Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  CBSE Sample Papers For Class 10  >  Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10 PDF Download

Q.1. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

गद्यांश-1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृप्या  उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के  उत्तर लिख रहे हैं।
वर्तमान युग कंप्यूटर युग है। यदि भारतवर्ष पर नज़र दौड़ाकर देखें तो हम पाएँगे कि जीवन के  लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रवेश हो गया है। बैंक, रेलवे-स्टेशन, हवाई-अड्डे, डाकखाने, बड़े-बड़े उद्योग-कारखाने, व्यवसाय, हिसाब-किताब, रुपये गिनने तक की मशीनें  कंप्यूटररीकृत हो गई हैं। अब भी यह  कंप्यूटर का प्रारंभिक प्रयोग है। आने वाला समय इसके विस्तार फैलाव का संकेत दे रहा है। प्रश्न उठता है कि क्या  कंप्यूटर आज की जरूरत है? इसका उत्तर है- कंप्यूटर जीवन की मूलभूत अनिवार्य वस्तु तो नहीं है, किन्तु इसके बिना आज की दुनिया अधूरी जान पड़ती है। सांसारिक गतिविधियों, परिवहन और संचार उपकरणों आदि का ऐसा विस्तार हो गया है कि उन्हें सुचारू रूप से चलाना अत्यंत कठिन होता जा रहा है।
पहले मनुष्य जीवन-भर में अगर सौ लोगों के संपर्क में आता था तो आज वह दो-हजार लोगों के संपर्क में आता है। पहले दिन में पाँच-दस लोगों से मिलता था तो आज पचास-सौ लोगों से मिलता है। पहले वह दिन में काम करता था तो आज रातें भी व्यस्त रहती हैं। आज व्यक्ति के संर्पक बढ़ रहे हैं, व्यापार बढ़ रहे हैं, गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, आकांक्षाएँ बढ़ रही हैं, साधन बढ़ रहे हैं। इस अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की समस्या आज की प्रमुख समस्या है। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है। इस आवश्यकता ने अपने अनुसार निदान ढूँढ लिया है।
कम्प्यूटर एक ऐसी स्वचालित प्रणाली है जो कैसी भी अव्यवस्था को व्यवस्था में बदल सकती है। हड़बड़ी में होने वाली मानवीय भूलों के  लिए कंप्यूटर रामबाण औषधि है। क्रिकेट के  मैदान में अंपायर की निर्णायक भूमिका हो या लाखों-करोड़ों की लंबी-लंबी गणनाएँ कंप्यूटर पलक झपकते ही आपकी समस्या हल कर सकता है। पहले इन कामों को करने वाले कर्मचारी हड़बड़ाकर काम करते थे, एक भूल से घबराकर और अधिक गड़बड़ी करते थे। परिणामस्वरूप काम कम, तनाव अधिक होता था। अब के  कंप्यूटर की सहायता से काफी सुविधा हो गई है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए- 

(i) वर्तमान युग व कंप्यूटर का युग क्यों है?
(क) 
कम्प्यूटर के बिना जीवन की कल्पना असंभव सी हो गयी है।
(ख) कम्प्यूटर ने पूरे विश्व के लोगों को जोड़ दिया है।
(ग) कम्प्यूटर जीवन की अनिवार्य मूलभूत वस्तु बन गया है।
(घ) कम्प्यूटर मानव सभ्यता के  सभी अंगों का अभिन्न अवयव बन चुका है।
उतर: (क)

(ii) गद्यांश के अनुसार  कम्प्यूटर  के महत्त्व के विषय में कौन-सा विकल्प सही है
(क) 
कम्प्यूटर काम के तनाव को समाप्त करने का उपाय है।
(ख)  कम्प्यूटर कई मानवीय भूलों को निर्णायक रूप से सुधार देता है।
(ग)  कम्प्यूटर के आने से सारी हड़बड़ाहट दूर हो गई है।
(घ) मानव की सारी समस्याओं का हल  कम्प्यूटर से संभव है।
उतर: (ख)

(iii) गद्यांश के अनुसार किस आवश्यकता ने के कंप्यूटर में अपना निदान ढूँढ लिया है?
(क) 
अनियंत्रित कर्मचारियों को अनुशासित करने की
(ख) अनियंत्रित गति को सुव्यवस्था देने की
(ग) अधिक से अधिक लोगों से जुड़ जन-जागरण लाने की
(घ) अधिक से अधिक कार्य कभी भी व कहीं भी करने की
उत्तर: (ख)

(iv) कम्प्यूटर के  प्रयोग से पहले अधिक तनाव क्यों होता था?
(क) 
लंबी-लंबी गणनाएँ करनी पड़ती थीं।
(ख) गलतियों के  डर से कर्मचारी घबराए रहते थे।
(ग) क्रिकेट मैचों में गलत निर्णय का खतरा रहता था।
(घ) मानवीय भूलों के  कारण बड़ी दुर्घटनाएँ होती थीं।
उत्तर: (ख)

(v) कम्प्यूटर के बिना आज की दुनिया अधूरी है क्योंकि -
(क) 
सारी व्यवस्था, उपकरण और मशीनें कम्प्यूटरीकृत हैं।
(ख) कम्प्यूटर  ही मानव एकीकरण का आधार है।
(ग) कम्प्यूटर  ने सारी प्रक्रियायें आसान बना दी हैं।
(घ) कम्प्यूटर  द्वारा मानव सभ्यता अधिक समर्थ हो गयी है।
उत्तर: (क)

अथवा

गद्यांश-2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृप्या उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-2  पर आधारित प्रश्नों  के  उत्तर लिख रहें हैं।
पाठक आमतौर पर रूढ़िवादी होते हैं, वे सामान्यतः साहित्य में अपनी स्थापित मर्यादाओं की स्वीकृति या एक स्वप्न-जगत में पलायन चाहते हैं। साहित्य एक झट के  में उन्हें अपने आस-पास के  उस जीवन  के प्रति सचेत करता है, जिससे उन्होंने आँखें मूँद रखी थीं। शुतुरमुर्ग अफ्रीका  के रेगिस्तानों में नहीं मिलतेऋ वे हर जगह बहुतायत में उपलब्ध हैं। प्रौद्योगिकी  के इस दौर का नतीजा जीवन के  हर गोशे में नक़द फ़सल  के लिए बढ़ता हुआ पागलपन हैऋ और हमारे राजनीतिज्ञ, सत्ता  के दलाल, व्यापारी,  लोगों को इस भगदड़ में नहीं पहुँचने, जैसा दूसरे करते हैं वैसा करने, चूहादौड़ में शामिल होने और कुछ-न-कुछ हांसिल कर लेने को जिए जा रहे हैं। हम थककर साँस लेना और अपने चारों ओर निहारना, हवा  के पेड़ में से गुज़रते वक़्त पत्तियों की मनहर लय-गतियों को और फूलों  के जादुई रंगोंको, फूली सरसों  के चमकदार पीलेपन को, खिले मैदानों की घनी हरीतिमा को मर्मर ध्वनि के  सौन्दर्य, हिमाच्छादित शिखरों की भव्यता, समुद्र तट पछाड़ खाकर बिखरती हुई लहरों के घोष को देखना-सुनना भूल गए हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि पश्चिम का आधुनिकतावाद और भारत तथा अधिकांश तीसरी दुनिया के नव-औपनिवेशिक चिंतन के साथ अपनी जड़ों से अलगाव, व्यक्तिवादी अजनबियत में हमारा अनिवार्य बेलगाम धँसाव, अचेतन के बिंब, बौद्धिकता से विद्रोह, यह घोषणा कि ‘दिमाग अपनी रस्सी के अंतिम सिरे पर है’, यथार्थवाद का विध्वंस, काम का ऐन्द्रिक सुख मात्र रह जाना और मानवीय भावनाओं का व्यावसायीकरण तथा निम्नस्तरीयकरण इस अंधी घाटी में आ फाँसने की वजह है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि आधुनिकीकरण इतिहास की एक सच्चाई है कि नई समस्याओं को जन्म देने और विज्ञान को अधिक जटिल बनाने के बावजूद आधुनिकीकरण, एक तरह से, मानव जाति की नियति है।
मेरा सुझाव है कि विवेकहीन आधुनिकता के  बावजूद आधुनिकता की दिशा में धैर्यपूर्वक सुयोजित प्रयास होने चाहिए। एक आलोचक किसी नाली में भी झांक सकता है, पर वह नाली-निरीक्षक नहीं होता लेखक का कार्य दुनिया को बदलना नहीं, समझता है। साहित्य क्रांति नहीं करता वह मनुष्यों का दिमाग बदलता है और उन्हें क्रांति की आवश्यकता के  प्रति जागरूक बनाता है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i)  गद्यांश में शुतुरमुर्ग की संज्ञा किसे दी गई है?
(क) 
लेखक, जो संसार को समझना चाहता है।
(ख) राजनीतिज्ञ, जो अपने स्वार्थ साधना चाहता है।
(ग) पाठक, जो सपनों की दुनिया में रहना चाहता है।
(घ) नौकरशाह, जो दूसरों जैसा बनने को होड़  में शामिल है।
उत्तर: (ग)

