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Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 3 | CBSE Sample Papers For Class 10 PDF Download

खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक-प्रश्न
अपठित गद्यांश

Q.1 नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 

गद्यांश- 1 यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश- 1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
गद्यांश-1
भारतीय दर्शन सिखाता है कि जीवन का एक आशय और लक्ष्य है। उस आशय की खोज हमारा दायित्व है और अंत में उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेना हमारा विशेष अधिकार है। इस प्रकार दर्शन जो कि आशय को उद्घाटित करने की कोशिश करता है और जहाँ तक उसे इसमें सफलता मिलती है, वह इस लक्ष्य तक अग्रसर होने की प्रक्रिया है। कुल मिलाकर आखिर यह लक्ष्य क्या है? इस अर्थ में यथार्थ में दर्शन के अनुसार लक्ष्य की प्राप्ति वह है, जिसमें लक्ष्य पा लेना या उस विषय में केवल जानना नहीं है बल्कि उसी का अंश हो जाना है। इस उपलब्धि में बाधा क्या है ? बाधाएँ कई हैं पर इनमें प्रमुख है अज्ञान। अशिक्षित आत्मा नहीं है, यहाँ तक कि यथार्थ संसार भी नहीं है। यह दर्शन ही है जो उसे शिक्षित करता है और अपने अज्ञान से उसे मुक्ति दिलाता है। इस प्रकार एक दार्शनिक होना एक अनुगमनकरना नहीं है, बल्कि एक शक्तिप्रद अनुशासन पर चलना है क्योंकि सत्य की खोज में लगे हुए सही दार्शनिक को अपने जीवन को इस प्रकार आचरित करना पड़ता है ताकि उस का उस यथार्थ से एकाकार हो जाए जिसे वह खोज रहा है। वास्तव में यही जीवन का सही मार्ग है। सभी दार्शनिकों को इसका पालन करना होता है। दार्शनिक ही नहीं हम मनुष्यों को भी इसी मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए
(i) भारतीय दर्शन क्या सिखाता है ?
(क) जीवन का एक लक्ष्य और उद्देश्य है
(ख) लक्ष्य की खोज करना हमारा कर्तव्य है
(ग) अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेना हमारा अधिकार है
(घ) उपरोक्त  सभी बातें
उत्तरः (घ)

(ii) भारतीय दर्शन वेळ अनुसार लक्ष्य की प्राप्ति होने का क्या अभिप्राय है ?
(क) लक्ष्य के विषय में जानना
(ख) लक्ष्य को पा लेना
(ग) लक्ष्य का ही अंश हो जाना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)

(iii) दार्शनिक होने का क्या अभिप्राय है ?
(क) हर समय भक्ति-भाव में लीन रहना
(ख) एक शक्तिप्रद अनुशासन का पालन करना
(ग) अपने लक्ष्य की खोज में लगे रहना
(घ) दूसरों को धर्म का उपदेश देना
उत्तरः  (ख)

(iv) लक्ष्य प्राप्ति में प्रमुख बाधा क्या है ?
(क) हमारा आलस्य
(ख) हमारा शिक्षित होना
(ग) ज्ञान का अभाव या अज्ञान
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः  (ग)

(v) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ?
(क) भारतीय दर्शन
(ख) ज्ञान और दर्शन
(ग) मानव दर्शन
(घ) जीवन दर्शन
उत्तरः  (क)
अथवा
गद्यांश-2
यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो  कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश- 2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।

एक बार स्वामी विवेकानंद का एक शिष्य उनके  पास आया और उसने कहा, ‘स्वामी जी मैं आपकी तरह भारत की संस्कृति, दर्शन और रीति-रिवाजों का प्रचार-प्रसार करने वेळ लिए अमेरिका जाना चाहता हूँ। यह मेरी पहली यात्रा है। आप मुझे विदेश जाने की अनुमति और अपना आशीर्वाद दें।’ स्वामी जी ने उत्तर दियाμ”सोचकर बताऊँगा।“ शिष्य हैरत में पड़ गया। उसने विवेकानंद जी से इस उत्तर की कल्पना भी नहीं की थी। उसने फिर कहा, ”स्वामी जी मैं आपकी तरह सादगी से अपने देश की संस्कृति का प्रसार करूँगा। मेरा ध्यान और किसी चीज में नहीं जाएगा। विवेकानंद ने फिर कहा, ”सोचकर बताऊंगा।“ शिष्य समझ गया कि वे उसे अमेरिका नहीं भेजना चाहते।
वह उनके  पास ही रुक गया। दो दिनों के बाद स्वामी जी ने उसे बुलाया और कहा, ‘तुम अमेरिका जाना चाहते हो तो जाओ, मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।’ शिष्य ने बहुत विनम्रता पूर्वक स्वामी जी से दो दिन बाद उत्तर देने का कारण पूछा। स्वामी जी ने कहा, ‘मैं देखना चाहता था कि तुम्हारे अंदर कितनी सहनशक्ति है, कहीं तुम्हारा आत्मविश्वास डगमगा तो नहीं रहा है, लेकिन तुम यहां रहकर निर्विकार भाव से मेरे आदेश की प्रतीक्षा करते रहे। न क्रोध किया, न जल्दबाजी की और न ही धैर्य खोया। जिसमें इतनी सहनशक्ति और गुरु के प्रति प्रेम भाव होगा, वह शिष्य कभी भटकेगा नहीं। किसी दूसरे देश वेळ नागरिक वेळ मन में अपने देश की संस्कृति को अंदर तक पहुंचाने के लिए ज्ञान के  साथ-साथ धैर्य, विवेक और संयम की आवश्यकता होती है। मैं इसी बात की परीक्षा ले रहा था।’ शिष्य स्वामी जी का यह उत्तर सुनकर अभिभूत हो गया।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) स्वामी जी का शिष्य किस उद्देश्य से अमेरिका जा रहा था ?
(क) भ्रमण  के उद्देश्य से
(ख) भारतीय संस्कृति, दर्शन और रीति-रिवाजों का प्रचार-प्रसार करने
(ग) अमेरिका की संस्कृति को जानने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(ii) स्वामी जी द्वारा उत्तर न दिए जाने पर शिष्य की क्या प्रतिक्रिया हुई ?
(क) वह क्रोध से आग बबूला हो गया
(ख) वह उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना अमरीका चला गया
(ग) वह दो दिन तक निर्विकार भाव से उत्तर की प्रतीक्षा करता रहा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)

