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NCERT Solutions, पाठ - 4 वन्य समाज एवं उपनिवेशवाद (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स - Class 9 PDF Download

वन्य:समाज एवं उपनिवेशवाद

प्रश्न1: वन विनाश से आप क्या समझते है ? भारत में वन विनाश के कारणों का वर्णन करों|

उत्तर: वनों क लुप्त होनो को सामान्यत: वन विनाश कहते है |

भारत में वन विनाश के निम्नलिखित कारण है |

(1) बढती आबादी और खाघ पदार्थो की माँग के कारण केटी का वस्तार |

(2) रेलवे लाइनो का विस्तार और रेलवे में लकड़ियों का उपयोग |

(3) यूरोप में चाय ,काँफी और रबड़ कि माँग क पूरा करने के लिए प्राकृतिक वनों का एक  भरी हिस्सा साफ किया गया ताकि इसका बगान बनाया जा सके |


प्रश्न2: वैज्ञानिक बानिकी से आप क्या समझते है?

उत्तर: इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इनस्तिच्युत वन से संबंधित विषयों पर एक शिक्षा पद्धति विकसीत की जिसे वैज्ञानिक वानिकी कहा गया| जिसमे पुराने पेड़ काटकर उनकी जगह  नए पेड़ लगे जाते थे |


प्रश्न3: 1878 के वन आधिनियम में जंगल कि किन तीन श्रणियो में बाँटा गया ?

उत्तर: आरक्षित वन, सुरक्षित वन, ग्रामीण वन |


प्रश्न4: किस प्रकार की वन की आरक्षित वन कहा गया ?

उत्तर: सबसे अच्छे वनों को आरक्षित वन कहा गया |


प्रश्न5: वन के आधीन क्षेत्र बढाने के क्या आवश्यकता है ? कारण दो | 

उत्तर: भारत में वन के आधीन क्षेत्रो वैज्ञानिक माँगो से काफी कम है यह फल भव क्षेत्रोका 19.3 प्रतिशत है जब्कियाह कुल भूमी क्षेत्र का 33.3 प्रतिशत होना चाहिए | अतः हमेंवनों के आधीन क्षेत्र बढाने कि आवयश्कता है क्योकि इसके मुख क्लारण निम्नलिखित है |(1) पारिस्थितिक तंत्र क बनाये रखने के लिए हमें वन के आधीन क्षेत्र बढाने की क्या आवश्यकता है क्योकि यह हवा का प्रदुषण कम करते है |

(2) ग्लोबल वोर्मींग कम करने में वन हमारी सहायता करते है ये वायु से कार्बन डाई आक्साईइ को शोषित करते है |

(3) वन जीवो को प्राकृतिक निवास प्रदान करते है | 

(4) वनों का वर्ष लाने में बहुत बड़ा हाथ होता है | जल कणों को वर्षो कि बूंदों में परिवर्तित करते है| 

(5) वन मृदा का संरक्षण करते है और मृदा क पानी के साथ बहने से रकते है |


प्रश्न6: 'भस्म:कर:भोगों नीति' क्या थी ?

उत्तर: जावा पर जापानियों के कब्जे से पहले डचो ने 'भस्म:कर:भोगों नीति' आपनी जिसके तरह आरा मशीनों और सागौन के विशाल लठठो में आग लगा ददी जिससे जापानियों के हाथ न लग पाए |


प्रश्न7: 'वन ग्राम' से आप क्या समझते है ?

उत्तर:  आरक्षित वनों में वन विभाग किए लिए पेडो कि कटाई और ढुलाई  का कम  मुफ्त   करने के शर्त पर इस कम करते वालो क वनों में रहने दिया गया जिसे वन ग्राम कहा गया | ये वनों को आग से रक्षा करते थे |


प्रश्न8: कृषि ने वन विनाश को किस प्रकार से प्रभावित किया ?

उत्तर: कृषि ने वन विनाश को निम्न प्रकार से प्रभावित किया |

(1) आबादी बढ़ने से खाघ पदार्थो कि माँग में वृध्दि से वनों क काटकर कृषि कार्य करने जाने लगा |

(2) ओपनिवश शिकाल में खेती में बेहताशा वृध्दि हुई |

(3) जंगल काटकर चाय, कॉफ़ी और रबड़ कि बागन बनाए गए |


प्रश्न9: रेलवे ने वन विनाश को कैसे प्रभावित किया ?

