Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  हिंदी व्याकरण - कक्षा 10  >  वाक्य-भेद: Notes

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10 PDF Download

वाक्य

वाक्य शब्दों के मेल से बनते हैं जो अपने में कुछ न कुछ अर्थ छिपाए रहते हैं। अर्थ की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए इन शब्दों को एक व्यवस्थित क्रम में रखा जाता है। इस तरह सार्थक शब्दों का ऐसा व्यवस्थित समूह जो पूरा आशय प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं। 

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10अतः वाक्य –

  1. सार्थक शब्दों (पदों) के मेल से बनते हैं।
  2. पूर्ण और स्वतंत्र होते हैं।
  3. वक्ता की कही बातों का आशय स्पष्ट करते हैं।
  4. शब्दों का एक निश्चित क्रम रखते हैं। हिंदी के वाक्यों का पद क्रम इस तरह होता है।

कर्ता + कर्म + पूरक + क्रिया जैसे-

  • पल्लव पुस्तक लाता है।
  • पुलिस ने चोरों को घेरकर पकड़ा।
  • गाय हरी घास खाती है।
  • चित्रकार चित्र बनाएगा।

वाक्य-भेद का आधार

वाक्य-भेद को स्पष्ट रूप से समझने के लिए निम्नलिखित वाक्यों की रचना पर ध्यान देते हैं –

  1. चित्रकार चित्र बनाएगा।
  2. चित्रकार चित्र बनाएगा और बाज़ार में बेचेगा।
  3. चित्रकार ने कहा कि वह चित्र बनाएगा।
  4. चित्रकार ने कहा कि वह चित्र बनाएगा और बाज़ार में बेचेगा।

उपर्युक्त वाक्यों में पहला एक वाक्य है। दूसरा और तीसरा दो वाक्यों से तथा चौथा तीन वाक्यों से। वाक्य होने के बाद भी ये अलग-अलग प्रकार के वाक्य हैं।

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

1. सरल वाक्य

सरल वाक्य एक कर्ता तथा एक क्रिया के मेल से बनता है। इसमें कोई उपवाक्य जुड़ा नहीं होता है। जैसे- कछुए ने खरगोश को हरा दिया।

नौकर ने समय पर काम पूरा कर लिया।

ड्राइवर समय से बस लेकर नहीं आया।

पक्षी शाम होते ही घोंसले की ओर लौट आते हैं।

सरल वाक्यों की रचना –
सरल वाक्यों की रचना मुख्यतया दो घटकों से होती है। ये घटक हैं – (i) उद्देश्य (ii) विधेय
(i) उद्देश्य-वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहा जाता है। इसे कर्ता भी कहा जाता है।
उद्देश्य कभी एक शब्द का होता है तो कभी इसकी विशेषता बताने वाले शब्द इसमें जुड़ जाते हैं तब यह कई शब्दों के मेल से बनता है, जैसे पौधे बढ़ने लगे हैं।
छोटे-बड़े सभी पौधे बढ़ने लगे हैं।
कल तक के मुरझाए रहने वाले छोटे बड़े सभी पौधे बढ़ने लगे हैं।
इन वाक्यों के रंगीन अंश उद्देश्य हैं, क्योंकि वाक्य का शेष अंश इनके ही बारे में कुछ बता रहा है।

(ii) विधेय-वाक्य में जिस अंश द्वारा अपने उद्देश्य के बारे में कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं। विधेय एक शब्द का हो सकता है या पूरकों के साथ मिलकर कई शब्दों के मेल से बन सकता है, जैसे – मज़दूर गया।
मज़दूर घर गया।
मज़दूर मज़दूरी लेकर सरपट घर गया।
मज़दूर काम समाप्त होते ही मज़दूरी लेकर सरपट घर गया।
इन वाक्यों के रंगीन अंश अपने उद्देश्य के बारे में कुछ बता रहे हैं, अतः ये विधेय हैं।
कुछ अन्य उदाहरण

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

2. संयुक्त वाक्य

जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक (समुच्चयबोधक अव्यय) द्वारा जुड़े होते हैं तो वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।

संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ –

  1. संयुक्त वाक्य के उपवाक्य आपस में योजकों- या, वा, अथवा, इसलिए, और, किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, एवं आदि से जुड़े होते हैं।
  2. इनमें प्रयुक्त उपवाक्य स्वतंत्र अर्थ का बोध कराते हैं।
  3. इनमें प्रयुक्त उपवाक्य समान स्तर के होते हैं।
  4. इन्हें समानाधिकृत उपवाक्य अथवा समानाधिकरण उपवाक्य भी कहते हैं।

संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण

  • आप नाटक देखने जाएँगे या सिनेमा।
  • मरीज फल खा लेगा अथवा खिचड़ी से काम चलेगा।
  • मदन को बस नहीं मिली इसलिए वह समय पर घर न आ सका।
  • हम दोनों मंदिर गए और साथ-साथ पूजा की।
  • बादल घिरे किंतु बरसात न हुई। वाक्य-भेद
  • वह दिन भर काम करता रहा परंतु पूरा न हो सका।
  • बाज़ार से कलम लाना तथा पेंसिल अवश्य लाना।
  • उसने मेट्रो की सवारी की एवं ए०सी० का आनंद लिया।

3. मिश्रवाक्य

जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य जुड़े हो, परंतु उनमें एक प्रधान उपवाक्य हो तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य हो, उसे मिश्रवाक्य कहते हैं।

  • मिश्रवाक्य में आश्रित या गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य पर निर्भर होते हैं।
  • मिश्रवाक्य व्यधिकरण योजकों के युग्म-जैसा-वैसा, जो-सो, जिसकी-उसकी, जहाँ-वहाँ, जब-तब, जैसी-वैसी, यदि-तो, – जब तक-तब तक, जिन्हें-उन्हें आदि से जुड़े होते हैं।
  • स्वतंत्र उपवाक्य को प्रधान उपवाक्य भी कहा जाता है।

मिश्रवाक्य के कुछ उदाहरण:

  • माँ ने कहा कि शाम को जल्दी लौट आना।
  • जब मैं घर पहुँचा तब वर्षा शुरू हो चुकी थी।
  • जैसे ही बादल घिरे वैसे ही बिजली चमकने लगी।
  • जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा है, तब-तब ईश्वर धरती पर अवतरित हुए हैं।
  • जहाँ-जहाँ सिंचाई की व्यवस्था है, वहाँ-वहाँ फसलें खूब पैदा होती हैं।

ध्यान दें

मिश्र वाक्य में आश्रित उपवाक्य वाक्य के आरंभ, मध्य या अंत में कहीं भी आ सकते हैं, जैसे – 

  • आरंभ में – जो अपने आस-पास सफ़ाई रखते हैं, वे सदा स्वस्थ रहते हैं।
    जिस लड़के ने सबसे ज्यादा पौधे लगाए हैं उसे पुरस्कृत किया जाएगा। 
  • मध्य में – वे, जो अपने आस-पास सफ़ाई रखते हैं, सदा स्वस्थ रहते हैं।
    वह लड़का, जिसने सबसे ज्यादा पौधे लगाए हैं, पुरस्कृत किया जाएगा। 
  • अंत में – वे सदा स्वस्थ रहते हैं जो अपने आस-पास सफ़ाई रखते हैं।
    उस लड़के को पुरस्कृत किया जाएगा जिसने सबसे ज्यादा पौधे लगाए हैं।

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

आश्रित उपवाक्य

आश्रित उपवाक्य आश्रित या गौण उपवाक्यों के तीन भेद होते हैं –

  1. संज्ञा उपवाक्य
  2. विशेषण उपवाक्य
  3. क्रियाविशेषण उपवाक्य

1. संज्ञा उपवाक्य

किसी उपवाक्य में जो आश्रिम उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा के स्थान पर आते हैं, उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहते हैं; जैसे –

  • केवट ने कहा कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा।
  • मैं जानता था कि सुमन अवश्य आएगी।
  • अध्यापक ने कहा कि अपने आसपास सफ़ाई रखो।

इन वाक्यों में प्रयुक्त उपवाक्य ‘बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा’, ‘सुमन अवश्य आएगी’, ‘अपने आस-पास सफ़ाई रखो’ संज्ञा उपवाक्य हैं।

