Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  विराम - चिह्न - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8

विराम - चिह्न - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

हम बातचीत करते समय या किसी को अपनी बात समझाने अथवा उसे प्रभावशाली बनाने के लिए कहीं-कहीं बल देते हैं या रुकते हैं अन्यथा हमारी बात का अर्थ, अनर्थ में बदल जाने की संभावना प्रबल हो जाती है: जैसे  –
‘दरवाज़े पर आए उस व्यक्ति को रोको मत जाने दो।’ इससे हमारी बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है। हम अर्थ स्पष्ट करने के लिए कुछ निश्चित चिह्नों का प्रयोग करते हैं: जैसे –

  • दरवाज़े पर आए उस व्यक्ति को रोको, मत जाने दो।
  • दरवाज़े पर आए उस व्यक्ति को रोको मत, जाने दो।

उपर्युक्त दोनों विराम-चिह्नयुक्त वाक्यों को पढ़ने से विराम-चिह्नों के महत्व को निर्विवाद रूप से स्वीकार किया जा सकता है।
इस प्रकार, भाषा को लिखते समय रुकने या विराम के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें विराम-चिह्न कहा जाता है।

हिंदी भाषा में प्रयुक्त विराम-चिह्न – ये विराम-चिह्न निम्नलिखित हैं – 

नाम  चिह्न
1.    पूर्ण विराम-चिह्न  । 
2.    अर्ध विराम-चिह्न  :
3.    अल्प विराम-चिह्न    ,  
4.    प्रश्नवाचक चिह्न ?
5.    विस्मयादिवाचक-चिह्न !
6.    योजक या विभाजक चिह्न - 
7.    निर्देशक चिह्न –
8.    अवतरण या उद्धरण चिह्न "......"
9.    विवरण चिह्न ः –
10.    कोष्ठक चिह्न (........)
11.    हंसपद चिह्न  λ
12.    लाघव चिह्न  º

    

1.    पूर्ण विराम-चिह्न (।) – इस चिह्न का प्रयोग प्रश्नवाचक और विस्मयादिवाचक वाक्यों को छोड़कर सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में किया जाता है: जैसे –
                मधुमिता पत्रा लिखती है।
                गाँधी जी दो कदम चले और जनसमुदाय उनके पीछे चलता गया।
                यही वह छात्रा है जिसने चोर को पकड़वाया था।
    
 2.    अर्ध विराम-चिह्न (:)
– पूर्ण विराम से कम समय ठहरने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है: जैसे –
                जो इस कुत्ते को देखकर भागते हैं: उन्हीं को यह काटता है।
                क्रिया के मूल रूप को धतु कहते हैं: जैसे – लिख, चल, पढ़ आदि।
                अंपायर उसे आउट नहीं दे सकता: क्योंकि यह नो बाॅल थी।
    
 3.    अल्प विराम-चिह्न (,)
– इसका प्रयोग वाक्य में अल्प समय रुकने के लिए किया जाता है। इसमें अर्ध विराम से कम समय के लिए रुकते हैं: जैसे –

  •  एक समान पदवाले शब्दों को अलग करने के लिए: जैसे –

                बाजार से हिंदी, गणित, विज्ञान और संस्कृत की पुस्तवेंफ लाना।

  •  ‘हाँ’ या ‘नहीं’ के बाद: जैसे –

                हाँ, मैं कल शरूर आउँफगा।
                नहीं, मैं झूठ नहीं बोलूँगा।

  •  उपवाक्य या वाक्यांश अलग करने के लिए: जैसे –

                भीख देने से, मेरा मानना है, ये आलसी हो जाएँगे।

  •  एक शब्द या वाक्यांश की पुनरावृत्ति होने पर: जैसे –

                रुको, रुको, भागना गलत बात है।

  •  महीने का दिनांक और सन पृथक करने के लिए: जैसे –

                15 अगस्त, 1947, 26 जनवरी, 1950

  • संबोध्न शब्द के बाद: जैसे –

                सुमन, मेरी बातें ध्यान से सुनो।

  •  शब्द-युग्मों को अलग करने के लिए: जैसे –

                पाप-पुण्य, आना-जाना, जीना-मरना।
    
 4.    प्रश्नवाचक चिह्न (?) – 
प्रश्नवाचक चिह्न प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में लगाया जाता है: जैसे –
        तुम इस समय कहाँ से आ रहे हो?
            तुम क्या करते हो, कहाँ आते-जाते हो, इससे मैं क्यों मतलब रखूँ?
            मोहिनी आजकल क्या करती है?
    
