Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  सामाजिक विज्ञान कक्षा 10  >  महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर, पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर, पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10 PDF Download

औद्योगीकरण का युग

अध्याय-समीक्षा : 

प्रश्न1. प्राच्य- 
उत्तर: यह शब्द उन देशों के लिए प्रयोग किया जाता है जो कि यूरोप के पूर्व में स्थित है।

प्रश्न2 . पूँजी- 
उत्तर:यह मुद्रा की बड़ी मात्रा है जिसका निवेश किया जाता है या व्यापार या उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न3. समाजवादी- 
उत्तर: जिसमें देश के प्रत्येक व्यक्ति का समान हिस्सा होता है तथा मुख्य उद्योगों पर स्वामित्व और नियंत्रण सरकार का होता है।

प्रश्न4. स्पिनिंग जेनी- 
उत्तर: एक सूत कातने की मशीन है । जो जेम्स हरग्रीब्ज द्वारा 1764 में बनाई गई थी।

प्रश्न5. स्टेपल- 
उत्तर: एक व्यक्ति जो रेशों के हिसाब से ऊन को स्टेपल करता है उसे छांटता है।

प्रश्न6. फुलर्ज- 
उत्तर: चुन्नटों के सहारे कपड़े को समेटता है।

प्रश्न7. कार्डि़ग- 
उत्तर: वह प्रक्रिया है जिससे कपास या ऊन आदि की रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता है।

प्रश्न8. फलाई शटल- 
उत्तर: वह रस्सियों और पुलियों के जरिए चलने वाला एक यांत्रिक औजार जिसका बुनाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अभ्यास-प्रश्नावली:

संक्षेप में लिखे : 

प्रश्न 1. निम्नलिखित की व्याख्या करें :

(क) ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए।

उत्तर:  ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले करने की निम्न वजह थे |

(i) जेम्स हरग्रीव्ज़ द्वारा 1764 में बनाई गई स्पिनिंग जेनी मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी और मजदूरों की माँग घटा दी।

(ii) एक ही पहिया घुमाने वाला एक मशदूर बहुत सारी तकलियों को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे।

(ii) जब इस मशीन का उपयोग ऊन उद्योग में होने लगा तो ऊन काटने वाली महिलाये बेरोजगार हो गई | यही कारण है कि महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले कर दिए | 

(ख) सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे।

उत्तर: सत्रहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे। इसके निम्नलिखित कारण थे |&nbsnbsp;

(i) सत्रहवीं और अठारहवीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गाँवों की तरफ रुख़ करने लगे थे। वे किसानों और कारीगरों को पैसा देते थे और उनसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए उत्पादन करवाते थे।

(ii) उस समय विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया वेफ विभिन्न भागों में उपनिवेशों की स्थापना के कारण चीजों की माँग बढ़ने लगी थी। इस माँग को पूरा करने के लिए केवल शहरों
में रहते हुए उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता था।

(iii) नए व्यापारी शहरों में कारोबार नहीं कर सकते थे। इसलिए वे गाँवों की तरफ जाने लगे। गाँवों में गरीब काश्तकार और दस्तकार सौदागरों के लिए काम करने लगे।

(ग) सूरत बंदरगाह अठारहवीं सदी के अंत तक हाशिये पर पहुँच गया था।

उत्तर: गुजरात के तट पर स्थित सूरत बंदरगाह के जरिए भारत खाड़ी और लाल सागर के बंदरगाहों से जुड़ा हुआ था। जहाँ से दक्षिण-पूर्वी एशियाई बंदरगाहों के साथ खूब व्यापार चलता था। सूरत बंदरगाह के अठारहवी सदी के अंत तक हाशिये पर पहुँचने के निम्नलिखित कारण थे : 

(i) आपूर्ति सौदागरों और जहाज मालिक तथा निर्यातक व्यापारियों के बीच एक कड़ी बनने से यहाँ का व्यापार चलता था जो 1750 के दशक तक भारतीय सौदागरों के नियंत्रण वाला यह नेटवर्क टूटने लगा था | 

(ii) यूरोपीय कंपनियों की ताकत बढ़ती जा रही थी। पहले उन्होंने स्थानीय दरबारों से कई तरह की रियायतें हासिल कीं और उसके बाद उन्होंने व्यापार पर इज़ारेदारी अधिकार प्राप्त कर लिए।

