Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना

Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10 PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

1. छाया मत छूना
मन, होगा दुःख दूना
जीवन में है सुरंग सुधियाँ सुहावनी
छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी
तन सुगंध शेष रही, बीत गई यामिनी,
कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी।
भूली-सी एक छुअन बनता हर जीवित क्षण-
छाया मत छूना।

प्रश्न (क)- काव्यांश में किस भाषा का प्रयोग हुआ है ?
उत्तर:
काव्यांश में तत्सम प्रधान खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न (ख)- ‘छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी’ पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस पंक्ति में कवि का आशय है कि अतीत की सुखद अनुभूतियों में जीवन के सुखद क्षण एवं सुनहरी यादें बिखरी पड़ी हैं जिसका स्मरण आते ही अतीत की स्मृतियों के कारण आस-पास का वातावरण भी जीवंत हो उठता है। भाव यह है कि जब हम पुरानी यादों का स्मरण करते हैं तो बीती हुई बातों के मधुर क्षणों के दृश्य हमारे नेत्रों के सामने साकार हो उठते हैं और उन क्षणों की सुंगध भी चारों ओर व्याप्त हो उठती है।

प्रश्न (ग)- कवि व्यक्ति को छाया को छूने से क्यों मना कर रहा है ? 
उत्तर: कवि ने पुरानी एवं मधुर यादों की छाया को छूने से इसलिए मना किया है क्योंकि इससे हमें कुछ प्राप्त नहीं होता बल्कि दुःख दोगुना हो जाता है क्योंकि पुराने बीते हुए सुखद क्षण वापस तो आ नहीं सकते, हाँ, उन्हें याद करके हम दुःखी अवश्य हो जाते हैं।

अथवा

प्रश्न (क)- ‘कुंतल के फूलों की याद बनी चाँदनी’ में कवि को कौन सी यादें कचोटती हैं? 
उत्तर: विगत जीवन की सुखद स्मृतियाँ हमारे वर्तमान के दुःख को दोगुना कर देती हैं।
व्याख्यात्मक हल:
अतीत की सुखद स्मृतियों को। क्योंकि बीते हुए सुखों और कल्पना का वर्तमान में कोई अस्तित्व नहीं है। वे यथार्थ रूप ग्रहण नहीं कर सकते और व्यक्ति के वर्तमान को दुविधाग्रस्त कर देते हैं।

प्रश्न (ख)- ‘छवियों की चित्र-गंध फैली मनभावनी’ का क्या तात्पर्य है? 
उत्तर: सुखद स्मृतियों के चित्र मन पर अंकित हैं। वे सुखद स्मृतियाँ मन को भाती हैं।
व्याख्यात्मक हल:
इस पंक्ति में कवि का आशय है कि अतीत की सुखद अनुभूतियों में जीवन के सुखद क्षण एवं सुनहरी यादें बिखरी पड़ी हैं जिनका स्मरण आते ही अतीत की स्मृतियों के कारण आस-पास का वातावरण भी जीवंत हो उठता है। भाव यह है कि जब हम पुरानी यादों को स्मरण करते हैं तो बीती हुई बातों के मधुर क्षणों के दृश्य हमारे नेत्रों के सामने साकार हो उठते हैं और उन क्षणों की सुगंध भी चारों ओर व्याप्त हो उठती है।

प्रश्न (ग)- ‘छाया मत छूना’ - कवि ने ऐसा क्यों कहा? 
उत्तर: प्रिया के केशों में गुँथे फूलों की याद/प्रिया के साथ बिताए मधुर पलों की याद
व्याख्यात्मक हल:
प्रिया के केशों में गुँथे फूलों की याद तथा प्रिया के साथ बिताए मधुर पलों की याद कवि को कचोटती हैं।

2. यश है या न वैभव है, मान है न सरमाया
जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया।
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।
जो है यथार्थ कठिन उसका तू कर पूजन-
छाया मत छूना
मन, होगा दुःख दूना।