(iii) स्वामी जी ने शिष्य को उसी समय उत्तर क्यों नहीं दिया?
(क) वे शिष्य  के  अमेरिका जाने से खुश नहीं थे
(ख) वे किसी कार्य में व्यस्त थे
(ग) क और ख दोनों
(घ) वे शिष्य  के  धैर्य, विवेक और संयम की परीक्षा लेना चाहते थे
उत्तरः (घ)

(iv) स्वामी जी  के  अनुसार किस प्रकार का शिष्य कभी नहीं भटकता?
(क) पढ़ाई में मन लगाने वाला 

(ख) सहनशक्ति और गुरू  के  प्रति प्रेम भाव रखने वाला
(ग) सब के  प्रति प्रेम भाव रखने वाला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(v) इस गद्यांश से हमें किन गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है ?
(क) गुरू के प्रति निष्ठा एवं समर्पण भाव की
(ख) जीवन में धैर्य और संयम को अपनाने की
(ग) विवेकपूर्ण निर्णय लेने की
(घ) उपरोक्त सभी गुणों की
उत्तरः (घ)

अपठित पद्यांश
Q.2  नीचे दो पद्यांश दिए गए हैं। किसी एक पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
पद्यांश- 1 यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो ड्डपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश- 1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
पद्यांश-1
थोड़े से बच्चों के  लिए
एक बगीचा है
उनके पाँव दूब पर पड़ रहे
असंख्य बच्चों वेळ लिए
कीचड़, धूल और गंदगी से पटी
गलियां हैं जिनमें वे
अपना भविष्य बीन रहे हैं
एक मेज़ है
सिर्पळ छह बच्चों वेळ लिए
और उनवेळ सामने
उतने ही अंडे और उतने ही सेब हैं
एक कटोरदान है सौ बच्चों वेळ बीच
और हजारों बच्चे
एक हाथ में रखी आधी रोटी को
दूसरे से तोड़ रहे हैं
ईश्वर होता तो इतनी देर में उसकी देह कोढ़ से गलने लगती
सत्य होता तो वह अपनी न्यायाधीश की
कुर्सी से उतरकर जलती सलाखें आँखों में खुपस लेता,
सुंदर होता तो वह अपने चेहरे पर
तेजाब पोत अंधे कुएं में कूद गया होता लेकिन..........
यहाँ दृश्य में कुछ छुपे हुए शब्द हैं
चापलूसी की नींद में
लपलपाती ज़ुबाने
और मस्तिष्क में काले गणित का
पैबंद है!
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) आप के अनुमान से दूब पर पड़ने वाले पाँव किन बच्चों के हो सकते हैं?
(क) निर्धन बच्चों के
(ख) समृद्ध  बच्चों के
(ग) बडे़ बच्चों के
(घ) इन सभी बच्चों के
उत्तरः (ख)

(ii) ‘एक मेज़ है ............ तोड़ रहे हैं’ - इन काव्य पंक्तियों में कवि किस असमानता की ओर संकेत कर रहा है ?
(क) धार्मिक असमानता की ओर
(ख) सामाजिक अव्यवस्था की ओर
(ग) बौद्धिक असमानता की ओर
(घ) आर्थिक असमानता की ओर
उत्तरः (घ)

(iii) ‘वे अपना भविष्य बीन रहे हैं’ - के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
(क) 
निर्धन बच्चे कूड़ा बीनकर अपना जीवन चलाते हैं
(ख) वे कूड़े में भोजन बीनते हैं
(ग) वे सड़कों पर अपना जीवन बिताते हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

(iv) इस कविता में कवि किस बात से नाराज और निराश है ?
(क) लोग इस विषम स्थिति के प्रति उदासीन हैं
(ख) नैतिक मूल्य कहीं खो गए हैं
(ग)  कुछ बच्चे जीवन यापन वेळ लिए काम करने को विवश हैं
(घ) उपरोक्त सभी कारणों से
उत्तरः (ख)

(v) कवि हमें किस वास्तविकता से परिचित करवाता है ?
(क) योजनाएँ सिर्फ कागजों तक सीमित हैं
(ख) चापलूसी और जोड़-तोड़ का धंधा फल.फूल रहा है
(ग) लोग इस स्थिति को बदलने  के  लिए प्रयास कर रहे हैं
(घ) क और ख दोनों
उत्तरः (घ)
अथवा
पद्यांश-2
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश- 2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं। 