(ii) आधुनिकता की दिशा में सुयोजित प्रयास क्यों होने चाहिए?
(क) 
इससे जीवन सुगम हो जायेगा तथा मानव प्रकृति का आनंद ले सके गा।
(ख) नई समस्याओं को जन्म लेने के पहले ही रोका जा सकेगा।
(ग) आधुनिक होने की प्रक्रिया सदा से मानव सभ्यता का अंग रही है।
(घ) इससे विज्ञान सरल हो अधिक मानव कल्याणी हो सके गा।
उत्तर: (ग)

(iii) ‘नकद फ़सल के लिए बढ़ता हुआ पागलपन’ से क्या तात्पर्य है?
(क) 
लोग तुरंत व अधिक से अधिक लाभ कमाना करना चाहते हैं।
(ख) लोग प्रकृति को समय नहीं देना चाहते हैं।
(ग) लोग थके  हुए हैं, पर विश्राम नहीं करना चाहते।
(घ) लोग भौतिकतावादी तथा अमीर लोगों की नकल करना चाहते हैं।
उत्तर: (क)

(iv) पाठक साहित्य से आमतौर पर क्या अपेक्षा रखते हैं?
(क)
साहित्य को हमारे मन की बात कहनी चाहिए।
(ख) साहित्य को संसार को यथावत् समझना चाहिए।
(ग) साहित्य तनाव कम करने वाला होना चाहिए।
(घ) साहित्य को जीवन कौशलों व मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए।
उत्तर: (ख)

(v) लेखक के  अनुसार साहित्य क्या कार्य करने के  लिए प्रेरित करता है?
(क) 
लोगों को यथार्थ से अवगत कराकर बदलाव के  लिए
(ख) लोगों को जीवन की समस्याओं को भुलाकर आगे बढ़ते जाने के  लिए
(ग) लोगों को यथार्थवाद का विध्वंस करने के  लिए
(घ) लोगों को भावनाओं व ऐन्द्रिक सुख से ऊपर उठ कार्य करने के  लिए।
उत्तर: (क)

अपठित पद्यांश
Q.2. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के  उत्तर दीजिए:     5 × 1 = 5 

गद्यांश - 1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो  कृपया उत्तर - पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए गद्यांश  पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहें हैं।
सत्यनगर का राजा सत्यप्रताप सिंह अत्यन्त न्यायप्रिय शासक था। एक बार उसे पता चला कि सौम्यदेव नामक एक ऋषि अनेक वर्षों से लोहे का एक डंडा जमीन में गाड़कर तपस्या कर रहे हैं और उनके तप के प्रभाव से डंडे में कुछ अंकुर फूटकर फूल - पत्ते निकल रहे हैं और जब वह अपनी तपस्या में पूर्ण सफलता प्राप्त कर लेंगे तो उनका डंडा फूल - पत्तों से भर जाएगा। सत्यप्रताप ने सोचा कि यदि उनके तप में इतना बल है कि लोहे के डंडे में अंकुर फूट कर फूल - पत्ते निकल सकते हैं तो फिर मैं भी क्यों न तप करके अपना जीवन सार्थक बनाऊँ। यह सोचकर वह भी ऋषि के समीप लोहे का डंडा गाड़कर तपस्या करने लगा। संयोगवश उसी रात जोर का तूफान आया। मूसलाधार बारिश होने लगी। राजा और ऋषि दोनों ही मौसम की परवाह न कर तपस्या में मग्न रहे। कुछ देर बाद एक व्यक्ति बुरी तरह भीगा हुआ ठंड से काँपता हुआ आया। उसने ऋषि से कहीं ठहरने की जगह के बारे में पूछा, लेकिन ऋषि ने आँखें खोलकर भी नहीं देखा। निराश होकर वह राजा सत्यप्रताप के पास पहुँचा और गिर पड़ा। राजा ने उसकी इतनी बुरी हालत देखकर उसे गोद में उठाया। उसे नजदीक ही एक कुटिया नजर आई। उसने उस व्यक्ति को कुटिया में लिटाया और उसके समीप आग जलाकर गर्माहट पैदा की। गर्माहट मिलने से व्यक्ति होश में आ गया। इसके बाद राजा ने उसे कुछ जड़ी - बूटी पीस कर पिलाई। कुछ ही देर बाद वह व्यक्ति बिलकुल ठीक हो गया। सुबह होने पर जब राजा उस व्यक्ति के साथ कुटिया से बाहर आया तो यह देखकर हैरान रह गया कि जो लोहे का डंडा उसने गाड़ा था वह ताजे फूल - पत्तों से भरकर झुक गया था। इसके बाद राजा ने ऋषि के डंडे की ओर देखा, ऋषि के थोड़े बहुत निकले फूल - पत्ते भी मुरझा गए थे। राजा समझ गया कि मानव सेवा से बड़ी तपस्या कोई और नहीं है। वह अपने राज्य वापस आकर प्रजा की समुचित देखभाल करने लगा।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए - 

(i)  राजा ने तपस्या करने का निर्णय क्यों लिया?    1 अंक
(क) 
अपने जीवन की सार्थकता हेतु
(ख) पूर्ण सफलता प्राप्ति हेतु
(ग) प्रजा की समुचित देखभाल करने हेतु
(घ) ये सभी
उत्तरः (क)

(ii) राजा को किस ऋषि की तपस्या का पता चला?    1 अंक
(क) सौम्यदेव की
(ख) सत्यप्रताप सिंह की
(ग) सौत्रजित की
(घ) सौख्यदेव की
उत्तरः (क)  

(iii) किसके प्रभाव से लोहे के डंडे में कुछ  अंकुर फुटकर फुल - पत्ते निकल आए?    1 अंक
(क) 
ऋषि के तप के प्रभाव से
(ख) राजा के तप के प्रभाव से
(ग) प्रजा को सुख पहुँचाने के प्रभाव से
(घ) मानव सेवा के प्रभाव से
उत्तरः (क) 

(iv) गद्यांश का उचित शीर्षक क्या है?    1 अंक
(क) 
मानव धर्म
(ख) मानव सेवा सबसे बड़ी तपस्या
(ग) तपस्या का प्रभाव
(घ) पीड़ित मानव की सेवा
उत्तरः (ख)

