Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  पठन सामग्री और भावार्थ: साखी

पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौ सुख होइ।।पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

भावार्थ: कबीर कहते हैं की मनुष्य को ऐसी बाणी बोलनी चाहिये जिसमें हमारा अंहकार न दिखता हो अर्थात्  हमारी बातों से हमारा अंहकार प्रकट नही होना चाहिये ऐसी मीठी बाणी बोलने से अपने को भी संतोष होता है तथा दूसरों को भी सुख मिलता है, दूसरे भी प्रसन्न होते है।

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूंढै वन माँहि।
ऐसैं घटि-घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।।
भावार्थ: यहाँ कबीर ईश्वर की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहते हैं की कस्तूरी की हिरन की नाभि में होती है लेकिन इससे अनजान हिरन उसके सुगंध के कारण उसे पूरे जंगल में ढूंढ़ता फिरता है ठीक उसी प्रकार ईश्वर भी प्रत्येक मनुष्य के हृदय में निवास करते हैं परन्तु मनुष्य इसे वहाँ नही देख पाता। वह ईश्वर को मंदिर-मस्जिद और तीर्थ स्थानों में ढूंढ़ता रहता है।

जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।
भावार्थ: यहाँ कबीर कह रहे हैं की जब तक मनुष्य के मन में अहंकार होता है तब तक उसे ईश्वर की प्राप्ति नही होती। जब उसके अंदर का अंहकार मिट जाता है तब ईश्वर की प्राप्ति होती है। ठीक उसी प्रकार जैसे दीपक के जलने पर उसके प्रकाश से आँधियारा मिट जाता है। यहाँ अहं का प्रयोग अन्धकार के लिए तथा दीपक का प्रयोग ईश्वर के लिए किया गया है।

सुखिया सब संसार है, खायै अरु सोवै।
दुखिया दास कबीर है, जागै अरु रोवै।।
भावार्थ: कबीरदास के अनुसार ये सारी दुनिया सुखी है क्योंकि ये केवल खाने और सोने का काम करता है। इसे किसी भी प्रकार की चिंता है। उनके अनुसार सबसे दुखी व्यक्ति वो हैं जो प्रभु के वियोग में जागते रहते हैं। उन्हें कहीं भी चैन नही मिलता, वे प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में रहते हैं।

बिरह भुवंगम तन बसै, मन्त्र ना लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।
भावार्थ: जब किसी मनुष्य के शरीर के अंदर अपने प्रिय से बिछड़ने का साँप बसता है तो उसपर कोई मन्त्र या दवा का असर नही होता ठीक उसी प्रकार राम यानी ईश्वर के वियोग में मनुष्य भी जीवित नही रहता। अगर जीवित रह भी जाता है तो उसकी स्थिति पागलों जैसी हो जाती है।

निंदक नेडा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।
बिन साबण पाँणी बिना, निरमल करै सुभाइ।।
भावार्थ: संत कबीर कहते हैं की निंदा करने वाले व्यक्ति को सदा अपने पास रखना चाहिए, हो सके तो उसके लिए अपने पास रखने का प्रबंध करना चाहिए ताकि हमें उसके द्वारा अपनी त्रुटियों को सुन सकें और उसे दूर कर सकें। इससे हमारा स्वभाव साबुन और पानी की मदद के बिना निर्मल हो जाएगा।

पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुवा, पंडित भया ना कोइ।
ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होई।।
भावार्थ: कबीर कहते हैं की इस संसार में मोटी-मोटी पुस्तकें पढ़-पढ़ कर कई मनुष्य मर गए परन्तु कोई भी पंडित ना बन पाया। यदि किसी मनुष्य ने ईश्वर-भक्ति का एक अक्षर भी पढ़ लिया होता तो वह पंडित बन जाता यानी ईश्वर ही एकमात्र सत्य है, इसे जानेवाला ही ज्ञानी है।

हम घर जाल्या आपणाँ, लिया मुराडा हाथि।
अब घर जालौं तास का, जे चले हमारे साथि।।
भावार्थ: कबीर कहते हैं की उन्होंने अपने हाथों से अपना घर जला लिया है यानी उन्होंने मोह-माया रूपी घर को जलाकर ज्ञान प्राप्त कर लिया है। अब उनके हाथों में जलती हुई मशाल है यानी ज्ञान है। अब वो उसका घर जालयेंगे जो उनके साथ जाना चाहता है यानी उसे भी मोह-माया के बंधन से आजाद होना होगा जो ज्ञान प्राप्त करना चाहता है।

