|
|
Explore Courses for Class 8 exam
|