(v) ‘राजा - ऋषि’ पद में समास विग्रह होगा    1 अंक
(क) 
राजा और ऋषि
(ख) ऋषि - राजा
(ग) राजा के साथ ऋषि
(घ) राजा ही ऋषि
उत्तरः (क) 

अथवा

गद्यांश - 2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया  उत्तर - पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के  उत्तर लिख रहे हैं।
आत्मविश्वास की सबसे बड़ी दुश्मन हैदुविधा, क्योंकि दुविधा एकाग्रता को नष्ट कर देती है। आदमी की शक्ति को बाँट देती है। बस वह आधा इधर और आधा उधर, इस तरह खंडित हो जाता है। मेरे एक मित्र अपनी पत्नी के साथ जंगल में एक पेड़ के नीचे बैठे बात कर रहे थे, बात करते - करते पत्नी सो गई। वह उपन्यास पढ़ने लगे। अचानक उन्हें लगा कि सामने से भेड़िया चला आ रहा है, उन्हीं की तरफ। भेड़िया, एक खूँखार जानवर, वह इतने घबरा गए कि पत्नी को सोता छोड़कर ही भाग खड़े हुए। भाग्य से कुछ दूर ही उन्हें एक बंदूकधारी सज्जन मिल गए, वह उनके पैरों पर गिर पड़े। ‘‘मेरी पत्नी को बचाइए, भेड़िया उसे खा रहा है’’, वह गिड़गिड़ाया।
शिकारी दौड़ा - दौड़ा उनके साथ पेड़ के पास आया, तो उसकी पत्नी यथापूर्व सो रही थी और ‘भेड़िया’ उसके पास रखी टोकरी में मुँह डाले पूरियाँ खा रहा था। ‘‘कहाँ है भेड़िया?’’ शिकारी ने बंदूक साधते हुए पूछा, तो काँपते हुए बोले - ‘‘वह है तो सामने।’’ शिकारी बहुत जोर से हँस पड़ा - ‘‘भले मानस, वह बेचारा कुत्ता है।’’ क्या बात हुई यह? वही कि भय ने उसे विश्वासहीन कर दिया। सूत्र के अनुसार - हतोत्साहियों, निराशावादियों, डरपोकों और सदा असफलता का ही मर्सिया पढ़ने वालों के संपर्क से दूर रहो। नीति का वचन है कि जहाँ अपनी, अपने कुल की और अपने देश की निंदा हो और उसका मुँहतोड़ उत्तर देना संभव न हो, तो वहाँ से उठ जाना चाहिए। क्यों? क्योंकि इसमें आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना खंडित होने का भय रहता है
गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए - 

(i) ‘दुविधा’ किसकी सबसे बड़ी दुश्मन है?    1 अंक
(क) 
असफलता की
(ख) आत्मविश्वास की
(ग) हतोत्साहियों की
(घ) निराशावादियों की
उत्तरः (ख) 

(ii) गद्यांश में प्रयुक्त ‘यथापूर्व’ सामासिक पद का विग्रह है -    1 अंक
(क) 
पूर्वानुसार
(ख) जैसी सोई हुयी थी
(ग) पहले जैसी
(घ) पहले की तरह
उत्तरः (क)

(iii) ‘आत्मगौरव और आत्मविश्वास’ की भावना कहाँ खंडित होने का भय रहता है?    1 अंक
(क) 
अपनी निंदा सुनने पर
(ख) अपने कुल की निंदा सुनने पर
(ग) अपने देश की निंदा सुनने पर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)

(iv) इस गद्यांश के सूत्र के अनुसार किन - किन लोगों के  सम्परक से दूर रहना चाहिए?    1 अंक
(क) 
निराशावादियों से
(ख) सदैव असफल व्यक्तियों से
(ग) हतोत्साहियों
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)

(v) मित्र को किसने विश्वास हीन कर दिया?    1 अंक
(क) 
भय ने
(ख) घबराहट ने
(ग) बन्दूकधारी ने
(घ) शिकारी ने
उत्तरः (क)

व्यावहारिक व्याकरण (16 अंक)

Q.3. निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-
(i) ‘बच्चे मैदान की ओर गए हैं।’ रेखांकित में पदबंध है-
(क) 
सर्वनाम पदबंध
(ख) संज्ञा पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तरः (घ)

(ii)  गार्मियों में सपेळद सूती कपड़े पहनने चाहिए।’ रेखांकित में कौनसा पदबंध है?
(क) 
संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तरः (ग)

(iii) ‘शेर पिंजरे के भीतर बैठा है।’ रेखांकित में पदबंध का भेद बताइए।
(क) 
संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) क्रियाविशेषण पदबंध
(घ) सर्वनाम पदबंध
उत्तरः (ग)

(iv) ‘गीता सीढ़ियाँ चढ़ रही है।’ में क्रिया पदबंद है
(क)
गीता सीढ़ियाँ
(ख) सीढ़ियाँ चढ़
(ग) चढ़ रही है
(घ) गीता सीढ़ियाँ चढ़
उत्तरः (ग)

(v) वाक्य में प्रयुक्त होने पर शब्द क्या बन जाता है?
(क) 
संज्ञा
(ख) पद
(ग) व्यंजन
(घ) विशेषण
उत्तरः (ख)

Q.4. निम्नलिखित पांच भागों में से किन्हीं चार भागों के  उत्तर दीजिये-

(i) शहर में लगातार वर्षा होने से लोग परेशान हो गए।    (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(क)
शहर में लगातार वर्षा होती रही इसलिए लोग परेशान हो गए।
(ख) शहर में लगातार वर्षा होते ही लोग परेशान हो गए
(ग) लगातार वर्षा होने के  कारण शहर के  लोग परेशान हो गए।
(घ) वर्षा होती रही लोग परेशान होते रहे।
उत्तरः (क)

(ii) मैं ठीक समय पर पहुँच गया परंतु सुरेश नहीं आया।    (रचना के  आधार पर वाक्य भेद लिखिए)
(क) 
मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) विस्मयादिबोधक
उत्तरः (ग)

(iii) गरजते बादलों में बिजली कौंध रही है।    (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(क) 
बिजली कौंधने के  साथ ही बादल गरज रहे हैं।
(ख) बादलों की गड़गड़ाहट हो रही है और बिजली कौंध रही है।
(ग) बादल गरज रहे हैं और बिजली कौंध रही है।
(घ) बादलों की गड़गड़ाहट के  कारण ही बिजली कौंध रही है।
उत्तरः (ग)

(iv) जो परिश्रम करता है उसकी पराजय नहीं होती?    (सरल वाक्य में बदलिए)
(क) परिश्रमी व्यक्ति कभी पराजित नहीं होता।
(ख) परिश्रम करने वाले की पराजय नहीं होती।
(ग) परिश्रम के  कारण ही व्यक्ति पराजित नहीं होता है।
(घ) यदि व्यक्ति परिश्रमी है, तो वह पराजित नहीं होगा।
उत्तरः (ख)

(v) सरला ने कहा कि वह कक्षा में प्रथम रही।    (रचना के  आधार पर वाक्य के भेद बताइए)
(क) 
मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

Q.5. निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों  के उत्तर दीजिये।
(i) ‘महावीर’ शब्द में कौन-सा समास है?
(क)
कर्मधारय
(ख) द्विगु
(ग) तत्पुरुष
(घ) अव्ययीभाव
उत्तर: (क)

(ii) ‘वनगमन’ समस्तपद का विग्रह होगा-
(क)
वन का गमन
(ख) वन से गमन
(ग) वन को गमन
(घ) वन और गमन
उत्तर: (ग)

(iii) ‘पीत है जो अम्बर’ का समस्त पद है-
(क)
पितांबर
(ख) पीतम्बर
(ग) पीताम्बर
(घ) पीला अम्बर
उत्तर: (ग)

