Humanities/Arts Exam  >  Humanities/Arts Notes  >  Hindi Class 12  >  Important Question & Answers - गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’

गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts PDF Download

(i) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँड़ेलता हूँ,
भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है। 

प्रश्न;(क) ‘तुम’, ‘तुम्हारा’ सर्वनाम किसवेळ लिए प्रयुक्त हुए हैं? आप ऐसा क्यों मानते हैं?
(ख) उस ‘अनजान रिश्ते’ पर टिप्पणी कर बताइए कि उसका कवि पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
(ग) आशय स्पष्ट कीजिए:
‘‘दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है’’
उत्तर ;(क)
‘तुम’, ‘तुम्हारा’ सर्वनाम कवि द्वारा सर्वाधिक ‘प्र्रिय’ व्यक्तित्व वेळ लिए प्रयुक्त हुआ है। यह व्यक्तित्व कवि की प्रेयसी भी हो सकती है और कवि की माँ भी। मेरी दृष्टि में कविता में ‘तुम’, ‘तुम्हारा’ सर्वनाम कवि की प्रेयसी वेळ लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसवेळ साथ वेळ संबंध को कवि कोई नाम नहीं देना चाहता लेकिन इस अनाम संबंध की गहराई को वह स्वयं महसूस करता है। कवि कहता है कि उसवेळ प्र्रिय का प्रेम उस अनंत निर्झर वेळ समान है, जिसका मीठा पानी बार-बार उसे पूरी तरह भिगोता रहता है।
(ख) कवि ने स्वंय अपने प्रिय के बीच के संबंध्  का ‘अनजाना रिश्ता’ कहा है। वह इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देता चाहता। इस अनाम संबंध की गहराई को वह स्वयं महसूस करता है। यह अनजाना रिश्ता कवि के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक और कवि के संपूर्ण व्यक्तित्व का एकमात्र निर्माता है।
(ग) कवि यह कहता है कि मैं यह महसूस करता हूँ कि मेरे दिल में संभवतः मीठे पानी का र्कोइ अनंत स्रोत है, र्कोइ  झरना है, जिसमें मैं प्रेम को, स्नेह को, आत्मीयता को जितना अधिक उडे़लता हूँ, वह फिर से बार-बार भर जाता है। 

(ii) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 
जिंदगी में जो कुछ है, जो भी है सहर्ष स्वीकारा है,
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है।
गरबीली गरीबी यह ये गंभीर अनुभव सब
यह विचार वैभव सब दृढ़ता यह, भीतर की सरिता यह,
अभिनव सब मौलिक है, मौलिक है
इसलिए कि पल-पल में जो कुछ जाग्रत है अपलक है
संवेदन तुम्हारा है। 

प्रश्न; (क) ‘जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है’- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
(ख) गरीबी के लिए प्रयुक्त विशेषण का औचित्य और सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
(ग) कवि किसे मौलिक और नवीन मानता है तथा क्यों?  
उत्तर ;(क)

  •  कवि से जो स्नेह रखता है। वह उसके विचारो से भी स्नेह रखता है 
  •  जो कवि का है वह उस व्यक्ति का भी है।    

(ख)

  •  गरबीली विशेषण स्वाभिमान का प्रतीक 
  • इस शब्द के प्रयोग से गरीबी शब्द गौरव मंडित होता है।   

(ग) 

  • भाव, विचार तथा अभिव्यंिक्त को कवि मौलिक मानता है।
  • किसी से उधार नही लिया गया है, इसलिए कवि को अभिमान है। 

(iii) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
तुम्हें भूल जाने की
दक्षिणध्रुवी अंधकार-अमावस्या
शरीर पर, चेहरे पर, अंतर में पालूँ मैं
झेलूँ मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए कि तुम से ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय उजेला अब
सहा नहीं जाता है। 

