Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  पत्र लेखन: Notes

पत्र लेखन: Notes - Class 10 PDF Download

Table of contents
पत्र लेखन एक विशेष कला कैसे है? 
पत्र लेखन का महत्त्व क्या है? 
पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें? 
पत्र लेखन के अंग 
पत्र लेखन के प्रकार
औपचारिक पत्र
प्रधानाचार्य के नाम प्रार्थना-पत्र
आवेदन-पत्र
संपादकीय-पत्र
कार्यालयी प्रार्थना
शिकायती-पत्र
अनौपचारिक पत्र
मित्र को पत्र
छोटे भाई को पत्र
पिता को पत्र

पत्र लेखन एक विशेष कला है जो मानव के विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक अत्यंत सरल और सशक्त माध्यम के रूप में काम आता है। EduRev ने कक्षा 10 के छात्रों के लिए इस दस्तावेज़ की मदद से पत्र लेखन कला को अच्छी तरह समझाने की कोशिश की है।

पत्र लेखन: Notes - Class 10

पत्र लेखन एक विशेष कला कैसे है? 

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह अपने दुख-सुख दूसरों में बाँटना चाहता है। जब उसका कोई प्रिय व्यक्ति उसके पास होता है तब वह मौखिक रूप से अभिव्यक्त कर देता है परंतु जब वही व्यक्ति दूर होता है तब वह पत्रों के माध्यम से अपनी बातें कहता और उसकी बातें जान पाता है। वास्तव में पत्र मानव के विचारों के आदान-प्रदान का अत्यंत सरल और सशक्त माध्यम है। पत्र हमेशा किसी को संबोधित करते हुए लिखे जाते हैं, अतः यह लेखन की विशिष्ट विधा एवं कला है। पत्र पढ़कर हमें लिखने वाले के व्यक्तित्व की झलक मिल जाती है।


पत्र लेखन का महत्त्व क्या है? 

  • पत्र-लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इसका उल्लेख हमें अत्यंत प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि रुक्मिणी ने एकांत में एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखकर ब्राह्मण के हाथों श्रीकृष्ण को भिजवाया था। इसके बाद शिक्षा के विकास के साथ विभिन्न उद्देश्यों के लिए पत्र लिखे जाने लगे।

पत्र लेखन: Notes - Class 10

  • पत्र में हमें शब्दों का सोच-समझकर प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार धनुष से छूटा तीर वापस नहीं आता उसी प्रकार पत्र में लिखे शब्दों को वापस नहीं लौटा सकते। पत्रों की उपयोगिता हर काल में रही है और रहेगी। मोबाइल फ़ोन और संचार के अन्य साधनों का विकास होने के बाद पत्र-लेखन प्रभावित हुआ है, पर इसकी महत्ता सदैव बनी रहेगी।
  • परीक्षा में विदयार्थियों को एक पत्र लिखने को कहा जाता है। इसमें परीक्षक का दृष्टिकोण यह देखना होता है कि विदयार्थी किस प्रकार पत्र लिखता है। पत्र का महत्त्वपूर्ण अंश उसका प्रारंभ और उपसंहार होता है। विद्यार्थी को इन्हीं अंशों में कठिनाई होती है। बीच के भाग में तो वे बड़ी आसानी से अपने विचारों को लिख सकते हैं। छात्रों को चाहिए कि पत्र रटने की अपेक्षा वे पत्र-लेखन को ध्यान से समझें कि पत्र का आरंभ कैसे करना चाहिए और उसे समाप्त कैसे करना चाहिए।


पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें? 


पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातें अवश्य ध्यान में रखें –

  1. सरलता- पत्र सरल भाषा में लिखना चाहिए। भाषा सीधी, स्वाभाविक व स्पष्ट होनी चाहिए। अतः पत्र में व्यक्ति को पूरी आत्मीयता और सरलता से उपस्थित होना चाहिए।
  2. स्पष्टता- जो भी हमें पत्र में लिखना है यदि स्पष्ट, सुमधुर होगा तो पत्र प्रभावशाली होगा। सरल भाषा-शैली, शब्दों का चयन, वाक्य रचना की सरलता पत्र को प्रभावशाली बनाने में हमारी सहायता करती है।
  3. संक्षिप्तता- पत्र में हमें अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। अनावश्यक विस्तार पत्र को नीरस बना देता है। पत्र जितना संक्षिप्त व सुगठित होगा उतना ही अधिक प्रभावशाली भी होगा।
  4. शिष्टाचार-पत्र प्रेषक और पत्र पाने वाले के बीच कोई न कोई संबंध होता है। आयु और पद में बड़े व्यक्ति को आदरपूर्वक, मित्रों को सौहार्द से और छोटों को स्नेहपूर्वक पत्र लिखना चाहिए।
  5. आकर्षकता व मौलिकता- पत्र का आकर्षक व सुंदर होना भी महत्त्वपूर्ण होता है। मौलिकता भी पत्र का एक महत्त्वपूर्ण गुण है। पत्र में घिसे-पिटे वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिए। पत्र-लेखक को पत्र में स्वयं के विषय में कम तथा प्राप्तकर्ता के विषय में अधिक लिखना चाहिए।
  6. उद्देश्य पूर्णता- कोई भी पत्र अपने कथन या मंतव्य में स्वतः संपूर्ण होना चाहिए। उसे पढ़ने के बाद तद्विषयक किसी प्रकार की जिज्ञासा, शंका या स्पष्टीकरण की आवश्यकता शेष नहीं रहनी चाहिए। पत्र लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कथ्य अपने आप में पूर्ण तथा उद्देश्य की पूर्ति करने वाला हो।


