औपनिवेशिक शहर
प्रश्न - 1853 में रेलवे के आरंभ की शहरीकरण की प्रक्रिया में क्या भूमिका रही ?
उत्तर - 1853 में रेलवे का आरंभ हुआ | इसने शहरों की कायापलट कर दी | अब आर्थिक गतिवधियों का केंद्र परम्परागत शहरों से दूर जाने लगा क्योंकि यह शहर पुराने मार्गों और नदियों के समीप थे | प्रत्यक रेलवे स्टेशन कच्चे माल के संग्रह तथा आयातित वस्तुओं के वितरण का केंद्र बन गया | उदहारण के लिए गंगा के किनारे स्थित मिर्जापुर दक्कन से आने वाली कपास तथा सूती वस्तुओं के संग्रह का केंद्र था जो बम्बई तक जाने वाली रेलवे लेने बनने के बाद अपनी पहचान खोने लगा था | फलस्वरूप जमालपुर, वाल्टेयर और बरेली जैसे स्टेशन अस्तित्व में आये |
प्रश्न - स्थापत्य शैलियाँ एतिहासिक दृष्टि से किस प्रकार महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - 1. यह शैलियाँ तथा इमारतें उन लोगों के सोच के बारे में बताती है जो उन्हें बना रहे थे |
2. इमारतों के माध्यम से सभी शासक अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते थे | इस प्रकार एक विशेष समय की स्थापत्य शैली को देखकर हम यह जान सकते है कि उस समय सत्ता को किस दृष्टि से देखा जाता था | और वह इमारतों और विशिष्टताओं द्वारा किस प्रकार अभियक्त होती थी |
3. स्थापत्य शैलियों से केवल प्रचलित रुचियों का ही पता नहीं चलता | वे उन्हें बदलती भी है | वे नई शैलियों को प्रतियोगिता प्रदान करती है | उदाहरण के लिए बहुत से भारतीय यूरोपीय स्थापत्य शैलियों को सभ्यता का प्रतीक मानते हुए उसे अपनाने लगे थे |
4. स्थापत्य शैलियों से अपने समय के सौन्दर्यात्मक आदर्शों तथा उनमे निहित विविधताओं का पता चलता है |
प्रश्न - क्या कारण था कि अंग्रेजों ने बंगाल में अपने शासन के आरंभ से ही नगर -नियोजन के कार्यों को अपने हाथों में ले लिया था ?
उत्तर - अंग्रेजों ने बंगाल में अपने शासन के आरंभ से ही नगर -नियोजन का कार्यभार अपने हाथों में ले लिया था | इसके पीछे निम्नलिखित कारण थे -
(1) 1756 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने कलकत्ता पर हमला किया और अंग्रेज व्यापारियों द्वारा माल गोदाम के रूप में बनाये गए छोटे किले पर अधिकार कर लिया | ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारी नवाब की संप्रभुता से अप्रसन्न रहे थे | यह ना तो कस्टम ड्यूटी चुकाना चाहते थे और ना ही नवाब द्वारा निश्चित की गयी शर्तों पर काम करना चाहते थे | दूसरी ओर सिराजुद्दौला अपनी शक्ति का लोहा मनवाना चाहता था |
(2) नगर -नियोजन रक्षा उद्देश्यों से भी प्रेरित था | 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ, जिसमे सिराजुद्दौला की हार हुई | उसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक ऐसा किला बनाने का निर्णय लिया जिस पर आसानी से आक्रमण ना किया जा सके |
प्रश्न - लॉटरी कमेटी क्या थी ? इसके अधीन कलकत्ता के नगर नियोंजन के लिए क्या -क्या पग उठाये गए ?
उत्तर - लॉर्ड वेलेजली के बाद नगर -नियोजन का काम नगर की सहायता से लॉटरी कमेटी ने जारी रखा | लॉटरी कमेटी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह कमेटी नगर की सुधार के लिए पैसे की व्यवस्था जनता के बीच लॉटरी बेच कर करती थी |
लॉटरी कमेटी द्वारा नगर -नियोजन - (1) लॉटरी कमेटी ने शहर का नया नक्शा बनवाया ताकि कलकत्ता को नया रूप दिया जा सके |
(2) लॉटरी कमेटी की प्रमुख गतिविधियों में शहर के हिन्दुस्तानी आबादी वाले हिस्से में सड़के बनवाना और नदी के किनारे से "अवैध कब्जे" हटाना शामिल था |
(3) शहर के भारतीय हिस्से को साफ सुथरा बनाने के लिए कमेटी ने बहुत सी झोपड़ियों को साफ कर दिया और गरीब मजदूरों को वहाँ से बाहर निकाल दिया | उन्हें कलकत्ता के बाहरी किनारे पर जगह दी गई |
प्रश्न - 18वीं शताब्दी से मध्य से नगरों का रूप परिवर्तन क्यों और कैसे हुआ ?
उत्तर - 18वीं शताब्दी से मध्य से नगरों के परिवर्तन का एक नया चरण आरम्भ हुआ | व्यापारिक गतिविधियों के अन्य स्थानों पर केन्द्रित हो जाने से सत्रहवीं शताब्दी में विकसित सूरत, मछलीपटनम तथा ढाका पत्नोन्मुख हो गए |
1757 में प्लासी के युद्ध के बाद जैसे -जैसे अंग्रेजों का राजनीतिक नियंत्रण मजबूत हुआ और ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापार बढ़ा, मद्रास, कलकत्ता तथा बम्बई आदि औपनिवेशिक बंदरगाह नगर तेजी से नई आर्थिक राजधानियों के रूप में उभरने लगे | यह शहर औपनिवेशिक प्रशासन और सत्ता के केंद्र भी बन गए | लगभग 1800 तक ये नगर जनसंख्या के दृष्टि से भारत के विशालतम शहर बन गए |
प्रश्न - औपनिवेशिक सरकार ने मानचित्र बनाने पर विशेष ध्यान क्यों दिया ?