(iii) इन बंदरगाहों से होने वाले निर्यात में नाटकीय कमी आई। पहले जिस कर्जे से व्यापार चलता था वह खत्म होने लगा। धीरे-धीरे स्थानीय बैंकर दि#2357;ालिया हो गए।

(iv) सत्रहवीं सदी के आखिरी सालों में सूरत बंदरगाह से होने वाले व्यापार का कुल मूल्य 1.6 करोड़ रुपये था। 1740 के दशक तक यह गिर कर केवल 30 लाख रुपये रह गया था।

(v) औपनिवेशिक सत्ता की बढ़ती ताकत के कारण वे अपने नियंत्रण के मुंबई और कलकता जैसे बंदरगाह विकसित करने लगे जिससे सूरत और हुगली अठारहवी सदी के अंत तक हाशिये पर चले गए | 

(घ) ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था।

प्रश्न 2. प्रत्येक वक्तव्य के आगे ‘सही’ या ‘गलत’ लिखें :

(क) उन्नीसवीं सदी के आखिर में यूरोप की कुल श्रम शक्ति का 80 प्रतिशत तकनीकी रूप से विकसित औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहा था।

(ख) अठारहवीं सदी तक महीन कपड़े के अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर भारत का दबदबा था।

(ग) अमेरिकी गृहयुद्ध के फलस्वरूप भारत के कपास निर्यात में कमी आई।

(घ) फ्लाई शटल के आने से हथकरघा कामगारों की उत्पादकता में सुधार हुआ।

उत्तर: 
(क) गलत 
(ख) सही 
(ग) गलत 
(घ) सही 

प्रश्न 3. पूर्व-औद्योगीकरण का मतलब बताएँ।
उत्तर: इंग्लैंड और यूरोप में फैक्ट्रियों की स्थापना से भी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फैक्ट्रियों में नहीं होता था। बहुत सारे इतिहासकार औद्योगीकरण के इस चरण को आदि-औद्योगीकरण (protoindustrialisation) का नाम देते हैं।

प्रश्न 4. उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे?
उत्तर: (i) उद्योगपतियो#2306; को श्रमिकों की कमी या वेतन के मद में भारी लागत जैसी कोई परेशानी नहीं थी। उन्हें ऐसी मशीनों में कोई दिलचस्पी नहीं थी जिनके कारण मजदूरों से छुटकारा मिल जाए और जिन पर बहुत ज्यादा' खर्चा आने वाला हो।

(ii) जिन उद्योगों में मौसम के साथ उत्पादन घटता-बढ़ता रहता था वहाँ उद्योगपति मशीनों की बजाय मशदूरों को ही काम पर रखना पसंद करते थे।

(iii) बहुत सारे उत्पाद केवल हाथ से ही तैयार किए जा सकते थे। मशीनों से एक जैसे तय किस्म के उत्पाद ही बड़ी संख्या में बनाए जा सकते थे। लेकिन विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग-कुलीन और पूँजीपति वर्ग- हाथों से बनी चीजों को तरजीह देते थे।

(iv) हाथ से बनी चीशों को परिष्कार और सुरुचि का प्रतीक माना जाता था। उनकी फिनिश अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता था और उनका डिजाईन अच्छा होता था।

महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर : 

प्रश्न 1. मैन चेस्टर के आगमन से भारतीय बुनकरों के सामने आई समस्या क्या थी ?
उत्तर: 
(i) भारत के कपड़ा निर्यात में कमी
(ii) ईस्ट इंडिया कंपनी पर ब्रिटिश कपड़ा बेचने का दबाव
(iii) स्थानीय बाजार सिकुड़ने लगे
(iv) कम लागत
(v) अच्छी कपास न मिलना

प्रश्न 2. प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत के औद्योगिक उत्पादन बढ़ने के क्या कारण थे ?
उत्तर: 
(i) अंग्रेजों की युद्ध सम्बंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए
(ii) वर्दी के कपडे़

प्रश्न 3. 1930 की महामन्दी के कारण लिखे ?
उत्तर: 
(i) प्रथम विश्व युद्ध के बाद निर्यात घटना।
(ii) अमेरिकी पूंजीपतियों द्वारा यूरोपियन देशों के लिये कर्जे बन्द।
(iii) कृषि में अति उत्पादन।
(iv) उद्योगों में मशीनीकरण।