कवि परिचय

कबीर

इनका जन्म 1398 में काशी में हुआ ऐसा माना जाता है। इनके गुरु रामानंद थे। ये क्रांतदर्शी के कवि थे जिनके कविता से गहरी सामाजिक चेतना प्रकट होती है। इन्होने 120 वर्ष की लम्बी उम्र पायी। इन्होने आने जीवन के कुछ अंतिम वर्ष मगहर में बिताये और वहीँ चिर्निद्रा में लीन हो गए।

कठिन शब्दों के अर्थ

  1.  बाँणी – वाणी
  2. आपा – अहंकार
  3. सीतल – ठंडा
  4. कस्तूरी – एक सुगन्धित पदार्थ
  5. कुंडलि – नाभि
  6. माँहि – भीतर
  7. मैं – अंहकार
  8. हरि – भगवान
  9. मिटि – मिटना
  10. सुखिया – सुखी
  11. अरु – और
  12. बिरह – वियोग
  13. भुवंगम – साँप
  14. बौरा – पागल
  15. निंदक – बुराई करने वाला
  16. नेड़ा – निकट
  17. आँगणि – आँगन
  18. साबण – साबुन
  19. पाँणी – पानी
  20. निरमल – पवित्र
  21. सुभाइ – स्वभाव
  22. पोथी – ग्रन्थ
  23. मुवा – मर गया
  24. भया – हुआ
  25. अषिर – अक्षर
  26. पीव – प्रियतम या ईश्वर
  27. जाल्या – जलाया
  28. आपणाँ – अपना
  29. मुराडा – जलती हुई लकड़ी
  30. जालौं – जलाऊँ
  31. तास का – उसका
The document पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|201 docs|45 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on पठन सामग्री और भावार्थ: साखी - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. कवि परिचयपठन सामग्री और भावार्थ: साखी Class 10 के बारे में क्या जानकारी है?
Ans. "साखी" एक कविता है जो रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई है। यह कविता कक्षा 10 के साहित्यिक पाठ में पढ़ी जाती है। इस कविता में एक कवि की जीवनी, रचनाओं का विवरण और उनके भावार्थ को व्यक्त किया गया है।
2. साखी के लिए परिचय पठन सामग्री कहाँ से प्राप्त की जा सकती है?
Ans. साखी के लिए परिचय पठन सामग्री आप अपने कक्षा 10 की हिंदी पाठशाला किताब में या अन्य संबंधित संकलनों में देख सकते हैं। इसके अलावा इंटरनेट पर भी साखी के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
3. साखी में कवि के भावार्थ को कैसे समझा जा सकता है?
Ans. साखी में कवि के भावार्थ को समझने के लिए हमें कवि की जीवनी, रचनाओं का अध्ययन करना चाहिए। कवि अपनी कविताओं में अपने भावों, विचारों और दर्शन को व्यक्त करते हैं। हमें कवि के शब्दों, रस, छंद और पैटर्न को ध्यान से पढ़ने और समझने की कोशिश करनी चाहिए।
4. साखी क्यों पढ़ी जाती है और इसका महत्व क्या है?
Ans. साखी कक्षा 10 के साहित्यिक पाठ में पढ़ी जाती है क्योंकि इसके माध्यम से छात्रों को कवि के भावार्थ को समझने का अवसर मिलता है। यह कविता छात्रों को हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में ज्ञान प्रदान करती है।
5. साखी को कैसे पढ़ा जाए?
Ans. साखी को पढ़ने के लिए हमें सबसे पहले इसकी परिचय पठन सामग्री को ध्यान से पढ़ना चाहिए। फिर हमें कवि की जीवनी और उनके रचनाओं का अध्ययन करना चाहिए। कवि के शब्दों और रस को समझने के लिए हमें उन्हें ध्यान से पढ़ना चाहिए। साखी को पढ़ते समय हमें कवि के भावार्थ को व्यक्त करने वाले शब्दों का विशेष ध्यान देना चाहिए।
16 videos|201 docs|45 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Free

,

study material

,

past year papers

,

पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

shortcuts and tricks

,

Sample Paper

,

mock tests for examination

,

Summary

,

Objective type Questions

,

practice quizzes

,

Important questions

,

Exam

,

Semester Notes

,

MCQs

,

pdf

,

Extra Questions

,

video lectures

,

ppt

,

Viva Questions

,

पठन सामग्री और भावार्थ: साखी | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

;