पत्र लेखन के अंग 

  1. पत्र लिखने वाले का पता तथा तिथि – आजकल ये दोनों पत्र के ऊपर बाएँ कोने में लिखे जाते हैं। निजी अथवा व्यक्तिगत पत्रों में प्रायः यह नहीं लिखे जाते किंतु व्यावसायिक और कार्यालयी पत्रों में पते के साथ-साथ प्रेषक का नाम भी लिखा जाता है। विद्यार्थियों को यह ध्यान रहे कि परीक्षा में पत्र लिखते समय उन्हें भी ऐसा कुछ भी नहीं लिखना चाहिए जिससे उनके निवास स्थान, विद्यालय आदि की जानकारी मिले। सामान्यतः प्रेषक के पते के स्थान पर ‘परीक्षा भवन’ लिखना ही उचित होता
  2. पाने वाले का नाम व पता - प्रेषक के बाद पृष्ठ की बाईं ओर ही पत्र पाने वाले का नाम व पता लिखा जाता है; जैसे –
    सेवा में
    थानाध्यक्ष महोदय
    केशवपुरम्
    लखनऊ।
  3. विषय-संकेत – औपचारिक पत्रों में यह आवश्यक होता है कि जिस विषय में पत्र लिखा जा सकता है उस विषय को अत्यंत संक्षेप में पाने वाले के नाम और पते के पश्चात् बाईं ओर से विषय शीर्षक देकर लिखें। इससे पत्र देखते ही पता चल जाता है कि मूल रूप में पत्र का विषय क्या है।
  4. संबोधन – पत्र प्रारंभ करने से पहले पत्र के बाईं ओर दिनांक के नीचे वाली पंक्ति में हाशिए के पास जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उसे पत्र लिखने वाले के संबंध के अनुसार उपयुक्त संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है।
  5. अभिवादन – निजी पत्रों में बाईं ओर लिखे संबोधन शब्दों के नीचे थोड़ा हटकर संबंध के अनुसार उपयुक्त अभिवादन शब्द सादर प्रणाम, नमस्ते, नमस्कार आदि लिखा जाता है। व्यावसायिक एवं कार्यालयी पत्रों में अभिवादन शब्द नहीं लिखे जाते।
  6. पत्र की विषय – वस्तु-अभिवादन से अगली पंक्ति में ठीक अभिवादन के नीचे बाईं ओर से मूल पत्र का प्रारंभ किया जाता है।
  7. पत्र की समाप्ति - पत्र के बाईं ओर लिखने वाले के संबंध सूचक शब्द तथा नाम आदि लिखे जाते हैं। इनका प्रयोग पत्र प्राप्त करने वाले के संबंध के अनुसार किया जाता है; जैसे-औपचारिक-भवदीय, आपका आज्ञाकारी। अनौपचारिक-तुम्हारा, आपका, आपका प्रिय, स्नेहशील, स्नेही आदि।
  8. हस्ताक्षर और नाम – समापन शब्द के ठीक नीचे भेजने वाले के हस्ताक्षर होते हैं। हस्ताक्षर के ठीक नीचे कोष्ठक में भेजने वाले का पूरा नाम अवश्य दिया जाना चाहिए। यदि पत्र के आरंभ में ही पता न लिख दिया गया हो तो व्यावसायिक व सरकारी पत्रों में नाम के नीचे पता भी अवश्य लिख देना चाहिए। परीक्षा में पूछे गए पत्रों में नाम के स्थान पर प्रायः क, ख, ग आदि लिखा जाता है। यदि प्रश्न-पत्र में कोई नाम दिया गया हो, तो पत्र में उसी नाम का उल्लेख करना चाहिए।
  9. संलग्नक – सरकारी पत्रों में प्रायः मूलपत्र के साथ अन्य आवश्यक कागज़ात भी भेजे जाते हैं। इन्हें उस पत्र के ‘संलग्न पत्र’ या ‘संलग्नक’ कहते हैं।
  10. पुनश्च-कभी – कभी पत्र लिखते समय मूल सामग्री में से किसी महत्त्वपूर्ण अंश के छूट जाने पर इसका प्रयोग होता है। विशेष- पहले पत्र भेजने वाले का पता, दिनांक दाईं ओर लिखा जाता था, पर आजकल इसे बाईं ओर लिखने का चलन हो गया है। छात्र इससे भ्रमित न हों। हिंदी में दोनों ही प्रारूप मान्य हैं।