(iv) ‘गुरुदक्षिणा’ शब्द  के  सही समास-विग्रह का चयन कीजिए-
(क)
गुरु से दक्षिणा तत्पुरुष समास
(ख) गुरु का दक्षिणा तत्पुरुष समास
(ग) गुरु की दक्षिणा तत्पुरुष समास
(घ) गुरु के लिए दक्षिणा तत्पुरुष समास
उत्तर: (घ)

(v) ‘दिनचर्या’ समस्त पद का विग्रह है-
(क)
दिन की चर्या
(ख) दिन में आराम
(ग) सद्ध दिन में चलना
(घ) दिन भर खाना
उत्तर: (क)

Q.6. निम्नलिखित चारों भागों के  उत्तर दीजिये -
(i) कक्षा में प्रथम न आने पर मेरा माथा ______ गया।    1 अंक
(क) 
ठिनठिना
(ख) झुक
(ग) तन
(घ) सिकुड़
उत्तरः (ख)

(ii) पुलिस को आता देखकर चोर______हो गए।    1 अंक
(क)
भाग
(ख) नौ - दो ग्यारह
(ग) सकपका
(घ) लज्जित
उत्तरः (ख)

(iii) भ्रष्टाचार की______कोई नहीं चूक रहा।    1 अंक
(क) 
बहती गंगा में हाथ धोना
(ख) गंगा में हाथ धोने से
(ग) गंदी राजनीति में
(घ) दलदल में
उत्तरः (ख)

(iv) पुत्र के अनुत्तीर्ण होने का समाचार सुनकर पिताजी______।    1 अंक
(क) 
क्रोधित हो गए
(ख) आग - बबूला हो गए
(ग) जोर से चिल्लाए
(घ) रोने लगे।
उत्तरः (ख)

पाठ्य पुस्तक (14 अंक)

Q.7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-   4 × 1 = 4
पावस ऋतु थी, पर्वत प्रदेश,
पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश।
मेखलाकार पर्वत अपार
अपने सहस्त्र दृग-सुमन फाड़,
अवलोक रहा है बार-बार
नीचे जल में निजमहाकार,
जिसके चरणों में पला ताल
दर्पण-सा फैला है विशाल!

(i) कवि ने तालाब की तुलना दर्पण से क्यों की है? 
(क) तालाब में पर्वत का महाकाय प्रतिबिम्ब दिखना
(ख) दर्पण में प्रतिबिम्ब देखना
(ग) स्पष्ट दिखाई देना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क) 

(ii) पद्यांश में ‘मेखलाकार’ शब्द का प्रयोग किसके  लिए किया गया है?
(क) 
दर्पण में पर्वतों को देखने के लिए
(ख) पर्वतों की श्रृंखला के लिए
(ग) महाकाय पर्वतों के लिए
(घ) ये सभी
उत्तरः (ख)

(iii) पल-पल क्या परिवर्तित हो रहा है?
(क) 
पर्वतों का यशगान
(ख) परिवर्तित दृश्य
(ग) झरनों का वेग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(iv) काव्यांश में प्रयुक्त ‘दृग-सुमन’ शब्द का अर्थ बताइए-
(क) 
पुष्प
(ख) पुष्प रूपी आँखें
(ग) आँखों द्वारा देखना
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तरः (ख)

Q.8. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-   5 × 1 = 5
ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार का काफी कुछ बदल दिया है। वर्सोवा में जहाँ आज मेरा घर है, पहले यहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब यहाँ समंदर के  किनारे लंबी-चैड़ी बस्ती बन गई है। इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके  हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है। इनमें से दो कबूतरों ने मेरे फ्लैट के  एक मचान में घोंसला बना लिया है। बच्चे अभी छोटे हैं। उनके  खिलाने-पिलाने की ज़िम्मेदारी अभी बड़े कबूतरों की है। वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं। और क्यों न आएँ-जाएँ आखिर उनका भी घर है। लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है। वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते हैं। कभी मेरी लाइब्रेरी में घुसकर कबीर या मिर्ज़ा गालिब को सताने लगते हैं। इस रोज़-रोज़ की परेशानी से तंग आकर मेरी पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, एक जाली लगा दी है, उनके  बच्चों को दूसरी जगह कर दिया है। उनके  आने की खिड़की को भी बंद किया जाने लगा है। खिड़की के  बाहर अब दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं। मगर अब न सोलोमेन है जो उनकी ज़ुबान को समझकर उनका दुख बाँटे, न मेरी माँ है,
जो इनके  दुखों में सारी रात नमाज़ों में काटे-
नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम।
सूरज ठेकेदार-सा, सबको बाँटे काम||

(i) आज लेखक का घर किस शहर में है? 
(क) मुम्बई में
(ख) वर्सोवा में
(ग) ग्वालियर में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख) 

(ii) ‘डेरा डालने’ का आशय क्या है?
(क)
अपने रहने का स्थान बनाना
(ख) घूमते रहने का विश्राम स्थल
(ग) पशु-पक्षियों के  लिए घोंसले बनाना
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तरः (क)

(iii) ‘वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं’ नामक वाक्य में रेखांप्रित पद में कारक बताइए-
(क) करण कारक
(ख) अधिकरण कारक
(ग) सम्बन्ध
(घ) कर्म कारक
उत्तरः (ख)

(iv) सभी प्राणियों का निर्माण ______ से हुआ है।
(क) 
एक ही मिट्टी से
(ख) मनुष्यता
(ग) पशुता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

(v) वर्सोवा में पहले क्या-क्या था?
(क) 
घने जंगल
(ख) पेड़-पौधे
(ग) पशु-पक्षी
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ)

Q.9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए।
वामीरों के रुदन स्वरों को सुनकर उसकी माँ वहाँ पहुँची और दोनों को देखकर आग बबूला हो उठी। सारे गाँव वालों की उपस्थिति में यह दृश्य उसे अपमानजनक लगा। इस बीच गाँव के  कुछ लोग भी वहाँ पहुँच गए। वामीरो की माँ क्रोध में उफ़न उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया। गाँव  के  लोग भी तताँरा के  विरोध में आवाज़ें उठाने लगे। यह तताँरा  के  लिए असहनीय था। वामीरो अब भी रोए जा रही थी। तताँरा भी गुस्से से भर उठा। उसे जहाँ विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ था वहीं अपनी असहायता पर खीझ। वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। उसे मालूम न था कि क्या कदम उठाना चाहिए? अनायास उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका। क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा। क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i) गद्यांश में क्रोध और अग्नि की तुलना क्यों की गई है?
(क)
क्रोध और अग्नि दोनों ही बड़े गर्म होते हैं
(ख) क्रोध और अग्नि दोनों ही पर नियंत्रण कठिन है
(ग) तताँरा का स्वभाव बहुत गुस्से वाला था
(घ) वामीरो की माँ और तताँरा दोनों ही गुस्से में थे
उत्तर: (ख)

(ii) तताँरा को गुस्सा क्यों आया?
(क) 
वामीरो की माँ ने तताँरा से झगड़ा किया
(ख) उसे विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ था
(ग) वामीरो अब विवाह के लिए तैयार न थी
(घ) वामीरो ने तताँरा की सहायता नहीं की
उत्तर: (ख)

(iii) वामीरो की माँ को दृश्य अपमानजनक क्यों लगा?
(क)
माँ को गाँव के  समक्ष अपमान महसूस हुआ
(ख) माँ को वामीरो के  लिए तताँरा पसंद नहीं था
(ग) माँ गाँव की परंपरा से बंधी थी
(घ) माँ वामीरो से बहुत प्यार करती थी
उत्तर: (ग)

(iv) तताँरा-वामीरो कथा समाज की किस समस्या की ओर ध्यान इंगित कराती है?
(क) जाति-प्रथा
(ख) बेमेल-विवाह
(ग) विवाह के परंपरागत नियम
(घ) बाल-विवाह
उत्तर: (ग)