उत्तर:रेलवे ने वन विनाश को निम्न प्रकार से प्रभावित किया |

1. जहाँ जहाँ रेलवे लाइने बिछाई गई वहाँ के वनों का सफाया कर दिया गया |

2. रेल लाइनों के प्रसार |

3. रेल के स्लीपरो के लिए प्रतिवर्ष लाखों कि संख्या में पेड़ काटे गए |  


प्रश्न10 : वन विनाश क्या है ?

उत्तर : वन विनाश का अर्थ वनों कि अंधाधुंध कटाई से है |


प्रश्न11: औपनिवेशिक काल में वन विनाश के कारणों का वर्णन करो ?

उत्तर : औपनिवेशिक काल में वन विनाश के निम्न कारण थे :

(1) बढती जनसँख्या |

(2) रेल विस्तार के लिए स्लीपरो की आवश्यकता |

(3) अंग्रेजो के द्वारा चाय , रबड़ , कॉफ़ी के बागानों का निर्माण करवाना |

(4) रेल मार्ग के विस्तार के लिए वनों कि कटाई |

(5) इंग्लेंड में ओक के पेड़ो का लुप्त होना |

(6) व्यावसायिक फसलों कि पैदावार बढानें के लिए या कृषि के विस्तार के लिए वनों कि कटाई |


प्रश्न 12: औपनिवेशिक काल में खेती में तेजी से फैलाव क्यों आया ?

उत्तर : औपनिवेशिक काल में खेती में  तेजी से फैलाव आया क्योकि :

(1) अंग्रेजो द्वारा व्यावसायिक फसलो के उत्पादन को जमकर प्रोत्साहित करना |

(2) उन्नीसवी सदी में यूरोप में बढती शहरी आबादी का पेट भरने के लिए खाद्धायन और औद्धोगिक उत्पादन के लिए कच्चे माल कि जरूरत थी |

(3) उन्नीसवी सदी के आरंभ में जंगलो को औपनिवेशिक सरकार ने अनुत्पादक समझा |


प्रश्न13 : स्लीपर क्या है तथा इसके कार्य क्या है ?

उत्तर : रेल कि पटरी के आर : पार लगे लकड़ी के तख्ते जो पटरियो को उनकी जगह पर रोके रखते है |

कार्य : यह पटरियो के बीच के आकर्षण के बल को बनाए रखता है|


प्रश्न14 : पहला वन महानिदेशक किसे नियुक्त किया गया ?

उत्तर : पहला वन महानिदेशक डायट्रिच ब्रैंडिस नामक विशेषग्य को नियुक्त किया गया |


प्रश्न15 : भारतीय वन सेवा कि स्थापना किसने और कब की ? 

उत्तर : 1864 में ब्रैंडिस ने भारतीय वन सेवा कि स्थापना की | 


प्रश्न16 : इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना कब और कहा हुई ?

उत्तर : 1906 में देहरादून में इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना हुई | 


प्रश्न17: उपनिवेशकाल में बनिय प्रबंधन में परिवर्तन ने लोगो के जीवन में लकड़ी की नई माँग पैदा कर दी | बनिय प्रबंधन में परिवर्तन ने किस प्रकार लोगों को प्रभावित किया ?

उत्तर:  उपनिवेशकाल में बनिय प्रबंधन में परिवर्तन ने लोगो के जीवन लकड़ी को निम्न प्रकार से प्रभावित किया ::


प्रश्न18. औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए परिवर्तनों ने इन समूहों को कैसे प्रभावित किया:

  • झूम खेती करने वालों को
  • घुमंतू और चरवाहा समुदायों को
  • लकड़ी और वन:उत्पादों का व्यापार करने वाली कंपनियों को
  • बागान मालिकों को
  • शिकार खेलने वाले राजाओं और अंग्रेज अफसरों को

उत्तर: 

(i) झूम खेती करने वालों को वन प्रबंधन ने निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित किया |

(a) सरकार ने घुमंतू खेती पर रोक लगाने का फैसला किया तो इसके परिणामस्वरूप
अनेक समुदायों को जंगलों में उनके घरों से जबरन विस्थापित कर दिया
गया।

(b) कुछ को अपना पेशा बदलना पड़ा तो कुछ ने छोटे:बड़े विद्रोहों के जरिए प्रतिरोध् किया।