पत्र लेखन के प्रकार

पत्र दो प्रकार के होते हैं –
(क) औपचारिक पत्र
(ख) अनौपचारिक पत्र।

(क) औपचारिक पत्र – अर्ध-सरकारी, गैर-सरकारी या सरकारी कार्यालय को जो भी पत्र लिखे जाते हैं, वे सभी पत्र औपचारिक पंत्रों के अंतर्गत आते हैं। कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ विभागों को जो पत्र लिखे जाते हैं, वे सब भी इसी श्रेणी में आते हैं।

(ख) अनौपचारिक पत्र- जो पत्र निजी, व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक होते हैं, वे ‘अनौपचारिक’ पत्र कहलाते हैं। इस पत्र में किसी तरह की औपचारिकता के निर्वाह का बंधन नहीं होता। इन पत्रों में प्रेषक अपनी बात व भावना को उन्मुक्तता के साथ, बिना लाग-लपेट लिख सकता है।

औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र के आरंभ व अंत की औपचारिकताओं की तालिका –

पत्र लेखन: Notes - Class 10

औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है –

  1. प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र (प्रार्थना-पत्र)।
  2. कार्यालयी प्रार्थना-पत्र-विभिन्न कार्यालयों को लिखे गए पत्र।
  3. आवेदन-पत्र-विभिन्न कार्यालयों में नियुक्ति हेतु लिखे गए पत्र ।
  4. संपादकीय पत्र-विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराने वाले संपादक को लिखे गए पत्र।
  5. सुझाव एवं शिकायती पत्र-किसी समस्या आदि के संबंध में सुझाव देने या शिकायत हेतु लिखे गए पत्र।
  6. अन्य पत्र-बधाई, शुभकामना और निमंत्रण पत्र ।


औपचारिक पत्र

प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र का प्रारूप

पत्र लेखन: Notes - Class 10


प्रधानाचार्य के नाम प्रार्थना-पत्र

प्रश्न 1. आपकी एस०ए० 1 की परीक्षाएँ अगले महीने से हैं, परंतु अंग्रेज़ी और गणित का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है। पाठ्यक्रम पूरा न होने के कारणों का उल्लेख करते हुए अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।


सेवा में
प्रधानाचार्य जी
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय नं० 2
शक्ति नगर, दिल्ली
विषय-अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाओं के आयोजन के संबंध में
महोदय

सविनय निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारी एस.ए.-1 की परीक्षाएँ सितंबर माह में होनी हैं, परंतु अंग्रेज़ी और गणित का पाठ्यक्रम अभी ठीक से शुरू भी न हो सका है। इसका कारण है-अंग्रेज़ी और गणित विषयों के अध्यापकों का अवकाश पर रहना। इधर अगस्त महीने का दूसरा सप्ताह भी बीत चुका है, ऐसे में बिना अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाए पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो पाना असंभव है। अतः हम छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छुट्टी के बाद अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित कराकर हमारा कोर्स पूरा करवाया जा सकता है।

आपसे विनम्र प्रार्थना है कि अंग्रेज़ी और गणित विषयों की अतिरिक्त कक्षाएँ आयोजित करवाने की कृपा करें। हम छात्र आपके आभारी रहेंगे।


सधन्यवाद ।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क्षितिज
मॉनीटर दसवीं ‘अ’
17 अगस्त, 20xx



प्रश्न 2. आपके विद्यालय में खेल-कूद के सामान की कमी है जिससे आपके विद्यालय की टीम खेलों में न अच्छा प्रदर्शन कर पा रही है और न कोई पदक जीत पाती है। इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।


सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
रा०व०मा० बाल विद्यालय
वाई ब्लॉक मंगोलपुरी, दिल्ली।
28 अक्टूबर, 20XX

