Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  महत्वपूर्ण मुहावरें एवं उनके अर्थ

महत्वपूर्ण मुहावरें एवं उनके अर्थ | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

यहाँ कुछ बहुप्रचलित मुहावरों के अर्थ और उनका वाक्यों में प्रयोग दिया जा रहा है:

1. अक्ल पर पत्थर पड़ना: बुद्धि मारी जाना।
प्रयोग: तुम्हारी अक्ल पर क्या पत्थर पड़ गए थे तो तुम बच्चे को अकेला छोड़ आए?

2. अंकुश लगाना: नियंत्रण करना।
प्रयोग: सुरेश! तुम अपने बेटे पर अंकुश लगाओ, नहीं तो आगे बहुत पछताओगे।

3. अपना उल्लू सीधा करना: स्वार्थ पूरा करना।
प्रयोग: आज के राजनीतिज्ञ जनता की सेवा नहीं करते अपना उल्लू सीधा करते हैं।

4. अपनी खिचड़ी अलग पकाना: सबसे अलग।
प्रयोग: मिलजुलकर काम करो, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं।

5. अपने पैरों पर खड़ा होना: स्वावलम्बी होना।
प्रयोग: मैं तुम लोगों का बोझ कब तक उठाऊँगा अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास करो।

6. अपने पैरों कुल्हाड़ी मारना: अपने ही हाथों अपना अहित करना।
प्रयोग: तुमने शर्माजी का कहा न मानकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।

7. आँखों में धूल झोंकना: धोखा देना।
प्रयोग: तुम यह सड़ी – गली सब्जी देकर मेरी आँखों में धूल झोंकना चाहते हो।

8. आँख खुलना: समझ आ जाना।
प्रयोग: उसका व्यवहार देखकर मेरी आँखें खुल गईं।

9. आँख दिखाना: धमकाना।
प्रयोग: माताजी ने ज्यों ही आँखें दिखाईं त्यों ही बालक ने मिठाई लेने से इन्कार कर दिया।

10. आटे: दाल का भाव मालूम होना वास्तविकता का ज्ञान होना।
प्रयोग: आठ सौ – नौ सौ रुपये में घर का सब खर्च चलाओगे तब आटे – दाल का भाव मालूम होगा।

11. आस्तीन का साँप होना: विश्वासघाती सिद्ध होना।
प्रयोग: जिसे हमने अपना परम मित्र समझा था, वह आस्तीन का साँप सिद्ध हुआ।

12. ईंट से ईंट बजाना : नष्ट कर देना।
प्रयोग: मानसिंह ने राणा प्रताप से कहा, “मैं मेवाड़ की ईंट से ईंट बजा दूंगा।”

13. उँगली उठाना: दोषारोपण करना।
प्रयोग: ऐसा काम करना कि कोई उँगली न उठा सके।

14. कमर कसना: कार्य करने को तैयार होना।
प्रयोग:  नौजवानों को देश के सम्मान की रक्षा के लिए कमर कस लेनी चाहिए।

15. कमर टूटना: दुःखदायक स्थिति बनना।
प्रयोग: व्यापार में बहुत हानि होने से उसकी तो कमर ही टूट गई।

16. काठ का उल्लू: महान् मूर्ख।
प्रयोग: उसे क्या समझते हो, वह तो निरा काठ का उल्लू है।

17. कान भरनाचुगली करना, भड़काना।
प्रयोग: शर्माजी अन्य अध्यापकों के खिलाफ प्रिंसिपल साहब के कान भरते रहते हैं।

18. कान का कच्चा होना: दूसरों की बात पर शीघ्र विश्वास कर लेना।
प्रयोग: जो अधिकारी कान का कच्चा होता है, उससे न्याय की आशा कैसे की जा सकती है।

19. खरी – खोटी सुनाना: भला – बुरा कहना।
प्रयोग: मेरी कोई गलती नहीं थी, फिर भी प्रिंसिपल साहब ने मुझे खरी – खोटी सुना दी।

20. खून खौलना: बहुत क्रुद्ध होना।
प्रयोग: द्रोपदी को लज्जित होते देख भीम का खून खौलने लगा।

21. खाक में मिलना: बर्बाद हो जाना।
प्रयोग: रावण की हठधर्मी से सोने की लंका खाक में मिल गई।

22. गड़े मुर्दे उखाड़ना: पुरानी बातें दोहराना।
प्रयोग: इतिहास में तो गड़े मुर्दे ही उखाड़े जाते हैं।

23. गले का हार: अत्यंत प्रिय।
प्रयोग: रामचरितमानस भक्तों के गले का हार है।

24. गाल बजाना बढ़: चढ़कर बातें करना।
प्रयोग: धीरेन्द्र की बात पर यकीन न करना, उसे गाल बजाने की आदत है।

25. गुदड़ी का लाल: निर्धनता में उत्पन्न प्रतिभाशाली व्यक्ति।
प्रयोग: लाल बहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल थे।

26. घाव पर नमक छिड़कना: दुखी को और दुखी करना।
प्रयोग: एक तो उसका नुकसान हुआ, अब ताने देकर उसके घाव पर नमक मत छिड़को।

27. चंगुल में फँसना: काबू में कर लेना।
प्रयोग: भोले – भाले लोग धूर्तों के चंगुल में फँस जाते हैं।

28. चकमा देना: धोखा देना।
प्रयोग: चोर पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।

29. चार दिन की चाँदनी: थोड़े समय की सम्पन्नता।
प्रयोग: लक्ष्मी चंचल है, चार दिन की चाँदनी पर गर्व मत करो।