(ii) घुमंतू और चरवाहा समुदायों को भी वन प्रबंधन ने निम्न प्रकार से प्रभावित किया | 

(a) वन अधिनियम के चलते देश भर में गाँव वालों की मुश्किलें बढ़ गईं।
इस कानून के बाद घर के लिए लकड़ी काटना, पशुओं को चराना, कंद:मूल:फल इकट्ठा करना आदि रोजमर्रा की गतिविधियाँ गैरकानूनी बन गईं।

(b) अब उनके पास जंगलों से लकड़ी चुराने के अलावा कोई चारा नहीं बचा और पकड़े जाने की स्थिति में वे वन:रक्षकों की दया पर होते जो उनसे घूस ऐंठते थे।

(c) जलावनी लकड़ी एकत्र करने वाली औरतें विशेष तौर से परेशान रहने लगीं। 

(d) स्थानीय लोगों द्वारा शिकार करने और पशुओं को चराने पर बंदिशें लगा दी गईं। इस प्रक्रिया में मद्रास प्रेसीडेंसी के कोरावा, कराचा व येरुकुला जैसे अनेक चरवाहे और घुमंतू समुदाय अपनी जीविका से हाथ धो बैठे।

(iii) लकड़ी और वन:उत्पादों का व्यापार करने वाली कंपनियों को निम्न प्रकार से प्रभावित किया | 

(a) ब्रिटिश सरकार ने कई बड़ी यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों को विशेष इलाकों में वन:उत्पादों के व्यापार की इजारेदारी सौंप दी।

(b) वन:उत्पादों पर पूरी तरह सरकारी नियंत्रण हो गया | 

(c) इनमें से कुछ को ‘अपराधी कबीले’ कहा जाने लगा और ये सरकार की निगरानी में

फक्ट्रियों, खदानों व बागानों में काम करने को मजबूर हो गए।

(iv) बागान मालिकों को निम्न प्रकार से प्रभावित किया | 

(a) यूरोप में चाय, कॉफ़ी रबड़ की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए इन वस्तुओं के बागान बने और इनके लिए भी प्राकृतिक वनों का एक भारी हिस्सा साफ किया गया। (b) औपनिवेशिक सरकार ने जंगलों को अपने कब्जे में लेकर उनके विशाल हिस्सों को बहुत सस्ती दरों पर यूरोपीय बागान मालिकों को सौंप दिया।

(c) इन इलाकों की बाड़ाबंदी करके जंगलों को साफ कर दिया गया और चाय:कॉफ़ी लगी।

(v) शिकार खेलने वाले राजाओं और अंग्रेज अफसरों को निम्न प्रकार से प्रभावित किया | 

(a) शिकार करते हुए पकड़े जाने वालों को अवैध् शिकार के लिए दंडित किया जाने लगा।

(b) औपनिवेशिक शासन के दौरान शिकार का चलन इस पैमाने तक बढ़ा कि कई प्रजातियाँ लुप्त हो गई | 

(c) हिंदुस्तान में बाघों और दूसरे जानवरों का शिकार करना सदियों से दरबारी और नवाबी संस्कृति का हिस्सा रहा था। अनेक मुगल कलाकृतियों में शहशादों और
सम्राटों को शिकार का मजा लेते हुए दिखाया गया है।

(d) वन कानूनों ने लोगों को शिकार के परंपरागत अधिकार से वंचित किया, वहीं बड़े जानवरों का आखेट एक खेल बन गया।


प्रश्न19. बस्तर और जावा के औपनिवेशिक वन प्रबंधन में क्या समानताएँ हैं?

उत्तर: बस्तर और जावा के औपनिवेशिक वन प्रबंधन में निम्नलिखित समानताएँ थी | 

(i) बस्तर में अंग्रेजों ने तो जावा में डचों ने वनों को आरक्षित कर दिया और बिना इजाजत वन संपदा का उपयोग और प्रवेश वर्जित कर दिया गया |

(ii) अंग्रेजों की तरह ही डच उपनिवेशकों ने जावा में वन:कानून लागू कर ग्रामीणों की जंगल तक पहुँच पर बंदिशें थोप दीं।

