Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा

Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9 PDF Download

काव्यांशों पर आधारित अति लघूत्तरीय एवं लघूत्तरीय प्रश्न

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

1.
माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी कि जैसे

ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिन्दगी जीने और दुःख बरदाश्त करने के
रास्ते खोज लेती है।

प्रश्न (क) कवि की माँ हमेशा क्या जताती रहती थीं ? 
उत्तरः माँ हमेशा यह जताती थी कि उसकी ईश्वर से बातचीत होती रहती है।

प्रश्न (ख) ईश्वर से प्राप्त सलाहों का माँ क्या उपयोग करती थीं ?
उत्तरः माँ ईश्वर से प्राप्त सलाहों के अनुसार जिंदगी जीने और दुःखों को बर्दाश्त करने के उपाय ढूँढ़ लेती थी।

प्रश्न (ग) कवि के लिए क्या कहना मुश्किल था ? 
उत्तरः माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं। यह कहना कवि के लिए मुश्किल था।

अथवा

माँ की ...............................................................................लेती है।

प्रश्न (क) माँ किसके निर्देश पर चलती थी और क्यों ?
उत्तरः माँ ईश्वर से प्राप्त निर्देश पर चलती थीं। क्योंकि उसके अनुसार उसकी माँ की मुलाकात ईश्वर से होती थी और वह उसे समय-समय पर सलाह देते थे जिसका वह पालन करती थी।

प्रश्न (ख) कवि की माँ जिंदगी जीने और दुःख बरदाश्त करने के रास्ते कैसे खोज लेती है ? 
उत्तरः माँ का मानना था कि ईश्वर से प्राप्त सलाह से उसे जीवन जीने की ताकत मिलती है और दुःख सहन करने की शक्ति। इससे जीवन की मुश्किलें सुलझ जाती थी। 

प्रश्न (ग) क्या माँ की ईश्वर से मुलाकात होती थी ? 
उत्तरः यह कहना कठिन है कि माँ की ईश्वर से भेंट होती भी थी या नहीं, पर उनकी बातों से बालक कवि को ऐसा प्रतीत होता था।

अथवा

माँ की ...................................................................लेती है।

प्रश्न (क) कवि को किस बात का भरोसा नहीं है और क्यों ? 
उत्तरः कवि को माँ की ईश्वर से मुलाकात का विश्वास नहीं है, क्योंकि उसने कभी माँ को ईश्वर से बातचीत करते हुए नहीं देखा। न ही कवि को इस बात पर विश्वास है कि ईश्वर लोगों की समस्याओं को सुनकर उनके समाधान हेतु आया करते हैं।

प्रश्न (ख) माँ को ईश्वर की सलाह मानकर क्या लाभ मिलता था ? 
उत्तरः माँ ईश्वर की सलाह पाकर जिंदगी जीने के तरीके सीख लेती हैं और दुःख सहन करने के उपाय जान लेती हैं।

प्रश्न (ग) कवि की माँ क्या जताती थीं ? 
उत्तरः उनकी ईश्वर से बातचीत होती रहती है तथा वे उनकी सलाह से समस्याएँ सुलझा लेती हैं।

2.
माँ ने एक बार मुझसे कहा था-
दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना
वह मृत्यु की दिशा है
और यमराज को क्रुद्ध करना
बुद्धिमानी की बात नहीं
तब मैं छोटा था
और मैंने यमराज के घर का पता पूछा था
उसने बताया था-
तुम जहाँ भी हो वहाँ से हमेशा दक्षिण में...

(C.B.S.E. 2015 Term II, XZJ3PLU)

प्रश्न (क) माँ दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मना क्यों करती है ?
उत्तरः माँ ने मुझसे कहा था कि दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना क्योंकि वह मृत्यु की दिशा है। दक्षिण की ओर पैर करके सोने से यमराज नाराज हो जाएंगे तथा यमराज को नाराज करना ठीक नहीं है।

प्रश्न (ख) माँ किसे बुद्धिमानी की बात नहीं मानती और क्यों ? 
उत्तरः माँ यमराज को क्रुद्ध करना बुद्धिमानी की बात नहीं मानती थी। यमराज मृत्यु के देवता हैं अतः उनसे डरना चाहिए।

