Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ, हिंदी, कक्षा - 8

सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

3.    
माला तो कर में फिरै, जीभि फिरै मुख माँहि।
मनुवाँ तो चहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं ॥  

शब्दार्थ—कर—हाथ। फिरै—घूमें, चक्कर लगा,। माँहि— में। मनुवाँ—मन, हृदय। चहुँ—चारों। दिसि—दिशाओं। सुमिरन—स्मरण, प्रभु की सच्ची भक्ति। 

प्रसंग—प्रस्तुत साखी हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत, भाग-3’ में संकलित ‘कबीर की साखियाँ’ से ली गई है। इसके रचयिता संत कवि कबीर हैं। इस साखी में कवि ने लोगों द्वारा आडंबर एवं दिखावे की भक्ति किए जाने पर करारा व्यंग्य किया है।

व्याख्या—कवि कहता है कि मनुष्य प्रभु-भक्ति करने का दिखावा करता है। वह अपने हाथ में माला का मनका घुमाता हुआ भक्ति का ढोंग करता है, क्योंकि ऐसा करते हुए वह अपने मन पर नियंत्रण नहीं रख पाता। उसका मन चारों दिशाओं में भ्रमण करता रहता है। कवि इस आडंबरपूर्ण एवं दिखावे की भक्ति को प्रभु की सच्ची भक्ति नहीं मानता।

विशेष-  

  • कवि  आडंबर एवं दिखावे की भक्ति करनेवालों पर करारा प्रहार किया है।
  • रचना दोहा छंद में है।
  • 'मुख माँहि' में अनुप्रास अलंकार है।

साम्य भाव पंक्तियाँ

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर ॥   (कबीर)

प्रश्न (क)  कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर: कवि का नाम
—कबीर दास।
          कविता का नाम—कबीर की साखियाँ।

प्रश्न (ख)  मनुष्य दिखावे की भक्ति किस रूप में करता है?
उत्तर:  मनुष्य हाथ में माला लिए फेरता रहता है और मुँह से राम-राम का उच्चारण करता है, परंतु उसका चंचल मन कहीं और भटकता रहता है। इस प्रकार वह दिखावे की भक्ति करता है।

प्रश्न (ग)  'मनुवाँ तो चहुँ दिसि फिरै' का क्या आशय है?
उत्तर: ‘मनुवाँ तो चहुँ दिसि फिरै’ का आशय है-मन का प्रभु-भक्ति में केंद्रित न हो पाना। मन भक्ति में रमने की बजाय इधर-उधर भटकता हुआ बेकार की बातें सोचता रहता है।

प्रश्न (घ)  कवि सच्चा सुमिरन किसे नहीं मानता?
उत्तर: कवि मनुष्य द्वारा की जानेवाली दिखावे की भक्ति को प्रभु की सच्ची भक्ति नहीं मानता।

प्रश्न (ङ)  'जीभि' और 'सुमिरन' शब्दों का तत्सम रूप लिखिए।
उत्तर:  शब्द              तत्सम
          जीभि     —      जिह्वा
          सुमिरन  —   स्मरण

4.  
कबिरा घास न निंदिए, जो पाऊँ तलि होइ।
उडि़ पड़ै जब आँखि में, खरी दुहेली होइ ॥     


शब्दार्थ—घास—तिनका,छोटी वस्तु। नींदिए—निंदा या बुराई करना। पाऊँ—पैर। तलि—नीचे। उडि़—उडक़र। मैं—में। खरी—बहुत, अधिक। दुहेली—पीड़ा, कष्ट।

प्रसंग—प्रस्तुत साखी हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत, भाग-3’ में संकलित ‘कबीर की साखियाँ’ से ली गई है। इसके रचयिता संत कवि कबीर हैं। इस साखी में कवि ने तिनके के माध्यम से कमजोर मनुष्य का भी अपमान न करने की सीख दी है।

व्याख्या—कवि मनुष्य को सावधान करते हुए कहता है कि मनुष्य को राह में या पैरों के नीचे पड़े घास के तिनके का भी अपमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही तिनका हवा के सहयोग से आँख में पड़ जाता है तो बहुत पीड़ा पहुँचाता है और तब हमें तिनके के अस्तित्व का पता चलता है। भाव यह है कि मनुष्य को किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए।

विशेष-  

  • रचना तुकांतयुक्त दोहा छंद में है।
  • काव्यांश की भाषा में तद्भव तथा आम बोलचाल के शब्दों का प्रयोग है।

साम्य भाव पंक्तियाँ
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करै तलवारि ॥     (रहीम)

प्रश्न (क)  कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर: कवि का नाम
—कबीर दास।
          कविता का नाम—कबीर की साखियाँ।

प्रश्न (ख) इस साखी में तिनका किसका प्रतीक है?
उत्तर: इस साखी में तिनका कमजोर मनुष्य का प्रतीक है जिसका अपमान करने से कोई तनिक भी नहीं डरता।

प्रश्न (ग) कवि घास के टुकड़े की भी निंदा करने से क्यों मना करता है?
उत्तर: कवि घास के टुकड़े की निंदा करने से इसलिए मना करता है कि जमीन पर पड़ा अस्तित्वहीन घास का टुकड़ा भी आँख में पडऩे से हमें अत्यधिक पीड़ा पहुँच सकती है।

प्रश्न (घ) घास का तिनका किस प्रकार कष्टदायी बन सकता है?
उत्तर: घास का तिनका हवा में उडक़र जब हमारी आँख में पड़ जाता है तो हमारे लिए कष्टदायी बन जाता है।