प्रश्न 4. नए सौदागरों का शहरों से व्यापार स्थापित करना कठिन क्यों था ?
उत्तर: 
(i) शहरों में उत्पादकों के संगठन और गिल्ड काफी शक्तिशाली थे।
(ii) कारीगरों को प्रशिक्षण देते थे।
(iii) उत्पादकों पर नियंत्रण रखते थे।
(iv) मूल्य निश्चित करते थे।
(v) नए लोगों को अपने व्यवसाय मे आने से रोकते थे।

प्रश्न 5. नए उद्योग परंपरागत उद्योगों की जगह क्यों नहीं ले सकें ?
उत्तर: 
(i) औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की संख्या कम थी।
(ii) प्रौद्येगिकीय बदलाव की गति धीमी थी।
(iii) कपड़ा उद्योग एक गतिशील उद्योग था।
(iv) उत्पादन का एक बड़ा भाग कारखानों की बजाय गृह उद्योग द्वारा पूरा होता था।
(v) प्रौद्योगिकीय काफी महँगी थी।
(vi) मशीनें खराब हो जाती थी तो उनकी मरम्मत पर काफी खर्चा आता था।

प्रश्न 6. भारतीय सौदागरों के नियत्रण वाला यह नेटवर्क टूटने क्यों लगा था ?
उत्तर: 
(i) यूरोपीय कम्पनियों ने धीरे - धीरे स्थानीय अदालतों से विभिन्न प्रकार की रियायतें प्राप्त करके व्यापार पर अधिकार प्राप्त कर लिए थे।
(ii) बाद में व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त कर लिया।
(iii) सूरत और हुगली के बंदरगाहों पर व्यापार घटने से जहाँ से स्थानीय व्यापारी कार्य संचालन करते थे।
(iv) पहले जिस ऋण से व्यापार चलता था वह समाप्त होने लगा।

प्रश्न 7. ईस्ट इंडिया कम्पनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त क्यों किया था ?
उत्तर: 
(i) वे बुनकरों को कर्ज देते थे।
(ii) ताकि वे किसी और व्यापारी को अपना माल तैयार करके न दे सके।
(iii) वे खुद बुनकरों से तैयार माल इकट्ठा करते थे।
(iv) वे खुद कपड़ों की गुणवता की जांच करते थे।

प्रश्न 8. जाॅबर कौन थे ? नई कारखाना प्रणाली में उनकी क्या स्थिति थी ?
उत्तर: 
(i) उद्योगपति नए मजदूरों की भर्ती के लिए एक जाॅबर रखते थे।
(ii) जाॅबर कोई पुराना विश्वस्त कर्मचारी होता था।
(iii) वह गाँव से लोगो को लाता था।
(vi) काम का भरोसा देता तथा शहर में बसने के लिए मदद करता।
(v) जाॅबर मदद के बदले पैसे व तोहफों की मांग करने लगा तथा उनकी जिन्दगी को नियन्त्रित करने लगा।

प्रश्न 9. ब्रिटिश निर्माताओं ने विज्ञापनों की मदद से भारतीय व्यापार पर किस प्रकार कब्जा किया ?
उत्तर: 
(i) उत्पादों को बेचने के लिए कैलेन्डर अखबारों व मैगजीन का प्रयोग।
(ii) लेबलों पर भारतीय देवी देवताओं की तस्वीर लगी होती थी।
(iii) ईश्वर भी यही चाहता कि लोग उनकी चीज को खरीदे।
(vi) विदेश में बनी चीज भी भारतीयों को जानी - पहचानी लगती थी।

प्रश्न 10. 1850 - 51 तक भारत के सूती माल के निर्यात में गिरावट क्यों आने लगी ?
उत्तर:
(i) इंग्लैड में सूती माल के उद्योग के विकास के कारण।
(ii) इंग्लैड में आयातित माल पर आयात कर का लगना।
(iii) भारत में इंग्लैड में निर्मित माल को बेचने का दबाव।
(iv) ब्रिटेन के वस्त्र उत्पादों में नाटकीय वृद्धि हुई।
(v) 1870 के दशक के आते - आते भारतीय आयात 50 प्रतिशत तक बढ़ गया। 