विषय-खेलों का नया सामान मँगवाने के संबंध में

महोदय

विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की दसवीं कक्षा का छात्र एवं क्रिकेट टीम का कप्तान हूँ। यहाँ शिक्षण एवं पठन-पाठन की व्यवस्था बहुत अच्छी हैं। विद्यालय का शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम इसका प्रमाण है। यहाँ खेल-कूद का मैदान भी विशाल है, परंतु खेल संबंधी सामान का घोर अभाव है। यहाँ तीन-चार वर्षों से खेलों का नया सामान नहीं खरीदा गया है, जिसमें खिलाड़ी छात्रों को फटी-पुरानी गेंद, फुटबॉल और टूटे बल्ले से अभ्यास करने के लिए विवश होना पड़ता है। इस कारण हमारी तैयारी आधी-अधूरी रह जाती है और हम अपने से कमजोर टीमों से भी हार जाते हैं। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि हमारे खिलाड़ी छात्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है। खेल संबंधी सुविधाएँ मिलते ही वे विद्यालय का नाम रोशन करने में कसर नहीं छोड़ेंगे।

अतः आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों के विद्यालय में विभिन्न खेलों के नए सामान; जैसे-गेंद, बैट, फुटबॉल, वालीबाल, रैकेट, जाली आदि खरीदने की कृपा करें ताकि हम छात्र खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।


सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
प्रत्यूष कुमार
कप्तान क्रिकेट टीम (विद्यालय)

आवेदन-पत्र

आवेदन-पत्र का प्रारूप

प्रश्न 1. सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के कुछ पद रिक्त हैं। इस पद पर भरती के लिए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक को प्रार्थना पत्र लिखें।

सेवा में
महानिदेशक
सीमा सुरक्षा बल
सी०जी०ओ० कांप्लैक्स
लोदी रोड, नई दिल्ली

विषय-सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल पद पर भरती के संबंध में

महोदय

25 सितंबर 20XX को प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र ‘हिंदुस्तान’ से ज्ञात हुआ कि आपके कार्यालय के माध्यम से सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल के पदों की रिक्तियाँ विज्ञापित की गई हैं। इस पद के लिए मैं भी अपना प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है

नाम – रोहित शर्मा ।
पिता का नाम – श्री राम रतन शर्मा
जन्म तिथि – 15 नवंबर, 1996
पत्राचार का पता – सी-51, रेलवे स्टेशन रोड, भोपाल, मध्य प्रदेश
(क) शैक्षिक योग्यता

पत्र लेखन: Notes - Class 10

(ख) शारीरिक योग्यताएँ –
लंबाई – 178 सेमी
सीना – 80 सेमी बिना फुलाए, 85 सेमी फुलाने पर
स्वास्थ्य – उत्तम

आशा है आप मेरी योग्यताओं पर विचार करते हुए देश सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।


सधन्यवाद
भवदीय
रोहित शर्मा
28 सितंबर, 20XX
संलग्न प्रमाण पत्रों की छायांकित प्रति –
X अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र
XII अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र


प्रश्न 2. भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रधान कार्यालय-नारीमन प्वाइंट, मुंबई को कुछ कंप्यूटर आपरेटर्स की आवश्यकता है। अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए आवेदन-पत्र प्रस्तुत कीजिए।

मुख्य प्रबंधक महोदय
भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
प्रधान कार्यालय, नरीमन प्वाइंट
मुंबई।

विषय-कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर भरती के संबंध में

महोदय

दैनिक जागरण समाचार पत्र के 15 अक्टूबर, 20XX के अंक से ज्ञात हुआ कि इस बैंक के प्रधान कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर के कुछ पद रिक्त हैं। प्रार्थी भी अपना संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण प्रस्तुत करते हुए अपना आवेदन प्रस्तुत कर रहा है –

नाम – विपिन कुमार
पिता का नाम – श्री अमीरचंद
जन्म तिथि – 20 फरवरी, 1993
पत्र-व्यवहार का पता – सी-5/28, आशीर्वाद अपार्टमेंट सेक्टर 15 रोहिणी, दिल्ली।
संपर्क सूत्र – 011-273………..

शैक्षिक योग्यता

पत्र लेखन: Notes - Class 10
प्रशिक्षण – एफ० टेक संस्था से एक वर्षीय कंप्यूटर प्रशिक्षण A ग्रेड
अनुभव – गत तीन माह से दिल्ली कोआपरेटिव बैंक में कार्यरत।

आशा है कि आप मेरी शैक्षिक योग्यताओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।


सधन्यवाद
भवदीय
विपिन कुमार
23 अक्टूबर, 20xx
संलग्नक-सभी प्रमाण पत्रों की छायांकित प्रति


संपादकीय-पत्र

संपादक के नाम पत्र का प्रारूप

पत्र लेखन: Notes - Class 10

प्रश्न 1. कई जगह सूचनापट्ट पर अशुद्ध हिंदी लिखी मिलती है। इस ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए प्रसिद्ध दैनिक पत्र के संपादक को पत्र लिखिए। 