प्रश्न (क)- ‘छाया’ से कवि का क्या तात्पर्य है ? 
उत्तर: अतीत की सुखद स्मृतियाँ।
व्याख्यात्मक हल:
‘छाया’ से कवि का तात्पर्य बीते समय की सुखद स्मृतियों से है जो मानव-मन के किसी कोने में छिपी रहती हैं।

प्रश्न (ख)- ‘हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है’- इस पंक्ति से कवि किस तथ्य से अवगत करवाना चाहता है ? 
उत्तर:

  • सुख-दुःख जीवन की स्वाभाविक और क्रम से आने-जाने वाली स्थिति है।
  • हर चाँदनी रात अर्थात सुख के बाद अँधेरी काली रात अर्थात दुःख आता है।

व्याख्यात्मक हल:
“हर चन्द्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है” पंक्ति के माध्यम से कवि इस तथ्य से अवगत कराना चाहता है, कि हर सुख के पीछे दुःख भी छिपे रहते हैं और हर खुशी के पश्चात् उदासी भी आती है। यह जीवन सुख-दुःख के मिश्रित भाव से बना है।

प्रश्न (ग)- ‘मृगतृष्णा’ से क्या अभिप्राय है, यहाँ मृगतृष्णा किसे कहा गया है ?
उत्तर:

  • मृगतृष्णा से अभिप्राय है रेत की चमक में पानी जैसा भ्रम, मिथ्या प्रतीति, छलावा आदि।
  • यहाँ मृगतृष्णा जीवन में यश, मान, वैभव आदि की प्राप्ति की इच्छा और प्रयास को कहा गया है। 

व्याख्यात्मक हल:
रेगिस्तान में धूप में दूर से चमकती रेत को पानी समझकर मृग ;हिरनद्ध उसके पीछे दौड़ता है, परन्तु यह उसका भ्रम होता है और वह प्यासा मर जाता है। इसी को ‘मृगतृष्णा’ कहते हैं। इसी प्रकार प्रभुता की लालसा मनुष्य के अन्दर कभी खत्म नहीं होती। इसी प्रभुता को कवि ने ‘मृगतृष्णा’ कहा है।

अथवा

प्रश्न (क)- ‘सरमाया’ और भरमाया’ शब्दों का प्रयोग किस अर्थ में किया गया है ?
उत्तर:
‘सरमाया’ का अर्थ है- ‘पूँजी’ तथा ‘भरमाया’ का अर्थ है-‘भटकाव’।

प्रश्न (ख)- कवि ने सांसारिक समृद्धि के किन-किन रूपों को भ्राँति कहा है ?
उत्तर:
कवि ने सुख, समृद्धि, यश, वैभव, मान-सम्मान, धन-दौलत एवं प्रभुता को भ्राँति कहा है, क्योंकि ये सभी चीजें भ्रम पैदा करने वाली हैं। कवि ने इन्हें मृगतृष्णा का नाम दिया है।

प्रश्न (ग)- जीवन में कवि क्या कुछ पाने के लिए दौड़ता था जो उसे नहीं मिला ?
उत्तर: 
कवि अपने जीवन में यश, वैभव, मान-सम्मान, धन-दौलत जैसी वस्तुएँ पाने के लिए ही दौड़ता-फिरता रहा। लेकिन न तो उसे ये सारी चीजें मिली और न ही मन की शांति।

3. दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
देह सुखी हो पर मन के दुःख का अन्त नहीं।
दुःख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर ?
जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,
छाया मत छूना
मन, होगा दुःख दूना।

प्रश्न (क)- कवि छाया छूने से मना क्यों कर रहा है? 
उत्तर: अतीत की सुखद स्मृतियाँ हमारे वर्तमान के दुःख को दोगुना कर देती हैं।
व्याख्यात्मक हल:
कवि छाया छूने से इसलिए मना कर रहा है, क्योंकि ये अतीत की सुखद स्मृतियाँ हमें कल्पना लोक में विचरण कराती रहती हैं। इनसे मन का दुःख दुगुना हो जाता है।