प्रश्न (ग) माँ के अनुसार यमराज का घर कहाँ होता है ? 
उत्तरः माँ के अनुसार तुम जहाँ हो वहाँ से हमेशा दक्षिण में यमराज का घर होता है।

3.
माँ की समझाइश के बाद
दक्षिण दिशा में पैर करके मैं कभी नहीं सोया
और इससे इतना फायदा जरूर हुआ
दक्षिण दिशा पहचानने में
मुझे कभी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा
मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लाँघ लेना सम्भव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता

[C.B.S.E. 2014 Term II, VE7X3IC]

प्रश्न (क) माँ के समझाने का कवि को क्या लाभ हुआ ? 
उत्तरः दिशा ज्ञान - दक्षिण पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई।

प्रश्न (ख) कवि दक्षिण में दूर-दूर तक क्यों गया ? वहाँ उसे क्या समझ आया ? 
उत्तरः यमराज का घर ढूँढ़ने - दक्षिण दिशा का कोई छोर नहीं, अर्थात् मृत्यु की दिशा को पार करना नामुमकिन है।

प्रश्न (ग) कवि को किस बात का अफसोस रह गया ? 
उत्तरः यमराज का घर न देखने का, दक्षिण के अंतिम छोर तक पहुँचने का।
अथवा
माँ की ...................................................... लेती है।

प्रश्न (क) कवि दक्षिण दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोया और माँ की सलाह मानने का क्या शुभ परिणाम हुआ ? 
उत्तरः माँ ने समझाया था कि दक्षिण में पैर करके सोने से यमराज क्रोधित हो जाते हैं। इससे वे दक्षिण दिशा को जान सका अर्थात् उन्हें खतरों का ज्ञान हो गया।

प्रश्न (ख) कवि को माँ की याद कब आई तथा वे यमराज का घर क्यों नहीं देख पाये ? 
उत्तरः चारों और फैले विनाश आतंक और षड्यंत्र को देखकर, कवि को दक्षिण दिशा के अंत तक जाना सम्भव नहीं लग रहा था।
प्रश्न (ग) दक्षिण को लाँघ पाना सम्भव क्यों नहीं है ? 
उत्तरः उसका कोई अंत नहीं है कोई अंतिम किनारा नहीं होने से।

4.
मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लाँघ लेना सम्भव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता
पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1062]

प्रश्न (क) आज दक्षिण दिशा में क्या परिवर्तन आ गया है ?
उत्तरः अब सभी दिशाओं में मृत्यु का तांडव दिखाई देता है। हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है। हर ओर शोषण व्याप्त है। शोषक धनी तथा गर्वीले हैं।
प्रश्न (ख) आज सभी दिशाएँ दक्षिण दिशा क्यों हो गई हैं ? 
उत्तरः विनाशक शक्तियाँ शोषणकर्ता सभी दिशाओं में महल बनाकर ठाठ से रह रहे हैं। चारों ओर मौत का खतरा मँडराता दिखाई दे रहा है।

प्रश्न (ग) कवि को दक्षिण दिशा की ओर जाने पर माँ की याद क्यों आई ? 
उत्तरः माँ कहती थी कि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा है। दक्षिण दिशा में पैर करके कभी मत सोना।
अथवा
मैं दक्षिण ................................ विराजते हैं।

[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1072]

प्रश्न (क) दक्षिण को लाँघ लेना संभव क्यों नहीं था ? 
उत्तरः दक्षिण को लाँघ लेना सम्भव नहीं था क्योंकि दक्षिण में मृत्यु के देवता यमराज का घर है और दक्षिण को लांघना (मृत्यु पर विजय) असम्भव है।

प्रश्न (ख) ”आज............ दक्षिण दिशा हो जाती है,“ कवि के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः आज हर दिशा दक्षिण दिशा हो जाती है अर्थात् मौत न केवल दक्षिण दिशा तक सीमित है बल्कि सभी दिशाओं में विद्यमान है क्योंकि शोषक, अत्याचारी आदि क्रूर सर्वत्र फैले हैं।

प्रश्न (ग) दक्षिण में जाने पर कवि को अपनी माँ याद क्यों आती रही ? 
उत्तरः कवि की माँ ने बताया था कि दक्षिण दिशा में यमराज का घर है इसलिए दक्षिण में जाने पर कवि को माँ सदैव याद आती रही।

5.
पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं
माँ अब नहीं है
और यमराज की दिशा भी वह नहीं रही
जो माँ जानती थी।

[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]

प्रश्न (क) ‘सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं’ से कवि का क्या आशय है ? 