 5.    विस्मयादिवाचक चिह्न (!)
– विस्मय (आश्चर्य), शोक, घृणा, प्रसन्नता, अ.पफसोस आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है: जैसे –
            ओह! कितना भयानक दृश्य है। (आश्चर्य)
            अहा! कितना सुंदर चित्रा है यह। (प्रसन्नता)
            हाय! मैं लुट गया। (शोक, दुख)
            छिः-छिः! कैसा बदबूदार स्थान है। (घृणा)

  •  संबोध्न के लिए: जैसे –

            कविता! मेरी बात सुनते जाना।
  
  6.    योजक या विभाजक चिह्न (-)
– इसका प्रयोग कई परिस्थितियों में करते हैं: जैसे –

  •  तुलनावाचक शब्दों सम, सा, सी, के             पहले: जैसे –

            तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा।

  •  तत्पुरुष और द्वंद्व समास के मध्य: जैसे –

            कर्म-स्थली, जीवन-मरण।

  •  मध्य का अर्थ बताने के लिए: जैसे –

            राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

  •  द्वित्व और शब्द-युग्मों के बीच: जैसे –

            राम-राम, कभी-कभी, सुख-दुख।  

 

7.    निर्देशक चिह्न ( – ) – यह चिह्न योजक से थोड़ा बड़ा होता है। इसका प्रयोग किसी के कथन को उद्धृत करने, कहने, बोलने, बताने आदि के बाद, निम्नलिखित, निम्नांकित के बाद, संवादों, वार्तालापों आदि के बाद होता है: जैसे –
  जज – तुम्हारा नाम?
 बालक – चंद्रशेखर आशाद।
 सुमन ने कहा – मैं कल बाशार आउँफगी।
 धर्मिक पुस्तकों के नाम निम्नलिखित हैं –
 अध्यापक – तुमने गृहकार्य क्यों नहीं किया?
 छात्रा – जी, मेरी तबियत ठीक नहीं थी।    

8.    अवतरण या उद्धरण चिह्न (‘....’), ("....") –  उपनाम, पुस्तकों के नाम के लिए इकहरे तथा किसी व्यक्ति के कथन को मूल रूप में उद्धृत करने के लिए, पुस्तक या लिखित सामग्री के मूल अंश को लेने के लिए दोहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है: जैसे –
 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
 प्रस्तुत पंक्तियाँ अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध्’ द्वारा रचित ‘प्रिय-प्रवास’ से ली गई हैं।
 नेता जी ने कहा, फ्तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आशादी दूँगा।"
    
 9.  विवरण चिह्न (:- ) 
– वाक्यांश में कुछ सूचना या निर्देश देने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है: जैसे –
        भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती हैंः – ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत और वसंत।
    
 10. कोष्ठक चिह्न [ ( ) ]  – 
वाक्य की मुख्य सामग्री, कठिन शब्दों के अर्थ स्पष्ट करने, क्रमसूचक अंकों, अक्षरों के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है: जैसे –
            कर्म के आधर पर क्रिया के दोनों भेदों (अकर्मक और सकर्मक क्रिया) को समझाइए।
            प्रारब्ध् (किस्मत) में क्या लिखा है, कोई नहीं जान सकता है।
    
 11.  हंसपद चिह्न (λ) – 
लिखते समय कुछ छूट जाने पर इस चिह्न का प्रयोग करके ऊपर लिखा जाता है: जैसे –
                      काले
        आसमान में λ बादल घिर आए।
                  खेल
         श्याम मैदान में λ रहा है।
    
 12.    लाघव चिह्न (λ) –
किसी बड़े अंश को संक्षेप में लिखते समय इस चिह्न का प्रयोग करते हैं: जैसे –
        पंडित जवाहरलाल नेहरू – पंº जवाहरलाल नेहरू
            उत्तर प्रदेश – उºप्रº
            राष्ट्रीय राजधनी क्षेत्रा – राºराºक्षेº
            कृपया पृष्ठ उलटिए – कृºपृºº 

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FAQs on विराम - चिह्न - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. विराम-चिह्न क्या है?
उत्तर: विराम-चिह्न हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण संकेत है जो वाक्य को विभाजित करने और उसके भागों के बीच रिश्ता स्थापित करने के लिए प्रयोग होता है। इसका उपयोग वाक्य में आवश्यक विराम के रूप में भी किया जाता है।
2. विराम-चिह्न के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: विराम-चिह्न के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं - पूर्ण विराम-चिह्न (।), सम्बंध-विराम-चिह्न (॥), और अव्ययीभाव संज्ञक विराम-चिह्न (...).
3. पूर्ण विराम-चिह्न क्या होता है?
उत्तर: पूर्ण विराम-चिह्न (।) विभाजक विराम के रूप में प्रयोग होता है। यह वाक्य के प्रमुख अंगों को अलग करके वाक्य को विभाजित करता है। इसका उपयोग वाक्य के अंत में भी किया जाता है।
4. सम्बंध-विराम-चिह्न क्या होता है?
उत्तर: सम्बंध-विराम-चिह्न (॥) वाक्य के भागों के बीच रिश्ता स्थापित करने के लिए प्रयोग होता है। यह वाक्य के मध्य में प्रयोग होता है और वाक्य के प्रमुख भागों के बीच संबंध दर्शाता है।
5. अव्ययीभाव संज्ञक विराम-चिह्न क्या होता है?
उत्तर: अव्ययीभाव संज्ञक विराम-चिह्न (...) विराम-चिह्न के रूप में प्रयोग होता है और इसका उपयोग शब्दों की अपूर्णता को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस चिह्न का उपयोग वाक्य की अधूरी या अपूर्ण व्याख्या के रूप में भी होता है।
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