अतिलघूउत्तरीय प्रश्न
(प्रत्येक 1 अंक)
प्रश्न 1. नजीर अकबरावादी को और किन-किन नामों से जाना जाता है?
उत्तरः नजीर अकबरावादी को अकबरावादी, नजीर अकबर, अकबर नजीर आदि नामों से भी जाना जाता है।
प्रश्न 2. कवि ने ‘मुफलिस’ शब्द का प्रयोग समाज के किस वर्ग के लिए किया है?
उत्तरः यह शब्द गरीब वर्ग के लिए प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 3. आदमी किस-किस तरह अपना जीवन बिता रहे हैं?
उत्तरः कोई आदमी स्वादिष्ट भोजन खाकर तो कोई सूखे टुकड़े खाकर इस संसार में अपना जीवन बिता रहा है।प्रश्न 4. आदमी-आदमी पर जान कैसे वारता है?
उत्तरः आदमी-आदमी के लिए अपने सुखों का त्याग करके, तथा दूसरों के काम आकर, एक-दूसरे पर जान वारता है।
प्रश्न 5. आदमी मुरीद कब बन जाता है ?
उत्तरः आदमी दूसरों के गुणों से प्रभावित होकर मुरीद बन जाता है।
प्रश्न 6. आदमी कैसा जीवन जीना चाहता है?
उत्तरः आदमी अपने मन मुताबिक जीवन जीना चाहता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
(प्रत्येक 2 अंक)
प्रश्न 1. इस कविता में कवि का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तरः कवि के मुख्य उद्देश्य निम्न है-
(i) आदमी को उसकी अच्छाइयों, बुराइयों, सीमाओं व सम्भावनाओं से परिचित करवाना।
(ii) आदमी को उसकी स्वाभाविक विविधता से परिचित करवाना।
(iii) आदमी को उसकी असलियत का आईना दिखाना।
प्रश्न 2. पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिये।
अथवा
पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है ?
उत्तरः कवि कहता है कि आदमी के कई रूप हैं जैसे-बादशाह, दीन-दरिद्र, भिखारी, मालदार, कमजोर तथा स्वादिष्ट और रूखा-सूखा खाने वाला।
प्रश्न 3. ‘मस्जिद में जूतियाँ चुराना’ कैसी स्थिति दर्शाता है ?
उत्तरः आदमी ने खुद को इतना गिरा लिया है कि वह मस्जिद में खुदा की इबादत नहीं करता बल्कि वहाँ लोगों के जूते चुराता है।
व्याख्यात्मक हल:
कवि कहता है कि एक तरफ ऐसे आदमी है जो मस्जिद बनवाते है तो दूसरी तरफ ऐसे आदमी है जो मस्जिद बनवाना तो दूर इबादत भी वहाँ जाकर करने के स्थान पर दूसरों के जूते चुराने जैसा घृणित कार्य करते हैं।
प्रश्न 4. ‘आदमीनामा’ कविता में आदमी का आदमी पर चिल्लाना क्या दर्शाता है?
उत्तरः मुसीबत में पड़ने वाला एक आदमी दूसरे आदमी को मदद के लिये चिल्लाकर पुकारता है तथा मदद के लिए आगे आने वाला भी आदमी ही होता है।
प्रश्न 5. आदमी अच्छा और बुरा कब कहलाता है ?
उत्तरः कर्मों के आधार पर ही आदमी अच्छा और बुरा कहलाता है। जब वह अच्छे कर्म करता है तो अच्छा आदमी और बुरे कर्म करने वाला बुरा आदमी कहलाता है।
प्रश्न 6. ‘नज़ीर अकबरावादी’ ने आदमीनामा में आदमी की किन विशेषताओं की ओर ध्यान खींचा है ?
उत्तरःआदमी के स्वभाव की विविधता की भिन्नता की। भले-बुरे गुणों से युक्त होना।
व्याख्यात्मक हल:
कवि अकबरावादी ने आदमीनामा में बताया है कि आदमी के स्वभाव अलग-अलग होते हैं जिससे उनके व्यवहार व व्यक्तित्व भी अलग हो जाते हैं तथा कर्मों के कारण अच्छे और बुरे व्यक्ति कहलाते हैं। कोई शरीफ होता है तो कोई शरारती। हर इंसान अलग-अलग होता है।
प्रश्न 7. ‘आदमीनामा’ कविता का कवि तरह-तरह के आदमियों की चर्चा करके क्या कहना चाहता है?
उत्तरः आदमी में कुछ भी बनने की संभावनाएँ हैं। उसके अनेक रूप हैं। कर्म, भाग्य या परिस्थितियों के कारण वह भला और महान भी बन सकता है और बुरा तथा नीच भी हो सकता है।
प्रश्न 8. आदमी-आदमी के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है ?
उत्तरः आदमी मुसीबत पड़ने पर दूसरे आदमी की मदद करता है। एक-दूसरे के साथ भाईचारा रखता है और अपनी जान भी न्यौछावर करने को तैयार रहता है, लेकिन कुछ आदमी झगड़ालू और नफरत करने वाले भी होते हैं।
1. आदमी नामा क्या है? |
2. आदमी नामा पुस्तक किस बोर्ड के लिए है? |
3. आदमी नामा पुस्तक किस विषय पर आधारित है? |
4. आदमी नामा कितने भागों में बांटी गई है? |
5. आदमी नामा पुस्तक किस उम्र के छात्रों के लिए है? |
|
Explore Courses for Class 9 exam
|