टकराएगा नहीं आज उद्धत लहरों से,
कौन ज्वार फिर तुझे पार तक पहुंचाएगा?
अब तक धरती अचल रही पैरों के नीचे,
फूलों की दे ओट सुरभि के घेरे खींचे,
पर पहुँचेगा पथी दूसरे तट पर उस दिन,
जब चरणों के नीचे सागर लहराएगा। गर्त
शिखर बन,  उठे लिए भंवरों का मेला,
हुए पिघल ज्योतिष्क तिमिर की निश्छल बेला,
तू मोती के द्वीप स्वप्न में रहा खोजता,
तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा,
धूल पोंछ काँटे मत गिन छाले मत सहला
मत ठंडे संकल्प आंसुओं से तू बहला,
तुझसे हो यदि अग्नि-स्नात यह प्रलय महोत्सव
तभी मरण का स्वस्ति-गान जीवन गाएगा
टकराएगा नहीं आज उन्मद लहरों से
कौन ज्वार फिर तुझे दिन तक पहुंचाएगा।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए- 
(i) दिये काव्यांश का क्या उद्देश्य प्रतीत होता है? 1 
(क) आत्मविश्वास जगाने हेतु द्रष्टांत प्रस्तुति
(ख) हर हाल में कार्य करने की प्रेरणा
(ग) जागृति व उत्साहित करने हेतु प्रेरणा
(घ) जीवन दर्शन के विषय में प्रोत्साहन
उत्तर: (ख)

(ii) तू मोती के द्वीप स्वप्न में रहा खोजता-पंक्ति का भाव है- 1 अंक 
(क) मोतियों के समान आंसुओं को स्वप्न में आने वाले सुंदर द्वीपों पर नष्ट नहीं करना चाहिए
(ख) मोती के द्वीप खोजने के लिए सागर में दूर-दूर जाकर कष्टदायक विचरण करना होगा
(ग) जीवन संसाधनों के लिए यथार्थ में रहकर प्रयत्न करना होगा
(घ) यदि ऐसा होगा तो जीवन शिला-सा जम जाएगा
उत्तर: (ग)

(iii) तुझसे हो यदि अग्नि स्नात-पंक्ति का क्या अर्थ है-    1 अंक 
(क) यदि तुम जीवन की कष्टतम परिस्थिति झेल लेंगे तो जीवन तुम्हारे बलिदान की प्रशंसा करेगा
(ख) यदि तुम आग के दरिया में डूबकर जाने को तैयार हो तो जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो सकेगा
(ग) जीवन प्रलय के महोत्सव में आग लगाने वाला ही सफलता वीर कहलाएगा
(घ) यदि तुम जीवन में बलिदान करोगे तो जग सदा तुम्हारे जीवन की सराहना करेगा
उत्तर: (क)

(iv) समय को गतिशील करने के लिए क्या आवश्यक है?   1 अंक
(क) समय का सदुपयोग कर मानव कल्याण में लगे रहना
(ख) तुच्छ कार्यों में संलग्न न रहकर समय नष्ट होने से बचाना
(ग) अपने हाल की परवाह न करते हुए सकारात्मक भाव से कार्य करते रहना
(घ) ‘टालमटोल-समय का चोर’ कथनानुसार स्वस्ति (शुद्ध कार्य करने में टालमटोल न करना
उत्तर: (ग)

(v) काव्यांश के अनुसार, ‘फूलों की ओट व सुरभि के घेरे’-व्यक्ति के जीवन में क्या कार्य कर सकते हैं?    1 अंक 
(क) वे व्यक्ति के जीवन को अपनी सुगंध से शांत व एकाग्र कर सकते हैं
(ख) वे अपने औषधीय गुणों से व्यक्ति का जीवन व्याधि मुक्त कर सकते हैं
(ग) वे उसे लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग से विचलित कर सकते हैं
(घ) फूल उर्वरता व समृद्धि का प्रतीक हैं। वे जीवन में ईश्वर के प्रति निकट लाने में सहायक हो सकते हैं
उत्तर: (ग)

व्यावहारिक व्याकरण
Q.3. निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए-   4  अंक

(i) ‘हर्षिता बहुत विनम्र है और सर्वत्र सम्मान प्राप्त करती है।’-रचना के आधार पर वाक्य-भेद है?     1  अंक
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) साधारण वाक्य
उत्तर: (ग)
(ii) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है-    1  अंक 
(क) मैंने एक वृद्ध की सहायता की
(ख) जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है
(ग) अध्यापिका ने अवनि की प्रशंसा की तथा उसका उत्साह बढ़ाया
(घ) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया
उत्तर: (ख)
(iii) ‘प्रयश बाजार गया। वहाँ से सेब लाया।’ -इस वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूपांतरण होगा-   1  अंक
(क) प्रयश बाजार गया और वहाँ से सेब लाया
(ख) प्रयश सेब लाया जब वह बाजार गया
(ग) प्रयश बाजार जाकर सेब लाया
(घ) जब प्रयश बाजार गया तो वहाँ से सेब लाया
उत्तर: (क)

(iv) ‘जो वीर होते हैं, वे रणभूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं।’- रेखांकित उपवाक्य का भेद है?   1  अंक
(क) संज्ञा आश्रित उपवाक्य
(ख) सर्वनाम आश्रित उपवाक्य
(ग) क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य
(घ) विशेषण आश्रित उपवाक्य
उत्तर: (घ)

(v) निम्नलिखित में सरल वाक्य है-   1  अंक
(क) प्रातःकाल हुआ और सूरज की किरणें चमक उठीं
(ख) जब प्रातःकाल हुआ, सूरज की किरणें चमक उठीं
(ग) प्रातःकाल होते ही सूरज की किरणें चमक उठीं
(घ) जैसे ही प्रातःकाल हुआ सूरज की किरणें चमक उठीं
उत्तर: (ग)