(iii) बस्तर के गाँवों को आरक्षित वनों में इस शर्त पर रहने दिया गया कि वे वन:विभाग के लिए पेड़ों की कटाई और ढुलाई का काम मुफ्त करेंगे और जंगल को आग से बचाए रखेंगे। जबकि जावा में भी डचों ने कुछ गाँवों को इस शर्त पर इससे मुक्त कर दिया कि वे सामूहिक रूप से पेड़ काटने और लकड़ी ढोने के लिए भैंसें उपलब्ध् कराने का काम मुफ्त किया करेंगे।

(iv) भारत में बस्तर की ही तरह जावा में भी जहाज और रेल:लाइनों के निर्माण के अपने उद्देश्य के लिए औपनिवेशिक सरकरों ने वन:प्रबंधन और वन:सेवाओं को लागू किया गया | 

प्रश्न20. सन् 1880 से 1920 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के वनाच्छादित क्षेत्र में 97 लाख हेक्टेयर की गिरावट आयी। पहले के 10.86 करोड़ हेक्टेयर से घटकर यह क्षेत्र 9.89 करोड़ हेक्टेयर रह गया था। इस गिरावट में निम्नलिखित कारकों की भूमिका बताएँ:

  • रेलवे
  • जहाज निर्माण
  • कृषि:विस्तार
  • व्यावसायिक खेती
  • चाय:कॉफी के बागान
  • आदिवासी और किसान

उत्तर : वनों के आधीन क्षेत्र के कम होने में उपरोक्त कारकों की निम्न भूमिका रही |

(1) रेलवे :

(i) रेल लाइनों के प्रसार के साथ:साथ बड़ी तादाद में पेड़ भी काटे गए। अकेले मद्रास प्रेसीडेंसी में 1850 के दशक में प्रतिवर्ष 35, 000 पेड़ स्लीपरों के लिए काटे गए।

(ii) सरकार ने आवश्यक मात्रा की आपूर्ति के लिए निजी ठेके दिए। इन ठेकेदारों ने बिना सोचे:समझे पेड़ काटना शुरू कर दिया। रेल लाइनों के इर्द:गिर्द जंगल तेजी से गायब होने लगे। 

(iii) 1850 के दशक में रेल लाइनों के प्रसार ने लकड़ी के लिए एक नई तरह की माँग पैदा कर दी। शाही सेना के आवागमन और औपनिवेशिक व्यापार के लिए रेल लाइनें अनिवार्य थीं।

(iv) इंजनों को चलाने के लिए ईंधन के तौर पर और रेल की पटरियों को जोड़े रखने के लिए ‘स्लीपरों’ के रूप में लकड़ी की भारी जरूरत थी।

(2) जहाज निर्माण :

(i) औपनिवेशिक शासकों को अपनी नौ:सेना की शक्ति बढ़ाने के लिए और व्यापारिक जहाजों के निर्माण के लिए भारी मात्रा में इमारती लकड़ियों की आवश्यकता थी |

(ii) वन:विभाग को ऐसे पेड़ों की जरूरत थी जो जहाजों और रेलवे के लिए इमारती लकड़ी मुहैया करा सकें, ऐसी लकडि़याँ जो सख्त, लंबी और सीधी हों। इसलिए सागौन और साल जैसी प्रजातियों को प्रोत्साहित किया गया और दूसरी किस्में काट डाली गईं। 

(3) कृषि:विस्तार :&nbsnbsp;

(i) आबादी बढ़ने से खाद्य पदार्थों की माँग में वृद्धि से वनों को काटकर कृषि कार्य किया जाने लगा ।
(ii) औपनिवेशिकाल में खेती में बेहताशा वृद्धि हुई कृषि:उत्पादों का भारत और समस्त यूरोप में माँग बढ़ने लगी और इसप्रकार कृषि:विस्तार के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई शुरू हो गई |

(4) व्यावसायिक खेती: 

(i) व्यावसायिक खेती का अर्थ नकदी फसल उगाने से है | इन फसलों में में गन्ना, गेंहू जूट (पटसन) तथा कपास आदि की फसलें शामिल हैं |

(ii) 19 वीं शताब्दी में व्यावसायिक फसलों की माँग बढ़ गई | इसके लिए वनों की कटाई कर कृषि:योग्य भूमि प्राप्त की गई | अब जंगलों को काट कर नकदी फसलें उगाई जाने लगी | 

(5) चाय:कॉफ़ी के बागान :