प्रश्न-; (क) कवि के व्यक्तिगत संदर्भ में किसे ‘अमावस्या’ कहा गया है
(ख) ‘अमावस्या’ के लिए प्रयुक्त विशेषणों का भाव स्पष्ट कीजिए।
(ग) ‘रमणीय उजेला’ क्या है कवि उसके स्थान पर अंधकार क्यों चाह रहा है?
उत्तर
; (क) अपने प्रिय पात्र (तुम्हें) को भूल जाना।
व्याख्यात्मक हल- कवि के व्यक्तिगत संदर्भ में अमावस्या, उसकी प्रिया सेे वियोग को कहा गया है, जिसके कारण उसके जीवन में अंधकार छा गया है।
उत्तर; (ख) दक्षिण ध्रुवी, दीर्घकालीन अंधकार। जिस प्रकार दक्षिण ध्रुव पर उजाला नही होता, वैसे ही कवि के हदय में प्रिये के भूलने पर अंधकार।
व्याख्यात्मक हल- दक्षिण ध्रुवी अमावस्या-ऐसा गहन अंधकार, जो लम्बे समय तक रहता है।
भाव- यह गहन निराशा की मनःस्थिति को दर्शाता है।
उत्तर ; (ग) 

  • प्रिय पात्र का प्रेम और सामीप्य। 
  • यह अति निकटता, प्यार का संबंध निरन्तर होने से वह ऊब गया है, उससे मुक्ति चाहता है। 
  • प्रिया से विमुक्त होकर ही कर्म  पथ पर अग्रसर होने की आकांक्षा।

व्याख्यात्मक हल- ‘रमणीय उजेला’ कवि की प्रिया के स्नेह का उजाला अर्थात  उसकी प्रिया का गहन प्रेम हैं। कवि अपनी प्रिया के गहन प्रेम को सहन नहीं कर पा रहा है इसलिए इसके स्थान पर अंधकार चाह रहा है

(iv) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 
जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँडे़लता हूँ-भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
प्रश्न  ; (क) किसके रिश्ते को कवि समझ नही पा रहा है और क्यों?
(ख) कवि को क्यों लगता है कि दिल में कोई झरना है?
(ग) ‘भीतर वह, ऊपर तुम’ ‘वह’ और ‘तुम’ कौन हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर ; 
(क) 

  • अपने प्रिय पात्र के।
  • क्योंकि जितना प्रेम वह करता है उतना ही अधिक प्रेम बढत़ा जाता है

व्याख्यात्मक हल- अपने प्रिय पात्र के रिश्ते को कवि समझ नही पा रहा है क्योंकि जितना वह प्रेम करता है उतना ही अधिक प्रेम भंडारण (भंडार) में वृद्धि होती चली जाती है।

उत्तर- ;(ख) 

  • प्रेम की अधिकता के कारण। 
  • प्रेम-भंडार में कमी आने के कारण।

उत्तर ;(ग) 

  • वह-आंतरिक प्रेम।
  • तुम-प्रिय पात्र।
  • भीतर वह का अर्थ हृदय के भीतर बसने वाला प्रिय-पात्र।
  • ऊपर तुम का आशय है कवि के प्रेम से भरे हृदय का प्रिय-पात्र का अधिकार। 

व्याख्यात्मक हल- ‘भीतर वह’ से कवि का आशय है भीतर बसने वाला प्रिय पात्र ऊपर तुम में तुम से आशय है-कवि के प्रेम से भरे हृदय पर प्रिय पात्र का अधिकार। ;

(v) निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
जिंदगी में जो ..............तुम्हें प्यारा है।

प्रश्न 1. कवि अपनी प्रेयसी को क्यों भूलना चाहता है? ‘सहर्ष  स्वीकार है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर: 
कवि अपनी प्रेयसी (अज्ञात प्रेमी) को इसीलिए भूल जाना चाहता है क्योंकि वह भविष्य की आशंका से भयभीत है। प्रेमभाव की अतिशयता के कारण भी वह प्रेयसी को भूलना चाहता है। 

प्रश्न 2. कवि तथा कविता का नाम बताइए।
उत्तर:
कवि - गजानन माधव मुक्तिबोध।
कविता - सहर्ष स्वीकार है। 