Q.4 निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए
(i) मैं यह पुस्तक नहीं पढ़सवूगा। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(क) मैंने यह पुस्तक नहीं पढ़ी
(ख) मेरे द्वारा / मुझ से यह पुस्तक नहीं पढ़ी जा सकेगी
(ग) मेरे द्वारा / मुझसे यह पुस्तक नहीं पढ़ी गई
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग)

(ii) मुझसे बाज़ार नहीं जाया गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(क) मेरे द्वारा बाज़ार नहीं जाया जाएगा
(ख) मैं बाज़ार नहीं जाऊँगा / जाऊँगी
(ग) मैं बाज़ार नहीं जा रहा हूँ / जा रही हूँ
(घ) मैं बाज़ार नहीं गया / गई
उत्तर: (घ)

(iii) निष्ठावान लोग निष्ठापूर्वक काम किया करते हैं।
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क)

(iv) उमेश हँसा। (भाववाच्य में बदलिए)
(क) उमेश हँस नहीं सका
(ख) उमेश से हँसा गया
(ग) उमेश से नहीं हँसा गया
(घ) उमेश से हँसा जाता है
उत्तर: (ख)

(v) निम्नलिखित वाक्यों में से कर्मवाच्य वाला वाक्य छाँटकर लिखिए
(क) आज मैच खेला जाएगा
(ख) मनीषा गाना गा रही है
(ग) माँ खाना पका रही है
(घ) बच्चा रोया
उत्तर: (क)

Q.5 निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए
(i) रमेश तेज दौड़ा।

(क) अव्यय, कालवाचक व्रिळयाविशेषण, ‘चलना’ व्रिळया की विशेषता का सूचक
(ख) अव्यय, रीतिवाचक व्रिळयाविशेषण, ‘चलना’ व्रिळया की विशेषता का सूचक
(ग) अव्यय, स्थानवाचक व्रिळयाविशेषण, ‘चलना’ व्रिळया की विशेषता का सूचक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)
(ii) निर्धन मजदूर दिन-रात परिश्रम कर रहा है।
(क) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-मज़दूर
(ख) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-मजदूर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः  (क)

(iii) कल प्राचार्य जी प्रत्येक कक्षा में गए।

(क) क्रिया सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ख) क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य
(ग) क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
(घ) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तरः (क)

(iv) परितोष विद्यालय जा रहा है।
(क) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जा रहा है’  क्रिया का कर्ता
(ख) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्ता
(ग) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक, ‘जा रहा है’ क्रिया का कर्म
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(v) वाह ! कितना सुन्दर दृश्य है।
(क) अव्यय, विस्मयादिबोधक, शोक सूचक
(ख) अव्यय, संबंध बोधक, दृश्य से संबंध
(ग) क्रिया विशेषण, स्थान वाचक, दृश्य की विशेषता बता रहा
(घ) अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष सूचक
उत्तरः (घ)

Q.6  निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए-
(i) स्थायी भाव जाग्रत होने पर आश्रय की बाहरी चेष्टाओं को क्या कहते हैं ?

(क) उद्दीपन
(ख) संचारी भाव
(ग) विभाव
(घ) अनुभाव
उत्तरः (घ)

(ii) करुण रस का स्थाई भाव क्या है ?
(क) रति
(ख) विस्मय/ आश्चर्य
(ग) शोक
(घ) निर्वेद
उत्तरः (ग)

(iii) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में कौन सा रस है ?
एक और अजगरहि लखि एक ओर मृगराय।
विकल बटोही बीच ही, परयो मूरछा खाय।
(क) भयानक रस
(ख) हास्य रस
(ग) करुण रस
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

(iv) संचारी भावों को और क्या कहते हैं ?
(क) अविकारी भाव
(ख) अनाचारी भाव
(ग) व्यभिचारी भाव
(घ) विकारी भाव
उत्तरः (ग)

(v) जुगुप्सा किस रस का स्थाई भाव है ?
(क) 
भयानक
(ख) वीभत्स
(ग) वीर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

पाठ्यपुस्तक
Q.7. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-     5 × 1 = 5

खेतीबारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते, कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते, किसी से भी दो-टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से खामखाह झगड़ा मोल लेते, किसी की चीज नहीं छूते, न बिना पूछे व्यवहार में लाते। इस नियम को कभी-कभी इतनी बारीकी तक ले जाते कि लोगों को कुतूहल होता। कभी वह दूसरे के खेत में शौच के लिए भी नहीं बैठते! वह गृहस्थ थे( लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी। जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे ‘साहब’ के दरबार में ले जाते-जो उनके घर से चार कोस दूर पर था-एक कबीरपंथी मठ से मतलब! वह दरबार में ‘भेंट’ रूप रख लिया जाता। ‘प्रसाद’ रूप में जो उन्हें मिलता, उसे घर लाते और उसी से गुजर चलाते!
(i) लेखक ने बालगोबिन भगत को साधु क्यों कहा जाता है?   1 अंक
(क) वे साधु के समान दिखते थे
(ख) वे मोह-माया से दूर थे
(ग) वे सच्चे साधुओं जैसा ही उत्तम आचार-विचार रखते थे
(घ) वे किसी से झगड़ा नहीं करते थे
उत्तरः (ग)

(ii) बालगोबिन भगत का कौन-सा कार्य-व्यवहार लोगों के आश्चर्य का विषय था?    1 अंक
(क) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से अपने आचरण में पालन करना
(ख) गीत गाते रहना
(ग) किसी से झगड़ा न करना
(घ) अपना काम स्वयं करना
उत्तरः (क)

