कहानी की बात
प्रश्न 1.‘लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।’’
लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
उत्तर लाला झाऊलाल को वह बेढंगा लोटा पसंद न था, फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया, किंतु अपनी पत्नी को कुछ भी न कहा] क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थे। इसके अलावा उन्हें अपनी पत्नी के तेज्ज तर्रार स्वभाव का भी पता था, जिसके सामने वे कम$जोर पड़ते थे। उन्हें यह डर भी था कि यदि उन्होंने लोटे के बारे में कुछ कहा तो अगली बार शायद बाल्टी में खाना पड़े अर्थात इससे भी बुरी स्थिति हो सकती थी।
प्रश्न 2.‘‘लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोडक़र स्थिति को समझ लिया।’’ आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन-सी बातें समझ ली होंगी?
उत्तर पानी पीते हुए लाला झाऊलाल के हाथ से लोटा छूट गया और और उसके गली में गिरते ही शोर हुआ। लाला जी भी छत से नीचे आए। उन्होंने देखा कि सिर से पाँव तक भीगा एक अंग्रेज अपना अगूँठा पकड़े तिलमिला रहा है और गालियाँ बक रहा है। लाला जी ने समझ लिया कि यह अंग्रेज उन्हीं के लोटे के पानी से भीगा है और उसी से चोटिल हुआ है। अब यह झगड़ा करेगा तथा इसके साथ आई भीड़ झगड़े से हर्षित होगी।
प्रश्न 3. अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों ड्ढह्वस्रद्मद्भ कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अज्जीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर अंग्रेज के सामने बिलवासी मिश्र, झाऊलाल को पहचानने से इंकार करते हुए अजीब -सा व्यवहार इसलिए कर रहे थे, जिससे अंग्रेज को तनिक भी शक न हो कि मेरे साथ की गई हमदर्दी दिखावा मात्र है। बिलवासी जी यह सोच रहे थे कि इस प्रकार के व्यवहार से अंग्रेज का क्रोध शांत हो जाएगा तथा यह गंभीर मामला शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा तथा किसी को उपहास करने का अवसर भी नहीं मिलेगा।
प्रश्न 4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।
उत्तर बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल को देने के लिए रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके के किया। इसके लिए उन्होंने अपनी सोती हुई पत्नी के गले में पड़ी चेन से ताली निकाली और चुपचाप संदूक से रुपये निकालकर उसे बंद कर दिया। लाला झाऊलाल के लिए रुपये का इंतजाम अंग्रेज के माध्यम से हो जाने पर उन्होंने वेरुपये उसी तरह वापस संदूक में रख दिए |
प्रश्न 5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
उत्तर भारत की सभ्यता, संस्कृति, कला तथा ऐतिहासिक वस्तुओं ने सदा से ही विदेशियों को आकर्षित किया है। इसके अलावा कुछ लोगों के अपने विशेष शौक भी होते हैं। अंग्रेज भी ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह करने का शौकीन था। इसके अलावा उसका पड़ोसी मेजर डगलस इस अंग्रेज को अपनी ऐतिहासिक वस्तुएँ दिखाकर डींग मारता रहता था। गतवर्ष उसने भारत से ‘जहाँगीरी अंडा’ खरीदा था। अंग्रेज इसका बदला लेना चाहता था। उससे महँगा तथा ऐतिहासिक अकबरी लोटा खरीदकर उन्हें दिखाते हुए उसे छोडऩा चाहता था, इसलिए उसने वह लोटा 500 रुपये में खरीद लिया।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.‘‘इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।’’
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
उत्तर - यह बात पंडित बिलवासी मिश्र ने लाला झाऊलाल से कही। लाला झाऊलाल बिलवासी जी से यह जानना चाहते थे कि उनहोंने रुपयों का प्रबंध कैसे किया, तब बिलवासी जी ने कहा कि इस भेद को मेरे सिवा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लेना। ऐसा कहकर वह पत्नी से चोरी करके उसके संदूक से रुपये निकालने की बात नहीं कहना चाहते थे। इसके अलावा उन्हें घर पहुँचकर उन रुपयों को यथास्थान रखने की जल्दी भी थी, इसलिए ऐसा कहा।
प्रश्न 2. ‘उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।’’ समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर - बिलवासी मिश्र ने अपने मित्र की मदद करने के लिए चोरी से अपनी पत्नी के संदूक से ढाई सौ रुपये निकाले। शह्य रुपये देने लाला जी के घर गए] किंतु वहाँ अकबरी लोटे के माध्यम से 500 रुपये की व्यवस्था हो गई। इस प्रकार लाला झाऊलाल की समस्या तो हल हो गई पर असली समस्या बिलवासी मिश्र के सामने थी कि पत्नी के संदूक से चुराए हुए रुपये उसी स्थान पर पुन: कैसे रखे जाएँ। वे खुद जागकर अपनी पत्नी के सो जाने का इंतज्जार कर रहे थे, ताकि उसके सो जाने पर ताली निकालकर रुपये वहाँ रख सकें।
प्रश्न 3.‘लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।’’
‘‘अजी इसी सप्ताह में ले लेना।’’
‘‘सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?’’
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीचहुई इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
उत्तर - लाला झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि लाला जी ने पहले भी अपनी पत्नी से किए गए वायदे न निभा सके होंगे। यह भी हो सकता है कि उन्होंने पैसे तो दिए होंगे पर बहुत ही बाद में दिए होंगे। इसके अलावा यह भी पता चलता है कि —
(क) उनकी पत्नी को लालाजी के वचनों पर विश्वास न था।
(ख) वे उनकी समय पर पैसों को न देने के स्वभाव से वाकि.फ थी।
(ग) उनका स्वभाव झाऊलाल के स्वभाव से तेज़ था।
(घ) वे तर्क शक्ति से लाला जी को निरुत्तर कर दिया करती थी।
(ङ) लाला झाऊलाल कंजूस स्वभाव के थे।
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1. अकबरी लोटा की कहानी किस विषय पर है? |
2. अकबरी लोटा की कहानी को किस लेखक ने लिखा है? |
3. अकबरी लोटा की कहानी का मुख्य पाठ क्या है? |
4. अकबरी लोटा की कहानी कहाँ सेट होती है? |
5. अकबरी लोटा की कहानी से हमें क्या सिख मिलती है? |
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