लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: लेखक ने परम संगी किसे कहा है? वे किस प्रकार परम संगी थे?
उत्तर - लेखक ने गवरइया और गवरे 'परम संगी' कहा है। वे दोनों अपनी रोज्जमर्रा की जिंदगी साथ-साथ जीते थे। वे कहीं भी जाते, कभी भी जाते, साथ जाते। साथ ही हँसते, साथ ही रोते। एक साथ खाते-पीते और अन्य काम भी साथ ही करते थे।
प्रश्न 2 : गवरइया और गवरे की दिनचर्या क्या थी?
उत्तर - गवरइया और गवरा प्रात: होते ही अपने घोंसले से निकलकर दाना चुगने चले जाते और शाम होने पर घोंसले में आते थे। वे दिन भर की थकान एक साथ उतारते तथा दिन भर की बातें एक-दूसरे को बताते।
प्रश्न 3. कपड़े पहनने के पक्ष में गवरइया ने क्या तर्क दिए?
उत्तर - कपड़े पहनने के बारे में गवरइया ने कहा कि इससे आदमी की खूबसूरती बढ़ती है तथा आदमी मौसम की मार से भी बचता है। इस प्रकार कपड़े पहनने से दोहरा लाभ है।
प्रश्न 4. आदमी के कपड़े पहनने के विपक्ष में गवरा क्या तर्क दे रहा था?
उत्तर - गवरे ने कहा कि कपड़ा पहनने से आदमी की खूबसूरती ढँक जाती है। उसकी सर्दीं, गर्मीं, बरसात सहने की शक्ति भी घट जाती है। इसके अलावा कपड़ों से आदमी-आदमी की हैसियत में भी भेद हो जाता है।
प्रश्न 5. गवरइया और गवरा एक-दूसरे के परम संगी थे, पर उनके स्वभाव किस तरह भिन्न थे?
उत्तर - गवरइया और गवरा एक-दूसरे के परम संगी थे, परंतु उनके स्वभाव एक समान नहीं थे। गवरइया जिद्ïदी और धुन की पक्की थी। वह जो ठान लेती थी उसे करके ही छोड़ती थी। अपने सोचे काम को जीवन का लक्ष्य मान लेती थी जबकि गवरा समझदार और शक्की था।
प्रश्न 6. गवरइया ने धुनिये को काम करने के लिए किस तरह राज्जी किया?
उत्तर - धुनिया ने पहले गवरइया को काम करने से मना कर दिया, क्योंकि उसवेफ पास राजा का बहुत काम था। जब गवरइया ने उससे कहा कि वह उसे पूरी मज़दूरी देगी तो वह खुश हो गया। गवरइया ने उससे रूई धुनने के बाद आधी उसे रखने को कहा और स्वयं के लिए आधी रखने को कहा। ऐसी मज़दूरी पाकर धुनिया काम करने के लिए तुरंत तैयार हो गया।
प्रश्न 7. उस राज्य में लगुओं-भगुओं का काम कैसे होता था?
उत्तर - जब गवरइया धुनी रुई लेकर कोरी के पास गई तो कोरी ने काम करने से मना कर दिया। वह मु.फ्त में राजा का काम कर रहा था। उसने बताया कि यहाँ सब काम राजा के नाम पर और राजा के लिए होता है। राजा के लगुओं-भगुओं का काम भी इसी तरह मुफ़त में होता है।
प्रश्न 8. टोपी पहनकर गवरइया ने अपनी खुशी किस तरह से व्यक्त की?
उत्तर - टोपी पहनकर गवरइया बहुत खुश हुई। वह डेढ़ टाँगों पर ही नाचने लगी और खुशी से फुदक-फुदककर गवरा को दिखाने लगी। वह गवरे से कहने लगी की वह उसकी पांच फुँदनेवाली टोपी को देखे|
प्रश्न 9. गवरइया की टोपी देखकर राजा ने कैसा महसूस किया? उसने अपने सिपाहियों को क्या आदेश दिया?
उत्तर - गवरइया की टोपी देखकर राजा आश्चर्य में पड़ गया। उसकी टोपी बहुत सुंदर थी, जिस पर पाँच फुँदने जड़े थे। राजा को अपनी टोपी उससे कमतर लगी। उसे बेइज़ती महसूस हुई। उसने सिपाहियों से गवरइया की टोपी छीनने का आदेश दिया।
प्रश्न 10. राजा के सिपाहियों ने गवरइया की टोपी किस तरह छीन ली?
उत्तर - राजा के सिपाहियों ने गवरइया की टोपी पाने के लिए गुलेल मारकर उसकी टोपी गिरा दी। दूसरे सिपाही ने वह टोपी उठाकर राजा के सामने प्रस्तुत कर दी। इस तरह उन्होंने गवरइया की टोपी उनसे छीन ली|
प्रश्न 11. टोपी कहानी से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर - टोपी कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि समाज के निचले वर्ग, जिसमें मज्जदूर, कारीगर, किसान आदि आते हैं, की भी अपनी आवश्यकताएँ होती हैं। उनसे मु.फ्त में काम नहीं करवाना चाहिए। उन्हें काम के बदले पूरा पारिश्रमिक दिया जाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह राजा ही क्यों न हो, अपने पद का अनुचित लाभ नहीं उठाना चाहिए।
प्रश्न 12. गवरइया के चरित्र से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर - गवरइया के चरित्र से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम जो भी काम सोचें उसे उत्साहपूर्वक करें। उसे पूरी निष्ठा तथा परिश्रम से करें। इससे काम में सफलता निश्चित रूप से मिलती है। काम के पूरा होने में जो बाधाएँ हमारे सामने आती हैं, उनसे घबराना नहीं चाहिए।
17 videos|193 docs|129 tests
|
1. टोपी किस सामग्री से बनती है? |
2. टोपी की इतिहास में कोनसा महत्वपूर्ण स्थान है? |
3. टोपी की विभिन्न अवधारणाएं क्या हैं? |
4. टोपी को दुसरे शब्दों में क्या कहा जाता है? |
5. टोपी को किस उद्देश्य के लिए पहना जाता है? |
17 videos|193 docs|129 tests
|
|
Explore Courses for Class 8 exam
|