(iii) बालगोबिन भगत कबीर के आदर्शों पर चलते थे क्योंकि- 1 अंक
(क) कबीर भगवान का रूप थे
(ख) वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे
(ग) कबीर उनके गाँव के मुखिया थे
(घ) कबीर उनके मित्र थे
उत्तरः (ख)

(iv) बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम किसे भेंट कर देते।   1 अंक
(क) गरीबों को
(ख) मंदिर में
(ग) घर में
(घ) कबीरपंथी मठ में
उत्तरः (घ)

(v) ‘वह गृहस्थ थे; लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी।’-यहाँ ‘साहब’ से क्या आशय है?   1 अंक 
(क) गुरु
(ख) मुखिया
(ग) कबीर
(घ) भगवान
उत्तरः (ग)

Q.8 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए
(i) बालगोबिन भगत द्वारा अपने पुत्र की मृत्यु पर शोक न मनाने अथवा आनंद उत्सव मनाने का क्या कारण था ?
(क) वे सब कुछ भूल चुके थे
(ख) वे कबीर  के भक्त थे
(ग) वे मृत्यु को विरहणी आत्मा और परमात्मा का मिलन मानते थे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग)

(ii) लेखक ने फादर की उपस्थिति को देवदार की छाया सदृश समान क्यों कहा है ?
(क) फळादर देवदार  के वृक्ष जैसे लंबे-चैड़े थे
(ख) वे जिससे रिश्ता बनाते, जीवन भर निभाते थे
(ग) वे देवदार की शीतल छाया  के समान सब को शांति, स्नेह, आशीर्वाद और अपनत्व प्रदान करते थे
(घ) वे बहुत ऊँचे पद पर कार्यरत थे
उत्तर: (ग)

Q.9  निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उनकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की
कुछ तर्कों और कुछ पंक्तियों की।
(i) माँ का कौन-सा दुख प्रामाणिक था ?
(क) अपनी बेटी के भोली होने का
(ख) अपनी बेटी का कन्यादान कर उसे वर पक्ष वेळ हाथ सौंपने का
(ग) अपनी पुत्री का विवाह करने का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(ii)  बेटी को माँ की ‘अंतिम पूँजी’ क्यों कहा गया है ?
(क) बेटी माँ वेळ सुख-दुख की साथी होती है
(ख) माँ-बेटी में बहुत आत्मीय संबंध होता है
(ग) माँ को बेटी संचित धन के समान प्रिय होती है
(घ) उपरोक्त सभी कारणों से
उत्तरः (घ)

(iii) लड़की केसी थी?
(क) भोली और सरल
(ख) सयानी
(ग) चालाक
(घ) बहुत बुमान
उत्तरः  (क)

(iv) ‘लड़की अभी सयानी नहीं थीं’-के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं ?
(क) 
लड़की मूर्ख थी
(ख) लड़की को सामाजिक कठिनाइयों और व्यापार की जानकारी नहीं थी
(ग) कुछ समझ नहीं पाती थी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः  (ख)

(v) इस काव्यांश के कवि हैं
(क)
जयशंकर प्रसाद
(ख) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(ग) ऋतुराज
(घ) सूरदास
उत्तरः (ग)

Q.10  निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए-
(i)
गोपियाँ किसे और क्यों राजधर्म की याद दिलाना चाहती हैं ?
(क) श्री वृळष्ण को, क्योंकि वे राजधर्म  के  विरूद्ध कार्य कर रहे हैं
(ख) कंस को, क्योंकि वह राजधर्म  के विरूद्ध कार्य कर रहा है
(ग) उद्धव को, क्योंकि वे गोपियों को योग का संदेश दे रहे हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

(ii) ‘कन्यादान’ कविता में वस्त्र और आभूषणों को शाब्दिक भ्रम क्यों कहा गया है ?
(क) क्योंकि नववधू इनके आकर्षण में फंसकर भ्रमित हो जाती है
(ख) इसकी आड़ में लोग उसका शोषण करते हैं
(ग) ये स्नेह के भ्रम का आभास करवा के स्त्री को बंधन में जकड़े रहते हैं
(घ) उपरोक्त सभी कारणों से
उत्तरः (घ)

खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पाठ्य-पुस्तक
Q.11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-     2 × 4 = 8
(i) हालदार साहब कैप्टन को देखकर अवाक क्यों रह गए? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तरः
  हालदार साहब की कल्पना थी कि कैप्टन प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी होगा पर उनकी कल्पना के विपरीत कैप्टन अत्यंत बूढ़ा, कमजोर और लंगड़ा आदमी था। ऐसा निर्धन, बूढ़ा तथा कमज़ोर-सा व्यक्ति भी देशभक्ति से ओत-प्रोत हो सकता है यह देखकर हालदार साहब अवाक् रह गए।
व्याख्यात्मक हल:
जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् नहीं देखा था तो उनके मानसपटल पर कैप्टन के रूप में एक अनुशासित, प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी, हृष्ट-पुष्ट सैनिक की छवि अंकित थी। अपनी कल्पना के विपरीत कैप्टन को अत्यंत बूढ़े, कमजोर, निर्धन और दिव्यांग व्यक्ति के रूप में सामने पाकर हालदार साहब अवाक् रह गए। वे कैप्टन जैसे व्यक्ति में व्याप्त असीम देशभक्ति की भावना का अनुभव कर श्रद्धा से नतमस्तक हो गए।