(i) यूरोप में चाय और कॉफ़ी की माँग बढ़ने से औपनिवेशिक सरकार ने वनों के आधीन बड़े भूभाग को काट कर बागान मालिकों को सस्ते दामों पर बेंच दिया गया | अब इन बागानों में चाय, कॉफी और रबड की खेती होने लगी ।

(6) आदिवासी और किसान : आदिवासी और किसान झोपड़ियाँ आदि बनाने के लिए वनों से लकड़ियाँ और पेड़ों को काटते थे | वनों के आस:पास रहने वाले किसान और आदि वासी पूरी तरफ वन उत्पादों पर ही निर्भर रहते थे | वे भी अपनी आवश्यकताओं के लिए वनों की कटाई करते थे | 


प्रश्न21. युद्धों से जंगल क्यों प्रभावित होते हैं ? 

उत्तर: युद्धों के वनों पर प्रभाव निम्नलिखित हैं : 
(i) युद्धों से जंगल प्रभावित होते हैं उदाहरणार्थ: प्रथम विश्व युद्ध (1914 : 1928) तथा द्वितिय विश्व युद्ध ने वनो पर बडा भारी प्रभाव डाला था। भारत में जो भी लोग पौधो पर काम कर रहे थें, उन्हे काम छोडना पडा था।
(ii) अनेक आदिवासियो ने, किसानों ने#2375; एवं अन्य उपयोग कर्ताओ ने युद्धों एवं लडाईयों के लिए जंगलों में कृषि के विस्तार के लिए प्रयोग किया ।
(iii) युद्ध के उपरांत इन्डोंनेशिया के लोगों के लिए वनों एवं उससे जुडी भुमी को पुनः   वापस पाना बडा कठिन था ।
(iv) जावा में द्वितिय विश्व युंद्ध के दौरान जापानियों के हाथों में वनों की सम्पदा को बनाने के लिए जावा स्थित साम्राज्य के वनों में डचों ने स्वयं वनों में आग लगा दी थी ।

(v) भारत में तमाम चालू कार्ययोजनाओं को स्थगित करके वन विभाग ने अंग्रेजों की जंगी जरूरतों को पूरा करने के लिए बेतहाशा पेड़ काटे।  


महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न1: वन विनाश से आप क्या समझते है ? भारत में वन विनाश के कारणों का वर्ण करों|

उत्तर: वनों क लुप्त होनो को सामान्यत: वन विनाश कहते है |

भारत में वन विनाश के निम्नलिखित कारण है |

(1) बढती आबादी और खाघ पदार्थो की माँग के कारण केटी का वस्तार |

(2) रेलवे लाइनो का विस्तार और रेलवे में लकड़ियों का उपयोग |

(3) यूरोप में चाय ,काँफी और रबड़ कि माँग क पूरा करने के लिए प्राकृतिक वनों का एक  भरी हिस्सा साफ किया गया ताकि इसका बगान बनाया जा सके |


प्रश्न2: वैज्ञानिक बानिकी से आप क्या समझते है?

उत्तर: इम्पीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इनस्तिच्युत वन से संबंधित विषयों पर एक शिक्षा पद्धति विकसीत की जिसे वैज्ञानिक वानिकी कहा गया | जिसमे पुराने पेड़ काटकर उनकी जगह  नए पेड़ लगे जाते थे |


प्रश्न3: 1878 के वन आधिनियम में जंगल कि किन तीन श्रणियो में बाँटा गया ?

उत्तर: आरक्षित वन, सुरक्षित वन, ग्रामीण वन |


प्रश्न4: किस प्रकार की वन की आरक्षित वन कहा गया ?

उत्तर: सबसे अच्छे वनों को आरक्षित वन कहा गया |


प्रश्न5: वन के आधीन क्षेत्र बढाने के क्या आवश्यकता है ? कारण दो | 

उत्तर: भारत में वन के आधीन क्षेत्रो वैज्ञानिक माँगो से काफी कम है यह क्षेत्रफल कुल क्षेत्रों का 19.3 प्रतिशत है जबकि इसे कुल भूमी क्षेत्र का 33.3 प्रतिशत होना चाहिए | अतः हमें वनों के आधीन क्षेत्र बढाने कि आवश्यकता है क्योकि इसके मुख्य कारण निम्नलिखित है |

