Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  अनुच्छेद - लेखन - खण्ड, हिंदी, कक्षा - 8

अनुच्छेद - लेखन - खण्ड, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

कसी विषय, वाक्य या सूक्ति के बारे में अपने विचार लिपिबद्ध् करना अनुच्छेद-लेखन कहलाता है। एक अनुच्छेद में एक ही भाव या विचार को विस्तारपूर्वक लिखा जाता है। दैनिक जीवन का कोई विषय, अनुभव या आस-पास की घटना को अनुच्छेद-लेखन का विषय बनाया जा सकता है। इसमें वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए तथा इनमें परस्पर संबंध होना चाहिए। अनुच्छेद लिखते समय शब्द-सीमा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। सामान्यतया 100 शब्दों में लिखा हुआ अनुच्छेद अच्छा माना जाता है। अनुच्छेद इस तरह लिखना चाहिए कि पढ़नेवाला उत्सुकतापूर्वक पढ़े। अनुच्छेद-लेखन के बाद एक बार उसे अवश्य पढ़ लेना चाहिए ताकि अशुद्ध्यिाँ दूर की जा सकें।

कुछ अनुच्छेदों के उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं। उन्हें पढ़कर समझिए और मनपसंद विषय चुनकर अपने शब्दों में अनुच्छेद लिखने का अभ्यास कीजिए।

1. हमारा देश भारत

हम जिस पावन देश के निवासी हैं, उसका नाम भारत है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है। देश की उत्तरी सीमा पर स्थित हिमाच्छादित हिमालय इसका मुकुट है। दक्षिण में विशाल समुद्र इसके चरणों को धेता है। गंगा-यमुना, घाघरा आदि नदियाँ इसके वक्षस्थल पर हार के समान सुशोभित होती हैं। गंगा-यमुना के उपजाऊ मैदानों में लहराती फसलें, बाग-बगीचों में फल-फूलों से लदे वृक्ष इसकी समृद्धि तथा सौंदर्य में वृद्धि करते हैं। छह ऋतुओं का चक्र यहाँ आता-जाता रहता है, जो इसे स्वर्ग के सदृश मनोरम बनाती हैं। देश के उत्तरी भाग में स्थित कश्मीर की मनोहारी घाटियाँ, के सर की क्यारियाँ, डल झील, निशात झील, सेब तथा विभिन्न फलों से लदे बागों को देखकर यही लगता है कि सचमुच ध्रती का स्वर्ग यही है। यही वह देश है जहाँ राम, कृष्ण, गौतम बुद्ध्, नानक, देव आदि महापुरुषों ने जन्म लिया है। मुझे अपने देश पर गर्व है।

 2. श्रम की गरिमा

‘उद्यमेन हि सिध्यंति कार्याणि न मनोरथैः’ अर्थात परिश्रम करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं, मनोरथ करने से नहीं। ये पंक्तियाँ श्रम की महत्ता का बखान करती हैं । मनुष्य ने परिश्रम के बल पर असंभव कार्यों को भी संभव कर दिखाया है और मनोवांछित सफलताएँ अर्जित की हैं। प्राचीन काल के ऋषि-मुनि रहे हों या विश्व के अन्य महापुरुष, सभी ने उन्मुक्त कंठ से श्रम की गरिमा का गुणगान किया है। आखिर वे भी तो श्रम के बल पर ही प्रसिद्ध हुए हैं। जो व्यक्ति श्रम से जी चुराते हैं वे धीरे-धीरे अकर्मण्य बन जाते हैं और परिवार, समाज और राष्ट्र पर बोझ बन जाते हैं। उनका जीवन नीरस बनता जाता है। वे जीवन में आनेवाली छोटी-छोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं। विद्यार्थी जीवन में सफलता का विशेष महत्व है। किसी व्यक्ति को परिश्रम से जी नहीं चुराना चाहिए, क्योंकि परिश्रमी व्यक्ति को लक्ष्मी वरण करती है।