अन्य उदाहरण

  • अब छात्र समझ गए हैं कि आठवीं तक उन्हें कोई फेल नहीं कर सकता है।
  • माली ने बच्चों को समझाया कि फूल तोड़ना मना है।
  • फल वाले ने कहा कि मैं ताजे फल ही बेचता हूँ।

संज्ञा उपवाक्यों की पहचान इनके आरंभ में लगे ‘कि’ को देखकर पहचान की जा सकती है। ये उपवाक्य ‘कि’ के द्वारा मुख्य (प्रधान) उपवाक्य से जुड़े होते हैं।

‘कि’ का प्रयोग उस दशा में नहीं होता-जब संज्ञा उपवाक्य प्रधान उपवाक्य से पहले आ जाए या कभी-कभी ‘कि’ का लोप कर दिया जाए; जैसे –

  • तुम मेरी मदद करोगे, मुझे पता था।
  • वह त्याग पत्र नहीं देता, उसने घर वालों को बता दिया था।
  • मोहन को पता था, गौरव आने वालों में नहीं है।
  • मरीज को लगने लगा, अब वह ठीक हो जाएगा।

इन वाक्यों में रंगीन अंश संज्ञा उपवाक्य हैं जिनके पहले ‘कि’ का लोप है।

2. विशेषण उपवाक्य


विशेषण उपवाक्य मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे –

  • ईश्वर उनकी मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।
  • विपत्ति का सामना वही कर पाते हैं जो धैर्य बनाए रखते हैं।
  • जो दवाएँ तुमने मुझे कल दी थीं वे नकली हैं।
  • जिस मरीज का आपरेशन हुआ था, वह अब चलने लगा है।

विशेषण उपवाक्यों की पहचान – विशेषण उपवाक्य जो, जिसे, जिसने, जिन्होंने, जिस, जिसको आदि ‘जो’ के विभिन्न रूपों से शुरू होते हैं।

अन्य उदाहरण

  • जो फल तुम लाए थे, वे बहुत ही मीठे हैं।
  • जिस छात्र ने सबसे अधिक परिश्रम किया था, वही प्रथम आया है।
  • जिन्होंने दुखियों की मदद की है उनका नाम अमर हो गया।

उपर्युक्त वाक्यों के रंगीन अंश विशेषण उपवाक्य हैं।

3. क्रियाविशेषण उपवाक्य

प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताने वाले आश्रित उपवाक्यों को क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं; जैसे –

  • जब मैं जागता हूँ, तब टहलने जाता हूँ।
  • जैसे ही अलार्म बजा वैसे ही वह उठ बैठा।
  • जहाँ साफ़-सफ़ाई होती है वहाँ ईश्वर का वास होता है।

क्रियाविशेषण उपवाक्य के भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की क्रिया का काल, रीति, स्थान,परिमाण, कार्य का कारण आदि का बोध कराते हैं। इस आधार पर क्रियाविशेषण उपवाक्य के पाँच भेद होते हैं –

(i) कालवाचक उपवाक्य –

  • जब सूरज उगता है तब अँधेरा दूर हो जाता है।
  • जैसे ही मैं विद्यालय पहुँचा वैसे ही वर्षा होने लगी।
  • ज्यों ही वर्षा शुरू हुई मोर नाचने लगे।

(ii) रीतिवाचक उपवाक्य –

  • जैसा सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करते थे, वैसा दूसरा नहीं।
  • जिस तरह गुरु ने समझाया था, शिष्य उसी तरह का आचण किया।
  • जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाओगे, मंज़िल निकट आती जाएगी।

(iii) स्थानवाचक उपवाक्य –

  • जहाँ आग होती है वहाँ धुआँ होता है।
  • जहाँ संत निवास करते हैं वह स्थान स्वर्ग तुल्य होता है।
  • जहाँ-जहाँ सरदार पटेल गए उनका भव्य स्वागत हुआ।

(iv) परिमाणवाचक उपवाक्य –

  • जितनी ही वर्षा होगी उतनी ही अच्छी फ़सल होगी।
  • जितना पचा सको उतना ही खाओ।
  • जितनी बरफ़ पड़ेगी सरदी उतनी ही बढ़ती जाएगी।