प्रश्न 3.कवि का रिश्ता किसके साथ है? उस रिश्ते को कवि ने किस रूप में कल्पित किया है?
उत्तर: 
कवि का रिश्ता अपने प्रिय के साथ है। वह अपने हृदय के भावो को ;प्रेम कोद्ध जितनी मात्रा में उड़ेलता है, उसका मन उतना ही प्रेममय होता चला जाता है। कवि ने इस रिश्ते को प्रड्डति रूपी प्रेयसी के रूप में स्वीकार किया है। 

प्रश्न 4. कवि अपने संबोध्य के साथ रिश्ते को कोई नाम देने में असमर्थ क्यों है?
उत्तर:
कवि अपने संबोध्य के साथ रिश्तो को र्कोइ नाम देने में असमर्थ  है क्योंकि कवि अपनी प्रिया के साथ रिश्तो को समझ नही पाता है। उसे प्रिया का प्रेम निर्झर के समान लगता है। जो रह-रहकर उसे भिगोता रहता है। 

प्रश्न 5. कवि के दिल में झरना या मीठे पानी का स्रोत वस्तुत क्या है? उस झरने की क्या विशेषता है ?
अथवा
‘झरना’ एव ‘मीठे पानी का सोता’ का प्रतीकार्थ बताइए और स्पष्ट कीजिए कि इन दोनों की स्थिति कहाँ है?

उत्तर: कवि के दिल में झरना या मीठे पानी का स्रोत वस्तुतः पे्रम पूरित हृदय है जिससे स्नेह-जल सतत् निकलता रहता है।

प्रश्न 6. ‘उँड़ेलता’ और ‘भर-भर फिर आता है’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि की इस विचित्र स्थिति का क्या कारण है?
उत्तर:
‘उँडेलता और भर-भर फिर आता है’ का अर्थ यह है कि कवि अपने दिल के भावों को ;प्रेम कोद्ध जितनी मात्रा में उँड़ेलता है उसका मन उतना ही प्रेममय होता चला जाता है। कवि वर्तमान स्थिति में प्रिया के प्रेम में पूरी तरह घिरा हुआ है। 

प्रश्न 7. ‘गरबीली-गरीबी’ से कवि का क्या आशय है ?
अथवा
‘गरबीली गरीबी’ आरै ‘भीतर की सरिता’ से कवि का क्या अभिपा्रय है? कवि ने इनको ‘मौलिक’ क्यों कहा है?
उत्तर:
‘गरबीली गरीबी’ से अभिप्राय है अभावग्रस्त किन्तु स्वाभिमान पूर्ण जिंदगी तथा ‘भीतर की सरिता’ से अभिप्राय है हृदय में बहती भावनाओ की नदी। कवि ने इन्हे मौलिक इसीलिए कहा है क्योकि ये सब कवि के भागे हएु यथार्थ है 

प्रश्न 8. ‘गरीबी’ के लिए प्रयुक्त विशेषता का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘गरबीली’ विशेषण ‘गरीबी’ को महिमामंडित करने में सक्षम है। इसमें कवि का स्वाभिमान प्रकट हुआ है।

प्रश्न 9. ‘भीतर वह, ऊपर तुम’ से कवि का संकेत किस ओर है? किसी का खिलता हुआ चेहरा उसको किस तरह आनंदित कर रहा है?
उत्तर:
‘भीतर वह, ऊपर तुम’ से कवि का संकेत मन में प्रेम तथा ऊपर से प्रिय का चाँद जैसा मुस्कराते हुए सुंदर चेहरे की ओर है। कवि को अपने प्रिय का खिलता हुआ चेहरा उसी प्रकार आनंदित कर रहा है जिस प्रकार आकाश में मुस्कराता हुआ चन्द्रमा पृथ्वी को अपने प्रकाश से नहलाता रहता है। 

प्रश्न 10. कवि के जीवन में क्या मौलिक है?
उत्तर:
गर्व युक्त गरीबी, जीवन के गंभीर अनुभव, श्रेष्ठ विचार, दृढ़ता और अंतर्मन की कोमल भावनाएँ इनमें बनावटीपन नहीं है, ये सभी कुछ मौलिक हैं। 