(v) आग बबूला हो उठने का क्या अर्थ है?
(क) 
अत्यधिक क्रोध आना
(ख) आग की प्रचंड लपटों की तरह लहराना
(ग) बच्चों की चिंता करना
(घ) बहुत परेशान हो उठना
उत्तर: (क)

खण्ड - ‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न

पाठ्य - पुस्तक एवं पूरक पाठ्य - पुस्तक
Q.10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के  उत्तर लगभग 25 - 30 शब्दों में लिखिए - 

(i) ‘अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के अनुसार वनस्पति और जीव जगत के बारे में लेखक की माँ के क्या विचार थे?
उत्तरः  
सूरज ढले पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, पेड़ रोएँगे।
दीया - बत्ती के वक्त फूलों को तोड़ने पर वे बद्दुआ देते हैं।
दरिया पर जाओ तो उसे सलाम करो।
कबूतरों को मत सताया करो, ये हजरत मुहम्मद के अजीज हैं।
मुर्गे को परेशान नहीं किया करो, वह मुल्लाजी से पहले मोहल्ले को जगाता है।
(किन्हीं दो बिन्दुओं का उल्लेख अपेक्षित)
व्याख्यात्मक हल:
लेखक की माँ के विचार थे कि सूरज छिपने के बाद पेड़ से फूल - पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि पेड़ रोते हैं, दीया - बत्ती के वक्त फूलों को तोड़ने पर वे बद्दुआ देते हैं। दरिया पर जाकर उसे सलाम करो, कबूतरों को इसलिए नहीं सताना चाहिए, क्योंकि वे हजरत मुहम्मद के अजीज हैं। मुर्गे को परेशान इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि वह रोज सबेरे उठकर बाँग देता है और हम सबको प्रातः जगाने का काम करता है।

(ii) ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर लिखिए कि सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
उत्तरः
सआदत अली वज़ीर अली का चाचा और आसिफउद्दौला का भाई था, वह अंग्रेजों का समर्थक था। उसे अपना साम्राज्य छिनता नज़र आ रहा था इसलिए उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
व्याख्यात्मक हल:
सआदत अली अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला का भाई था। आसिफ़उद्दौला का कोई बेटा नहीं था। सआदत अली मन - ही - मन अपने को अवध का उत्तराधिकारी मान बैठा था। परंतु जब आसिफ़उद्दौला के यहाँ वजीर अली का जन्म हुआ तो उसे वह बात नागवार लगी। उसने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।

(iii) ‘कर चले हम फ़िदा’ गीत में कवि ने वीरों के प्राण छोड़ते समय का मा£मक वर्णन किस प्रकार किया है? अपने शबदों में लिखिए।
उत्तरः 
प्राण छोड़ते समय वीर सैनिकों की साँसें थम रही थीं, नब्ज रुक रही थी लेकिन कदम बढ़ रहे थे। वे अपना सिर कटाकर भी देश का सिर ऊँचा रखना चाहते थे।
व्याख्यात्मक हल:
‘कर चले हम फ़िदा’ गीत में कवि ने वीरों के  प्राण छोड़ते समय वीर सैनिकों की साँसें थम रही थीं, नब्ज़ रुक रही थी, लेकिन ऐसी स्थिति में वे अपने बढ़ते हुए कदमों को रुकने नहीं दे रहे थे। वे अपना सिर कटाकर भी देश के  मुकुट ‘हिमालय’ को झुकने नहीं देना चाहते। वे इस देश की रक्षा, स्वाभिमान की सुरक्षा करेंगे।

Q.11. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में लिखिए- 1 × 4 = 4
कारतूस पाठ के आधार पर व़जीर अली की विशेषताओं पर 60-70 शब्दों में सोदाहरण प्रकाश डालिए।
उत्तरः 
वजीर अली की विशेषताएँ-
देशभक्ति-अंग्रेजों के प्रति नफरत का भाव।
स्वाभिमानी-स्वाभिमान की रक्षा हेतु वकील की हत्या।
जाँबाज सिपाही-मुट्ठीभर सेना के साथ अंग्रेजों से मुकाबला।
निर्भीक एवं निडर-अंग्रेजों खेमे में घुसकर कारतूस ले जाना।
नीति कुशल-अंग्रेजों के विरु( लड़ने के लिए अफगानिस्तान के बादशाह को निमंत्रण।
(किन्हीं तीन बिन्दुओं का विस्तारपूर्वक उल्लेख अपेक्षित।) 

व्याख्यात्मक हल:
वजीर अली एक जाँबाज सिपाही था, उसने अंग्रेजों की ब्रिटिश कंपनी की सैनिक छावनी में निडरतापूर्वक प्रवेश किया और कर्नल से कारतूस प्राप्त किए। वह एक बलशाली, साहसी नौजवान था। उसने एक जाँबाज सिपाही की तरह अपने प्राणों की बाजी लगाकर कारतूस हासिल किए। उसके जाने के बाद कर्नल भी हक्का-बक्का रह गया और उसकी हिम्मत और बहादुरी से अचंभित रह गया जो उसकी जान बख्श कर चला गया। वजीर अली अंग्रेजों की हुकूमत को समाप्त करना चाहता था, उसने अफगानिस्तान के बादशाह शाहजमा को हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने की दावत दी।

अथवा

‘मनुष्यता’ कविता का मूल संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः 
‘मनुष्यता’ कविता के  माध्यम से कवि मानवता, एकता, सहानुभूति, सद्भाव, उदारता और करुणा का संदेश देना चाहता है। वह मनुष्य को स्वार्थ, भिन्नता, वर्गवाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से मुक्त करना चाहता है। वह मनुष्य में उदारता केभाव भरना चाहता है। कवि चाहता है कि हर मनुष्य समस्त संसार में अपनत्व की अनुभूति करे। वह दुखियों, वंचितों और जरूरतमंदों के  लिए बड़े से बड़ा त्याग करने को भी तैयार हो। वह कर्ण, दधीचि, रंतिदेव आदि के अतुल त्याग से पे्ररणा ले। वह अपने मन में करुणा का भाव जगाए। वह अभिमान, लालच और अधीरता का त्याग करे। एक-दूसरे का सहयोग करके देवत्व को प्राप्त करे। वह हँसता-खेलता जीवन जिए तथा आपसी मेल-जोल बढ़ाने का प्रयास करे। उसे किसी भी सूरत में अलगाव और भिन्नता को हवा नहीं देनी चाहिए।

Q.12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के  उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए-   2 × 3 = 6
(i) ‘हरिहर काका’ कहानी के  मुख्य पात्र हरिहर सब कुछ होते हुए भी एक यंत्रणापूर्ण जीवन जी रहे थे, मान लीजिए आप भी उसी गाँव के  निवासी होते तो उनको न्याय दिलाने के  लिए आप क्या उपाय करते?
उत्तरः 
द्हरिहर काका के पास 15 बीघे जमीन थी। उससे होने वाली आय से एक भरे-पूरे परिवार का गुजारा आराम से हो सकता था। परंतु अकेले होने के कारण वह दूसरों पर निर्भर हो गए। भाई उनकी जमीन की उपज का लाभ तो लेते थे, परंतु उनकी पत्नियाँ उनकी जरूरतों का ध्यान नहीं रखती थीं जिसके कारण उनका जीवन अत्यंत यंत्रणापूर्ण था। उनकी इस यंत्रणा से उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए मैं उनसे कहता कि वह अपनी जमीन बटाई पर दे दें तथा स्वयं उसकी आय से शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करें।

- (अन्य बिंदुद्ध) 