(1) पारिस्थितिक तंत्र क बनाये रखने के लिए हमें वन के आधीन क्षेत्र बढाने की क्या आवश्यकता है क्योकि यह हवा का प्रदुषण कम करते है |

(2) ग्लोबल वोर्मींग कम करने में वन हमारी सहायता करते है ये वायु से कार्बन डाई आक्साईइ को शोषित करते है |

(3) वन जीवो को प्राकृतिक निवास प्रदान करते है | 

(4) वनों का वर्ष लाने में बहुत बड़ा हाथ होता है | जल कणों को वर्षो कि बूंदों में परिवर्तित करते है| 

(5) वन मृदा का संरक्षण करते है और मृदा क पानी के साथ बहने से रकते है |


प्रश्न6: 'भस्म:कर:भोगों नीति' क्या था ?

उत्तर: जावा पर जापानियों के कब्जे से पहले डचो ने 'भस्म:कर:भोगों नीति' आपनी जिसके तरह आरा मशीनों और सागौन के विशाल लठठो में आग लगा ददी जिससे जापानियों के हाथ न लग पाए |


प्रश्न7: 'वन ग्राम' से आप क्या समझते है ?

उत्तर:  आरक्षित वनों में वन विभाग किए लिए पेडो कि कटाई और ढुलाई  का कम मुफ्त करने के शर्त पर इस कम करते वालो क वनों में रहने दिया गया जिसे वन ग्राम कहा गया | ये वनों को आग से रक्षा करते थे |


प्रश्न8: कृषि ने वन विनाश को किस प्रकार से प्रभावित किया ?

उत्तर: कृषि ने वन विनाश को निम्न प्रकार से प्रभावित किया |

(1) आबादी बढ़ने से खाघ पदार्थो कि माँग में वृध्दि से वनों क काटकर कृषि कार्य करने जाने लगा |

(2) ओपनिवेशिकाल में खेती में बेहताशा वृध्दि हुई |

(3) जंगल काटकर चाय, कॉफ़ी और रबड़ कि बागन बनाए गए |


प्रश्न9: रेलवे ने वन विनाश को कैसे प्रभावित किया ?

उत्तर:रेलवे ने वन विनाश को निम्न प्रकार से प्रभावित किया |

1. जहाँ जहाँ रेलवे लाइने बिछाई गई वहाँ के वनों का सफाया कर दिया गया |

2. रेल लाइनों के प्रसार |

3. रेल के स्लीपरो के लिए प्रतिवर्ष लाखों कि संख्या में पेड़ काटे गए |  


प्रश्न10 : उपनिवेशकाल में वनीय प्रबंधन में परिवर्तन ने लोगों के जीवन लकडी की नई माँग पैदा कर दी। को किस प्रकार प्रभावित किया  ?

उत्तर : उपनिवेशकाल में वनीय प्रबंधन में परिवर्तन ने लोगों के जीवन को निम्न प्रकार से प्रभावित किया ।
1. उपनिवेशी सरकार ने झुम खेती पर प्रतिबंध लगा दिया ।
2. वन प्रबंधन से गावों में बडे परिवर्तन हुए। उनके दैनिक कार्यो जैसे लकडी काटना, पशुओं को चराना, फल एकत्र करना शिकार आदि करना को गैर कानुनी घोषित कर दिया गया ।
3. वन की कटाई के कार्य में तेजी से भ्रष्टाचार फैलने लगा ।
4. वनों के लगातार कटने से चाय, कॉफी , रबर आदि के बागान यूरोपीय बाजार की आवश्यकता पर विकसीत हुए ।
5. वे शेर , चीता मारने पर इनाम देते थे।


प्रश्न11 :बताइए कि उपनिवेशिक सरकार द्वारा बनाए गए कानुनों से चरवाहों के जीवन पर क्या असर पडा ?
उत्तर :

1. परती भूमी नियमावली : उपनिवेशिक सरकार द्वारा बनाए गए कानुन ‘परती भूमी नियमावली’ में चरागाह जो बंजर भूमि के समान थी ब्रिटिश सरकार ने कृर्षि योग्य बनाने के लिए गांव के मुखिया के सुपुर्द कर दिया जिससे चरागाहें समाप्त सी हो गई।
2.  वन : अधिनियम  : ब्रिटिश सरकार ने अनेक वन कानून पास कर चरवाहों का जीवन ही बदल दिया । आरक्षित तथा सूरक्षित वनों की श्रेणी के वनों में उनके घुसने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि पशु पौधे के नई कोपलों को खा जाते थे |