उत्तर - औपनिवेशिक सरकार ने आरंभ से ही मानचित्र तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया -
1. सरकार का मानना था कि किसी स्थान की बनावट और भू -दृश्य को समझने के लिए मानचित्र जरुरी होते है | इस जानकारी के आधार पर वे शहरी प्रदेश पर नियंत्रण बनाये रख सकते थे |
2. जब शहर बढ़ने लगे तो ना केवल उनके विकास की योजना तैयार करने के लिए बल्कि मानचित्र को विकसित करने और अपनी सत्ता मजबूत बनाने के लिए भी मानचित्र बनाये जाने लगे |
3. इसके अतिरिक्त घाटों की स्थिति, मकानों की सघनता और औत गुणवत्ता तथा सड़कों की स्थिति आदि से किसी प्रदेश की व्यावसायिक संभावनाओं का पता लगाने और कराधान की रणनीति बनाने में सहायता मिलती है |
4. शहरों के मानचित्र से हमें उसकी पहाड़ियों, नदियों का पता चलता है यह जानकारी रक्षा संबंधी ऊदेश्यों के लिए योजना बनाने में बहुत काम आती है |
प्रश्न - अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता, मद्रास तथा बम्बई में किलेबंदी क्यों की गयी ? इससे 'वाइट टाउन' तथा 'ब्लैक टाउन' का विकास कैसे हुआ ?
उत्तर - अठारहवीं सदी तक मद्रास, कलकत्ता और बम्बई महत्वपूर्ण बंदरगाह बन चुके थे | यहाँ जो बस्तियां बसी वे माल के संग्रह के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हुई | ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अपने कारखाने अर्थात वाणिज्यक इन्हीं बस्तियों में स्थापित किए |
वाइट टाउन तथा ब्लैक टाउन का विकास - मद्रास में फोर्ट सेंट जॉर्ज, कलकत्ता में फ़ोर्ट विलिऊयम और बम्बई में फ़ोर्ट आदि प्रदेश ब्रिटिश आबादी के रूप में जाने जाते थे | यूरोपीय व्यापारी के साथ लेन -देन करने वाले भारतीय व्यापारी, कारीगर इन किलों के बाहर अलग बस्तियों में रहते थे | उस समय ये आवासी क्षेत्र "वाइट टाउन" तथा "ब्लैक टाउन" के नाम से जाने जाते थे | राजनीतिक सत्ता अंग्रेजों के हाथ में आ जाने के बाद यह नस्ली भेदभाव और भी बढ़ गया |
प्रश्न - "19वीं शताब्दी के दौरान औपनिवेशिक शहरों में महिलाओं के लिए अवसर उपलब्ध थे |" इस कथन की पुष्टि तथ्यों के आधार पर कीजिये |
उत्तर - 19वीं शताब्दी के दौरान औपनिवेशिक शहरों में महिलाओं के लिए वास्तव में ही नए अवसर उपलब्ध थे | पत्र -पत्रिकाओं, आत्मकथाओं और पुस्तकों के माध्यम से मध्यवर्गी महिलाए स्वयं को अभिव्यक्त करने का प्रयास कर रही थी | रुढ़िवादियों को भय था कि यदि औरते पढ़ -लिख गयी तो पूरी सामाजिक व्यवस्था का आधार खतरे में पड़ जाएगा | यहाँ तक की महिलाओं की शिक्षा का समर्थन करने वाले सुधारक भी औरतों को माँ और पत्नी की भूमिकाओं में ही देखना चाहते थे | समय के बीतने साथ सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की स्थिति बढ़ने लगी | वे नौकरानी, फैक्ट्री मजदूर, शिक्षिका, रंगकर्मी और फिल्म कलाकार के रूप में शहर में नए व्यवसाओं में प्रवेश करने लगी | परन्तु ऐसी महिलाओं को, जो घर से निकलकर सार्वजनिक स्थानों में जा रही थी, लम्बे समय तक सम्मान नहीं मिल सका |
प्रश्न - आँकड़ों के एकत्रीकरण तथा वर्गीकरण करने में जनगणना कमिश्नर के सामने आई कठिनाइयों का वर्णन कीजिये |
उत्तर - आँकड़ों के एकत्रीकरण तथा वर्गीकरण करने में जनगणना कमिश्नर को निम्नलिखित अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा -
1. प्रायः लोग इस प्रक्रिया में सहयोग देने से इंकार कर देते थे या जनगणना को आयुक्तों को गलत सुचना दे देते थे |
2. मृत्यु -दर और बिमारियों से सम्बंधित आकड़ों को इकट्ठा करना भी बहुत कठिन था, क्योंकि बीमार पड़ने की जानकारी भी लोग प्रायः नहीं देते थे | इलाज भी गैर लाइसेंस डॉक्टरों से कराया जाता था | ऐसे में बीमारी या मौत की घटनाओं का सही हिसाब लगा पाना आसान नहीं था |
1. औपनिवेशिक शहर क्या है? |
2. औपनिवेशिक शहर के क्या लाभ होते हैं? |
3. औपनिवेशिक शहर के क्या प्रमुख घातक होते हैं? |
4. औपनिवेशिक शहरों के उदाहरण क्या हैं? |
5. औपनिवेशिक शहरों के विकास में क्या कारक महत्वपूर्ण होते हैं? |
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