Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  संस्कृत कक्षा 6 (Sanskrit Class 6)  >  बकस्य प्रतिकारः - हिंदी अनुवाद

बकस्य प्रतिकारः - हिंदी अनुवाद | संस्कृत कक्षा 6 (Sanskrit Class 6) PDF Download

एकस्मिन् वने शृगालः बकः च निवसतः स्म।  तयोः मित्रता आसीत्। एकदा प्रातः शृगालः बकम् अवदत् -"मित्र! श्वः त्वं मया सह भोजनं कुरु।" शृगालस्य निमन्त्रणेन् बकः प्रसन्नः अभवत्। 

सरलार्थ -
एक वन में एक सियार और एक बगुला रहते थे। उन दोनों में मित्रता थी। एक दिन सवेरे सियार ने बगुले को कहा -"मित्र ! कल तुम मेरे साथ खाना खाओ। " सियार के निमंत्रण से बगुला खुश हुआ।
English Translation-
There lived a jackal and a crane in a forest. There was friendship between the two of them. One morning the jackal said to the crane, 'Friend! tomorrow you have dinner with me.' The crane was happy with the jackal's invitation.


अग्रिमे दिने सः भोजनाय शृगालस्य निवासम् अगच्छत्। कुटिलस्वभावः शृगालः स्थाल्यां बकाय क्षीरोदनम् अयच्छत्। बकम् अवदत् च -" मित्र! अस्मिन् पात्रे आवाम् अधुना सहैव खादावः। " भोजनकाले बकस्य चञ्चुः स्थालीतः भोजन ग्रहणे समर्था न अभवत्। अतः बकः केवलं क्षीरोदनम् अपश्यत्।  शृगालः तु सर्वं क्षीरोदनम् अभक्षयत्। 

सरलार्थ -
अगले दिन वह भोजन के लिए सियार के निवास-स्थान पर गया। कुटिल स्वभाव वाले सियार ने थाली में बगुले को खीर दी और बगुले से कहा -"मित्र, इस बर्तन में हम दोनों अब साथ ही खाते हैं। " भोजन के समय में बगुले की चोंच थाली से भोजन ग्रहण करने में समर्थ नहीं थी। अतः बगुला केवल खीर देखता रहा। सियार ने तो सारी खीर खा ली।
English Translation-
The next day he went to jackal's house for dinner. The crooked jackal served the rice pudding to the crane in a flat dish and said to the crane -"Friend, let us now eat together in this vessel." At the time of the meal the cranes beak was unable to reach the food in the flat dish. Therefore the crane just kept looking at the milk pudding. The Jackal ate up the entire milk pudding.


शृगालेन वञ्चितः बकः अचिन्तयत् -" यथा अनेन मया सह व्यवहारः कृतः तथा अहम् अपि तेन सह व्यवहारिष्यामि। " एवं चिन्तयित्वा सः शृगालम् अवदत् - मित्र! त्वम् अपि श्वः सायं मया सह भोजनं करिष्यसि " बकस्य निमन्त्रणेन् शृगालः प्रसन्नः अवभत्। 

सरलार्थ -
सियार के द्वारा ठगे जाने पर बगुले ने सोचा," जिस प्रकार इसने मेरे साथ बर्ताव किया है,उसी प्रकार मैं भी उसके साथ बर्ताव करूँगा।" ऐसा सोचकर उसने सियार से कहा-"दोस्त! तुम भी कल शाम मेरे साथ भोजन करोगे।" बगुले के निमंत्रण से सियार खुश हो गया।
English Translation-
Having been cheated by the jackal the crane thought- The way he has treated (behaved with) me, I too shall behave with him in the same manner.' Thinking this he said to the jackal, Friend, you too shall have dinner with me tomorrow evening.' The jackal became happy with the crane's invitation.


यदा शृगालः सायं बकस्य निवासं भोजनाय अगच्छत्, तदा बकः सङ्कीर्णमुखे कलशे क्षीरोदनम् अयच्छत्, शृगालं च अवदत्- " मित्र! आवाम् अस्मिन् पात्रे सहैव भोजनं कुर्वः" बकः कलशात् चञ्च्वा क्षीरोदनम् अखादत्। शृगालः च केवलम् ईर्ष्यया अपश्यत्। 

सरलार्थ -
जब सियार शाम को बगुले के स्थान पर भोजन के लिए गया, तब बगुले ने छोटे मुख वाले कलश में खीर डाली, और सियार से कहा -"दोस्त, हम दोनों इसी बर्तन में साथ ही भोजन करते हैं।" बगुला ने कलश से चोंच द्वारा खीर खाई। परंतु सियार का मुँह कलश में नहीं जा सका। इसलिए बगुला सारी खीर खा गया। सियार केवल ईर्षा से देखता रहा।
English Translation-
When the jackal went to the crane's residence for meals in the evening then the crane gave the pudding in a pot with a narrow mouth. And said to the jackal, "Friend! we shall eat together in this pot." The crane ate the rice pudding with its beak. But the jackal's mouth was unable to reach into the pot. Therefore the crane ate up all the rice pudding. The jackal just looked on jealously. 