(v) परिणामवाचक उपवाक्य –

  • यदि तुमने मन लगाकर पढ़ाई की होती तो यह दिन न देखना पड़ता।
  • वह आज इसलिए विद्यालय जाएगा क्योंकि आज पैसे बँटेंगे।
  • यदि कबूतर लालच न करते तो जाल में न फंसते।

उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन अंश क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।

क्रियाविशेषण उपवाक्य की पहचान-जब, जैसा, जहाँ, ज्यों-ज्यों आदि शुरू में देखकर की जा सकती है।

वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण

किसी वाक्य से दूसरे वाक्य में इस तरह बदलना कि उसका मूलभाव अपरिवर्तित रहे, वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण कहलाता है। वाक्य रूपांतरण के अंतर्गत सरल वाक्यों को संयुक्त और मिश्र में, संयुक्त वालों को सरल और मिश्रवाक्य में तथा मिश्रवाक्य को सरल और संयुक्त वाक्य में बदला जाता है; जैसे –

(i) धमाका होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। (सरल वाक्य)
धमाका हुआ और लोग घरों से बाहर निकल आए। (सरल वाक्य)
जैसे ही धमाका हुआ लोग घरों से बाहर निकल आए। (मिश्र वाक्य)

(ii) पका आम देखते ही बच्चे के मुँह में पानी आ गया। (सरल वाक्य)
बच्चे ने पका आम देखा और उसके मुँह में पानी आ गया। (संयुक्त वाक्य)
जैसे ही बच्चे ने पका आम देखा उसके मुँह में पानी आ गया। (मिश्र वाक्य)

➤ सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में बदलना- सरल वाक्यों को संयुक्त वाक्य बनाते समय उन्हें इस तरह से दो भागों में बाँटते हैं कि दो क्रियाएँ बन सकें। अब इन वाक्यों को और, या, वा, अथवा, किंतु, परंतु, लेकिन, इसलिए, आदि से जोड़ने का प्रयास करते हैं; जैसे –

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

➤ सरल वाक्य से मिश्रवाक्य में रूपांतरण- सरल वाक्यों को मिश्रवाक्य बनाते समय उनके शुरू जब, जैसे ज्योंही, जो, जबसे आदि जोड़ते हैं, जैसे –

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

➤ संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य बनाना-संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य बनाते समय समुच्चयबोधकों को अलग कर देते हैं तथा आवश्यक बदलाव कर मिश्र वाक्य में बदल देते हैं; जैसे –

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

संयुक्त वाक्य से सरल वाक्यों में रूपांतरण

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य में रूपांतरण –
वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

मिश्र वाक्य से सरल वाक्य में रूपांतरण –

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

The document वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10 is a part of the Class 10 Course हिंदी व्याकरण - कक्षा 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
7 videos|39 docs|6 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on वाक्य-भेद: Notes - हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

1. क्या है वाक्य-भेद का आधार?
उत्तर: वाक्य-भेद का आधार वाक्य में वर्णों और शब्दों के संयोजन का है।
2. क्या होते हैं आश्रित उपवाक्य?
उत्तर: आश्रित उपवाक्य वह उपवाक्य है जो किसी अन्य उपवाक्य की कथनी को आश्रित करता है।
3. क्या है वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण?
उत्तर: वाक्य रचनांतरण या रूपांतरण वाक्य को उसके मूल रूप से बदलने की क्रिया है।
4. किसे कहते हैं उपवाक्य का अभिवादन?
उत्तर: जब कोई उपवाक्य किसी अन्य उपवाक्य की कथनी को अभिवादन करता है, तो उसे उपवाक्य का अभिवादन कहते हैं।
5. कैसे करें वाक्य रचनांतरण?
उत्तर: वाक्य रचनांतरण के लिए वाक्य में शब्दों को बदलने या उनके स्थान पर नए शब्द या वाक्यांश डालने की क्रिया की जाती है।
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

shortcuts and tricks

,

Objective type Questions

,

study material

,

Viva Questions

,

Exam

,

ppt

,

Free

,

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

,

Sample Paper

,

Previous Year Questions with Solutions

,

pdf

,

Semester Notes

,

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

,

वाक्य-भेद: Notes | हिंदी व्याकरण - कक्षा 10 - Class 10

,

practice quizzes

,

Summary

,

past year papers

,

mock tests for examination

,

Extra Questions

,

MCQs

,

video lectures

,

Important questions

;