(ii) बालगोबिन भगत जी अपनी पतोहू को उत्सव मनाने को क्यों कहते हैं?
उत्तरः 
भगत जी का मानना था कि आत्मा परमात्मा का अंश है। वह सदा परमात्मा से मिलने के लिए तड़पती है, जब व्यक्ति मरता है, तो आत्मा परमात्मा से मिल जाती है। उसकी तड़पन समाप्त हो जाती है, इसलिए भगतजी अपनी पतोहू को उत्सव मनाने की बात कह रहे थे।
व्याख्यात्मक हल: 
भगत के अनुसार मृत्यु शोक का कारण न होकर उत्सव मनाने का दिन होता है। बालगोबिन भगत का मानना था कि आत्मा परमात्मा का ही अंश है। मृत्यु के पश्चात् विरहिणी आत्मा इस शरीर को छोड़कर अपने प्रिय परमात्मा से जा मिलती है। अतः इससे अधिक आनंद की बात क्या होगी ? अपने इसी विश्वास के कारण वे अपने पुत्र की मृत्यु के बाद भी भजन गाते रहे और अपनी पुत्रवधू को भी रोने के बदले उत्सव मनाने को कहते हैं।

(iii) ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने खीरा खाने से मना क्यों किया? 
उत्तरः लेखक कुछ समय पहले नवाब साहब द्वारा रखे गए खीरे खाने के आमंत्रण को ठुकरा चुके थे, अतः अब आत्मसम्मान निभाना आवश्यक समझने के कारण उन्होंने खीरा खाने से इंकार कर दिया।
व्याख्यात्मक हल: 
लेखक नवाब साहब के अकस्मात् हुए भाव-परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे। उन्हें लगा कि वे लेखक को मामूली आदमी समझ रहे हैं इसलिए अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हुए लेखक ने नवाब साहब के खीरा खाने के आग्रह को पहले अस्वीकार कर दिया था। इसलिए बाद में अनुकूल परिस्थितियां तथा खीरा खाने की इच्छा होते हुए भी लेखक ने आत्मसम्मान में नवाब साहब के आग्रह को दोबारा नकार/ठुकरा दिया।

(iv) फादर कामिल बुल्के एक संन्यासी थे, परन्तु पारंपरिक अर्थ में हम उन्हें संन्यासी क्यों नहीं कह सकते?
उत्तरः लेखक के फादर कामिल बुल्के की उपस्थिति को देवदार की छाया के सदृश्य इसलिए कहा है क्योंकि फादर का विशाल व्यक्तित्व मिलने वालों को शांति, सुकून, आशीर्वाद, प्यार एवं अपनत्व से भर देता था।
व्याख्यात्मक हलः
फादर बुल्के ने परम्परागत संन्यासी से अलग एक नई छवि प्रस्तुत की। वे केवल संकल्प से संन्यासी थे, मन से नहीं। सामान्यतः संन्यासी के मन में किसी के प्रति विशेष लगाव नहीं होता, जबकि फादर बुल्के के मन में अपनी माँ तथा परिचितों के प्रति विशेष स्नेह था। वे बखूबी रिश्ते निभाते थे। अपने प्रियजनों के घर समय-समय पर उत्सवों और संस्कारों में शामिल होते थे। संकट के समय उनसे सहानुभूति रख धैर्य बंधाते थे। संन्यासी की तरह न रहकर आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से उन्होंने अध्यापन कार्य भी किया।

Q.12 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में लिखिए
(i) गोपियों ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को किस उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया है ?
उत्तर:
गोपियों ने गुड़ से चिपकी हुई चींटियों का उदाहरण देकर श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को अभिव्यक्त किया है। उनके अनुसार श्री कृष्ण में गुड़ की सी मिठास है और भोली गोपिकाएँ सहज भाव से चीटियों के समान गुड़ से चिपकी रहना चाहती हैं। वे श्री कृष्ण की अनन्य भक्त हैं।

(ii) साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
साहस और शक्ति एक योद्धा के अनिवार्य गुण होते हैं किन्तु यदि इसके साथ व्यक्ति में विनम्रता भी हो तो उसका व्यक्तित्व और भी प्रभावी बन जाता है। विनम्रता से अनावश्यक वाद-विवाद और अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकता है। विनम्रता से शत्रु के क्रोध पर भी विजय पाई जा सकती है। अपने विनम्र स्वभाव से व्यक्ति सभी का सम्मान प्राप्त करता है।

(iii) माँ को अपनी बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों प्रतीत होती है ? कन्यादान कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
माँ के लिए बेटी उस अनमोल संचित जमा पूँजी की तरह होती है जिसे कोई मनुष्य अपने विपत्ति काल या आवश्यकता के लिए सहेज कर रखता है। वह उसकी अंतरंग मित्र और दुःख-सुख की सच्ची साथी होती है। माँ उससे अपने मन की हर बात कह लेती है। बेटी को विदा करने के बाद उसके  जीवन में रिक्तता आ जाती है। इसलिए माँ को बेटी अपनी ‘अंतिम पूँजी’ प्रतीत होती है।

Q.13  निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए
(i) ‘माता का आँचल’ शीर्षक की सार्थकता कीजिए और पाठ का कोई अन्य उपयुक्त शीर्षक भी लिखिए।
उत्तरः 
भोलानाथ का अधिकांश समय अपने पिता के साथ ही बीतता था किंतु विपत्ति काल में भोलानाथ माता के आँचल में ही शरण लेता है। माँ का ममत्व बच्चे को संसार के बडे़ से बड़े भय से मुक्ति प्रदान कर के सर्वाधिक सुख तथा सुरक्षा प्रदान करता है। अतः अध्याय का शीर्षक विषयानुवूळल तथा लेखक की भावना को पूर्णता अभिव्यक्त करने के कारण सार्थक एवं सटीक है। इसका अन्य शीर्षक-‘बचपन की मधुर स्मृतियाँ’ अथवा ‘माता-पिता का सानिध्य’ भी हो सकता हैं।