30. चिकना घड़ा: जिस पर किसी बात का असर न हो।
प्रयोग: वह तो चिकना घड़ा है, तुम्हारी बातों का उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

31. छप्पर फाड़कर देना: भाग्य के बल पर लाभ होना।
प्रयोग: भगवान ने उसे छप्पर फाड़कर धन दिया।

32. छोटे मुँह बड़ी बात: अपनी मर्यादा से अधिक बोलना।
प्रयोग: छोटे मुँह बड़ी बात करके तुमने समझदारी का काम नहीं किया।

33. जान के लाले पड़ना: संकट में पड़ना।
प्रयोग: सारा गाँव बाढ़ की चपेट में आ गया; लोगों को जान के लाले पड़ गए।

34. जले पर नमक छिड़कना: दुखी के दुख को और अधिक बढ़ाना।
प्रयोग: सुरेश तो परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर वैसे ही दुखी था, तुमने उसका उपहास करके जले पर नमक छिड़क दिया।

35. टका – सा जवाब देना: साफ इन्कार कर देना।
प्रयोग: इस बार भी जब चंदा देने की बात उठी तो उसने टका – सा जवाब दे दिया।

36. टाँग अड़ानारुकावट डालना।
प्रयोग: मेरी उसकी बात हो रही है, तुम क्यों बीच में टाँग अड़ाते हो?

37. टेढ़ी खीर: कठिन कार्य।
प्रयोग: कक्षा में प्रथम आना टेढ़ी खीर है।

38. डंके की चोटसबके सामने।
प्रयोग: उसने डंके की चोट पे समाज से बाहर शादी की।

39. तलवे चाटना: चापलूसी करना।
प्रयोग: वे कोई और होंगे जो आपके तलवे चाटते हैं, मुझसे आशा न करना

40. तिनके का सहारा: थोड़ा – सा आश्रय।
प्रयोग: डूबते को तिनके का सहारा होता है।

41. तूती बोलना: धाक जमना।
प्रयोग: वे दिन गए, जब जमींदारों की तूती बोलती थी।

42. दंग रह जाना: आश्चर्यचकित होना।
प्रयोग: बालक के करतब देखकर दर्शक दंग रह गए।

43. दाँत खट्टे करना: पराजित करना।

प्रयोग: भारत ने अनेक बार दुश्मनों के दाँत खट्टे किए हैं।

44. दाल में काला होना: संदेहजनक बात होना।
प्रयोग: आपकी बातों से लगता है कि दाल में कुछ काला है।

45. दाल न गलना: चाल सफल न होना।
प्रयोग: पिताजी को पता लग गया है, अब तुम्हारी दाल नहीं गलेगी।

46. दुम दबाकर भागना: डरकर भाग जाना।
प्रयोग: दुम दबाकर भागना तो कायरों का काम है।

47. दो टूक बात कहना: साफ – साफ बात कहना।
प्रयोग: मुझे कुछ लेना – देना नहीं है, मैंने दो टूक बात कह दी।

48. नमक खाना: पालन – पोषण होना।
प्रयोग: मैंने इस घर का नमक खाया है, इसे बरबाद न होने दूंगा।

49. नाक कटना: बदनामी होना।
प्रयोग: भारतीय टीम तीनों मैच हार गई, उसकी तो नाक कट गई।

50. नाक में दम करना: परेशान करना।
प्रयोग: मच्छरों ने तो नाक में दम कर रखी है, रात भर सोने नहीं देते।

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FAQs on महत्वपूर्ण मुहावरें एवं उनके अर्थ - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. मुहावरे क्या होते हैं और इनका उपयोग क्यों किया जाता है ?
Ans. मुहावरे वे विशेष वाक्यांश होते हैं जिनका उपयोग किसी भाव, विचार या स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। ये शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होते हैं और इनका एक विशेष संदर्भ होता है। मुहावरे भाषा को अधिक रंगीन और अर्थपूर्ण बनाते हैं।
2. कुछ प्रसिद्ध हिंदी मुहावरों के उदाहरण क्या हैं ?
Ans. प्रसिद्ध हिंदी मुहावरे में "आसमान से गिरा, खजूर में अटका", "नाच न जाने आंगन टेढ़ा" और "बूंद-बूंद से सागर भरता है" शामिल हैं। ये मुहावरे विभिन्न संदर्भों में उपयोग किए जाते हैं और इनके अपने विशेष अर्थ होते हैं।
3. मुहावरों का सही प्रयोग कैसे किया जा सकता है ?
Ans. मुहावरों का सही प्रयोग करने के लिए यह आवश्यक है कि हम उनके अर्थ और संदर्भ को समझें। जब हम किसी विशेष स्थिति या भाव को व्यक्त करना चाहते हैं, तब उसके अनुसार उचित मुहावरे का चयन करना चाहिए।
4. क्या सभी भाषाओं में मुहावरे होते हैं ?
Ans. हां, सभी भाषाओं में मुहावरे होते हैं। हर भाषा में कुछ ऐसे विशेष वाक्यांश होते हैं जो उस भाषा के सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ को दर्शाते हैं। ये सभी मुहावरे अपने-अपने तरीके से भाषा को समृद्ध करते हैं।
5. मुहावरों का अध्ययन करने के क्या लाभ हैं ?
Ans. मुहावरों का अध्ययन करने से भाषा की गहराई और विविधता को समझने में मदद मिलती है। यह भाषा कौशल को बढ़ाता है और संप्रेषण की क्षमता को सुधारता है। इसके अलावा, यह साहित्यिक रचनाओं को समझने में भी सहायक होता है।
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