व्याख्यात्मक हल:
‘हरिहर काका’ कहानी के मुख्य पात्र हरिहर सब कुछ होते हुए भी एक यंत्रणापूर्ण जीवन जी रहे थे। उनके पास 15 बीघे जमीन थी। उससे होने वाली आय से एक भरे-पूरे परिवार का गुजारा आराम से हो सकता था परन्तु उत्तराधिकारी के न होने और अकेले होने के कारण उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। उनके भाई, महंत, नेता आदि उन पर अपनी जमीन उनके नाम करने के लिए तरह-तरह की प्रताड़नाएँ देने लगे। भाई उनकी जमीन की उपज का लाभ तो लेते थे परन्तु उनकी पत्नियाँ उनकी आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखती थी। अतः उनका जीवन यंत्रणापूर्ण हो गया था। यदि मैं उस गाँव का निवासी होता तो उनको यंत्रणा से मुक्ति और न्याय दिलाने के लिए उन्हें कानूनी तौर पर ऐसी वसीयत बनाने की सलाह देता जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा होता कि जो उनकी सेवा करेगा वही उनके खेतों से आने वाली आय को रखेगा। इसके अलावा उन्हें अपनी जमीन बटाई पर देकर उसकी आय से स्वयं शान्तिपूर्ण जीवन व्यतीत करने की सलाह देता।

(ii) ‘सपने के  से दिन’ पाठ में पी. टी. सर की किन चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख किया गया है? वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में स्वीकृत मान्यताओं और पाठ में वर्णित युक्तियों के  संबंध में अपने विचार जीवन मूल्यों की दृष्टि से व्यक्त कीजिए।
उत्तरः 
1. पीटी मास्टर बहुत कठोर था। वह छात्रों को अनुशासन में लाने के लिए बहुत कठोर और व्रूळर दण्ड दिया करता था। छात्रों को घुड़की देना, ठुढ्डे मारना, उन पर बाघ की तरह झपटना, उनकी खाल खींचना उसके लिए बाएँ हाथ का खेल था। उसे यह सहन नहीं था कि कोई भी बच्चा कतार से बाहर हो या टेढ़ा खड़ा हो या अपनी पिण्डली खुजलाए। वह ऐसे बच्चों को समझाने की बजाय कठोर दण्ड दिया करता था। मेरे विचार से, शारीरिक दंड पर रोक लगाना बहुत आवश्यक कदम है। बच्चों को विद्यालय में शारीरिक दंड से नहीं अपितु मानसिक संस्कार द्वारा अनुशासित करना चाहिए। इसके लिए पुरस्कार, प्रशंसा, निंदा आदि उपाय अधिक ठीक रहते हैं क्योंकि शारीरिक दण्ड के भय से बच्चा कभी भी अपनी समस्या अपने शिक्षक के समक्ष नहीं रख पाता है। उसे सदैव यही भय सताता रहता है कि यदि वह अपने अध्यापक को अपनी समस्या बताएगा, तो उसके अध्यापक उसकी कहीं पिटाई न कर दें जिसके कारण वह बच्चा दब्बू किस्म का बन जाता है। इसके स्थान पर यदि उसे स्नेह से समझाया जाएगा, तो वह सदैव अनुशासित रहेगा और ठीक से पढ़ाई भी करेगा।

(iii) इफ्फन और टोपी शुक्ला की मित्रता भारतीय समाज के  लिए किस प्रकार प्रेरक है? जीवन मूल्यों की दृष्टि से उनके  संबंधों की समीक्षा कीजिए।
उत्तरः 
1. मित्रता में जाति व धर्म के बंधन का न होना
2. भाषा और संस्कृति को जोड़ने में सहायक होना
3. सामाजिक सौहार्द में सहायक होना
4. स मित्रता का परिवारिक व सामाजिक स्तर-भेद से परे होना
(छात्रों द्वारा दिए गए जीवन-मूल्य संबंधी अन्य उपयुक्त उत्तर भी स्वीकार्य)

व्याख्यात्मक हल:
इफ्फन और टोपी शुक्ला की दोस्ती भारतीय समाज के लिए एक मिसाल है। इफ्फन और टोपी दोनों अलग अलग धर्मों से आते थे लेकिन इसके बावजूद उनके बीच कभी धर्म का दीवार नहीं आया। इफ्फन और टोपी शुक्ला में बहुत ज्यादा गहरी दोस्ती थी। उनके बीच यह बिल्कुल नहीं दिखता था कि दोनों अलग अलग धर्मों से आते थे या उनके बीच किसी तरह का मन मुटाव था। भारतीय समाज के लिए यह प्रेरक इसलिए है क्योंकि यहां कई बार हिन्दू, मुस्लिम तथा अन्य धर्मों के बीच में धर्म की दीवार खड़ी कर के लड़ाया जाता है जो समाज के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। टोपी को तो इतना लगाव था कि घर वालों के मना करने के बाद भी वह इफ्फन की दादी के पास चला जाता था।

Q.13. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-
(i) जब हम चार रनों से पिछड़ रहे थे।

खिलाड़ियों की मनोदशा
दर्शकों की मनोदशा
प्रयास और परिणाम
उत्तरः  जब हम चार रनों से पिछड़ रहे थे।
खिलाड़ियों की मनोदशा- हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम का फाइनल मैच भोपाल की टीम के  साथ चल रहा था, लेकिन एक-एक कर हमारी टीम के  लगातार तीन खिलाड़ियों के  आउट होने पर मेच बराबरी पर चल रहा था। अंत में ऐसा समय आया जब हमारी टीम को जीतने के  लिए तीन गेंदों में चार रन बनाने थे। मैदान में मैं और एक गेंदबाज राहुल बल्लेबाजी कर रहे थे तथा राहुल के  लिए गेंद फेंकी जानी थी। हमारी टीम बहुत घबरा रही थी कि राहुल कहीं घबराकर ऐसा शाॅट न लगा दे कि आउट हो जाए। वहीं सामने वाली टीम किसी भी तरह उसे आउट करने या कम से कम गेंद खाली जाने के लिए दृढ़ संकल्प थी। दोनों टीमों के  कोच भी अपनी-अपनी टीमों का हौंसला बढ़ाने में जुटे थे। तीन में से पहली गेंद पर सामने वाली टीम ने एल. बी. डब्ल्यू. आउट की जोरदार अपील की जिसके  दबाव में राहुल रन न ले सका। अब केवल दो गेंदें बची थीं।
दर्शकों की मनोदशा: दर्शकों में भी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। मैच अपने रोमांचक मोड़ पर था। दर्शक अपनी-अपनी टीमों के  जीत की प्रार्थना कर रहे थे। जैसे ही दूसरी गेंद फेंकी जाने लगी, दर्शक सांस रोककर बैठ गए। कोई भी नहीं बता सकता था कि कौन जीतेगा? क्योंकि क्रिकेट में कभी-भी कुछ भी हो सकता है।प्रयास और परिणाम:  दूसरी गेंद पर राहुल ने दौड़कर एक रन ले लिया। अब जीतने के लिए एक गेंद पर तीन रन की जरूरत थी। बल्लेबाजी करने की मेरी बारी थी। चूँकि मैं टीम का कप्तान था अतः मुझ पर बहुत दबाव था। मेरे कानों में कोच के  शब्द गूंजने लगे कि जी भर के खेलो, पर दिमाग से खेलो। महसूस करो कि ये मेरे जीवन का सबसे यादगार पल है। आखिरी गेंद पर मैंने तनाव रहित होकर बैट हवा में लहराया और सीधे चैका। कुछ ही पलों में टीम का हीरो बन गया। सारा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। हमारी टीम के  खिलाड़ी भी मैच जीतते ही मैदान पर आ गए। उनके  कंधों पर सवार मैं अपने जीवन के  सबसे यादगार पल को, भगवान को धन्यवाद देता महसूस कर रहा था।