(ii) आज की पत्रकारिता चर्चित हस्तियों के खान-पान और पहनावे संबंधी आदतों का वर्णन करने का दौर सा चल पड़ा है, इसवेळ संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए युवा पीढ़ी पर उसवेळ प्रभाव के विषय में लिखिए।
उत्तरः 
मेरे विचार से यह पत्रकारिता का प्रशंसनीय कार्य नहीं है। प्रायः पत्रकारिता में कुछ ऐसे व्यक्तियों वेळ चरित्र को भी महत्व दे दिया जाता है जो चारित्रिक रूप से समाज में प्रशंसनीय नहीं है किंतु अपने असहज कार्यों से चर्चा में आ जाते हैं। इस प्रकार की व्यर्थ चर्चाएँ युवा पीढ़ी पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। वे उन व्यक्तियों का अनुसरण करते हैं और वैसा ही जीवन जीना चाहते हैं। कई बार उन की इच्छाएँ इतनी बलवती हो जाती हैं कि वे अपने लक्ष्य को भूलकर अनुचित मार्ग अपनाने में भी संकोच नहीं करते हैं या अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं।

(iii) प्रवृत्ति द्वारा जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की गई है ?
उत्तरः
प्रकृति ने जल संचय की अÚुत व्यवस्था की है।  प्रकृति सर्दियों में बर्फ के रूप में वर्षा के जल का संग्रह कर लेती है। गर्मियों में जब जनमानस पानी वेळ अभाव में त्राहि-त्राहि करने लगता है तो यह सब की शिलाएँ पिघल-पिघल कर कल-कल करती नदियों की जलधारा वेळ रूप में प्राणिमात्र की प्यास बुझाती हैं। इन्हीं नदियों की बहती धारा अन्न उत्पादन में भी सहयोग कर जन-जीवन का पोषण करती हैं।

लेखन
Q.14  निम्नलिखित में किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80.100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
(i)  प्रतिभा पलायन / युवाओं का विदेशों के  प्रति बढ़ता मोह / विदेशी आकर्षण और युवा

  • भूमिका, 
  • प्रतिभा पलायन  के  कारण, 
  • समस्या  के  समाधान  के  उपाय,
  •  निष्कर्ष

उत्तर: प्रतिभा पलायन का अभिप्राय है किसी देश के  उच्च बौद्धिक  प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तियों का अन्यत्र चले जाना। अपने कार्य क्षेत्र में दक्ष युवा शक्ति देश के  विकास और प्रगति का मुख्य आधार होती है किन्तु आज अधिकतर नौजवान एक सुविधा संपन्न जीवन जीने की अभिलाषा से विदेशों के  प्रति आकर्षित हो रहे हैं। विदेशों के  स्वतंत्र वातावरण और उच्चस्तरीय जीवन शैली के  कारण वहाँ जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है। भारत में बढ़ती बेरोजगारी और विदेशों में रोजगार, शिक्षा और अनुसंधान के  नए अवसर प्राप्त होना इसका एक प्रमुख कारण है। इस प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए हमें अपने देश में रोजगार और शैक्षिक अनुसंधान के  अवसर उपलब्ध कराने होंगे। युवाओं का भी यह नैतिक कर्तव्य है कि अपनी प्रतिभा का प्रयोग राष्ट्रहित में करें।

(ii) शिक्षा का माध्यम मातृभाषा

  • मातृभाषा का अर्थ एवं उपयोगिता, 
  • मनोवैज्ञानिक आधार, 
  • शिक्षण का माध्यम,
  • निष्कर्ष

उत्तर: मातृभाषा वह होती है जिसे बच्चा अपनी माँ से सीखता है। बच्चा माँ की गोद में रहकर उसके  मुख से निकली ध्वनियों को सहज रूप से स्वीकार कर लेता है। उसकी अभिव्यक्ति का माध्यम वही भाषा बनती है जबकि अन्य भाषाएँ उसे सप्रयास सीखनी पड़ती हैं। मातृभाषा को शिक्षण का माध्यम बनाना पूर्णता मनोवैज्ञानिक है। संसार के  अधिकांश देशों में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा है जबकि भारत में आजकल अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बालक की मौलिक प्रतिभा के  विकास के  लिए उसे मातृभाषा में ही शिक्षा दी जानी चाहिए। महात्मा गाँधी ने भी अपनी बुनियादी शिक्षा में मातृभाषा को शिक्षण का माध्यम स्वीकार किया था। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के  बच्चे मातृभाषा में शिक्षित होकर प्रगति की दौड़ में शहरी बच्चों के  समकक्ष आ सकेगे। अतः शिक्षाविदों को इस बारे में गंभीरतापूर्वक सोचना होगा।

(iii)  ‘विपति कसौटी जे कसे, सोई साँचे मीत’

  • मित्रता का अर्थ,
  • जीवन में मित्र की आवश्यकता, 
  • सच्चे मित्र की विशेषताएँ, 
  • निष्कर्ष

