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Question 1: नाटक का नाम थप्प रोटी थप्प दाल क्यों है?
तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
(क) ……………………….
(ख) ……………………….
Answer: इस नाटक में पूरे समय बच्चे रोटी और दाल बनाने का खेल-खेलते हैं। इसलिए इसका नाम थप्प रोटी थप्प दाल दिया गया है।
शीर्षक:-
(क) आलसियों को सबक।
(ख) चोर बिल्ली।
Question 2: थप्प रोटी थप्प दाल
‘थप्प’ शब्द से लगता है किसी तरह की आवाज़ है। आवाज़ का मज़ा देने वाले और भी बहुत से शब्द हैं जैसे- टप, खट।
ऐसे ही कुछ शब्द तुम भी लिखो।
Answer: खर्र फर्ट सर्र कर्
टन-टन फटफट धम्म छन्न
Question 3: इस नाटक में बच्चे रोटी बनाने का खेल खेलते हैं। तुम अपने साथियों के साथ कौन-कौन से खेल खेलती हो, उनके नाम लिखो।
Answer:
अक्कड़-बक्कड़ | आँख-मिचौली | खो-खो | रस्सी कूद |
Question 4:
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Question 1: तुम्हारे घर में खाना कौन बनाता है? तुम खाना बनाने में क्या-क्या मदद करते हो? नीचे दी गई तालिका में लिखो।
Answer:
Question 2: इन बच्चों की जगह तुम होतीं तो खाने के लिए कौन से तीन पकवान बनातीं? उन्हें बनाने के लिए किन चीज़ों की ज़रूरत पड़ती? पता करो और सूची बनाओ।
Answer:
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Question 1:
(क) सरला ने कहा– मैं दही का मट्ठा चला दूँगी।
दही का मट्ठा चलाने का मतलब है–
– दही बिलोना
– दही से लस्सी या छाछ बनाना सरला को इस काम के लिए किन-किन चीज़ों की ज़रूरत होगी, उनके नाम लिखो।
(ख) बिलोना, घोलना, फेंटना इन तीनों कामों में क्या फ़र्क है? बातचीत करो और पता लगाओ।
(ग) किन्हीं दो-दो चीज़ों के नाम बताओ जिन्हें बिलोते, घोलते और फेंटते हैं।
बिलोते हैं …………… ……………..
घोलते हैं …………… ……………..
फेंटते हैं …………… ……………..
(घ) सरला ने रई से मट्ठा बिलोया। रई को मथनी भी कहते हैं। रसोई के दूसरे बर्तनों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं? कक्षा में इस पर बातचीत करो और एक सूची बनाओ।
Answer:
(क) दही का मट्ठा चलाने का मतलब है- दही बिलोना। इस काम के लिए मटका, मथनी व दही कि ज़रूरत होती है।
(ख) बिलोना – रई या मथनी से बिलोया जाता है। इसमें मथनी को रस्सी की सहायता से लपेट लिया जाता है। अब रस्सी के सिरे को एक-एक करके खींचा जाता है। मथनी उसमें गोल-गोल घूमती है। इसे बिलोना कहते हैं
घोलना – पानी व अन्य चीज़ों में नमक या शक्कर को मिलाते हैं, तो इसे घोलना कहा जाता है। इसे चम्मच के सहारे घोला जाता है।
फेंटना –पूरी तरह गोल-गोल घुमाना फेंटना कहलाता हैं। ऑमलेट बनाते समय जैसे कप या कटोरी में अण्डे को डालकर चम्मच की सहायता से फेंटा जाता है।
(ग) बिलोते हैं …….दही…….. घलोते हैं ……शक्कर……. ………नमक…….. फेंटते हैं …….अंडे………… ……केक का घोल….
(घ) छात्र स्वयं करें।
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Question 1: नाटक में बच्चों ने अपनी बात को कई बार कविता की तरह कहा है जैसे–
टिंकू ने पकाई बड़ियाँ,
चुन्नू ने पकाई दाल
टिंकू की बड़ियाँ जल गईं,
चुन्नू का बुरा हाल
अब तुम भी नीचे लिखी पंक्तियों में कुछ जोड़ो-
घंटी बोली टन-टन-टन
………………………….
कहाँ चले भई कहाँ चले
…………………………..
रेल चली भई रेल चली
…………………………..
कल की छुट्टी परसों इतवार
……………………………
रोटी दाल पकाएँगे
……………………………
Answer: घंटी बोली टन-टन-टन
छुट्टी हुई चलो चलें फौरन
कहाँ चले भई कहाँ चले
सुबह-सुबह तुम कहाँ चले
रेल चली भई रेल चली
छुक-छुक करती रेल चली
कल की छुट्टी परसों इतवार
खेलने के ये हैं त्योहार
रोटी दाल पकाएँगे
मिलकर मौज़ उड़ाएँगे
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1. थप्प रोटी थप्प दाल क्या है? |
2. थप्प रोटी थप्प दाल को कैसे बनाएं? |
3. थप्प रोटी थप्प दाल का इतिहास क्या है? |
4. थप्प रोटी थप्प दाल क्यों प्रमुखतः दाल-चावल के साथ सर्विंग की जाती है? |
5. थप्प रोटी थप्प दाल के क्या स्वास्थ्य लाभ हैं? |
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