3. मोबाइल फोन

विज्ञान ने मनुष्य के जीवन में अनेक सुख-सुविधएँ प्रदान की हैं। मानव जीवन में सुविध बढ़ाने वाला एक ऐसा ही साध्न है - मोबाइल फोन। किसी समय की कल्पना आज सचमुच साकार हो उठी है। यह ऐसा साध्न है, जिसकी मदद से कहीं दूर रहकर भी अपने प्रिय से बातें की जा सकती हैं। इसमें न तार टूटने का झंझट, न तार जोड़ने का। दिन-प्रतिदिन इसका आकार सुंदर और छोटा होता जा रहा है, साथ ही इसमें खूबियाँ बढ़ती ही जा रही हैं। कल तक जिस मोबाइल फोन का उपयोग सिर्फ बातें करने के लिए होता था। आज उसमें पूरा आॅफ़ीस समाया दिखता है। फोटो खींचना है या समय जानना है, गाने सुनना है या मनचाही पिफल्म का आनंद लेना है या इंटरनेट से कोई जानकारी लेनी है, सभी का एकमात्रा हल है आधुनिक गुणवत्ता वाला मोबाइल फोन। आज आवश्यकता है इसके विवेकपूर्ण उपयोग की, क्योंकि कुछ लोग इसका गलत प्रयोग करते हैं। हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए ताकि यह मनुष्य के लिए वरदान बना रहे।

 4. वनों का महत्व

प्रकृति और मनुष्य का संबंध् आदिकाल से रहा है। अपने जीवन-यापन के लिए वह सदा से ही प्रकृति पर आश्रित रहा है। वनों में उसे आश्रय तो मिला ही, साथ ही पेट की क्षुध शांत करने के लिए फल तथा तन ढँकने के लिए पेड़ की छालें तथा पत्तियाँ भी मिलीं। सभ्यता की ओर बढ़ने के साथ मनुष्य ने इन वनों की उपेक्षा और इनकी अंधाधुंध कटाई शुरू कर दी। वनों से हमें जीवनदायिनी हवा मिलती है। ये हमें विभिन्न कार्यों के लिए बहुमूल्य लकड़ियाँ देते हैं। इसके अलावा ये फल, दवाइयाँ, हरियाली तथा जंगली पशु-पक्षियों को आश्रय भी देते हैं । वन वर्षा लाने में सहायक हैं । ये हमारी ध्रती की उर्वरायुक्त ऊपरी परत को कटकर बह जाने से रोकते हैं, जिससे ध्रती उर्वर बनी रहती है। ये बाढ़ रोकने में सहायक हैं । ये प्राणियों द्वारा त्यागी विषाक्त गैसों का भक्षण करके उन्हें ताशी हवा देते हैं, जिससे वे जीवित रहते हैं । सच ही कहा गया है - वन रहेंगे तभी हम रहेंगे।

5. सच्चा मित्र

कवि रहीम ने कहा है - विपत्ति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत। अर्थात विपत्ति के समय जो साथ देता है, वही सच्चा मित्र है। सच्चा मित्र उत्तम औषधि के समान होता है जो कुसंग के ज्वर का इलाज करता है। जीवन में जिसे सच्चा मित्र मिल गया, समझो उसने खजाना पा लिया। सच्चा मित्र ढूँढ़ना आसान काम नहीं है। किसी में थोड़े से गुणों को देखकर या अपनी बातों में हाँ में हाँ मिलानेवालों को हम अपना मित्र समझ बैठते हैं। ये मित्र विपत्ति के समय हमें उसी प्रकार छोड़ देते हैं , जैसे जाल पड़ने पर पानी मछलियों को छोड़कर चला जाता है। ऐसे स्वार्थी मित्रों से सावधान रहने की आवश्यकता होती है। एक सच्चा मित्र, अपने मित्र की कमशोरियों को किसी के सामने प्रकट नहीं करता, बल्कि उसका निराकरण करता है। हमें सच्चे मित्र की कद्र करनी चाहिए।

6. भारतीय गाँव

महात्मा गांधी का कहना था कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। गाँवों की बात चलते ही हमारे मस्तिष्क में धूलभरी गलियाँ, घास-फूस की बनी झोंपड़ियाँ, उनके आस-पास अपनी क्रीड़ा में मग्न, धूल-धूसरित बच्चे, पेड़ों की घनी छाँव, लहलहाते खेत, चारों ओर पैफली हरियाली की चादर की छवि उभर आती है। यहाँ काम करनेवाले निश्छल स्वभाव के किसान, जी-तोड़ परिश्रम करके देशवासियों के लिए अन्न उपजाते हैं। इसके बावजूद यह अन्नदाता कहलाने वाला किसान अभावग्रस्त जीवन जीता है। कभी बाढ़, कभी सूखा उसके दुश्मन बन जाते हैं और उसके अरमानों का गला घोंटकर चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में किसान गाँव के साहूकारों के चंगुल में पँफस जाता है और कर्श में ही दुनिया छोड़कर जाने को विवश हो जाता है। इध्र कुछ वर्षों से गाँवों में बिजली की व्यवस्था, उन्नतशील बीज, खाद, उपज का उचित मूल्य आदि हो जाने से किसानों की दशा में सुधर हुआ है। इसके अलावा पक्की सड़कें, सिंचाई के साधन, शिक्षा का विस्तार होने से अब गाँवों का कायाकल्प होने लगा है।