प्रश्न (ङ)  'पाऊँ’ और 'दुहेली'  शब्दों के अर्थ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
पाऊँ  
 —    पैर, पाँव।
दुहेली    —    कष्टदायी, दुख पहुँचानेवाला।

5.    
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय॥    


शब्दार्थ—जग—संसार। बैरी—दुश्मन। मन—हृदय। सीतल—शीतल, शांत। होय—हो या होता है। आपा—अहंकार, घमंड। डारि दे-त्याग दे। कोय—कोई।

प्रसंग—प्रस्तुत साखी हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत, भाग-3’ में संकलित ‘कबीर की साखियाँ’ से ली गई है। इसके रचयिता संत कवि कबीर हैं। इस साखी में कवि ने मनुष्य को अपने मन का घमंड त्यागकर मन को शांत एवं शीतल रखने की सीख दी है।

व्याख्या—कवि का कहना है कि इस संसार में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता। मनुष्य को चाहिए कि वह अपने मन को शांत एवं शीतल बनाए, रखे। मन का घमंड त्यागने से उसका मन शांत और शीतल तो होता ही है, साथ ही उसका स्वभाव भी निश्छल हो जाता है और हृदय पवित्रता से भर जाता है। घमंडरहित व्यवहार करनेवाले व्यक्ति पर हर कोई दया करने के लिए तैयार रहता है।

विशेष-  

  • मनुष्य को घमंड त्यागकर सभी से अच्छा व्यवहार करने का संदेश दिया गया है।
  • काव्यांश-रचना दोहा छंद में है।
  •  ‘मन शीतल होना’, ‘आपा डाल देना’ मुहावरों के प्रयोग से भाषा में सजीवता आ गई है।

प्रश्न (क)  कवि और कविता का नाम लिखिए।
उत्तर: कवि का नाम
—कबीर दास
         कविता का नाम—कबीर की साखियाँ।

प्रश्न (ख) अपना मन शीतल होने से हमारे प्रति दूसरों का व्यवहार किस तरह प्रभावित होता है?
उत्तर: अपना मन शीतल होने से मन का घमंड समाप्त हो जाता है, मन निश्छल और पवित्र हो जाता है, जिससे दूसरे लोग भी हमें स्नेह और सम्मान देते हैं।

प्रश्न (ग) आपा डारि देने का क्या परिणाम होता है?
उत्तर: आपा त्याग देने का परिणाम यह होता है कि संसार में व्यक्ति का कोई दुश्मन नहीं होता है। सभी उसके मित्र बन जाते हैं।

प्रश्न (घ) कवि ने मनुष्य को आपा त्यागने की सीख क्यों दी है?
उत्तर: कवि ने मनुष्य को आपा त्यागने की सीख इसलिए दी है, जिससे लोगों के बीच शत्रुता, वैमनस्य आदि का भाव समाप्त हो तथा आपस में सद्भाव फैले।

प्रश्न (ङ) ‘आपा डारि दे’ के माध्यम से कवि के किस दृष्टिकोण का संकेत मिलता है?
उत्तर:  ‘आपा डारि दे’ के माध्यम से कवि के विश्व-बंधुत्व तथा भाईचारे की भावना के दृष्टिकोण का संकेत मिलता है।

The document सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes is a part of the Class 8 Course कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
17 videos|193 docs|129 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. कबीर की साखियाँ क्या हैं?
उत्तर: कबीर की साखियाँ उनकी दोहों का संग्रह हैं जो उन्होंने अपने जीवन के दौरान कहीं थीं। ये साखियाँ उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को सरल और सुलभ भाषा में प्रस्तुत करती हैं। इनमें सामाजिक, नैतिक और धार्मिक मुद्दों पर गहरा विचार किया गया है।
2. कबीर की साखियाँ किस भाषा में लिखी गई हैं?
उत्तर: कबीर की साखियाँ हिंदी भाषा में लिखी गई हैं। कबीर जी खुद भाषा के माध्यम से अपने उपदेशों को सामान्य जनता तक पहुंचाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने हिंदी भाषा का प्रयोग किया।
3. कबीर की साखियाँ क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर: कबीर की साखियाँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें सामाजिक, नैतिक और धार्मिक मुद्दों पर गहरा विचार किया गया है। इन साखियों के माध्यम से कबीर जी ने लोगों को समझाया कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को कैसे समझा जा सकता है और कैसे सही राह पर चला जा सकता है। ये साखियाँ आज भी लोगों के जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करती हैं।
4. कबीर की साखियाँ किस युग में लिखी गईं?
उत्तर: कबीर की साखियाँ 15वीं शताब्दी में लिखी गईं। कबीर जी 15वीं शताब्दी के समय में रहे हैं और इस समय में उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों और उपदेशों को साखियों की रूप में लिखा।
5. कबीर के द्वारा लिखी गई साखियाँ किसलिए प्रसिद्ध हुईं हैं?
उत्तर: कबीर की साखियाँ प्रसिद्ध हुईं हैं क्योंकि इनमें उन्होंने आम आदमी के जीवन से जुड़े मुद्दों को सरल भाषा में व्यक्त किया है। इन साखियों के माध्यम से कबीर जी ने लोगों को धार्मिक और नैतिक मूल्यों की प्राथमिकता बताई है और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

Important questions

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

shortcuts and tricks

,

Free

,

mock tests for examination

,

सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ

,

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Extra Questions

,

MCQs

,

video lectures

,

Objective type Questions

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

ppt

,

Viva Questions

,

हिंदी

,

सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ

,

सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न (भाग - 2) - कबीर की साखियाँ

,

Sample Paper

,

past year papers

,

हिंदी

,

study material

,

Semester Notes

,

practice quizzes

,

Exam

,

pdf

,

हिंदी

;