प्रश्न 11. हुगली और सूरत के बंदरगाहों से व्यापार धीरे - धीरे खत्म होने के परिणामों की
व्याख्या करो।

उत्तर: 
(i) नए बंदरगाहों के बढते महत्व औपनिवेशिक सत्ता की बढ़ती शक्ति का संकेत था।
(ii) बम्बई और कलकता के नये बंदरगाहों से व्यापार यूरोपीय देशों के नियंत्रण में था।
(iii) माल यूरोपीय जहाजों के द्वारा ले जाता जाता था।
(iv) पुराने व्यापारिक घराने प्रायः समाप्त हो चुके थे जो बच गए थे उनके पास यूरोपीय कंपनियों के नियंत्रण वाले नेटवर्क में काम करने के अलावा और कोई चारा नहीं था।

The document महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर, पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10 is a part of the Class 10 Course सामाजिक विज्ञान कक्षा 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
33 videos|57 docs

Top Courses for Class 10

FAQs on महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर, पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान - सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

1. औद्योगिकीकरण क्या है?
उत्तर: औद्योगिकीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें एक देश या क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना और विकास किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विकास और जनसंख्या के विकास को बढ़ावा देना होता है। औद्योगिकीकरण द्वारा आर्थिक संरचना, सामरिक संरचना, सामाजिक संरचना और राजनीतिक संरचना में परिवर्तन होता है।
2. औद्योगिकीकरण की युग में कौन-कौन से बदलाव हुए?
उत्तर: औद्योगिकीकरण की युग में कई बदलाव हुए हैं। कुछ मुख्य बदलावों में शामिल हैं: औद्योगिक क्षेत्रों की विस्तार, उद्योगों की मशीनीकरण, तकनीकी और विज्ञान के प्रयोग का विस्तार, बड़े उद्योगों के विकास, श्रम शक्ति की महत्वाकांक्षा में गिरावट, उद्योगों की विमानन और विदेशी निवेश की बढ़ती मात्रा।
3. औद्योगिकीकरण की युग में विदेशी निवेश क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: औद्योगिकीकरण की युग में विदेशी निवेश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उद्योगों के विकास और अद्यतन को बढ़ावा देता है। विदेशी निवेश उद्योगों को नवीनतम तकनीकी, उद्योगिक अभियांत्रिकी और विज्ञान की सुविधाओं के साथ प्रदान करता है और नई प्रौद्योगिकी और उत्पादन प्रक्रियाओं का उपयोग करने में सहायता करता है। इसके अलावा, विदेशी निवेश उद्योगों को नई बाजारों और ग्राहकों के लिए पहुंच प्रदान करता है।
4. औद्योगिकीकरण की युग में श्रम शक्ति की क्या भूमिका है?
उत्तर: औद्योगिकीकरण की युग में श्रम शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस युग में श्रमिकों की आवश्यकता बढ़ती है क्योंकि उन्हें उद्योगों की विभिन्न गतिविधियों में काम करने के लिए जरूरत होती है। श्रमिकों के बिना उद्योगों का संचालन संभव नहीं होता है और उन्हें उद्योगों की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना पड़ता है।
5. औद्योगिकीकरण की युग में औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार क्या है?
उत्तर: औद्योगिकीकरण की युग में औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार बड़ा हुआ है। इस युग में नए उद्योगों की स्थापना हुई है और परंपरागत उद्योगों में नए और आधुनिक मशीनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। उद्योगों का विस्तार न केवल देशी बाजारों में हो रहा है, बल्कि विदेशी बाजारों में भी हो रहा है जिससे उद्योगों को नए ग्राहकों की पहुंच मिलती है।
33 videos|57 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Important questions

,

ppt

,

video lectures

,

पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी)

,

shortcuts and tricks

,

Summary

,

pdf

,

study material

,

MCQs

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

mock tests for examination

,

Free

,

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

,

Semester Notes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

,

past year papers

,

Viva Questions

,

practice quizzes

,

Sample Paper

,

महत्वपूर्ण-प्रश्नोत्तर

,

पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी)

,

Exam

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

Extra Questions

,

Objective type Questions

,

पाठ - 5 औद्योगिकीकरण की युग(कक्षा दसंवी)

;