सेवा में

संपादक महोदय

नवभारत टाइम्स

बहादुरशाह जफ़र मार्ग,

नई दिल्ली

विषय-सूचनापट्टों पर अशुद्ध हिंदी लेखन के संबंध में

महोदय

आपके सम्मानित एवं लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से मैं लोगों का ध्यान सूचनापट्ट पर लिखी गई अशुद्ध हिंदी की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।

हिंदी हमारी राजभाषा है और दिल्ली हमारे देश की राजधानी। ऐसी महत्त्वपूर्ण जगह के सूचनापट्ट पर बहुतों की मातृभाषा और राजभाषा के अति महत्त्वपूर्ण पद पर सुशोभित हिंदी का अशुद्ध लेखन देखकर दुख होता है। दुख तो तब और भी होता है जब पढ़े-लिखे लोगों के द्वारा ऐसा अशुद्ध लेखन किया जाता है। यह कार्य जिनकी देख-रेख में होता है, वे तो उच्चशिक्षित होते हैं परंतु यह सोचकर कि ‘सब चलता है’, इसे देखकर भी अनदेखा कर जाते हैं। उनकी यह अनदेखी विद्यार्थियों और नव साक्षर के मन में भ्रम की स्थिति पैदा करती है कि आखिर सही कौन-सा है, उनके द्वारा सीखा हुआ या यह जो लिखा है।

आपसे प्रार्थना है कि इसे अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने का कष्ट करें ताकि संबंधित अधिकारी और कर्मचारीगण इस गलती पर ध्यान दें, इसे सुधारें और भविष्य में सावधान रहें।


सधन्यवाद
भवदीय
विकास कुमार
ए-129/3, दरियागंज,
दिल्ली
25 जुलाई, 20xx


प्रश्न 2. आप 29/5 संस्कार अपार्टमेंट, सेक्टर-14 रोहिणी, दिल्ली के निवासी हैं। आप चाहते हैं कि लोग दीपावली में पटाखों का कम से कम प्रयोग करें। पटाखों से होने वाली हानियों से अवगत कराते हुए नवभारत टाइम्स के संपादक को पत्र लिखिए।

सेवा में
संपादक महोदय
नवभारत टाइम्स
बहादुरशाह जफ़र मार्ग,
नई दिल्ली

विषय-पटाखों से होने वाली हानि से अवगत कराने के संबंध में

महोदय

मैं आपके सम्मानित पत्र के माध्यम से लोगों का ध्यान पटाखों से होने वाली हानियों की ओर आकर्षित कराना चाहता कि खुशियों के विभिन्न मौकों एवं दीपावली के त्योहार पर लोग पटाखों का जमकर प्रयोग करते हैं। बच्चों तथा युवा वर्ग का पटाखों से विशेष लगाव होता है। अपनी खुशी में वे यह भूल जाते हैं कि इनसे पर्यावरण तथा आसपास के लोगों को कितना नुकसान होता है। पटाखों में प्रयुक्त बारूद और फॉस्फोरस के जलने से एक ओर जोरदार धमाका होता है तो दूसरी ओर फॉस्फोरस पेंटा ऑक्साइड गैस उत्सर्जित होती है जो बच्चों और स्वांस के रोगियों के लिए अत्यधिक हानिकारक होती है। इनकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है तथा वायुमंडल में वायु प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे साँस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा पटाखों से पैसों का भी अपव्यय होता है। पटाखों के प्रयोग से बच्चों के जलने की घटनाएँ प्रायः सुनने को मिलती हैं, इसलिए पटाखों का प्रयोग न करें ताकि मनुष्य और पर्यावरण दोनों ही स्वस्थ रहें।

आपसे प्रार्थना है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इसे अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें ताकि लोग पटाखें और उससे होने वाली हानियों के प्रति सजग हो सकें।


सधन्यवाद
भवदीय
अनुभव वर्मा
29/5 संस्कार अपार्टमेंट
सेक्टर-14 रोहिणी, दिल्ली
03 नवंबर, 20xx


कार्यालयी प्रार्थना

पत्र लेखन: Notes - Class 10



प्रश्न . बाज़ार से घर आते समय आपके पिता जी का ए०टी०एम० कार्ड खो गया है। इसकी सूचना देते हुए संबंधित बैंक के प्रबंधक को प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें नया ए०टी०एम० कार्ड प्रदान करने का अनुरोध किया गया हो।

सेवा में
प्रबंधक महोदय
पंजाब नेशनल बैंक
कुंदन भवन, आजादपुर
दिल्ली

विषय-खोए ए०टी०एम० की सूचना देने तथा नया ए०टी०एम० प्राप्त करने के संबंध में।

महोदय

निवेदन यह है कि कल शाम आदर्शनगर मेन मार्केट से घर जाते समय इसी बैंक का ए०टी०एम० कहीं खो गया है। बहुत ढूँढ़ने के बाद भी यह कार्ड मुझे न मिल सका। मैंने इसकी सूचना संबंधित थाने में दे दिया है, जिसकी प्रति मेरे पास है। इस ए०टी०एम० कार्ड से कोई लेन-देन न कर सके, इसलिए इसे ब्लॉक करने (रोकने) का कष्ट करें तथा नया कार्ड देने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें।