उत्तर: मित्रता का तात्पर्य है किसी  के  दुख सुख का सच्चा साथी होना। हमें जीवन में एक सच्चे मित्र की आवश्यकता होती है, अतः मित्रों  के  चुनाव में हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आदर्श मित्र हमारा शुभचिंतक तथा मार्गदर्शक होता है। सच्चा मित्र मिलना बड़े सौभाग्य की बात होती है। विपत्ति  के  समय साथ देने वाले ही सच्चे मित्र कहे जाते हैं। कहा भी गया है कि विश्वासपात्र मित्र जीवन की औषधि के समान होता है। सच्चा मित्र हमें असत्य से सत्य, पाप से पुण्य, अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान और अधर्म से धर्म की ओर ले जाता है। मैत्री  के  लिए आवश्यक नहीं हैं कि दो व्यक्तियों  के  स्वभाव और आदतें एक जैसी हों। कई बार विपरीत स्वभाव वाले व्यक्ति भी आदर्श मित्र बन जाते हैं। सच्चे मित्र जीवन में उत्साह प्रदान कर विषम परिस्थितियों में साथ देते हुए निरंतर उन्नति  के  मार्ग पर प्रशस्त करता है। अतः जीवन में एक सच्चे मित्र का होना अत्यंत सौभाग्य की बात है।

Q.15. एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक को अपनी कविता प्रकाशित करवाने का अनुरोध करते हुए एक पत्र 80-100 शब्दों में शब्दों में लिखिए।     1 × 5 = 5
उत्तरः 

सेवा में,
संपादक
दैनिक जागहरण नई दिल्ली
विषय-स्वरचित कविता प्रकाशित कराने के संदर्भ में
महोदय
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के विशिष्ट साहित्यिक परिशिष्ट में समय-समय पर प्रकाशित होने वाले लेख, कहानियाँ एवं कविताएँ सदैव ही साहित्य प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। सभी रचनाएँ स्तरीय, ज्ञानवर्धक एवं रोचक होती हैं। कविता लेखन में मेरी बाल्यकाल से ही रुचि रही है। इन रचनाओं से प्रेरित होकर मैंने भी मनुष्य जीवन की सार्थकता पर एक कविता लिखी है, जो मैं आपके समाचार पत्र के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाना चाहती हूँ। मैं अपने पत्र के साथ वह काव्य-रचना संलग्न कर रही हूँ। आशा है आप मेरे इस अनुरोध को स्वीकार कर अपने समाचार पत्र के लोकप्रिय स्तंभ में उसे स्थान देकर मुझे कृतार्थ करेंगे।
निवेदिका
अ.ब.स
म. सं. 22, न्यू काॅलोनी
गंगानगर
मेरठ (उत्तर प्रदेश)
दिनांक: 14.04.20XX
अथवा
अपने बड़े भाई को सेना में उच्च पद प्राप्त करने की बधाई देते हुए एक पत्र 80-100 शब्दों में लिखिए।

कमरा नं. 22
ए नवोदय छात्रावास
नई दिल्ली
दिनांक 15 मई 20xx
आरणीय भाई साहब
सादर प्रणाम
आज ही आपके पत्र से आपके सेना में उच्च पद पर नियुक्ति का सुखद समाचार प्राप्त हुआ। पत्र पढ़ते ही मेरा मन प्रसन्नता से भर गया। आखिर आपकी मेहनत रंग लाई और आपका वह सपना पूरा हो गया जिसकी आपको वर्षों से आकांक्षा थी। इस अवसर पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। मैं आपके  उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ तथा ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आप अपने इस दायित्व को सफलतापूर्वक निभाएँ। आदरणीय पिताजी और माताजी को मेरा चरण स्पर्श और प्रिय स्मृति को प्यार कहिएगा ।
आपका अनुज

Q.16 जल संरक्षण हेतु ‘जल संसाधन मंत्रालय’ की ओर से जनहित में जारी एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। 
उत्तर:
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वैश्विक महामारी ‘कोविड-19’ / ‘कोरोना’ से बचाव संबंधी जानकारी देते हुए लोगों को जागरूक करने हेतु 25-50 शब्दों में एक उपयोगी विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः
Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 3 | CBSE Sample Papers For Class 10
Q.17  अपने मित्र को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर 30-40 शब्दों में एक बधाई संदेश लिखिए।
उत्तरः
Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 3 | CBSE Sample Papers For Class 10

अथवा
‘स्वतंत्रता दिवस’ की बधाई देते हुए अपने ऑफिस वेळ सहयोगियों वेळ लिए 30.40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तरः

Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 3 | CBSE Sample Papers For Class 10

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FAQs on Class 10 Hindi A: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 3 - CBSE Sample Papers For Class 10

1. इस सैंपल प्रश्न पत्र में कितने प्रश्न हैं?
उत्तर: इस सैंपल प्रश्न पत्र में कुल 3 प्रश्न हैं।
2. सैंपल प्रश्न पत्र की भाषा क्या है?
उत्तर: सैंपल प्रश्न पत्र की भाषा हिंदी है।
3. सैंपल प्रश्न पत्र कौन जारी करता है?
उत्तर: सैंपल प्रश्न पत्र केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जारी करता है।
4. क्या सैंपल प्रश्न पत्र में उत्तर भी दिए गए हैं?
उत्तर: हाँ, सैंपल प्रश्न पत्र में उत्तर भी दिए गए हैं।
5. सैंपल प्रश्न पत्र का उपयोग किसलिए किया जाता है?
उत्तर: सैंपल प्रश्न पत्र का उपयोग छात्रों को परीक्षा के पैटर्न, प्रश्नों की संरचना और उत्तरों की व्याख्या समझने में मदद करने के लिए किया जाता है।
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