प्रश्न 11. कवि किसका एहसान व्यक्त कर रहा है और क्यों? 
उत्तर: कवि अपनी प्रिया का एहसान व्यक्त करते हुए कहता है कि मैं हर स्थान पर तुम्हारे साथ ही जीता हूँ। मेरा जो कुछ भी है अथवा मेरा होने वाला है अथवा जो कुछ मुझे प्राप्त होना सम्भव है वह सब तुम्हारे ही कारण है। आज तक जिंदगी में मुझे जो कुछ भी मिला है, उसे मैंने हँसी-खुशी से स्वीकार किया है। मैंने जो कुछ भी पाया है, वह तुम्हारे कारण है। 

प्रश्न 12. कवि को सभी कुछ स्वीकार्य है, क्यों? अथवा भावार्थ स्पष्ट कीजिएµ पल-पल में जो कुछ भी जाग्रत है, अपलक है संवेदन तुम्हारा है!
उत्तर:
कवि को सभी कुछ स्वीकार्य है क्योंकि सभी कुछ परम पिता परमेश्वर द्वारा प्रदत्त है। कवि यह स्वीकार करता है कि इस जगत में प्रतिपल जो कुछ भी दृश्यमान है, वह वास्तव में ईश्वर की ही अदृश्य संवेदना है। 

प्रश्न 13. भाव स्पष्ट कीजिए- ‘रमणीय उजेला अब। सहा नहीं जाता है’।
अथवा
‘रमणीय उजेला’ क्या था? वह सहा क्यों नही जा रहा?
उत्तर:
कवि के लिए अपनी प्रिया के स्नेह का उजाला अत्यंत रमणीय है। उसके वियोग में प्रिया की ममता को सहा नहीं जा रहा। 

प्रश्न 14. कवि के व्यक्तिगत संदर्भ में ‘अमावस्या’ की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
कवि की व्यक्तिगत स्थिति में अमावस्या क्या है?
उत्तर:
कवि की व्यक्तिगत स्थिति में अमावस्या का अर्थ है - प्रिया का वियोग, जिसके कारण उसके जीवन में अंधेरा छा गया है। 

प्रश्न 15. कवि दंड की कामना क्यों करता है?
उत्तर:
कवि प्रिया के स्नेह के बिना नहीं जी सकता। इसलिए वह दंड चाहता है, ताकि वह अकेला भी रह सके। प्रिया के असीम स्नेह ने उसे कमजोर बना दिया है। 

प्रश्न 16. कवि किस प्रकार का दंड चाहता है?
उत्तर:
कवि यह दंड चाहता है कि उसकी प्रिया उसे दंड दे कि वह पाताल की अँधेरी गुफाओं, कंदराओं या धुँए के बादलों में लापता हो जाए। वह उस स्थिति में भी प्रसन्न रहेगा, क्योंकि वहाँ भी प्रिया की याद के सहारे जीवित रहेगा। 

प्रश्न 17. रूपक अलंकार का उदाहरण चुनकर उसका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रूपक अलंकार ‘तुम्हें भूल जाने की दक्षिण ध्रुवी अधंकार-अमावस्या’। अर्थात् वियोग रूपी घनघोर अंधकार। 

प्रश्न 18. काव्यांश में दो स्थानों पर दो वाक्यांशों की आवृत्ति से अर्थ में क्या विशेष प्रभाव पड़ा है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
काव्यांश में दो वाक्यांशों की आवृत्ति होने से प्रेम की गम्भीरता बढ़ गई है। ‘भूलूँ मैं, भूलूँ मैं’ से स्पष्ट है कि कवि को अपनी प्रिया का प्रगाढ़ प्रेम प्राप्त है वह उसके दिल में सर्माइ र्हुइ है। चाहने के बावजूद भी वह उसे भुलाने में असमर्थ है। ‘सहा नहीं जाता है, नहीं सहा जाता है।’ की पुनरावृत्ति दो अर्थों को प्रकट करती है कवि को प्रिया का वियोग सहा नही जाता तथा कवि से प्रिया का साथ सहा नही जाता, क्योंकि वह आत्मनिर्भर होना चाहता है। 