प्रश्न (ख)- “दुःख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?”
उक्त पंक्तियों में कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर: 
इच्छित समय पर अपेक्षित उपलब्धि न होकर यदि बाद में हो तो भी उस उपलब्धि का आनंद भी उठाना चाहिए।
व्याख्यात्मक हल:
कविता की उक्त पंक्तियों में कवि यह कहना चाहता है कि शरद ऋतु की रात में यदि चाँद न खिले और बसंत ऋतु आने पर फूल न खिले तो बाद में इनके खिलने का भला क्या लाभ? फूलों की मादक सुगंध तो बसंत में ही भली प्रतीत होती है। समय निकल जाने पर यदि थोड़ा बहुत सुख मिल भी जाए, तो वह व्यर्थ है।

प्रश्न (ग)- ‘देह सुखी होने पर भी मन के दुःख का अंत नहीं’-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर: शारीरिक रूप से सुखी होने पर भी व्यक्ति का मन वर्तमान की कठिनाइयों में अतीत की सुखद स्मृतियों को याद कर दुःखी होता है।
व्याख्यात्मक हल:
कवि मानता है कि जब मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है, भौतिक सुखों का अभाव नहीं होता है, लेकिन जीवन में अगणित चिन्ताएँ होती हैं जिनसे मुक्त होना असम्भव है तो हमारे मन के दुःखों का अन्त संभव नहीं’ हो पाता है। इसलिए शारीरिक दृड्ढि से स्वस्थ होने के उपरान्त भी यदि मन चिंता से युक्त है तो मन के दुःखों का अंत संभव नहीं। शारीरिक रूप से सुखी होने पर भी व्यक्ति का मन वर्तमान की कठिनाइयों में अतीत की सुखद स्मृतियों को याद कर दुःखी होता है।

अथवा

प्रश्न (क)- ‘छाया’ शब्द का अर्थ समझाइए।
उत्तर:
मन इस दुविधा में पड़ा है कि हम यथार्थ में जिएँ या काल्पनिक सपनों में।

प्रश्न (ख) कवि को किस बात का दुःख है ?
उत्तर:
शरद रात आने पर भी चाँद नहीं खिला अर्थात् सुख का समय आने पर भी सुख प्राप्त नहीं हुआ इस बात का दुःख है।

प्रश्न (ग)- कवि का साहस किस दुविधा से पीड़ित है ? 
उत्तर: छाया का प्रतीकार्थ है-अवास्तविक-काल्पनिक सुख। हमें सपनों में जीने की अपेक्षा यथार्थ में जीना चाहिए।

The document Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10 is a part of Class 10 category.
All you need of Class 10 at this link: Class 10

Top Courses for Class 10

FAQs on Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10

1. छाया मत छूना किसकी लेखकी है?
Ans. छाया मत छूना की लेखकी बिनाइंदन बाजपेयी हैं।
2. छाया मत छूना किस कक्षा के छात्रों के लिए है?
Ans. छाया मत छूना कक्षा 10 के छात्रों के लिए है।
3. छाया मत छूना में कौन सा विषय दिया गया है?
Ans. छाया मत छूना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विषय पर चर्चा की गई है।
4. छाया मत छूना का मुख्य संदेश क्या है?
Ans. छाया मत छूना का मुख्य संदेश है कि छाया के माध्यम से हीं विज्ञान के नए आविष्कारों की संभावनाएं बढ़ती हैं।
5. छाया मत छूना परीक्षा में कैसे मददगार हो सकता है?
Ans. छाया मत छूना को पढ़ने से, छाया के बारे में अधिक जानकारी तलाशने से और संबंधित प्रश्नों को हल करने से छाया मत छूना परीक्षा में मददगार हो सकता है।
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10

,

Important questions

,

Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10

,

Previous Year Questions with Solutions

,

shortcuts and tricks

,

Objective type Questions

,

Sample Paper

,

Viva Questions

,

Exam

,

ppt

,

study material

,

Short Questions Answers(Part - 1) - छाया मत छूना - Class 10

,

pdf

,

Summary

,

video lectures

,

MCQs

,

practice quizzes

,

past year papers

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

Extra Questions

,

Free

;