उत्तरः सभी दिशाओं में यमराज ने अपने शानदार महल बना लिए हैं। उन सभी में दहकती आँखों वाले यमराज बैठे हैं जो मनुष्यों को खा जाने के लिए तैयार हैं। आशय यह है कि आज जीवन के सभी क्षेत्रों में शोषणकर्ताओं ने अपना जाल फैला लिया है। आम आदमी शोषण से बच नहीं सकता।

प्रश्न (ख) ‘माँ अब नहीं है और यमराज की दिशा भी वह नहीं रही जो माँ जानती थी’, पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः ‘माँ अब नहीं है और यमराज की दिशा भी वह नहीं रही जो माँ जानती थी’-का भाव यह है कि अब समय बदल चुका है। अब सारी दिशाएँ दक्षिण हो चुकी हैं। आज शोषण और विनाश की शक्तियाँ सब ओर फैल चुकी हैं। मानव अब कही भी सुरक्षित नहीं है।

प्रश्न (ग) आज हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है, क्यों ? 
उत्तरः कवि के अनुसार हर दिशा दक्षिण दिशा हो गई है, क्योंकि चारों ओर की स्थितियाँ खराब है। जीवन के सभी क्षेत्रों में शोषण- व्यवस्था का विस्तार हो चुका है।

The document Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9 is a part of Class 9 category.
All you need of Class 9 at this link: Class 9

Top Courses for Class 9

FAQs on Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9

1. यमराज की दिशा कहाँ होती है?
उत्तर: यमराज की दिशा हिंदू धर्म में मान्यता के अनुसार पताल लोक में होती है। यमराज पताल लोक के राजा होते हैं और वहाँ पापी और पुण्यात्माओं को सजा देते हैं।
2. क्या यमराज का कहीं अन्य स्थान होता है?
उत्तर: हां, यमराज के अलावा दूसरे धर्मों में भी ऐसे संस्कृति हैं जहाँ मृत्यु का देवता या संचालक होता है। जैसे कि हिंदी कविताओं और कहानियों में यमराज के अलावा यमराज के समान प्रमुख देवता होते हैं जैसे कि अब्राहमिक धर्मों में आजर या अजर।
3. यमराज का रूप कैसा होता है?
उत्तर: यमराज का रूप विभिन्न परंपराओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भिन्न होता है। हिंदू धर्म में, यमराज को एक काले रंग के धनुष और तालवार धारण करने वाले पुराने आदमी की तरह दिखाया जाता है। वह धोती और ऊँची टोपी पहनते हैं।
4. क्या यमराज सिर्फ भारतीय धर्मों में ही मान्य हैं?
उत्तर: नहीं, यमराज भारतीय धर्मों के साथ-साथ अन्य धर्मों में भी प्रमुखता से मान्य हैं। यमराज या उसके समकक्ष देवता मृत्यु के नामों में अनेक धर्मों में पाए जाते हैं, जैसे कि यमा (हिंदू धर्म), अजर (इस्लाम), मार्त (नॉर्स धर्म), आजर (यहूदी धर्म) आदि।
5. यमराज की दिशा के बारे में कहीं अन्य रोचक जानकारी है?
उत्तर: हां, यमराज की दिशा के बारे में अन्य रोचक जानकारी उपलब्ध है। उन्हें धार्मिक कथाओं, कविताओं और ग्रंथों में विस्तार से वर्णित किया गया है। इनमें उनकी प्राकृतिक और सामाजिक रूपरेखा, उनके साथ काम करने वाले देवताओं की संख्या और उनकी सजा का विवरण शामिल होता है।
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Free

,

Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9

,

Exam

,

study material

,

Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9

,

shortcuts and tricks

,

ppt

,

Semester Notes

,

past year papers

,

Viva Questions

,

pdf

,

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

mock tests for examination

,

Sample Paper

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

practice quizzes

,

video lectures

,

Short Question Answers (Passage Based) - यमराज की दिशा - Class 9

,

Extra Questions

;