3.  चराई कर : अपनी आय बढाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने पशुओं पर भी कर लगा दिया । कर देने के पश्चात् इन्हें एक पास दिया जाता था जिसको दिखाकर ही चरवाहे अपनी पशु चरा सकते थें ।


प्रश्न12 : झूम खेती से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : झुम खेती के लिए जंगल के कुछ भाग को बारी बारी से काटा जाता है! और उस पर अल्पकाल के लिए खेती की जाती है। उसकी उर्वरकता समाप्त हो जाने पर उसे छोडकर पुनः दूसरे जगह खेती की जाती है। ऐसी अल्पकालीक खेती को झुम खेती कहते हैं । ऐसी खेती प्रायः वन निवासी करते है।  

प्रश्न13 : युद्धों के वनों पर चार प्रभाव बताइए ।
उत्तर : युद्धों के वनों पर चार प्रभाव निम्नलिखित हैं::
1. युद्धों से जंगल प्रभावित होते हैं उदाहरणार्थ: प्रथम विश्व युद्ध (1914 : 1928) तथा द्वितिय ...विश्व युद्ध ने वनो पर बडा भारी प्रभाव डाला था। भारत में जो भी लोग पौधो  पर काम कर रहे थें, उन्हे काम छोडना पडा था।
2. अनेक आदिवासियो ने, किसानों ने एवं अन्य उपयोग कर्ताओ ने युद्धों एवं लडाईयों के लिए जंगलों में कृषि के विस्तार के लिए प्रयोग किया ।
3. युद्ध के उपरांत इन्डोंनेशिया के लोगों के लिए वनों एवं उससे जुडी भुमी को पुनः   वापस पाना बडा कठिन था ।
4. जावा में द्वितिय विश्व युंद्ध के दौरान जापानियों के हाथों में वनों की सम्पदा को बनाने के लिए जाव स्थित साम्राज्य के वनों में डों ने स्वयं वनों में आग लगा दी थी  


प्रश्न14 : झुम खेती को क्यों प्रतिबंधित कर दिया गया ?
उत्तर : उपनिवेशिक सरकार का मानना था झूम कृषि वनों के लिए हानिकारक है। इस भूमि की उर्वरता खत्म हो जाने पर छोड दी जाती थी । इस कारण कर वसूली में भी कइिनाई आती थी । इस जमीन पर इमारती लकडी नहीे उगाई जा सकती थी । इसलिए झुम खेती को प्रतिबंधित कर दिया गया |        

प्रश्न15 : वन विनाश क्या है ?

उत्तर : वन विनाश का अर्थ वनों कि अंधाधुंध कटाई से है |

(5) इंग्लेंड में ओक के पेड़ो का लुप्त होना |

(6) व्यावसायिक फसलों कि पैदावार बढानें के लिए या कृषि के विस्तार के लिए वनों कि कटाई |

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1. What is meant by the term 'tribe'?
Ans. 'Tribe' refers to a group of people who share common cultural traits, which distinguish them from other groups. These traits can include language, customs, beliefs, and social organization.
2. How do tribes differ from other social groups?
Ans. Tribes differ from other social groups in terms of their distinct cultural identity, which is often tied to their traditional connection to a specific geographical area. They also tend to have a more egalitarian social structure, with less emphasis on individual achievement and more focus on communal values.
3. What is the impact of development projects on tribal populations?
Ans. Development projects can have a significant impact on tribal populations, often leading to displacement and disruption of their traditional way of life. These projects can also result in environmental degradation, loss of biodiversity, and depletion of natural resources that are essential to the livelihoods of tribal communities.
4. How can tribal populations be protected and their rights ensured?
Ans. Tribal populations can be protected and their rights ensured through a range of legal and policy measures, including the recognition of their land rights and the provision of adequate resources for their economic and social development. It is also important to involve them in decision-making processes related to development projects that affect their lives and livelihoods.
5. What is the role of education in empowering tribal communities?
Ans. Education can play a critical role in empowering tribal communities by providing them with the skills and knowledge they need to participate in the wider society and engage with development processes on their own terms. It can also help to preserve and promote their cultural identity and traditions, which are often threatened by the forces of globalization and modernization.
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