प्रश्न 19. ‘मैं तुम्हें भूल जाना चाहता हूँ’ इस सामान्य कथन को व्यक्त करने के लिए कवि ने क्या युक्ति अपनाई है?
उत्तर:
कवि अपनी प्रिया को भूल जाना चाहता है। वह अमावस्या के अंधकार से अपने शरीर, चेहरे और हृदय को नहलाना चाहता है। इस अंधकार के कष्ट को झेलना चाहता है। वह चाहता है कि उसकी प्रिया उसे ऐसा दंड दे जिससे कवि प्रिया को भूल जाए। 

प्रश्न 20. काव्यांश की भाषा पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
काव्यांश की भाषा सरल, सहज तथा निझर्र की तरह प्रवाहमयी है। इसमें न लय का बंधन है, न तुक का, न छंद का। केवल अर्थ की लय और गतिशीलता है। मधुरता से परिपूर्ण है।

The document गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts is a part of the Humanities/Arts Course Hindi Class 12.
All you need of Humanities/Arts at this link: Humanities/Arts
88 videos|166 docs|36 tests

Top Courses for Humanities/Arts

FAQs on गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers - Hindi Class 12 - Humanities/Arts

1. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ विषयी कोणती महत्वाच्या प्रश्नं असतात?
उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ ह्या अभ्यासक्रमाबद्दल कोणती महत्वाची प्रश्नं असतात याची सर्व तपशील खालीलप्रमाणे आहे: 1. की आहे गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ हा अभ्यासक्रम? उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ हा अभ्यासक्रम यांच्या माध्यमातून सांस्कृतिक, दार्शनिक, भौतिकशास्त्रीय, आर्थिक आणि इतर अभ्यासक्रमांची विषयवस्तू अध्ययन करणारा असतो. 2. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाच्या लक्षात ठेवलेले काही उद्दिष्ट विषय कोणते आहे? उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाच्या लक्षात विविध विभागांतील अभ्यासक्रमांची विषयवस्तू आहे, जसे की सांस्कृतिक अभ्यास, दार्शनिक अभ्यास, भौतिकशास्त्रीय अभ्यास, आर्थिक अभ्यास इत्यादी. 3. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाचे उद्दिष्ट काय आहे? उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाचा उद्दिष्ट विद्यार्थ्यांना विविध विषयांची विषयवस्तू पुरविणे आहे, यामुळे त्यांना व्यापक ज्ञान आणि सामान्य सारांश मिळवावा. 4. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमासाठी कोणते प्रवेशपत्र आवश्यक आहे? उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमासाठी विद्यार्थ्यांनी अपंगतेप्रमाणे 10 वी चे प्रमाणपत्र, 12 वी चे प्रमाणपत्र, आणि सांस्कृतिक अभ्यासाचे विषयक प्रवेशपत्र आवश्यक आहे. 5. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमात कोणत्या क्षेत्रातील प्रकारे करिअर साधनं करू शकता? उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमात असलेल्या विविध विषयांची माहिती घेतल्याने विद्यार्थ्यांनी सांस्कृतिक क्षेत्रातील करिअर साधनं करू शकता, तसेच भौतिकशास्त्र, आर्थिक, दार्शनिक क्षेत्र इत्यादीतील करिअर साधनं करू शकता.
2. गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाच्या लक्षात कोणती विषये आहेत?
उत्तर: गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ अभ्यासक्रमाच्या लक्षात विविध विषयांची विषयवस्तू आहे, जसे की सांस्कृतिक अभ्यास, दार्शनिक अभ्यास, भौतिकशास्त्रीय अभ्यास, आर्थिक अभ्यास इत्यादी. या अभ्यासक्रमातील विषये विद्यार्थ्यांना व्यापक ज्ञान आणि सामान्य सारांश मिळवावे आणि त्यामुळे त्यांनी विविध क्षेत्रातील करिअर साधनं करू शकता.
88 videos|166 docs|36 tests
Download as PDF
Explore Courses for Humanities/Arts exam

Top Courses for Humanities/Arts

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

past year papers

,

study material

,

गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Viva Questions

,

shortcuts and tricks

,

Semester Notes

,

Exam

,

pdf

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

Important questions

,

Sample Paper

,

गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ Important Question & Answers | Hindi Class 12 - Humanities/Arts

,

video lectures

,

ppt

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

Extra Questions

,

Summary

,

Free

;