अतः आपसे प्रार्थना है कि पुराने ए०टी०एम० कार्ड को बंद कर नया ए०टी०एम० कार्ड जारी करने की कृपा करें।


सधन्यवाद,
भवदीय
रोहित कुमार
125/4 बी
महेंद्र एन्क्लेव, दिल्ली
05 नवंबर, 20XX


शिकायती-पत्र

शिकायती पत्रों का प्रारूप

पत्र लेखन: Notes - Class 10


प्रश्न . परिवहन निगम के प्रबंधक को अपनी कॉलोनी तक बस चलाने के लिए एक पत्र लिखिए। 

सेवा में
प्रबंधक महोदय
दिल्ली परिवहन निगम
आईपी स्टेट डिपो नई दिल्ली

विषय-‘हरित विहार’ कॉलोनी तक बस चलाने के संबंध में

महोदय

मैं आपका ध्यान ‘हरित विहार’ कॉलोनी की परिवहन समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। यमुना पार क्षेत्र में दिल्ली और गाज़ियाबाद की सीमा पर बसी इस कॉलोनी की आबादी दस हजार से अधिक है। यह कॉलोनी 12 या 13 साल पुरानी है परंतु यहाँ से होकर जाने वाली दिल्ली परिवहन निगम की कोई बस नहीं है। इसका पूरा फायदा फटफट सेवा आटो और अन्य प्राइवेट वाहन वाले उठाते हैं। वे यात्रियों से मनमाना किराया तो वसूलते ही हैं पर अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और महिलाओं को विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

अतः आपसे प्रार्थना है कि इस कालोनी से केंद्रीय टर्मिनल, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थानों तक जाने वाली बस चलवाने की कृपा करें। हम क्षेत्र के निवासी गण आपके आभारी होंगे।


सधन्यवाद
भवदीय
अमर दीप
सचिव
हरित विहार रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन
दिल्ली
22 जुलाई, 20XX

अनौपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्रों का प्रारूप

पत्र लेखन: Notes - Class 10


मित्र को पत्र

प्रश्न: 1. आपका मित्र आई०आई०टी० की परीक्षा में चयनित हो गया है। उसे बधाई देते हुए पत्र लिखिए।

प्रिय मित्र पुष्कर
सप्रेम नमस्ते


मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी सकुशल होगे और मैं ईश्वर से यही मनाया करता हूँ। कुछ ही देर पहले अमित नामक एक मित्र से सुना कि तुम्हारा चयन आई०आई०टी० की परीक्षा में हो गया है तो मैं खुशी से उछल पड़ा। इसके लिए मैं तुम्हें बार-बार बधाई देता हूँ।

मित्र राष्ट्रीय स्तर की इस परीक्षा में चुना जाना कोई आसान काम नहीं है। यह तुम्हारे निरंतर कठिन परिश्रम का फल है। परिश्रम से मनचाही सफलता अर्जित की जा सकती है, इसका तुमने एक बार फिर से प्रमाण दे दिया है। तुम्हारी यह सफलता तुम्हारे छोटे भाई-बहनों के अलावा हम मित्रों के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य करेगी। अब वह दिन दूर नहीं जब तुम इंजीनियर बनकर माता-पिता का नाम रोशन करोगे तथा देश की उन्नति में अपना योगदान दोगे। ऐसी शानदार सफलता के लिए एक बार पुनः बधाई स्वीकार करो। तुम्हारी इस सफलता से मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।

अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। शेष सब ठीक है। उज्ज्वल भविष्य की खूब सारी शुभकामनाएं देते हुए।


तुम्हारा अभिन्न मित्र
सलिल
10 जुलाई, 20XX


प्रश्न: 2. ‘सामाजिक सेवा कार्यक्रम’ के अंतर्गत किसी ग्राम में सफाई अभियान के अनुभवों का उल्लेख करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए। 

125/4ए, अंसारी नगर

नई दिल्ली

29 अक्टूबर, 20xx

प्रिय मित्र शगुन

सप्रेम नमस्ते


मैं स्वयं सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी सकुशल होगे और मैं ईश्वर से यही कामना भी करता हूँ।

मित्र, आशा करता हूँ कि तुमने इस शरदकालीन अवकाश को मस्ती से बिताया होगा। ज़रूर तुम इस बार किसी नई जगह पर घूमने निकल गए होगे और एक नया अनुभव सँजोए लौटे होगे। छुट्टियों का सदुपयोग करते हुए इस बार मैं भी एक स्वयंसेवी संस्था ‘सहयोग’ से जुड़ गया था। इसमें एक ‘स्वयंसेवक’ की भाँति मैंने अपना योगदान दिया।