(ii) देश पर पड़ता विदेशी प्रभाव
हमारा देश और संस्कृति
विदेशी प्रभाव
परिणाम और सुझाव
उत्तरः देश पर पड़ता विदेशी प्रभाव
हमारा देश और संस्कृति अत्यधिक विविधताओं से भरा होने के  बावजूद हमारा देश भारत एक है और इसकी एकता का कारण है यहाँ की समेकित संस्कृति। भारत एक सांस्कृतिक विविधता वाला देश है, जहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं, वर्णों, खान-पान, वेशभूषा आदि की विविधताओं वाले लोग एक साथ रहते हैं। भारतीय संस्कृति सभी भारतीयों की आत्मा मानी जाती है। हम सभी भारतीय संस्कृति का आदर करते हैं। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि हम सभी अपने-अपने धर्म का पालन करें फिर चाहे कोई सा धर्म हो। सभी धर्मों  के प्रति प्रेम व सौहाद्र्र की भावना ही भारतीय संस्कृति की अद्वितीय विशेषता है। बड़ों का आदर, नारियों का सम्मान, जीवों पर दया, सादा जीवन-उच्च विचार आदि हमारी संस्कृति  के मूल में हैं। विदेशी प्रभाव विदेशी संस्कृति  के प्रभाव में आकर आज भारतीय अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। जहाँ वे विदेशी संस्कृति व सभ्यता को अपनाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं वहीं भारतीय संस्कृति को वे हीन मानने लगे हैं। विदेशी संस्कृति के  प्रभाव में आकर वे अंग्रेजी भाषा बोलने में अपनी शान समझते हैं। स्वयं को सुंदर दिखाने की होड़ मची हुई है। कम कपड़े पहनकर अंग प्रदर्शन करना, जंक पूळड खाना, बड़ों का आदर न करना, देर रात तक पा£टयों में घूमना, मदिरापान करना आदि विदेशी संस्कृति के  दुष्प्रभाव है । परिणाम और सुझावμविदेशी संस्कृति के  दुष्परिणाम स्वरूप समाज पतन की ओर अग्रसर है। नैतिक मूल्यों का ट्ठास हो रहा है। आज युवा अपराधों और नशे का आदी हो रहा है। जिस संस्कृति को बचाने में हमारे पूर्वजों ने इतनी मेहनत की थी उसे आज हम भूलते जा रहे हैं। अपनी संस्कृति की रक्षा हेतु हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारित करना होगा। उन्हें वेदों, धर्म, प्राचीन इतिहास, पूर्वजों की जीवन गाथा की जानकारी देनी होगी। परिवार में ऐसा माहौल बनाना होगा कि बच्चा स्वयं उनसे प्रेरणा ग्रहण कर संस्कारित हो सके।

(iii) मित्रता
आवश्यकता
कौन हो सकता है मित्र
लाभ
उत्तरः मित्रता
आवश्यकता: दोस्त हमारे जीवन का वह हिस्सा है जिन्हें हम खुद चुनते हैं। जितना जरूरी जीवन में परिवार का होना है उतना ही जरूरी मित्र का होना भी है। सच्चे मित्र जीवन में हर मोड़ पर हमें सहायता, मार्गदर्शन और सर्मािन देते हैं। मित्र हमें भावनात्मक समर्थन देते हैं जो हमें हमारे विशेष होने का अहसास कराते हैं। यदि हमारे पास सच्चे मित्र हैं तो जीवन अधिक मनोरंजक और सहनशील बन जाता है। मित्र हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है अतः मित्र का होना बहुत ही आवश्यक है।
कौन हो सकता है मित्र: सच्चा मित्र मिलना बहुत कठिन है। सच्चा मित्र वही हो सकता है जो दिल से आपको अपना माने। सच्चा मित्र वही है जो कभी हमारे सामने दिखावा नहीं करता हो और न ही झूठ बोलता हो। जो दुख और सुख में कभी साथ नहीं छोड़ता हो और पीठ पीछे बुराई न करता हो। जो कभी मित्रता में छल-कपट न करे तथा अवगुणों कुसंगति से छुटकारा दिलाने हेतु प्रयत्नशील रहे।
लाभ: मानव जीवन में मित्रता से अनेक लाभ होते हैं। मित्र के  समान समाज में सुख और आनंद देने वाला दूसरा कोई नहीं है। दुख के दिनों में मित्र को देखते ही हृदय में शक्ति का संचार होता है। अधीरता और व्याकुलता प्राणों के भीतर से भाग जाती है और निराश मन के  भीतर आशा की ज्योति जलने लगती है। जब विपत्ति में सब साथ छोड़ देते हैं तब वह हमारे साथ खड़ा रहता है। मित्र के बिना जीवन नीरस रहता है।

Q.14. विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए। 
उत्तरः पत्र:
पता: ______
दिनांक ______
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
राजकीय उच्चतम बाल विद्यालय
मोती बाग
नई दिल्ली।
विषय-मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए पत्र
मान्यवर,
महोदय/महोदया मेरा नाम तरुण शर्मा है। मैं कक्षा 10वीं बी. में पढ़ता हूँ। मैं आपका ध्यान मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ।
बच्चे इसे खाकर बीमार पड़ जाते हैं। हमारे स्कूल में कैंटीन न होने के कारण बच्चे इसे खाने को विवश हैं। अतः: आपसे प्रार्थना है कि आप यथाशीघ्र इस विषय पर ठोस कदम उठाये। आपके इस कार्य के लिए हम सदैव आपके आभारी रहेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
तरूण शर्मा

अथवा

आए दिन बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार - पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
उत्तरः 
सेवा में,
संपादक
दैनिक जागरण
आगरा।
विषय - बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं के  संदर्भ में।
मान्यवर,
आज आपको पत्र लिखते हुए मैं अत्यंत व्यथित हूँ। यह बहुत ही चिंता का विषय है कि आए दिन बस चालकों की असावधानियों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या दिन - प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बस चालक यातायात के नियमों का पालन नहीं करते तथा बहुत ही तीव्र गति से बसें चलाते हैं, जिसके कारण किसी न किसी वाहन से टकरा जाते हैं। दुर्घटना कभी - कभी भीषण रूप ले लेती है, जिसके कारण कई मौतें हो जाती हैं, किसी - किसी का तो परिवार ही उजड़ जाता है।
आशा है कि आप अपने समाचार - पत्र के द्वारा अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे।
भवदीय
अ. ब. स.
सेक्टर - 6
बोदला, आगरा

छात्रों के लिए सुझाव

  • पत्र लिखते समय छात्र विनम्रता का विशेष ध्यान रखें तथा विनम्रता सूचक शब्दों का प्रयोग करें।
  • पत्र के विषय व समस्या की विस्तार से जानकारी दें।
  • पत्र के प्रारम्भ, मध्य व अंत में संबोधन आदि की त्रुटियों का ध्यान रखें।

Q.15. आप सरस्वती विद्या निकेतन, प्रशांत विहार, दिल्ली की छात्रा रजनी मेहरा है। विद्यालय में आपका परीक्षा प्रवेश-पत्र गुम हो गया है। इस विषय पर 30-40 शब्दों में सूचना लिखें।
उत्तर:

सूचना

सरस्वती विद्या निकेतन, प्रशांत विहार, दिल्ली

दिनांक - 24/07/20XX

सभी को यह सूचित किया जाता है कि 22/07/20XX को विद्यालय के खेल परिसर में मेरा परीक्षा प्रवेश-पत्र गुम हो गया है। उस पर मेरी फोटो के  साथ मेरा अनुक्रमांक 2467525 है। यदि यह किसी को भी मिले तो मुझे लौटाने की कृपा करें।