शृगालः बकं प्रति यादृशं व्यवहारम् अकरोत बकः अपि शृगालं प्रति तादृशं व्यवहारं कृत्वा प्रतिकारम् अकरोत्।
उक्तमपि -
आत्मदुर्व्यवहारस्य फलं भवति दूःखदम्।
तस्मात् सदव्यवहर्तव्यं मानवेन् सुखैषिणा।। 

सरलार्थ -
सियार ने बगुले के प्रति जिस प्रकार का व्यवहार किया बगुले ने भी सियार के साथ वैसा ही व्यवहार करके बदला लिया। कहा भी गया है -
अपने बुरे व्यवहार का परिणाम दुखद ही होता है। इस कारण सुख चाहने वाले मानव को चाहिए कि वह सदा अच्छा व्यवहार करे।
English Translation-
The way the jackal behaved with the crane the crane also behaved in the same way and took revenge.
It also said -
The fall out of one's bad behavior is always sorrowful. Therefore a person wishing for happiness should always do good behavior.


शब्दार्थाः (Words Meaning) :-

  • शृगालः -सियार Jackal 
  • बकः - बगुला Indian crane 
  • आसीत् -था was 
  • एकदा (अव्यय) -एकबार Once 
  • अवदत् -बोला Said / Told 
  • श्वः - (आने वाला) कल Tomorrow 
  • कुरु -करो Do 
  • स्थाल्याम् - थाली में In the plate 
  • अयच्छत्- दिया Gave 
  • सङ्कीर्णमुखे - संकुचित मुख वाले /तंग मुख वाले में  In the narrow mouth
  • सहैव (सह + एव) - साथ ही Same time
  • चञ्चुः - चोंच Beak 
  • स्थालीतः - थाली से from plate
  • अपश्यत् - देखता था /देखती थी Saw 
  • अभक्षयत् - खाया/खायी Ate 
  • चिन्तयित्वा - सोचकर after deep thought
  • प्रतिकारम् - बदला Revenge 
  •  सदव्यवहर्तव्यं - अच्छा व्यवहार करना चाहिए One should act good
  • सुखैषिणा - सुख चाहने वाले के द्वारा By pleasure seeker
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FAQs on बकस्य प्रतिकारः - हिंदी अनुवाद - संस्कृत कक्षा 6 (Sanskrit Class 6)

1. बकस्य प्रतिकार क्या है?
उत्तर: बकस्य प्रतिकार एक हिंदी अनुवाद कक्षा 6 का विषय है, जिसमें हमें गद्य और पद्य के अनुवाद करने के बारे में सिखाया जाता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को व्याकरण, शब्दावली, और वाक्य संरचना के साथ सही अनुवाद करने की कला सिखाता है।
2. इस पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को क्या सिखाया जाता है?
उत्तर: इस पाठ्यक्रम के दौरान छात्रों को हिंदी भाषा में गद्य और पद्य के अनुवाद करने की कला सिखाई जाती है। छात्रों को व्याकरण, शब्दावली, और सही वाक्य संरचना के साथ सही अनुवाद करने के लिए तकनीकें सिखाई जाती हैं।
3. इस पाठ्यक्रम को किस कक्षा के छात्रों के लिए तैयार किया गया है?
उत्तर: बकस्य प्रतिकार एक विद्यालय कक्षा 6 के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को हिंदी भाषा में अच्छे अनुवाद करने की कला सिखाना है।
4. इस पाठ्यक्रम के लिए कौन-कौन से विषयों की जानकारी आवश्यक है?
उत्तर: इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को हिंदी भाषा के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। वे व्याकरण, शब्दावली, और सही वाक्य संरचना की जानकारी रखने चाहिए ताकि वे सही अनुवाद कर सकें।
5. बकस्य प्रतिकार पाठ्यक्रम का महत्व क्या है?
उत्तर: बकस्य प्रतिकार पाठ्यक्रम छात्रों को हिंदी भाषा में गद्य और पद्य के अनुवाद करने की कला सिखाता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को व्याकरण, शब्दावली, और सही वाक्य संरचना के साथ सही अनुवाद करने की कला का प्रदर्शन करता है।
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