यह संस्था शहर से दूर कच्ची कॉलोनियों और मलिन बस्तियों यहाँ तक कि झुग्गी-झोपड़ियों में और गाँवों में सफ़ाई के प्रति जागरूकता अभियान चलाती है। इस बार के अवकाश में उन्होंने गाज़ियाबाद जनपद के मीरपुर गाँव में साफ़-सफ़ाई का कार्यक्रम बनाया। इस गाँव की गलियाँ अभी भी कच्ची हैं। वहाँ पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था नहीं है। घरों का गंदा पानी नालियों और सड़कों पर फैला रहता है। हमारी संस्था ने लोगों को एकत्र किया और उन्हें साफ़-सफ़ाई का महत्त्व समझाया तथा इस कार्य में लोगों से सहयोग देने की अपील की। लोग खुशी-खुशी हमारे साथ आ गए। गाँव से सबसे पहले पानी की निकासी का प्रबंध किया गया फिर कूड़े के ढेर को उठवाकर आबादी से दूर ले जाया गया। जानवरों के रहने की जगह को भी साफ़ सुथरा बनाया गया। पाँच दिन की मेहनत के बाद गाँव की दशा देखने लायक थी। अब गाँव वाले हमारे काम की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद दे रहे थे। इस कार्यक्रम से जुड़कर मुझे अजीब सा सुखद अनुभव हो रहा है। हो सके तो तुम भी किसी ऐसे कार्यक्रम से जुड़ना।

अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम और सुनयना को स्नेह कहना। शेष मिलने पर, पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,


तुम्हारा अभिन्न मित्र
कुणाल


छोटे भाई को पत्र

प्रश्न. मोटरसाइकिल सुविधा के लिए है-तेज़ चलाने, करतब दिखाने के लिए नहीं, यह समझाते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए।

परीक्षा भवनं नई दिल्ली
07 जुलाई, 20XX
प्रिय छोटे भाई करन
शुभाशीष


मैं स्वयं सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि तुम भी सकुशल होंगे और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे होगे। – अनुज, पिता जी के पत्र से ज्ञात हुआ कि तुमने इस मई-जून की छुट्टियों में मोटरसाइकिल सीख लिया है। यह अच्छी बात है जिसे जानकर मुझे खुशी हुई पर यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि मोटरसाइकिल तेज़ चलाने के साथ ही उससे तरहतरह के करतब दिखाने और स्टंट करने का प्रयास करने लगे हो। यह तुम्हारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है। तनिक-सी – लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। मोटरसाइकिल की सवारी हमारी यात्रा को सुगम बनाने के साथ समय की बचत भी कराती है। यह हमारी सुविधा के लिए है न कि स्टंट करने के लिए। जब तक हम इसका उपयोग करेंगे तब तक यह सुविधाजनक और लाभदायी है, परंतु इसका दुरुपयोग जानलेवा साबित हो सकता है।

आशा है कि तुम मेरी बात मानकर मोटरसाइकिल से कोई स्टंट नहीं करोगे और न ही सामान्य रफ़्तार से तेज़ चलोगे और इसका उपयोग सुविधा के लिए ही करोगे। शेष सब ठीक है।

पूज्य माता-पिता को प्रणाम कहना। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में,


तुम्हारा बड़ा भाई
नमन कुमार


पिता को पत्र

प्रश्न. अपने पिता जी को पत्र लिखकर बताइए कि आपके विद्यालय में वार्षिकोत्सव किस तरह मनाया गया।

राजा राम मोहन राय छात्रावास
सेक्टर-21, रोहिणी
दिल्ली 15 फरवरी, 20xx
पूज्य पिता जी


सादर चरण स्पर्श


मैं स्वयं स्वस्थ एवं प्रसन्न रहते हुए आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे और मैं ईश्वर से कामना भी करता हूँ। इस पत्र के द्वारा मैं आपको बताना चाहता हूँ कि हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव किस तरह मनाया गया।