रजनी मेहरा
कक्षा 10 B

अथवा

आपको विद्यालय में एक बटुआ मिला है, जिसमें कुछ रुपयों के साथ कुछ जरूरी कार्ड भी हैं। छात्रों को इसके मालिक की पूछताछ और वापस पाने की प्रक्रिया बताते हुए एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तरः

आवश्यक सूचना

दिनांक - _______

विद्यालय परिसर में मुझे किसी व्यक्ति का एक बटुआ मिला है जिसमें कुछ रुपए, ए. टी. एम. कार्ड व जरूरी कागजात हैं। जिस व्यक्ति का यह बटुआ है, वह पहचान बताकर विद्यालय के  खोया-पाया विभाग से अपना बटुआ प्राप्त कर ले।

रमेश शर्मा

(खोया-पाया विभागद्ध )

Q.16. अपनी पुरानी पुस्तकें गरीब विद्यार्थियों में निःशुल्क वितरण करने के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में लिखिए। 
उत्तरः विज्ञापन-लेखन
प्रारूप - 2 अंक
विषय-वस्तु - 2 अंक
भाषा - 1 अंक 

व्याख्यात्मक हल:

निःशुल्क पुस्तक वितरण

जिन विद्यार्थियों को पुस्तकों की आवश्यकता है तथा जो पुस्तकें खरीदने में असमर्थ हैं। वे निम्न पते पर आकर पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकें निःशुल्क दी जाएँगी।

जरूरतमंद विद्यार्थी संपर्क करें।

98.....................
231/432 साकेत नगर, शाहगंज
आगरा

अथवा

शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में इस अधिकार का लाभ उठाने के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः

विज्ञापन

‘शिक्षा का अधिकार’ के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं जिसमें ग्रामीणों को विभिन्न कक्षाओं में विभिन्न प्रकार का ज्ञान प्रदान किया जाएगा व पुस्तकें तथा अन्य पाठ्य सामग्री निःशुल्क वितरित की जाएगी, साथ ही प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएँगे।

आज्ञा से
शिक्षा अधिकारी


छात्रों के लिए सुझाव

  • विज्ञापन में शब्दों का विशेष महत्व होता है, इसलिए उनके अर्थों पर विशेष ध्यान रहना चाहिए।
  • इसमें वाक्यों का गठन सोच-विचार कर करना चाहिए।
  • विज्ञापन-लेखन का उद्देश्य पूरा हो व रोचक शैली में लिखा हो।

Q.17. ‘यदि मैं समाचार-पत्र होता’ विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तरः 
यदि मैं समाचार-पत्र होता
यदि मैं समाचार पत्र होता तो सुबह उठते ही लोग मेरे आने के  इंतजार में उत्सुकता से मेरी प्रतीक्षा करते। चाय की चुस्कियों के  साथ मेरी एक-एक खबर पर नजर दौड़ाते तो बच्चे खेल की रोचक जानकारी ‘बच्चों का कोना’ पर महिलाएँ मुझमें दी गई व्यंजनों की रेसिपी को जानने को बेताब दिखतीं। सबका प्यारा और लाड़ला मैं एक हाथ से दूसरे हाथ में घूमता। सबका प्यार पा मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता। लेकिन दिन ढलने के  साथ ही सब प्यार भी खत्म हो जाता और मुझे रद्दी की टोकरी में डाला जाना मुझे बिल्कुल न सुहाता। मैं लोगों को के वल खबरें ही देने का जरिया न बन उनके  ज्ञानवर्धन, मनोरंजन का साधन भी बनता। मैं लोगों में जन-चेतना पैळलाता। उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुँचाने में सहायक होता। मेरी हमेशा यही इच्छा रहती कि सम्पादक किसी दबाव में आकर खबरों के  साथ छेड़छाड़ न करें तथा न ही किसी के  साथ पक्षपात वरन् सच्चाई को जनता के  सामने लाएं।
यदि मैं समाचार पत्र होता तो सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याण योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाने का जरिया बनता तथा उनमें होने वाले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करता। मैं अपने पारंपरिक सफेद-काले रंग-रूप को त्याग कर रंग-बिरंगा आकर्षक बन जाता। अपने चुटकुलों से लोगों को गुदगुदाता। सभी आयु वर्ग के  लिए उपयोगी होता। शिखा, तकनीकी, रोजगार, विवाह, जमीन-जायदाद आदि अनेक प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराता। इस तरह मैं स्वयं को सार्थकता प्रदान करता।

अथवा

‘गंगा और मैं’ विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तरः गंगा और मैं

मैं बनारस में रहा और वहीं पला-बढ़ा। बचपन में अक्सर पिताजी मुझे अपने साथ गंगा नदी के  तट पर ले जाया करते थे। अतः मेरा जुड़ाव बचपन से ही उसके  साथ रहा। बड़े होने पर भी गंगा मैया के  पास जा शांति व सुवूळन की अनुभूति होती है। उसके  निर्मल, पवित्र व कल-कल करते जल में स्नान करने पर एक अनोखी ताजगी से मन भर जाता है। शाम के  समय गंगा की आरती का दृश्य निराला होता है। दूर देशों से अनेक लोग उसे देखने आते हैं। लेकिन एक दिन वहाँ घटी एक घटना को याद कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं अपने एक मित्र से गंगा घाट गया था। वर्षा के  दिन थे। गंगा अपने पूरे उफान पर थी। अचानक मेरे मित्र का पैर फिसला और अगले ही पल वह गहरे पानी में हाथ-पैर मार रहा था। यह सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि कुछ समझ में नहीं आ रहा। मैं घबराकर चीखने लगा। लोग जमा होने लगे लेकिन पानी का बहाव देख किसी की आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी। तैरना मैं भी जानता था अतः मैंने ही उसे बचाने का निश्चय किया। मैं गंगा मैया का नाम ले कूद गया। उसे बचाने में मेरे भी हाथ-पांव फूल गए, लेकिन मैं सफल रहा। लोगों ने हमें तत्काल अस्पताल पहुँचाया। थोड़ी देर बाद मुझे होश आया तो देखा सब मेरी बहादुरी की प्रशंसा कर रहे थे और मैं बार-बार मन ही मन गंगा मैया का धन्यवाद कर रहा था। मुझे ही पता है कि मैया ने ही मेरी सहायता की थी वरना उस दिन मैं और मेरा मित्र काल के  गाल में समा चुके  होते। जय हो गंगा मैया की।

The document Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10 is a part of the Class 10 Course CBSE Sample Papers For Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
303 docs|7 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 - CBSE Sample Papers For Class 10

1. सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 1 कक्षा 10 के इस लेख के संबंध में 5 मतलबपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) प्रदान करें जिनके विस्तृत उत्तर दिए गए हों और जो संभवतः खोजे जाते हों और लेख के सामग्री से मेल खाते हों। प्रश्नों और उत्तरों का जटिलता से अधिक नहीं होना चाहिए जैसा कि टेक्स्ट या परीक्षा का होता है। उन प्रश्नों को ध्यान में रखें जिन्हें गूगल पर इसी विषय के लिए अधिकतर खोजा जाता है। कृपया प्रश्न के बाद हर प्रश्न के बाद
का उपयोग करें। कृपया प्रश्न के पहले हर प्रश्न के पहले
1. प्रश्न 1 ?
उत्तर. उत्तर 1.
2. प्रश्न 2 ?
उत्तर. उत्तर 2. प्रश्न और उत्तर के अलावा किसी भी सामग्री को शामिल न करें।
303 docs|7 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Semester Notes

,

Viva Questions

,

study material

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 1 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Extra Questions

,

Free

,

video lectures

,

Sample Paper

,

Important questions

,

pdf

,

Exam

,

shortcuts and tricks

,

past year papers

,

ppt

,

MCQs

,

mock tests for examination

;