14 मार्च, सन् 1931 का दिन भारतीय सिनेमा के इतिहास का सबसे बड़ा और चमत्कारी दिन था, क्योंकि इसी दिन भारतीय सिनेमा ने बोलना सीखा इसी दिन से बोलती फिल्मों का नया युग प्रारंभ हो गया। आइये इस डॉक्यूमेंट की मदद से कक्षा 8 हिंदी का पाठ "जब सिनेमा ने बोलना सीखा" के Important Questions देखें।
प्रश्न 1: सवाक् फिल्म से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सवाक् फिल्म से अभिप्राय, जिसमें कलाकारों की आवाज भी सुनाई पड़ती है। भारत में पहली सवाक् फिल्म 14 मार्च, 1931 को प्रदर्शित हुई।
प्रश्न 2: पहली सवाक् फिल्म आलमआरा में विट्ठल के अलावा कौन-कौन से प्रसिद्ध कलाकारों ने काम किया?
उत्तर: पहली सवाक् फिल्म आलमआरा में विट्ठल ने नायक के रूप में काम किया। उनके अलावा पृथ्वीराज कपूर, जगदीश सेठी, सोहराब मोदी और याकूब जैसे प्रसिद्ध कलाकारों ने कार्य किया।
प्रश्न 3: 14 मार्च, 1931 का भारतीय सिनेमा के इतिहास में क्या महत्त्व है?
उत्तर: 14 मार्च, 1931 को पहली सवाक् फिल्म का प्रदर्शन हुआ इसलिए इस दिन का इतिहास में विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 4: पहली बोलती फिल्म बनाने के दौरान फिल्मकार को फिल्म निर्माण से जुड़े किन महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के अभाव का सामना करना पड़ा?
उत्तर: पहली बोलती फिल्म बनाने के दौरान फिल्मकार को फिल्म निर्माण से जुड़े संवाद लेखक, गीतकार एवं संगीतकार जैसे महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के अभाव का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 5: आलमआरा फिल्म के संगीत में प्रयुक्त वाद्ययंत्रों का नाम लिखिए।
उत्तर: आलमआरा फिल्म के संगीत में केवल तीन वाद्ययंत्रों-हारमोनियम, वायलिन एवं तबला का प्रयोग किया गया था।
प्रश्न 6: लेखक ने आलमआरा की तुलना किस र्फैटेसी फिल्म से की है?
उत्तर: लेखक ने आलमआरा की तुलना ‘अरेबियन नाइट्स’ नामक फैंटेसी फिल्म से की है।
प्रश्न 1: उस समय में अभिनेता-अभिनेत्रियों की लोकप्रियता का असर समाज पर पड़ता था और आज भी पड़ रहा है? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: उस समय में अभिनेता-अभिनेत्रियों की लोकप्रियता का असर समाज पर पड़ता था और आज भी पड़ रहा है। फिल्मों की नकल का असर लोगों के रहन-सहन, बातचीत के ढंग तथा उनके पहनावे में देखा जा सकता था। आज भी लोग साधना कट हेयर-स्टाइल, राजेश कट हेयर-स्टाइल को अपनाते आ रहे हैं। अमिताभ बच्चन, देवानन्द, माधुरी दीक्षित आदि द्वारा बोले गए संवाद का असर लोगों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
प्रश्न 2: आलमआरा फिल्म को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: आलमआरा फिल्म जब 14 मार्च 1931 को मुम्बई के मैजेस्टिक सिनेमा में प्रदर्शित हुई तो यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई कि लगातार 8 सप्ताह तक हाउसफुल चली। इसे देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ती कि भीड़ को नियन्त्रित करने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ती। मूक सिनेमा देखने के आदी दर्शकों के लिए यह बिलकुल ही नया अनुभव था। इस फिल्म की सफलता ने मूक सिनेमा के युग का अन्त कर दिया।
प्रश्न 3: सिनेमा के सवाक् होने पर उसमें क्या-क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर: सिनेमा के सवाक् होने पर सबसे पहला बदलाव यह हुआ कि अब पढ़े-लिखे अभिनेताओं-अभिनेत्रियों की जरूरत महसूस की गई। अब उन्हें अभिनय के साथ संवाद भी बोलना था। इसी समय गायन प्रतिभा की कद्र बढ़ी तथा गायक अभिनेताओं का आगमन हुआ। इसके अलावा हिन्दी-उर्दू भाषा परिष्ड्डत होकर सामने आई। इसके अलावा कृतिम प्रकाश व्यवस्था, गीत-संगीत आदि भी बेहतर रूप में दर्शकों को मिलने लगा।
किन्तु वर्तमान समय में अधिकतर फिल्में तड़क-भड़क, मारकाट, शोर-शराबा और फूहड़पन आदि से भरी रहती हैं जिसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए आज आवश्यकता है कि बढ़ती हुई अराजकता और अपराधों को रोकने के लिए स्वस्थ फिल्मों का निर्माण किया जाए जो भारतीय संस्कृति के आदर्शों को लोगों तक प्रेषित करे और उन्हें विध्वंसात्मकता से सृजनात्मकता की ओर ले जाए ताकि देश में शांति व सम्रद्धि स्थापित हो सके।
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