पिता जी, हमारे विद्यालय में वार्षिकोत्सव. अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। इसकी तैयारी 15 से 20 दिन पहले से शुरू कर दी जाती है। छात्र-छात्राएँ विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू कर देते हैं। 9 फरवरी को मनाए गए इस वार्षिकोत्सव के लिए आवश्यक टेंट तथा आगंतुकों के बैठने की व्यवस्था कर दी गई। साफ़-सफ़ाई की व्यवस्था देखने लायक थी। चूना आदि छिड़ककर आने जाने के रास्ते बनाए गए। नियत दस बजे देशभक्ति गीत बजने के साथ ही कार्यक्रम शुरू हो गया। मुख्य अतिथि के आते ही सरस्वती पूजन और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। छात्र-छात्राओं ने सामूहिक स्वर में ‘वर दे वीणा वादिनी वर दे’ प्रस्तुत किया। फिर स्वागत है श्रीमान आपका…स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में देशभक्ति पूर्ण नाटक का मंचन किया गया। फिर तो एक-एककर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इनमें लोकगीत, पंजाबी नृत्य, झूमर आदि मुख्य थे। प्रधानाचार्य जी विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए आशीर्वचन द्वारा छात्रों का उत्साहवर्धन किया। अंत में मिष्ठान्न वितरण के साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया।

पूज्या माता जी को चरण स्पर्श और सुरभि को स्नेह कहना। शेष सब ठीक है।


आपका प्रिय पुत्र
पल्लव

The document पत्र लेखन: Notes - Class 10 is a part of Class 10 category.
All you need of Class 10 at this link: Class 10

Top Courses for Class 10

FAQs on पत्र लेखन: Notes - Class 10

1. पत्र लेखन एक विशेष कला कैसे है?
उत्तर: पत्र लेखन एक कला है जो व्यक्ति को सही शब्दों में अपने विचारों, भावनाओं और ज्ञान को अभिव्यक्ति करने की क्षमता देती है। यह एक श्रेष्ठ माध्यम है जिसके माध्यम से लोग अपने अनुभवों, विचारों और अनुरोधों को दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं। पत्र लेखन की कला अच्छी भाषा और व्याकरण के साथ संपादकीय और उपयुक्त ढंग से व्यवहारिक होनी चाहिए।
2. पत्र लेखन का महत्त्व क्या है?
उत्तर: पत्र लेखन का महत्त्व अन्य कई कारणों से है। पहले यह एक माध्यम है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। यह एक साधारण और सुरक्षित तरीका है जिसके माध्यम से हम अपनी समस्याओं को दूसरों के सामर्थ्य और विचारों से साझा कर सकते हैं। इसके साथ ही, यह एक आवाज का माध्यम भी है जिसके माध्यम से हम सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, कंपनियों और अन्य लोगों के साथ संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इसलिए, पत्र लेखन व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
3. पत्र लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें?
उत्तर: पत्र लिखते समय हमें कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहले यह महत्त्वपूर्ण है कि हम अपनी भाषा और व्याकरण का ध्यान रखें। हमें सही वाक्य रचना, शब्द चयन और व्याकरण के नियमों का पालन करना चाहिए। दूसरे, हमें अपने पत्र में स्पष्टता और संक्षेप का ध्यान रखना चाहिए। लम्बे और अस्पष्ट पत्र लिखने से बचें। तीसरे, हमें अपने लक्ष्य को स्पष्ट करना चाहिए और सभी आवश्यक जानकारी को संलग्न करना चाहिए। अंत में, हमें अपने पत्र को संचालित तरीके में व्यवस्थित करना चाहिए, जैसे कि प्रारंभिक संबद्धि, मुख्य भाग और समाप्ति।
4. पत्र लेखन के अंग क्या हैं?
उत्तर: पत्र लेखन के अंग निम्नलिखित हो सकते हैं: - प्रारंभिक संबद्धि: पत्र की शुरुआत में आपको दूसरे व्यक्ति का नाम, पता, और तिथि जैसी जानकारी संलग्न करनी चाहिए। - मुख्य भाग: यहां आप अपनी बातचीत, विचार और अनुरोधों को प्रस्तुत कर सकते हैं। - समाप्ति: आपको अपने पत्र को एक उचित तारीख और नाम के साथ समाप्त करना चाहिए।
5. पत्र लेखन के प्रकार क्या हैं?
उत्तर: पत्र लेखन के कई प्रकार होते हैं। यहां कुछ मुख्य प्रकार दिए गए हैं: - औपचारिक पत्र: यह पत्र सामान्यतया आदर्शों और आदतों के अनुसार लिखा जाता है। इसमें आप व्यक्तिगत या सार्वजनिक विषयों पर बातचीत कर सकते हैं। - प्रधानाचार्य के नाम प्रार्थना-पत्र: यह पत्र छात्र द्वारा प्रधानाचार
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

pdf

,

पत्र लेखन: Notes - Class 10

,

study material

,

Important questions

,

mock tests for examination

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

ppt

,

MCQs

,

Viva Questions

,

video lectures

,

practice quizzes

,

पत्र लेखन: Notes - Class 10

,

Free

,

Extra Questions

,

Sample Paper

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Summary

,

shortcuts and tricks

,

Exam

,

पत्र लेखन: Notes - Class 10

,

Semester Notes

;