7. परमाणु और मानव-जाति का भविष्य

विज्ञान की मदद से मनुष्य ने अनेक अद्भुत आविष्कार किए हैं। उसने अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए नए-नए साध्न खोजे हैं, किन्तु तनिक-सी भूल और अविवेकपूर्ण उपयोग के कारण ये आविष्कार ही मानवता के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। परमाणु से संबंध्ति आविष्कार भी इसी कोटि के हैं। इस कारण मानव-जाति के सामने ऐसी उलझन और भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे छुटकारा पाना मुश्किल हो रहा है। परमाणु बम हों या परमाणु ऊर्जा का उपयोग, जिन्हें वैज्ञानिकों ने अच्छे कार्यों के लिए आविष्कृत किया था, आज वही जानलेवा सिद्ध हो रहे हैं। परमाणु बमों के कारण मानव भयभीत हुआ है। जापान के परमाणु रिएक्टरों से हुए रेडिएशन के कारण वातावरण, जल, स्थल सब प्रभावित हुए हैं। असमय हशारों काल-कवलित हुए हैं तो कई हशार अस्पतालों में जिंदगी  और मौत के बीच झूल रहे हैं। आनेवाली पीढ़ियाँ भी इससे अप्रभावित नहीं रह सकेंगी। समूची मानवता पर खतरा मँडराने लगा है।

The document अनुच्छेद - लेखन - खण्ड, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes is a part of the Class 8 Course कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
17 videos|193 docs|129 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on अनुच्छेद - लेखन - खण्ड, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. भाषा और संवाद के बारे में इस लेख में क्या बताया गया है?
उत्तर: इस लेख में भाषा का महत्व और संवाद के महत्व के बारे में बताया गया है। यह बताया गया है कि भाषा क्यों महत्वपूर्ण होती है और संवाद क्यों जरूरी होता है।
2. हमें संवाद करने के लिए कौनसी भाषाएं सीखनी चाहिए?
उत्तर: हमें संवाद करने के लिए हमें अपनी राष्ट्रभाषा और अंग्रेजी को सीखना चाहिए। अंग्रेजी एक विश्व भाषा है जो आपको विदेशों में जाने और वहाँ संवाद करने में मदद करेगी।
3. व्यक्ति के संवाद कौशल क्या हैं?
उत्तर: व्यक्ति के संवाद कौशल उसकी बोलचाल क्षमता को दर्शाते हैं। यह उसकी भाषा के प्रयोग, शब्दावली, उच्चारण और वाक्य-रचना से संबंधित होते हैं।
4. संवाद में सही अंदाज क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: संवाद में सही अंदाज बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह आपके संवाद कौशल को बेहतर बनाता है। यह आपके संवाद का प्रभाव बढ़ाता है और आपके विचारों को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है।
5. संवाद कौशल कैसे बढ़ाएं?
उत्तर: संवाद कौशल को बढ़ाने के लिए आप बातचीत में अधिक लगाव दें, सुनने की क्षमता को बढ़ाएं, उचित अंदाज में बोलें, संवाद में अपने पक्ष को स्पष्ट करें और संवाद के समय समय पर ठहराव दें।
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Previous Year Questions with Solutions

,

Objective type Questions

,

study material

,

Viva Questions

,

Semester Notes

,

अनुच्छेद - लेखन - खण्ड

,

MCQs

,

Free

,

Sample Paper

,

Important questions

,

past year papers

,

हिंदी

,

video lectures

,

Summary

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

Extra Questions

,

हिंदी

,

pdf

,

mock tests for examination

,

अनुच्छेद - लेखन - खण्ड

,

Exam

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

हिंदी

,

ppt

,

अनुच्छेद - लेखन - खण्ड

,

shortcuts and tricks

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

practice quizzes

;